< लूका 19 >

1 फिर ईसा यरीहू में दाख़िल हुआ और उस में से होकर गुज़रने लगा।
ହଃଚେ ଜିସୁ ଜିରିହ ଜାୟ୍‌ ସେବାଟ୍ୟା ଅୟ୍‌ ଜାତିରିଲା,
2 उस शहर में एक अमीर आदमी ज़क्काई नाम का रहता था जो महसूल लेने वालों का अफ़्सर था।
ଆର୍‌ ଦଃକା, ଜକିୟ ନାଉଁଆର୍‌ ଗଟ୍‌ ମାନାୟ୍‌ ରିଲା, ସେ ଗଟ୍‌ ମୁଳିକା ରିବ୍‌ନି ଆର୍‌ ମାଜନ୍ ଲକ୍‌ ରିଲା ।
3 वह जानना चाहता था कि यह ईसा कौन है, लेकिन पूरी कोशिश करने के बावजूद उसे देख न सका, क्यूँकि ईसा के आस पास बड़ा हुजूम था और ज़क्काई का क़द छोटा था।
ଜିସୁ କେ ବଃଲି ସେରି ଦଃକୁକ୍‌ ସେ ଉପାୟ୍‌ କଃର୍ତିରିଲା, ମଃତର୍‌ ଲକ୍‌ମଃନ୍ଦା ବିତ୍ରେ ଦଃକୁ ନଃହାର୍‌ତିରିଲା, ବଃଲେକ୍‌ ସେ ବୁଟ୍‌କା ରିଲା ।
4 इस लिए वह दौड़ कर आगे निकला और उसे देखने के लिए गूलर के दरख़्त पर चढ़ गया जो रास्ते में था।
ସେତାକ୍‌ ସେ ଲକ୍‌ମଃନାର୍‌ ଆଗେ ଦଃବ୍‌ଳି ଜାୟ୍‌ ଜିସୁକେ ଦଃକୁକ୍‌ ଗଟ୍‌ ଡୁମ୍ବୁର୍‌ ଗଃଚେ ଚଃଗ୍‌ଲା, କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ସେ ବାଟ ଅୟ୍‌ ଜିସୁ ଜାତାର୍‌ ରିଲି ।
5 जब ईसा वहाँ पहुँचा तो उस ने नज़र उठा कर कहा, “ज़क्काई, जल्दी से उतर आ, क्यूँकि आज मुझे तेरे घर में ठहरना है।”
ଜିସୁ ସେତି ଆସି ଉହ୍ରେ ଦଃକି ତାକେ କୟ୍‌ଲା, “ଜକିୟ, ବେଗି ଉତ୍ରି ଆଉ ଆଜି ମକ୍‌ ବାୟ୍‌ଦ୍‌ରେ ତର୍‌ ଗଃରେ ରେଉଁକ୍‌ ହଃଳେଦ୍‌ ।”
6 ज़क्काई फ़ौरन उतर आया और ख़ुशी से उस की मेहमान — नवाज़ी की।
ସେତାକ୍‌ ସେ ସେଦାହ୍ରେ ଉତ୍ରି ଆସି ସଃର୍ଦାୟ୍‌ ତାକ୍‌ ଗଃରେ କୁଦ୍‌ଲା ।
7 जब लोगों ने ये देखा तो सब बुदबुदाने लगे, कि “वह एक गुनाहगार के यहाँ मेहमान बन गया है।”
ସେରି ଦଃକି ସଃବୁଲକ୍‌ ଲିନ୍ଦା କଃରି କଃଉଁକେ ଦଃର୍ଲାୟ୍‌, “ସେ ଗଟ୍‌ ହାହି ଗଃରେ ରେଉଁକ୍‌ ଜଃଉଁଲା ।”
8 लेकिन ज़क्काई ने ख़ुदावन्द के सामने खड़े हो कर कहा, “ख़ुदावन्द, मैं अपने माल का आधा हिस्सा ग़रीबों को दे देता हूँ। और जिससे मैं ने नाजायज़ तौर से कुछ लिया है उसे चार गुना वापस करता हूँ।”
