< ज़बूर 117 >

1 ऐ क़ौमो सब ख़ुदावन्द की हम्द करो! करो! ऐ उम्मतो! सब उसकी सिताइश करो!
O praise the LORD, all ye nations: praise him, all ye people.
2 क्यूँकि हम पर उसकी बड़ी शफ़क़त है; और ख़ुदावन्द की सच्चाई हमेशा है ख़ुदावन्द की हम्द करो।
For his merciful kindness is great toward us: and the truth of the LORD [endureth] for ever. Praise ye the LORD.

< ज़बूर 117 >