< लूका 4 >

1 फिर ईसा रूह — उल — क़ुद्दूस से भरा हुआ यरदन से लौटा, और चालीस दिन तक रूह की हिदायत से वीराने में फिरता रहा;
ଜିସୁ ପୁଇପୁୟା ଜିବୁନ୍ତ ବାର୍ତି ଆଜ଼ି ଜର୍ଦନ୍‌ ନାଗୁଡ଼୍‌ତାଂ ମାଜ଼ି ୱାତାନ୍, ଆରି ରିକଡ଼ି ଦିନ୍‍ ପାତେକ୍‌ ଜିବୁନ୍‌ ହୁଦାଂ ବାଟାତ ଚାଲାଆଜ଼ି ସୟ୍‌ତାନ୍‌ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ପରିକ୍ୟା କିତାତ୍‌ ।
2 और शैतान उसे आज़माता रहा। उन दिनों में उसने कुछ न खाया, जब वो दिन पुरे हो गए तो उसे भूख लगी।
ହେବେ ହେୱାନ୍‌ ସୟ୍‌ତାନ୍‌ ହୁକେ ଚାଲିସ୍‌ ଦିନ୍‌ ପାତେକ୍‌ ପରିକ୍ୟା ଆତାନ୍‌ । ହେ ସମୁ ବିତ୍ରେ ହେୱାନ୍‌ ଇନାକା ତିନ୍‌ୱାଦାଂ ମାଚାନ୍‌, ଲାଗିଂ ଚାଲିସ୍‌ ଦିନ୍‌ ୱିସ୍ତିଲେ, ହେୱାନ୍‌ ନାସ୍‌କି ଆତାନ୍‌ ।
3 और शैतान ने उससे कहा, “अगर तू ख़ुदा का बेटा है तो इस पत्थर से कह कि रोटी बन जाए।”
ହେବେ ସୟ୍‌ତାନ୍‌ ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇଚାତ୍‌, “ଏନ୍‌ ଜଦି ଇସ୍ୱର୍‌ ମାଜ଼ି, ବାଟିଙ୍ଗ୍‌ ଇ କାଲ୍‌ଦିଂ ରୁଟି ଆଦେଂ ଇଞ୍ଜି ବଲ୍‌ ହିୟା ।”
4 ईसा ने उसको जवाब दिया, “कलाम में लिखा है कि, आदमी सिर्फ़ रोटी ही से जीता न रहेगा।”
ଜିସୁ ହେଦେଲିଂ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, “ଦରମ୍‌ ସାସ୍ତର୍‌ତ ଲେକା ମାନାତ୍‍, ମାନାୟ୍‌ କେବଲ୍‌ ରୁଟିଂ ତିନ୍‌ଞ୍ଜି ବାଚା ଆଉନ୍‌ ।”
5 और शैतान ने उसे ऊँचे पर ले जाकर दुनिया की सब सल्तनतें पल भर में दिखाईं।
ଆରେ, ସୟ୍‌ତାନ୍‌ ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ଜପି ଅଜ଼ି ଅଲପ୍‍ ସମୁ ବିତ୍ରେ ପୁର୍ତିନି ସବୁ ରାଜି ହେୱାନିଂ ଚଚ୍‌ଚାତ୍‌ ।
6 और उससे कहा, “ये सारा इख़्तियार और उनकी शान — ओ — शौकत मैं तुझे दे दूँगा, क्यूँकि ये मेरे सुपुर्द है और जिसको चाहता हूँ देता हूँ।