ମଃତର୍‌ ଜକିୟ ଉଟିକଃରି ଜିସୁକେ କୟ୍‌ଲା, “ଏ ମାପ୍ରୁ, ଦଃକ୍‌, ମର୍‌ ଆଦ୍‌ବାଗ୍ ଦଃନ୍ ମୁଁୟ୍‌ ନୟ୍‌ଲା ଲକ୍‌କେ ଦେଉଁଲେ, ଆର୍‌ ଜଦି ବଃଳ୍‌ମାଡେ କାର୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି କାୟ୍‌ରି ଆଣି ରଃୟ୍‌ନ୍ଦ୍, ତଃବେ ଚାରି ଗୁଣ୍ ବାଉଳାୟ୍‌ ଦେଉଁଲେ ।”
9 ईसा ने उस से कहा, “आज इस घराने को नजात मिल गई है, इस लिए कि यह भी इब्राहीम का बेटा है।
ସେତାକ୍‌ ଜିସୁ ତାର୍‌ କଃତା କୟ୍‌ଲା, “ଆଜି ଇ ଗଃରେ ମୁକ୍ତି ହଚିଆଚେ, ସେତାକ୍‌ ଏ ହେଁ ଗଟେକ୍‌ ଅବ୍ରାହାମାର୍‌ ହିଲା ।
10 क्यूँकि इब्न — ए — आदम खोए हुए को ढूँडने और नजात देने के लिए आया है।”
କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ଜୁୟ୍‌ରି ଆଜି ଆଚେ, ସେରି ଲଳି ବଚାଉଁକେ ନଃରାର୍‌ ହୟ୍‌ସି ଆସିଆଚେ ।”
11 अब ईसा येरूशलेम के क़रीब आ चुका था, इस लिए लोग अन्दाज़ा लगाने लगे कि ख़ुदा की बादशाही ज़ाहिर होने वाली है। इस के पेश — ए — नज़र ईसा ने अपनी यह बातें सुनने वालों को एक मिसाल सुनाई।
ଲକ୍‌ମଃନ୍ ଇ କଃତାମଃନ୍‌ ସୁଣ୍‌ତା ବଃଳ୍‌ ସେ ଆରେକ୍‌ ଗଟ୍‌ କଃତା କୟ୍‌ଲା, “କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ସେ ଜିରୁସାଲମ୍‌ ଚଃମେ ଅୟ୍‌ରିଲା ଆର୍‌ ମାପ୍ରୁର୍‌ ରାଇଜ୍‌ ବେଗି ଆସେଦ୍‌ ବଃଲି ସେମଃନ୍ ବାବ୍‌ତିରିଲାୟ୍‌ ।”
12 उस ने कहा, “एक जागीरदार किसी दूरदराज़ मुल्क को चला गया ताकि उसे बादशाह मुक़र्रर किया जाए। फिर उसे वापस आना था।
ସେତାକ୍‌ ଜିସୁ କୟ୍‌ଲା, “ଗଟେକ୍‌ ବଃଡ୍ ଲକ୍‌ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ଗିନେ ରଃଜାହଃଦ୍‌ ହାୟ୍‌ କଃରି ବାଉଳି ଆସୁକ୍‌ ଦୁରି ଦେସ୍‌କେ ଗଃଲା ।
13 रवाना होने से पहले उस ने अपने नौकरों में से दस को बुला कर उन्हें सोने का एक एक सिक्का दिया। साथ साथ उस ने कहा, यह पैसे ले कर उस वक़्त तक कारोबार में लगाओ जब तक मैं वापस न आऊँ।’
