< अय्यू 23 >
1 तब अय्यूब ने जवाब दिया,
Then Job replied again,
2 मेरी शिकायत आज भी तल्ख़ है; मेरी मार मेरे कराहने से भी भारी है।
“Today I am again complaining bitterly/strongly [to God]; I [continue] groaning, but he [SYN] [continues to] (punish me/cause me to suffer).
3 काश कि मुझे मा'लूम होता कि वह मुझे कहाँ मिल सकता है ताकि मैं ऐन उसकी मसनद तक पहुँच जाता।
I (wish that I knew/want to know) where I could meet/talk with him, so that I could go to the place where he lives.
4 मैं अपना मु'आमिला उसके सामने पेश करता, और अपना मुँह दलीलों से भर लेता।
If I could do that, I would tell him why [I know that] I am innocent; I would tell [MTY] to him all my (arguments/evidence [to show that I have not done what is evil]).
5 मैं उन लफ़्ज़ों को जान लेता जिनमें वह मुझे जवाब देता और जो कुछ वह मुझ से कहता मैं समझ लेता।
Then I would find out what he would reply to me [DOU].
6 क्या वह अपनी क़ुदरत की 'अज़मत में मुझ से लड़ता? नहीं, बल्कि वह मेरी तरफ़ तवज्जुह करता।
Would he use his great power to argue with me? No, he would listen to me carefully.
7 रास्तबाज़ वहाँ उसके साथ बहस कर सकते, यूँ मैं अपने मुन्सिफ़ के हाथ से हमेशा के लिए रिहाई पाता।
I am (an honest/a righteous) man; so I would be able to discuss things with him [fairly], and then he would declare that I am innocent, [and that decision would endure] forever.
8 देखो, मैं आगे जाता हूँ लेकिन वह वहाँ नहीं, और पीछे हटता हूँ लेकिन मैं उसे देख नहीं सकता।
“But, I have gone to the east, and he is not there; I have gone to the west, but I have not found him there.
9 बाएँ हाथ फिरता हूँ जब वह काम करता है, लेकिन वह मुझे दिखाई नहीं देता; वह दहने हाथ की तरफ़ छिप जाता है, ऐसा कि मैं उसे देख नहीं सकता।
I have gone north and I have gone south, but I have not seen him anywhere.
10 लेकिन वह उस रास्ते को जिस पर मैं चलता हूँ जानता है; जब वह मुझे पालेगा तो मैं सोने के तरह निकल आऊँगा।
But he knows how I have conducted my life; and when he has finished testing me, [he] will [see that] I [am] as pure as [SIM] gold [whose impurities have all been burned out].
11 मेरा पाँव उसके क़दमों से लगा रहा है। मैं उसके रास्ते पर चलता रहा हूँ और नाफ़रमान नहीं हुआ।
I [SYN] have faithfully walked on the path that he showed me; I have not stopped [obeying] him.
12 मैं उसके लबों के हुक्म से हटा नहीं; मैंने उसके मुँह की बातों को अपनी ज़रूरी ख़ुराक से भी ज़्यादा ज़ख़ीरा किया।
I have always obeyed what he [SYN] commanded; I have treasured the words that he has spoken.
13 लेकिन वह एक ख़याल में रहता है, और कौन उसको फिरा सकता है? और जो कुछ उसका जी चाहता है करता है।
“He never changes. There is no one who can [RHQ] stop him [from doing what he desires]. Whatever he wants to do, he does.
14 क्यूँकि जो कुछ मेरे लिए मुक़र्रर है, वह पूरा करता है; और बहुत सी ऐसी बातें उसके हाथ में हैं।
And he will finish doing for me the things that he has planned for me; [and I am sure that] he has thought about doing many things for me.
15 इसलिए मैं उसके सामने घबरा जाता हूँ, मैं जब सोचता हूँ तो उससे डर जाता हूँ।
So I am terrified in his presence; when I think [about what he can do], I am very afraid [DOU].
16 क्यूँकि ख़ुदा ने मेरे दिल को बूदा कर डाला है, और क़ादिर — ए — मुतलक़ ने मुझ को घबरा दिया है।
Almighty God has caused me [SYN] to feel terrified [DOU].
17 इसलिए कि मैं इस ज़ुल्मत से पहले काट डाला न गया और उसने बड़ी तारीकी को मेरे सामने से न छिपाया।
[It is as though] there is only thick darkness in front of me, but it is God that I am afraid of, not the darkness.”