ଆରେ, ସୟ୍‌ତାନ୍‌ ତାଙ୍ଗ୍‌ ଇଚାତ୍‌, “ଆନ୍‌ ନିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇ ୱିଜ଼ୁ ଆଦିକାର୍‌ ଆରି ଇ ହଲ୍‌ନାକା ହିଦ୍‌ନାଂ, ଇନାକିଦେଂକି ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇଦାଂ ୱିଜ଼ୁ ଆଦିକାର୍‌ ହିତ୍‍ତାର୍‌ନ୍ନା, ଆରେ ଆନ୍‌ ଇନେରିଂ ଇଚା, ତାଙ୍ଗ୍‌ ହେଦାଂ ହିଦ୍‌ନାଂ ।”
7 पस अगर तू मेरे आगे सज्दा करे, तो ये सब तेरा होगा।”
ଲାଗିଂ, “ଏନ୍‌ ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ମା ମୁମ୍‌ଦ ପୁଜା କିଦ୍‍ନାୟ୍‌, ଲାଗିଂ ୱିଜ଼ୁ ନିନ୍ଦାଂ ଆନାତ୍‌ ।”
8 ईसा ने जवाब में उससे कहा, “लिखा है कि, तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा को सिज्दा कर और सिर्फ़ उसकी इबादत कर।”
ଜିସୁ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, ସାସ୍ତର୍‌ ଲେକା ମାନାତ୍‌, “ଏନ୍‌ କେବଲ୍‌ ମାପ୍ରୁ ଇସ୍ୱର୍‌ତିଂ ଜୁୱାର୍‌ କିନାୟ୍‌, ଆରେ ହେୱାନ୍ତି ପାର୍ତାନା କିନାୟ୍‌ ।”
9 और वो उसे येरूशलेम में ले गया और हैकल के कंगूरे पर खड़ा करके उससे कहा, अगर तू ख़ुदा का बेटा है तो अपने आपको यहाँ से नीचे गिरा दे।
ଆରେ, ସୟ୍‌ତାନ୍‌ ହେୱାନିଂ ଜିରୁସାଲମ୍‌ତ ଅଜ଼ି ମନ୍ଦିର୍‌ନି ଜେଗନ୍‌ ଜପି ନିଲି କିଜ଼ି ତାଙ୍ଗ୍‌ ଇଚାତ୍‌, “ଏନ୍‌ ଜଦି ଇସ୍ୱର୍‌ ମାଜ଼ି, ତା ଆତିସ୍‌ ଇବେତାଂ ତାରେନ୍‌ ଗୁମା ।”
10 क्यूँकि लिखा है कि, वो तेरे बारे में अपने फ़रिश्तों को हुक्म देगा कि तेरी हिफ़ाज़त करें।
ଇନାକିଦେଂକି ଦରମ୍‌ ସାସ୍ତର୍‌ତ ଲେକା ମାନାତ୍‌, “ନିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ରାକ୍ୟା କିଦ୍‌ନି କାଜିଂ ହେୱାନ୍‌ ଜାର୍‌ ଦୁତ୍‌ରିଂ ନି ବିସ୍ରେ ବଲ୍‌ ହିନାନ୍‌ ।
11 और ये भी कि वो तुझे हाथों पर उठा लेंगे, क़ाश की तेरे पाँव को पत्थर से ठेस लगे।
ଦରମ୍‌ ସାସ୍ତର୍‌ତ ଲେକା ମାନାତ୍‌, ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ନି ପାନା କାଲ୍‌ଦ ଆଡ଼୍‌ଦାନାତ୍‌, ଇଦାଂ କାଜିଂ ହେୱାର୍‌ ନି କେଇଦ ଆସ୍ତାନାର୍‌ ।”
12 ईसा ने जवाब में उससे कहा, “फ़रमाया गया है कि, तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की आज़माइश न कर।”