ସେ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ଦଃସ୍‌ଗଟ୍‌ ଗତିଦଃଙ୍ଗ୍‌ଳାମଃନ୍‌କ୍‌ କୁଦିକଃରି ସେମଃନ୍‌କେ ହଃତି ଲକ୍‌କେ ଗଟେକ୍‌ ଲେକା ସନାଅଦ୍ଲି ଦଃୟ୍‌ କୟ୍‌ଲା, ‘ମୁଁୟ୍‌ ଆସ୍ତା ହଃତେକ୍‌ ବେବାର୍‌ କଃରା ।’
14 लेकिन उस की रिआया उस से नफ़रत रखती थी, इस लिए उस ने उस के पीछे एलची भेज कर इत्तिला दी, हम नहीं चाहते कि यह आदमी हमारा बादशाह बने।”’
ମଃତର୍‌ ତାର୍‌ ଦେସାର୍‌ ଲକ୍‌ମଃନ୍ ତାକେ ଗିଣ୍ କଃର୍ତି ରିଲାୟ୍‌, ଆର୍‌ ସେମଃନ୍ ତାର୍‌ ହଃଚେ କବୁର୍‌କାରିଆକେ ହଃଟାୟ୍‌ କୟ୍‌ଲାୟ୍‌, ‘ଇ ମାନାୟ୍‌ ଅଃମାର୍‌ ଉହ୍ରେ ରାଜ୍‌ କଃରେଦ୍‌, ଇରି ଅଃମାର୍‌ ମଃନ୍ ନାୟ୍‌ ।’”
15 “तो भी उसे बादशाह मुक़र्रर किया गया। इस के बाद जब वापस आया तो उस ने उन नौकरों को बुलाया जिन्हें उस ने पैसे दिए थे ताकि मालूम करे कि उन्हों ने यह पैसे कारोबार में लगा कर कितना मुनाफ़ा किया है।
“ହଃଚେ ସେ ରାଇଜ୍‌ କଃର୍ତା ରଃଜାହଃଦ୍‌ ହାୟ୍‌ ବାଉଳି ଆସି ଜୁୟ୍‌ ଗତିଦଃଙ୍ଗ୍‌ଳାମଃନ୍‌କ୍‌ ଦଃନ୍ ଦଃୟ୍‌ରିଲା ସେମଃନାର୍‌ ବିତ୍ରେ ବେବାର୍‌ କଃରି କେ କଃତେକ୍‌ ଲାବ୍‌ କଃଲା ଆଚେ, ସେରି ଜାଣୁକେ ସେମଃନ୍‌କେ ତାର୍‌ ଚଃମେ କୁଦି ଆଣୁକେ କୟ୍‌ଲା ।
16 पहला नौकर आया। उस ने कहा, जनाब, आप के एक सिक्के से दस हो गए हैं।’
ସେତାକ୍‌ ହଃର୍ତୁର୍‌ ମାନାୟ୍‌ ଆସି କୟ୍‌ଲା, ‘ମାପ୍ରୁ, ତୁଇ ଦିଲା ସନାଅଦ୍ଲି ନଃୟ୍‌ ଆରେକ୍‌ ଦଃସ୍‌ଗଟ୍‌ ସନା ଅଦ୍‌ଲି ଲାବ୍‌ କଃଲେ ଆଚି ।’
17 मालिक ने कहा, शाबाश, अच्छे नौकर। तू थोड़े में वफ़ादार रहा, इस लिए अब तुझे दस शहरों पर इख़्तियार दिया।’
ସେ ତାକେ କୟ୍‌ଲା, ‘ନିକ କଃତା, ତୁୟ୍‌ ସଃତ୍‌ ଗତିଦଃଙ୍ଗ୍‌ଳା, ତୁୟ୍‌ କଃଡେକ୍‌ ସାନ୍‌ କଃତାୟ୍‌ ବିସ୍ୱାସ୍‌ ସଃଙ୍ଗ୍ କାମ୍‌ କଃରି ଆଚ୍‌ସି ବଃଲି ଦଃସ୍‌ ଗଟ୍‌ ଗଃଳ୍‌ ଉହ୍ରେ ଅଃଦିକାରି ଅଃଉ ।’
18 फिर दूसरा नौकर आया। उस ने कहा, जनाब, आप के एक सिक्के से पाँच हो गए हैं।’
