< यसा 55 >

1 ऐ सब प्यासो, पानी के पास आओ, और वह भी जिसके पास पैसा न हो, आओ, मोल लो, और खाओ, हाँ आओ! शराब और दूध बेज़र और बेक़ीमत ख़रीदो।
Ó todos vós que tendes sede, vinde às águas; e vós que não tendes dinheiro, vinde, comprai, e comei; vinde, comprai, sem dinheiro e sem preço, vinho e leite.
2 तुम किस लिए अपना रुपया उस चीज़ के लिए जो रोटी नहीं, और अपनी मेहनत उस चीज़ के वास्ते जो आसूदा नहीं करती, ख़र्च करते हो? तुम ग़ौर से मेरी सुनो, और वह चीज़ जो अच्छी है खाओ; और तुम्हारी जान फ़रबही से लज़्ज़त उठाए।
Por que gastais dinheiro naquilo que não é pão, e vosso trabalho naquilo que não pode trazer satisfação? Ouvi-me com atenção, e comei o que é bom, e vossa alma se deleite com a gordura.
3 कान लगाओ और मेरे पास आओ, सुनो और तुम्हारी जान ज़िन्दा रहेगी; और मैं तुम को अबदी 'अहद या'नी दाऊद की सच्ची नेमतें बख़्शूँगा।
Inclinai vossos ouvidos, e vinde a mim; ouvi, e vossa alma viverá; porque convosco farei um pacto eterno, [tal como] as firmes bondades prometidas a Davi.
4 देखो, मैंने उसे उम्मतों के लिए गवाह मुक़र्रर किया, बल्कि उम्मतों का पेशवा और फ़रमॉंरवा।
Eis que eu o dei [para ser] testemunha aos povos, [como] príncipe e governante dos povos.
5 देख, तू एक ऐसी क़ौम को जिसे तू नहीं जानता बुलाएगा, और एक ऐसी क़ौम जो तुझे नहीं जानती थी, ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा और इस्राईल के क़ुददूस की ख़ातिर तेरे पास दौड़ी आएगी; क्यूँकि उसने तुझे जलाल बख्शा है।
Eis que chamarás a uma nação que não conheceste, e uma nação que nunca te conheceu correrá para ti, por causa do SENHOR teu Deus, o Santo de Israel; porque ele te glorificou.
6 जब तक ख़ुदावन्द मिल सकता है उसके तालिब हो, जब तक वह नज़दीक है उसे पुकारो।
Buscai ao SENHOR enquanto se pode achar; invocai-o enquanto ele está perto.
7 शरीर अपनी राह को तर्क करे और बदकिरदार अपने ख़यालों को, और वह ख़ुदावन्द की तरफ़ फिरे और वह उस पर रहम करेगा; और हमारे ख़ुदा की तरफ़ क्यूँकि वह कसरत से मु'आफ़ करेगा।
Que o perverso deixe seu caminho, e o homem maligno [deixe] seus pensamentos, e converta ao SENHOR; então dele terá compaixão; [converta] ao nosso Deus, porque ele grandemente perdoa.
8 ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि मेरे ख़याल तुम्हारे ख़याल नहीं, और न तुम्हारी राहें मेरी राहें हैं।
Pois meus pensamentos não são vossos pensamentos, nem vossos caminhos são meus caminhos, diz o SENHOR.
9 क्यूँकि जिस क़दर आसमान ज़मीन से बलन्द है, उसी क़दर मेरी राहें तुम्हारी राहों से और मेरे ख़याल तुम्हारे ख़यालों से बलन्द हैं।
Porque [tal como] os céus são mais altos que a terra, assim também meus caminhos são mais altos que vossos caminhos, e meus pensamentos [mais altos] que vossos pensamentos.
10 “क्यूँकि जिस तरह आसमान से बारिश होती और बर्फ़ पड़ती है, और फिर वह वहाँ वापस नहीं जाती बल्कि ज़मीन को सेराब करती है, और उसकी शादाबी और रोईदगी का ज़रि'आ होती है ताकि बोनेवाले को बीज और खाने वाले को रोटी दे;
Porque tal como a chuva e a neve desce dos céus, e para lá não volta, mas rega a terra, e a faz produzir, brotar, e dar semente ao semeador, e pão ao que come;
11 उसी तरह मेरा कलाम जो मेरे मुँह से निकलता है होगा, वह बेअन्जाम मेरे पास वापस न आएगा, बल्कि जो कुछ मेरी ख़्वाहिश होगी वह उसे पूरा करेगा और उस काम में जिसके लिए मैंने उसे भेजा मो'अस्सिर होगा।
Assim também será minha palavra, que não voltará a mim vazia; ao contrário, ela fará o que me agrada, e cumprirá aquilo para que a enviei.
12 क्यूँकि तुम ख़ुशी से निकलोगे और सलामती के साथ रवाना किए जाओगे; पहाड़ और टीले तुम्हारे सामने नग़मापर्दाज़ होंगे, और मैदान के सब दरख़्त ताल देंगे
Porque com alegria saireis, e em paz sereis guiados; os montes e os morros cantarão de alegria perante vossa presença, e todas as árvores do campo baterão palmas.
13 काँटों की जगह सनौबर निकलेगा, और झाड़ी के बदले उसका दरख़्त होगा; और ये ख़ुदावन्द के लिए नाम और हमेशा निशान होगा जो कभी' न मिटेगा।”
Em lugar do espinheiro crescerá o cipreste, e em lugar da urtiga crescerá a murta; e isso será para o SENHOR como um nome, como um sinal eterno, que nunca se apagará.

< यसा 55 >