ଆରେ, ଜିସୁ ସୟ୍‌ତାନ୍‌ତିଂ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, ଦରମ୍‌ ସାସ୍ତର୍‌ତ ଲେକାମାନାତ୍‌, “ଏନ୍‌ ମାପ୍ରୁ ଜାର୍‌ ଇସ୍ୱର୍‌ତିଂ ପରିକ୍ୟା କିଉୟ୍ ।
13 जब इब्लीस तमाम आज़माइशें कर चूका तो कुछ अर्से के लिए उससे जुदा हुआ।
ଜିସୁଙ୍ଗ୍‌ ସୟ୍‌ତାନ୍‌ ସବୁ ବାନି ପରିକ୍ୟା ୱିସ୍ତି ପାଚେ କେତେଦିନ୍‌ ପାତେକ୍‌ ତାଙ୍ଗ୍‌ ପିସ୍ତି ହାଚାତ୍ ।”
14 फिर ईसा पाक रूह की क़ुव्वत से भरा हुआ गलील को लौटा और आसपास में उसकी शोहरत फैल गई।
ଇଦାଂ ପାଚେ ଜିସୁ ପୁଇପୁୟା ଜିବୁନ୍‌ନି ସାକ୍ତିତାଂ ଗାଲିଲିତ ଲେଉଟା ଆତାନ୍‌, ଆରେ ଚାରିବେଣ୍‌ତାଂ ସବୁ ରାଜିତ ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାନ୍‌ ।
15 और वो उनके 'इबादतख़ानों में ता'लीम देता रहा और सब उसकी बड़ाई करते रहे।
ଆରି, ହେୱାନ୍‌ ହେୱାର୍‌ତି କୁଟୁମ୍‌ ଇଲ୍‌ ଲାଗେ ହିକ୍ୟା ହିଜ଼ି ୱିଜ଼ାର୍‌ତାଂ ଜାଜ୍‌ମାଲ୍‌ ପାୟା ଆଦେଂ ଲାଗାତାନ୍‌ ।
16 और वो नासरत में आया जहाँ उसने परवरिश पाई थी और अपने दस्तूर के मुवाफ़िक़ सबत के दिन 'इबादतख़ाने में गया और पढ़ने को खड़ा हुआ।
ଜିସୁ ଇମ୍‌ଣି ନାଜରିତିୟ ପାଲିକିୟା ଆଜ଼ି ମାଚାନ୍‌, ହେ ବାହାତ ହାରିହାରା ହାଚାନ୍‌ ଆରି ନିଜାର୍‌ ବିଦିତାଂ ଜମ୍‌ନିବାର୍‌ତ କୁଟୁମ୍‌ ଇଞ୍ଜ ହଟାନ୍‌, ଆରେ ସାସ୍ତର୍‌ ପଡ଼ି କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜି ନିଲ୍‌ତାନ୍‌ ।
17 और यसायाह नबी की किताब उसको दी गई, और किताब खोलकर उसने वो वर्क़ा खोला जहाँ ये लिखा था:
ହେବେଣ୍ଡାଂ ଜିସାୟ୍‌ ବେଣ୍‌ବାକ୍‌ଣାୟ୍‌କିନାକାନ୍ତି ପତି ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହିତାର୍‌, ଆରେ ଜିସୁ ହେଦାଂ ଉନ୍‌ଦି, ଇମେତାକେ ଇ ବଚନ୍‌ ଲେକାଆତାତ୍‌ନା ହେଦାଂ ହୁଡ଼୍‌ତାନ୍‌,
18 “ख़ुदावन्द का रूह मुझ पर है, इसलिए कि उसने मुझे ग़रीबों को ख़ुशख़बरी देने के लिए मसह किया; उसने मुझे भेजा है क़ैदियों को रिहाई और अन्धों को बीनाई पाने की ख़बर सूनाऊँ, कुचले हुओं को आज़ाद करूँ।