ତାର୍‌ ହଃଚାର୍‌ ଆରେକ୍‌ ଗଟ୍‌ ମାନାୟ୍‌ ଆସି କୟ୍‌ଲା, ‘ସାଉକାର୍‌ ତର୍‌ ଗଟେକ୍‌ ଟଃକାୟ୍‌ ଆରେକ୍‌ ହାଁଚ୍‌ଗଟ୍‌ ସନାଅଦ୍ଲି ଲାବ୍‌ କଃଲେ ଆଚି ।’
19 मालिक ने उस से कहा, तुझे पाँच शहरों पर इख़्तियार दिया।’
ସେ ତାକେ ହେଁ କୟ୍‌ଲା, ‘ତୁୟ୍‌ ହେଁ ହାଁଚ୍ ଗଟ୍‌ ଗଃଳ୍‌ ଉହ୍ରେ ଅଃଦିକାର୍‌ ଅଃଉ ।’”
20 फिर एक और नौकर आ कर कहने लगा, जनाब, यह आप का सिक्का है। मैं ने इसे कपड़े में लपेट कर मह्फ़ूज़ रखा,
“ସଃରାସଃରି ମାନାୟ୍‌ ଆସି କୟ୍‌ଲା, ସାଉକାର୍‌, ଦଃକ୍‌ ଇରି ତର୍‌ ସନାଅଦ୍ଲି, ମୁଁୟ୍‌ ଇରି ତୁଆଲ୍‌ ଗଃଟାୟ୍‌ ବାନ୍ଦି ସଃଙ୍ଗାୟ୍‌ରିଲେ;
21 क्यूँकि मैं आप से डरता था, इस लिए कि आप सख़्त आदमी हैं। जो पैसे आप ने नहीं लगाए उन्हें ले लेते हैं और जो बीज आप ने नहीं बोया उस की फ़सल काटते हैं।’
ବଃଲେକ୍‌ ମୁଁୟ୍‌ ତକେ ଡିର୍‌ଲେ କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ତୁୟ୍‌ ଗଟେକ୍‌ କଃଟି ମାନାୟ୍‌, ଜୁୟ୍‌ରି ସଃଙ୍ଗାୟ୍‌ ନଃରେସି ସେରି ଟେକି ନେସି, ଆରେକ୍‌ ଜାୟ୍‌ରି ବୁଣି ନଃରେସି ସେରି କାଟି ନେସି ।
22 मालिक ने कहा, शरीर नौकर! मैं तेरे अपने अल्फ़ाज़ के मुताबिक़ तेरा फ़ैसला करूँगा। जब तू जानता था कि मैं सख़्त आदमी हूँ, कि वह पैसे ले लेता हूँ जो ख़ुद नहीं लगाए और वह फ़सल काटता हूँ जिस का बीज नहीं बोया,
ସେ ତାକେ କୟ୍‌ଲା, ‘ଏରେ ଦୁସ୍ଟ୍‌ ଗତିଦଃଙ୍ଗ୍‌ଳା, ତର୍‌ କୟ୍‌ଲା କଃତାୟ୍‌ ତର୍‌ ବିଚାର୍‌ କଃରିନ୍ଦ୍‌, ମୁୟ୍‌ଁ ଗଟେକ୍‌ କଃଟି ମାନାୟ୍‌, ଜୁୟ୍‌ରି ସଃଙ୍ଗାୟ୍‌ ନଃରେୟ୍‌ଁ, ସେରି ଟେକି ନଃୟ୍‌ନ୍ଦ୍, ଆର୍‌ ଜୁୟ୍‌ରି ବୁଣି ନଃରେୟ୍‌ଁ ସେରି କାଟିନ୍ଦ୍, ଇରି ଜାଣିରିଲିସ୍‌ ।
23 तो फिर तूने मेरे पैसे साहूकार के यहाँ क्यूँ न जमा कराए? अगर तू ऐसा करता तो वापसी पर मुझे कम अज़ कम वह पैसे सूद समेत मिल जाते।’
ତଃନ୍‌ଅଲେ ବେଙ୍କେ ମର୍‌ ଟଃକା କାୟ୍‌କଃରୁକ୍‌ ସଃଙ୍ଗାୟ୍‌ ନଃରିଲିସ୍‌? ତଃବେ ମୁଁୟ୍‌ ଆସି କଃଣ୍‌ତର୍‌ ସଃଙ୍ଗ୍ ହାୟ୍‌ଲେହୁଣି ।’”
24 और उसने उनसे कहा, यह सिक्का इससे ले कर उस नौकर को दे दो जिस के पास दस सिक्के हैं।”
“ଆରେକ୍‌ ସେ ଲଃଗେ ଟିଅୟ୍‌ ରିଲା ଲକ୍‌ମଃନ୍‌କେ ରଃଜା କୟ୍‌ଲା, ଆର୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି ଇ ଦଃନ୍ ନଃୟ୍‌ ଜାୟ୍‌ ଜାର୍‌ ତଃୟ୍‌ ଦଃସ୍‌ଗଟ୍‌ ସନାଅଦ୍ଲି ଆଚେ ତାକେ ଦିଆସ୍‌ ।
25 उन्होंने उससे कहा, ऐ ख़ुदावन्द, उस के पास तो पहले ही दस सिक्के हैं।’
ସେତାକ୍‌ ସେମଃନ୍ ତାକେ କୟ୍‌ଲାୟ୍‌, ମାପ୍ରୁ, ତାର୍‌ ତ ଦଃସ୍‌ ଗଟ୍‌ ସନାଅଦ୍ଲି ।
26 उस ने जवाब दिया, मैं तुम्हें बताता हूँ कि हर शख़्स जिस के पास कुछ है उसे और दिया जाएगा, लेकिन जिस के पास कुछ नहीं है उस से वह भी छीन लिया जाएगा जो उस के पास है।
ମୁଁୟ୍‌ ତୁମିମଃନ୍‌କେ କଃଉଁଲେ, ଜୁୟ୍‌ ଲକାର୍‌ ଆଚେ ତାକେ ଦିଆଅୟ୍‌ଦ୍‌, ମଃତର୍‌ ଜାର୍‌ ନାୟ୍‌ ତାର୍‌ ତଃୟ୍‌ ଜାୟ୍‌ରି ଆଚେ, ସେରି ହେଁ ତାର୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି ନିଆ ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ।
27 अब उन दुश्मनों को ले आओ जो नहीं चाहते थे कि मैं उन का बादशाह बनूँ। उन्हें मेरे सामने फाँसी दे दो’।”
ମଃତର୍‌ ମର୍‌ ଇ ଜୁୟ୍‌ ସଃତ୍ରୁମଃନ୍‌ ମୁଁୟ୍‌ ସେମଃନାର୍‌ ଉହ୍ରେ ରାଜ୍‌ କଃର ବଃଲି ମଃନ୍‌ ନଃକେର୍‌ତି ରିଲାୟ୍‌, ସେମଃନ୍‌କେ ଇତି ଆଣି ମର୍‌ ମୁଏଁ ଅଃତ୍ୟା କଃରା ।”
28 इन बातों के बाद ईसा दूसरों के आगे आगे येरूशलेम की तरफ़ बढ़ने लगा।
ଇ ସଃବୁ କଃତା କୟ୍‌ ସଃର୍ଲା ହଃଚେ, ଜିସୁ ଚେଲାମଃନାର୍‌ ଆଗେ ଆଗେ ବାରାୟ୍‌ ଜିରୁସାଲମ୍‌ ବାଟ ଜଃଉଁକେ ଦଃର୍ଲା ।
29 जब वह बैत — फ़गे और बैत — अनियाह गाँव के क़रीब पहुँचा जो ज़ैतून के पहाड़ पर आबाद थे तो उस ने दो शागिर्दों को अपने आगे भेज कर कहा?,
ଆର୍‌ ଜଃଡେବଃଳ୍‌ ସେ ଜିତ୍‌ହଃର୍ବାତ୍‌ ଲଃଗାର୍‌ ବେତ୍‌ପାଗି ଆର୍‌ ବେତାନିଆ ଲଃଗେ ହଚ୍‌ଲାକେ, ସଃଡେବଃଳ୍‌ ସେ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ଚେଲାମଃନାର୍‌ ବିତ୍ରେ ଦୁୟ୍‌ ଲକ୍‌କେ ଇ କଃତା କୟ୍‌ ହଃଟାୟ୍‌ଲା,