ମାପ୍ରୁତି ଜିବୁନ୍‌ ନା ତାକେ ଜୁତ୍‌ତାନ୍ନା, “ଲାଗିଂ ଇନାକା ହିଲାକାର୍‌ ଲାଗେ ନେକ୍ରିକାବୁର୍‌ ସୁଣାୟ୍‌ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜି ହେୱାନ୍‌ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ସିଗ୍‌କିତ୍‌ନ୍ନା, ଜଇଲ୍‌ ମାନାକାରିଂ ମୁକ୍ତି କିନାକା ଆରି କାଣାର୍‍ତାକେ ଲାଗେ ହୁଡ଼ିକିଦେଂ ବିସ୍ରେ ସୁଣାୟ୍‌ କିଦେଙ୍ଗ୍‌, ଆରେ କସ୍ଟପାୟାଆନି ଲଗାଂ ମୁକ୍ତି କିଦେଙ୍ଗ୍‌,
19 और ख़ुदावन्द के साल — ए — मक़बूल का ऐलान करूँ।”
ଆରେ ମାପ୍ରୁତି ଦୟାନିବାର୍‌ହୁ ସୁଣାୟ୍‌ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ହେୱାନ୍‌ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ପକ୍‌ତାତାନ୍ନା ।”
20 फिर वो किताब बन्द करके और ख़ादिम को वापस देकर बैठ गया; जितने 'इबादतख़ाने में थे सबकी आँखें उस पर लगी थीं।
ପାଚେ ହେୱାନ୍‌ ପତି ଡାବାୟ୍‌ କିଜ଼ି ହେବା କିନାକାରିଂ ହେଦାଂ ହିଜ଼ି କୁଚ୍‌ଚାନ୍‌, ଆରେ କୁଟୁମ୍‌ ଇଞ୍ଜ ୱିଜ଼ାର୍‌ତି କାଣ୍‌କୁ ହେୱାନ୍‌ ଜପି ହୁଡ଼୍‌ଜି ମାଚାର୍‌ ।
21 वो उनसे कहने लगा, “आज ये लिखा हुआ तुम्हारे सामने पूरा हुआ।”
ପାଚେ, “ହେୱାନ୍‌ ହେୱେରିଂ ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାନ୍‌, ନେଜେଙ୍ଗ୍‌ ଦରମ୍‌ ସାସ୍ତର୍‌ ଇ ବଚନ୍‌ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ୱେଚିଲେ ହେଦାଂ ପୁରାଆତାତ୍‌ ।”
22 और सबने उस पर गवाही दी और उन पुर फ़ज़ल बातों पर जो उसके मुँह से निकली थी, ता'ज्जुब करके कहने लगे, “क्या ये यूसुफ़ का बेटा नहीं?”
ଆରେ, ୱିଜ଼ାର୍‌ ହେୱାନ୍‌ ବିସ୍ରେ ସାକି ହିଦେଂ ଲାଗାତାର୍‌ ଆରେ ହେ ୱେଇତାଂ ଇମ୍‌ଣି ଦୟାନି ବଚନ୍‌ତ ହିଜ଼ି ୱାଜ଼ି ମାଚାତ୍‌; ଆରି ହେୱାର୍‌ ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାର୍‌, “ଇୱାନ୍‌ ଇନାକା ଜସେପ୍‌ ମେହି ଆକାୟ୍‌?”