30 “सामने वाले गाँव में जाओ। वहाँ तुम एक जवान गधा देखोगे। वह बँधा हुआ होगा और अब तक कोई भी उस पर सवार नहीं हुआ है। उसे खोल कर ले आओ।
“ତୁମାର୍‌ ମୁଉଁ ସାମ୍‌ନାୟ୍‌ ରିଲା ହୟ୍‌ ଗାଉଁଏ ଜାହା; ସେତି ହୁର୍ତାବଃଳ୍‌ ଜାର୍‌ ଉହ୍ରେ କେ ହେଁ କଃବେ ବଃସି ନଃରେୟ୍‌, ଅଃନ୍‌କାର୍‌ ଗଟ୍‌ ହିଲାଗଃଦକେ ବାନ୍ଦା ଅୟ୍‌ରିଲାର୍‌ ଦଃକାସ୍‌; ତାକେ ମେଲି ଆଣା ।
31 अगर कोई पूछे कि गधे को क्यूँ खोल रहे हो तो उसे बता देना कि ख़ुदावन्द को इस की ज़रूरत है।”
ଆର୍‌ ଜଃବେ କେ ତୁମିମଃନ୍‌କେ କାୟ୍‌କଃରୁକ୍‌ ମେଲୁଲାସ୍‌ ବଃଲି ହଃଚାର୍ଲା, ଆକ୍‌ ମାପ୍ରୁର୍‌ ଲଳା ଆଚେ ସେତାର୍‌ ଗିନେ ବଃଲି କଃଉଆ ।”
32 दोनों शागिर्द गए तो देखा कि सब कुछ वैसा ही है जैसा ईसा ने उन्हें बताया था।
ସେତାକ୍‌, ହଃଟାୟ୍‌ଲା ଚେଲାମଃନ୍ ଜାୟ୍‌କଃରି, ସେ ସେମଃନ୍‌କେ ଜଃନ୍‌କଃରି କୟ୍‌ରିଲା ସେରଃକମ୍‌ ଦଃକ୍‌ଲାୟ୍‌ ।
33 जब वह जवान गधे को खोलने लगे तो उस के मालिकों ने पूछा, “तुम गधे को क्यूँ खोल रहे हो?”
ଆର୍‌, ସେମଃନ୍ ଗଃଦହିଲାକେ ମେଲ୍‌ତା ବଃଳ୍‌ ତାର୍‌ ସାଉକାର୍‌ମଃନ୍ ସେମଃନ୍‌କେ ହଃଚାର୍ଲାୟ୍‌, “କାୟ୍‌କଃରୁକ୍‌ ହିଲାଗଃଦକେ ମେଲୁଲାସ୍‌?”
34 उन्हों ने जवाब दिया, “ख़ुदावन्द को इस की ज़रूरत है।”
ସେମଃନ୍ କୟ୍‌ଲାୟ୍‌, “କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ଆକ୍‌ ମାପ୍ରୁର୍‌ ଲଳା ଆଚେ ।”
35 वह उसे ईसा के पास ले आए, और अपने कपड़े गधे पर रख कर उसको उस पर सवार किया।
ଆର୍‌ ସେମଃନ୍ ହିଲାଗଃଦକେ ଜିସୁର୍‌ ହାକ୍‌ ଆଣି ତାର୍‌ ଉହ୍ରେ ଅଃହ୍‌ଣା ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ବଃସ୍ତର୍‌ ଅଚାୟ୍‌ ଜିସୁକେ ବଃସାୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ।
36 जब वह चल पड़ा तो लोगों ने उस के आगे आगे रास्ते में अपने कपड़े बिछा दिए।
ଆର୍‌ ସେ ଜାତାବଃଳ୍‌ ଲକ୍‌ମଃନ୍ ବାଟେ ଅଃହ୍‌ଣା ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ବଃସ୍ତର୍‌ ଅଚାୟ୍‌ ଦେଉଁକେ ଦଃର୍ଲାୟ୍‌ ।