23 उसने उनसे कहा “तुम अलबत्ता ये मिसाल मुझ पर कहोगे कि, 'ऐ हकीम, अपने आप को तो अच्छा कर! जो कुछ हम ने सुना है कि कफ़रनहूम में किया गया, यहाँ अपने वतन में भी कर'।”
ହେବେଣ୍ଡାଂ ହେୱାନ୍‌ ଉତର୍‌ମୁଡ଼୍‌ ହେୱେରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଇନେସ୍‌ କିତିସ୍‌ପା ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଇ ଟିକଲ୍ ବେରଣ୍‌ ୱେଚ୍‍ଚାନାଦେର୍‌, ହେ ଡାକ୍ତର୍‌ ନିଜେ ନିଜ୍‌ତିଂ ଉଜ୍‌ ଆ; ଆରେ ଇନାନ୍‌ କପର୍ନାହୁମ୍‌ ଇନା ଇନାକା ଗିଟା ଆତାତ୍‌ନ୍ନା ଇଞ୍ଜି ଆପେଂ ୱେଚ୍‌ଚାପ୍‌ନା, ହେ ସବୁ ଇ ବାହାତ ନିଜ୍‌ ଦେସ୍‌ ଗାଡ଼୍‌ଦପା କିୟା ।”
24 और उसने कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, कि कोई नबी अपने वतन में मक़बूल नहीं होता।
ଆରେ, ହେୱାନ୍‌ ଇଚାନ୍‌, “ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜେନାଙ୍ଗ୍‌, ଇମ୍‌ଣି ବେଣ୍‌ବାକ୍‌ଣାୟ୍‌ କିନାକାନ୍‌ ନିଜ୍‌ ଗାଡ଼୍‌ଦ ମାନ୍‌ କିୟାଆଉନ୍‌ ।”
25 और मैं तुम से कहता हूँ, कि एलियाह के दिनों में जब साढ़े तीन बरस आसमान बन्द रहा, यहाँ तक कि सारे मुल्क में सख़्त काल पड़ा, बहुत सी बेवाएँ इस्राईल में थीं।
“ମାତର୍‌ ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ହାତ୍‌ପା ଇଞ୍ଜ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌, ଏଲିୟତି ସମୁଦ ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ତିନିବାର୍‌ହୁ ଚଅମାସ୍‌ ପାତେକ୍‌ ଆକାସ୍‌ତାଂ ବାର୍‌ହା ଆୱିତିଲେ ସବୁ ଦେସ୍‌ତ କାତାର୍‌ ଆର୍‌ତାତ୍‌, ହେ ପାଦ୍‌ନା ଇସ୍ରାଏଲ୍‌ ବିତ୍ରେ ହେନି ରାଣ୍ଡିକ୍‌ ମାଚିକ୍‌;
26 लेकिन एलियाह उनमें से किसी के पास न भेजा गया, मगर मुल्क — ए — सैदा के शहर सारपत में एक बेवा के पास
ଆତିସ୍‌ପା ଏଲିୟ ହେୱାର୍‌ତି ଇନେର୍‌ ତାକେପା ପକ୍ୟା ଆୱାଦାଂ କେବଲ୍‌ ସିଦନ୍‌ ଦେସ୍‌ନି ସାରିପତ୍‌ତିଂ ର ରାଣ୍ଡି କଗ୍‌ଲେ ଲାଗେ ପକ୍ୟା ଆତାନ୍‌ ।
27 और इलिशा नबी के वक़्त में इस्राईल के बीच बहुत से कौढ़ी थे, लेकिन उनमें से कोई पाक साफ़ न किया गया मगर ना'मान सूरयानी।”