37 चलते चलते वह उस जगह के क़रीब पहुँचा जहाँ रास्ता ज़ैतून के पहाड़ पर से उतरने लगता है। इस पर शागिर्दों का पूरा हुजूम ख़ुशी के मारे ऊँची आवाज़ से उन मोजिज़ों के लिए ख़ुदा की बड़ाई करने लगा जो उन्होंने देखे थे,
ଆରେକ୍‌, ଜିସୁ ଜଃଡେବଃଳ୍‌ ଜିତ୍‌ ଡଙ୍ଗ୍ରାର୍‌ କଃଳ୍‌କି ଲଃଗେ ଅୟ୍‌ଲା, ସଃଡେବଃଳ୍‌ ସଃର୍ନେ ଚେଲାମଃନ୍ଦା ଦଃକିରିଲା ସଃବୁ ସଃକ୍ତିର୍‌ କାମାର୍‌ ଗିନେ ସଃର୍ଦା ଅୟ୍‌ ଆଉଲି ଅୟ୍‌କଃରି ଇସ୍ୱରାର୍‌ ଗୁଣ୍ କଃଉ କଃଉ କୟ୍‌ଲାୟ୍‌,
38 “मुबारिक़ है वह बादशाह जो ख़ुदावन्द के नाम से आता है। आस्मान पर सलामती हो और बुलन्दियों पर इज़्ज़त — ओ — जलाल।”
“ମାପ୍ରୁର୍‌ ନାଉଁଏ ଜୁୟ୍‌ ରଃଜା ଆସୁଲା, ତାର୍‌ ବଃଡ୍‌ ବାୟ୍‌ଗ୍‌, ସଃର୍ଗାର୍‌ ସୁସ୍ତା ଆର୍‌ ଇସ୍ୱରାର୍‌ ଜଃଜ୍‌ମାନ୍ ଅଃଉଅ ।”
39 कुछ फ़रीसी भीड़ में थे उन्होंने ईसा से कहा, “उस्ताद, अपने शागिर्दों को समझा दें।”
ସେତାକ୍‌ ଲକ୍‌ମଃନାର୍‌ ବିତ୍ରେ କଃତିଗଟ୍‌ ପାରୁସି ତାକେ ଦଃକା ଦିଲାୟ୍‌, “ଏ ଗୁରୁ, ତର୍‌ ଚେଲାମଃନ୍‌କେ ଚିମ୍‌ରା ଅଃଉଁକେ କଃଉ ।”
40 उस ने जवाब दिया, “मैं तुम्हें बताता हूँ, अगर यह चुप हो जाएँ तो पत्थर पुकार उठेंगे।”
ଜିସୁ କୟ୍‌ଲା, “ମୁଁୟ୍‌ ତୁମିକେ କଃଉଁଲେ, ଏମଃନ୍‌ ଚିମ୍‌ରା ଅୟ୍‌ଲେକ୍‌ ଟେଳାମଃନ୍ ଆଉଲି ଅଃଉତି ।”
41 जब वह येरूशलेम के क़रीब पहुँचा तो शहर को देख कर रो पड़ा
ଆର୍‌ ଜଃଡେବଃଳ୍‌ ଜିସୁ ଜିରୁସାଲମେ ଆୟ୍‌ଲା, ସଃଡେବଃଳ୍‌ ଗଃଳ୍‌କେ ଦଃକି ତାର୍‌ ଗିନେ କାନ୍ଦି କଃରି କୟ୍‌ଲା,
42 और कहा, “क़ाश तू भी उस दिन पहचान लेती कि तेरी सलामती किस में है। लेकिन अब यह बात तेरी आँखों से छुपी हुई है।
“ତୁୟ୍‌, ହିଁ, ତୁୟ୍‌ ଜଦି ଆଜି ସୁସ୍ତାର୍‌ କଃତାମଃନ୍‌ ଜାଣ୍‌ଲିସ୍‌ହୁଣି! ମଃତର୍‌ ଅଃବେ ତର୍‌ ଆକାୟ୍‌ ଲୁକ୍‌ଣେ ଆଚେ ।
43 क्यूँकि तुझ पर ऐसा वक़्त आएगा कि तेरे दुश्मन तेरे चारों तरफ़ बन्द बाँध कर तेरा घेरा करेंगे और यूँ तुझे तंग करेंगे।