ପାଚେ, ବେଣ୍‌ବାକ୍‌ଣାୟ୍‌କିନାକାନ୍‌ ଇଲିସାୟ୍‌ନି ସମୁତ ଇସ୍ରାଏଲ୍‌ ବିତ୍ରେ ବେସି ଗାଜା ରଗ୍ୟାର୍‌ ମାଚାର୍‌; ଆତିସ୍‌ପା ହେୱାର୍‌ ବିତ୍ରେ ଇନେର୍‌ପା ଉଜ୍‌ ଆୱାଦାଂ ମାଚାର୍‌, କେବଲ୍‌ ସିରିୟା ଦେସ୍‌ନି ନାମାନ୍‌ ସକଟ୍‌ କିୟା ଆଜ଼ି ମାଚାର୍‌ ।”
28 जितने 'इबादतख़ाने में थे, इन बातों को सुनते ही ग़ुस्से से भर गए,
କୁଟୁମ୍‌ ଇଞ୍ଜ ଇ ସବୁ ବେରଣ୍‌ ୱେନୁ ୱେନୁ ୱିଜ଼ାର୍‌ ରିସା ଆତାର୍‌,
29 और उठकर उस को बाहर निकाले और उस पहाड़ की चोटी पर ले गए जिस पर उनका शहर आबाद था, ताकि उसको सिर के बल गिरा दें।
ଆରେ ହେୱାର୍‌ ନିଙ୍ଗ୍‌ଜି ତାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଗାଡ଼୍‌ତାଂ ହପ୍‌ତାତାର୍‌ ଆରି ହେୱାର୍‌ତି ଗାଡ଼୍‌ ଇମ୍‌ଣି ମାଡ଼ି ଜପି ରଚ୍‌ଚିମାଚାର୍‌, ହେ ୱେଡ଼ାଙ୍ଗ୍‌ ଦାରିଆ ବାହାତ ତାରେନ୍‌ ତୁଇଦେଙ୍ଗ୍‌ ଇଞ୍ଜି ହେୱାନିଂ ହେବେ ଅଜ଼ି ହାଚାର୍;
30 मगर वो उनके बीच में से निकलकर चला गया।
ମାତର୍‌ ଜିସୁ ହେୱାର୍‌ ବିତ୍ରେ ହିଜ଼ି ବୁଲାଆଜ଼ି ହାଚାନ୍‌ ।
31 फिर वो गलील के शहर कफ़रनहूम को गया और सबत के दिन उन्हें ता'लीम दे रहा था।
ହେୱାନ୍‌ କପର୍ନାହୁମ୍‌ ତର୍‌ଦି ଗାଲିଲିତ ର ଗାଡ଼୍‌ଦ ୱାତାନ୍‌, ଜମ୍‌ନିବାର୍‌ ୱେଡ଼ାଙ୍ଗ୍‌ ମାନାୟାରିଂ ହିକ୍ୟା ହିକାୟ୍ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାନ୍‌,
32 और लोग उसकी ता'लीम से हैरान थे क्यूँकि उसका कलाम इख़्तियार के साथ था।
ଆରେ ହେୱାର୍‌ ହେୱାନ୍‌ତି ହିକ୍ୟାତ କାବା ଆତାର୍‌, ଇନାକିଦେଂକି ହେୱାନ୍ତି ବଚନ୍‌ ଆଦିକାର୍‌ ମେହା ମାଚାତ୍‌ ।
33 इबादतख़ाने में एक आदमी था, जिसमें बदरूह थी। वो बड़ी आवाज़ से चिल्ला उठा कि,
ଦିନେକ୍‌ କୁଟୁମ୍‌ ଇଞ୍ଜ ରୱାନ୍‌ ରାଡ଼ା ପୁଦା ଆହିୟା ଆତାକାନ୍‌ ମାଚାନ୍‌; ହେୱାନ୍‌ ଗାଜାକାଟ୍‌ତାଂ ହିର୍‌ବାତାନ୍‌,
34 “ऐ ईसा नासरी हमें तुझ से क्या काम? क्या तू हमें हलाक करने आया है? मैं तुझे जानता हूँ कि तू कौन है — ख़ुदा का क़ुद्दूस है।”
“ଆ, ନାଜରିତିୟ ଜିସୁ, ମା ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ମିଦାଙ୍ଗ୍‌ ଇନାକା ମାନାତ୍‌? ଏନ୍‌ କି ମାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ନସ୍ଟ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ୱାତାଇନା? ଏନ୍‌ ଇନେର୍‌ ହେଦାଂ ଆନ୍‌ ପୁନାଙ୍ଗ୍‌; ଏନ୍‌ ଇସ୍ୱର୍‌ ମାପ୍ରୁତି ହେ ପୁଇପୁୟା ମାନାୟ୍‌ ।”