ବେଳା ଆସୁଲି, ଜଃଡେବଃଳ୍‌ ତର୍‌ ସଃତ୍ରୁମଃନ୍‌ ତର୍‌ ଚାରି ବେଳ୍‌ତ୍ ରୁଣ୍ଡିକଃରି ତକେ ବେଳ୍‌ତି, ଆରେକ୍‌ ତର୍‌ ସଃବୁ ଦୁଆର୍‌ ବଃନ୍ଦ୍‌ କଃର୍ତି ।
44 वह तुझे तेरे बच्चों समेत ज़मीन पर पटकेंगे और तेरे अन्दर एक भी पत्थर दूसरे पर नहीं छोड़ेंगे। और वजह यही होगी कि तू ने वह वक़्त नहीं पहचाना जब ख़ुदावन्द ने तेरी नजात के लिए तुझ पर नज़र की।”
ଆରେକ୍‌ ତକେ ଆର୍‌ ତର୍‌ ବିତ୍ରେ ରିଲା ସଃବୁ ତର୍‌ ହିଲାମଃନ୍‌କେ ମାଟାୟ୍‌ ମିସାଉତି, ଆର୍‌ ତର୍‌ ବିତ୍ରେ ଗଟେକ୍‌ ଟେଳା ଆରେକ୍‌ ଗଟେକ୍‌ ଟେଳା ଉହ୍ରେ ରେଉଁକ୍‌ ନଃଦେତି, ଇବାନ୍ୟା ବେଳ୍‌ ତର୍‌ ଉହ୍ରେ ଆସେଦ୍‌ ।”
45 फिर ईसा बैत — उल — मुक़द्दस में जा कर बेचने वालों को निकालने लगा,
ଆର୍‌ ସେ ମନ୍ଦିର୍‌ ବିତ୍ରେ ହୁରି ବିକାବାଞ୍ଜା କଃର୍ତା ଲକ୍‌ମଃନ୍‌କେ ଇରି କୟ୍‌ ବାର୍‌ କଃରୁକେ ଦଃର୍ଲା,
46 और उसने कहा, “लिखा है, 'मेरा घर दुआ का घर होगा' मगर तुम ने उसे डाकूओं के अंडे में बदल दिया है।”
“ସାସ୍ତରେ ଲେକା ଆଚେ, ଇସ୍ୱର୍‌ କଃଉଁଲା, ‘ଅଃମାର୍‌ ଗଃର୍‌ ଇସ୍ୱରାର୍‌ ପାର୍ତ୍‌ନାଗଃର୍‌ ଅୟ୍‌ଦ୍‌, ମଃତର୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ତାକେ କଃଙ୍ଗାର୍‌ମଃନାର୍‌ ଲୁକ୍‌ତା ହାର୍‌ କଃରିଆଚାସ୍‌ ।’”
47 और वह रोज़ाना बैत — उल — मुक़द्दस में तालीम देता रहा। लेकिन बैत — उल — मुक़द्दस के रहनुमा इमाम, शरी'अत के आलिम और अवामी रहनुमा उसे क़त्ल करने की कोशिश में थे।
ଆର୍‌ ଜିସୁ ଦିନେକେ ମନ୍ଦିରେ ସିକ୍ୟା ଦେତିରିଲା, ମଃତର୍‌ ବଃଡ୍ ଜାଜକ୍‌ ଆର୍‌ ଦଃର୍ମ୍‌ ଗୁରୁମଃନ୍‌ ଲକ୍‌ମଃନାର୍‌ ନେତାମଃନ୍ ତାକ୍‌ ନାସ୍‌ କଃରୁକେ ଉପାୟ୍‌ କଃର୍ତି ରିଲାୟ୍‌ ।
48 अलबत्ता उन्हें कोई मौक़ा न मिला, क्यूँकि तमाम लोग ईसा की हर बात सुन सुन कर उस से लिपटे रहते थे।
ମଃତର୍‌ ଲକ୍‌ମଃନ୍ ଏକ୍‌ ମଃନେ ତାର୍‌ ସିକ୍ୟା ସୁଣ୍‌ତିରିଲାୟ୍‌, ସେତାକ୍‌ ସେମଃନ୍ କାୟ୍‌ରି କଃରୁନ୍ଦ୍‌ ବଃଲି ତିର୍‌ କଃରୁ ନଃହାର୍‌ତିରିଲାୟ୍‌ ।

< लूका 19 >