35 ईसा ने उसे झिड़क कर कहा, “चुप रह और उसमें से निकल जा।” इस पर बदरूह उसे बीच में पटक कर बग़ैर नुक़्सान पहूँचाए उसमें से निकल गई।
ଜିସୁ ହେଦେଲିଂ ଦାକା ହିଜ଼ି ଇଚାନ୍‌, “ଚିମ୍‌ରା ଆ, ଇବେଣ୍ଡାଂ ହସି ହାଲା ।” ହେବେଣ୍ଡାଂ ହେ ବୁତ୍‌ ହେୱେନିଂ ୱିଜ଼ାର୍‌ ମୁମ୍‌ଦ ତୁହିଜି ହେୱାନ୍ତି ଇନାକା କସ୍ଟ ହିୱାଦାଂ ହେୱାନ୍‌ତାଂ ହସି ହାଚାତ୍‌ ।
36 और सब हैरान होकर आपस में कहने लगे, “ये कैसा कलाम है? क्यूँकि वो इख़्तियार और क़ुदरत से नापाक रूहों को हुक्म देता है और वो निकल जाती हैं।”
ଇବେଣ୍ଡାଂ ୱିଜ଼ାର୍‌ କାବା ଆଜ଼ି ହେୱେର୍‌ ହେୱାର୍‌ ୱେଚ୍‌ପା ଆତାର୍‌, “ଇଦାଂ ଇନା ବେରଣ୍‌? ହେୱାନ୍‌ ଆଦିକାର୍‌ ସାକ୍ତିତାଂ ହେୱାନ୍‌ ବାନ୍ୟା ଜିବୁନ୍‌ତିଂ ପା ବଲ୍‌ ହିନାନା, ଆରେ ହେୱାଙ୍ଗ୍‌ ହିଜ଼ି ହାନିକ୍‌ ।”
37 और आस पास में हर जगह उसकी धूम मच गई।
ହେବେଣ୍ଡାଂ ହେୱାନ୍‌ ବିସ୍ରେ ବେରଣ୍‌ ଚାରବେଣ୍‌ତାଂ ନାସ୍‌କୁକାଂ ୱିଣ୍‌ଜି ହାଚାତ୍‌ ।
38 फिर वो 'इबादतख़ाने से उठकर शमौन के घर में दाख़िल हुआ और शमौन की सास जो बुख़ार में पड़ी हुई थी और उन्होंने उस के लिए उससे 'अर्ज़ की।
ପାଚେ ଜିସୁ କୁଟୁମ୍‌ ଇଞ୍ଜ ନିଙ୍ଗ୍‌ଜି ସିମନାର୍‌ ଇଞ୍ଜ ହାଚାନ୍‌ । ସିମନ୍‌ ପଦାହିଙ୍ଗ୍‌ ବେସି ନମେର୍‌ ଆଜ଼ି ମାଚାତ୍‌, ଆରେ ହେୱାର୍‌ ତା ବିସ୍ରେ ହେୱାନିଂ ଗୱାରି କିତାର୍‌ ।
39 वो खड़ा होकर उसकी तरफ़ झुका और बुख़ार को झिड़का तो वो उतर गया, वो उसी दम उठकर उनकी ख़िदमत करने लगी।
ହେବେଣ୍ଡାଂ ହେୱାନ୍‌ ହେ ଲାଗାୟ୍‌ ନିଲ୍‌ଚି ନମେର୍‌ତିଂ ଦାକା ହିତାନ୍‌, ଆରି ହେଦେଲିଂ ନମେର୍‌ ପିସ୍ତାତ୍‌, ପାଚେ ହେଦେଲ୍‌ ହେ ସାଙ୍ଗେ ସାଙ୍ଗେ ନିଙ୍ଗ୍‌ଜି ହେୱାର୍‌ତି ହେବା କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାତ୍‌ ।
40 और सूरज के डूबते वक़्त वो सब लोग जिनके यहाँ तरह — तरह की बीमारियों के मरीज़ थे, उन्हें उसके पास लाए और उसने उनमें से हर एक पर हाथ रख कर उन्हें अच्छा किया।
ୱେଡ଼ାହାନି ସମୁତ, ଇନେର୍‌ ଲାଗାଂ ବାର୍‌ବିନ୍‌ ରଗ୍‌ ଆତି ମାନାୟାର୍‌ ମାଚାର୍‌, ହେୱାର୍‌ ୱିଜ଼ାର୍‌ ହେୱାରିଂ ଜିସୁ ଲାଗେ ତାଇୱାତାର୍‌ ଆରି ହେୱାନ୍‌ ୱିଜ଼ାର୍‌ ମାନାୟ୍‌ଜପି କେଇ ଇଡ଼୍‌ଜି ହେୱାରିଂ ଉଜ୍‌ କିତାନ୍‌ ।
41 और बदरूहें भी चिल्लाकर और ये कहकर कि, “तू ख़ुदा का बेटा है” बहुतों में से निकल गई, और वो उन्हें झिड़कता और बोलने न देता था, क्यूँकि वो जानती थीं के ये मसीह है।
ପାଚେ, ବୁତ୍‌କୁପା କିକିରାଡିଂ କିଜ଼ି କିଜ଼ି “ଏନ୍‌ ଇସ୍ୱର୍‌ ମାଜ଼ି” ଇଞ୍ଜି ୱେନ୍‌ଞ୍ଜି ବେସି ଲଗାର୍‌ତାଂ ହସି ହାଚିକ୍‌ ଆରେ, ଜିସୁ ହେୱେରିଂ ଦାକା ହିଜ଼ି ବେରଣ୍‌ ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ହିୱାତାନ୍‌, ଇନାକିଦେଂକି ହେୱାନ୍‌ ଜେ କ୍ରିସ୍ଟ, ଇଦାଂ ହେୱାଙ୍ଗ୍‌ ପୁଞ୍ଜି ମାଚିକ୍‌ ।
42 जब दिन हुआ तो वो निकल कर एक वीरान जगह में गया, और भीड़ की भीड़ उसको ढूँडती हुई उसके पास आई, और उसको रोकने लगी कि हमारे पास से न जा।
ନାଣାଙ୍ଗେ ଆନିହିଙ୍ଗ୍‌, ହେୱାନ୍‌ ଗାଡ଼୍‌ଦାଂ ହସି ର ଚିମ୍‌ରା ବାହାତ ହାଚାନ୍‌; ଆରି, ମାନାୟାର୍‌ ତାକେ ହେୱାନିଂ ଦାସ୍‌ତେଂ ହେ ଲାଗେ ୱାତାର୍, ଆରେ ହେୱାନ୍‌ ଇନେସ୍‌ ହେୱାର୍‌ତାଂ ହାଜେଙ୍ଗ୍‌ ଆଡୁନ୍‌, ହେଦାଂ କାଜିଂ ହେୱାନିଂ ଟେବାୟ୍‌ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ସେସ୍ଟା କିତାର୍‌ ।
43 उसने उनसे कहा, “मुझे और शहरों में भी ख़ुदा की बादशाही की ख़ुशख़बरी सुनाना ज़रूर है, क्यूँकि मैं इसी लिए भेजा गया हूँ।”
ମାତର୍‌ ହେୱାନ୍‌ ହେୱାରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ବିନ୍‌ ବିନ୍‌ ଗାଡ଼୍‌ଦ ପା ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଲଡ଼ା ମାପ୍ରୁ ରାଜିନି ନେକ୍ରିକାବୁର୍‌ ସୁଣାୟ୍‌ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଆନାତ୍‌, ଇନାକିଦେଂକି ହେଦାଂ କାଜିଂ ଇସ୍ୱର୍‌ ନାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ପକ୍‌ତାତାନ୍ନା ।”
44 और वो गलील के 'इबाद्तखानों में एलान करता रहा।
ପାଚେ, ହେୱାନ୍‌ ଜିହୁଦା ଦେସ୍‌ନି କୁଟୁମ୍‌ ଇଞ୍ଜ ସୁଣାୟ୍‌ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାନ୍‌ ।

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