< यसा 15 >

1 मुआब के बारे में नबुव्वत: एक ही रात में 'आर — ए — मोआब ख़राब और हलाक हो गया; एक ही रात में क़ीर — ए — मोआब ख़राब और हलाक हो गया।
رُؤْيَا بِشَأْنِ مُوآبَ: حَقّاً فِي لَيْلَةٍ مُبَاغِتَةٍ تُخَرَّبُ عَارُ مُوآبَ، حَقّاً فِي لَيْلَةٍ مُبَاغِتَةٍ تُدَمَّرُ قِيرُ مُوآبَ.١
2 बैत और दीबोन ऊँचे मक़ामों पर रोने के लिए चढ़ गए हैं; नबू और मीदबा पर अहल — ए — मोआब वावैला करते हैं; उन सब के सिर मुण्डाए गए और हर एक की दाढ़ी काटी गई।
يَنْطَلِقُ أَهْلُ دِيبُونَ إِلَى الْمَعْبَدِ، وَحَتَّى إِلَى الْمُرْتَفَعَاتِ لِلْبُكَاءِ؛ يُوَلْوِلُ شَعْبُ مُوآبَ عَلَى مَصِيرِ نَبُو وَمَيْدَبَا بِرُؤُوسٍ وَذُقُونٍ مَحْلُوقَةٍ.٢
3 वह अपनी राहों में टाट का कमरबन्द बाँधते हैं, और अपने घरों की छतों पर और बाज़ारों में नौहा करते हुए सब के सब ज़ार ज़ार रोते हैं।
يَتَلَفَّعُونَ بِالْمُسُوحِ فِي شَوَارِعِهَا، وَيَبْكِي كُلُّ وَاحِدٍ مِنْهُمْ عَلَى السُّطُوحِ وَفِي السَّاحَاتِ.٣
4 हस्बोन और इली'आली वावैला करते हैं उनकी आवाज़ यहज़ तक सुनाई देती है; इस पर मोआब के मुसल्लह सिपाही चिल्ला चिल्ला कर रोते हैं उसकी जान उसमें थरथराती है।
تَتَعَالَى صَرَخَاتُ حَشْبُونَ وَأَلْعَالَةَ حَتَّى تَتَرَدَّدَ أَصْدَاؤُهَا فِي يَاهَصَ، لِذَلِكَ يَنْدُبُ جَيْشُ مُوآبَ بِصَوْتٍ مُرْتَفِعٍ، وَقُلُوبُهُمْ تَرْتَعِدُ فِي صُدُورِهِم.٤
5 मेरा दिल मोआब के लिए फ़रियाद करता उसके भागने वाले ज़ुग़र तक 'अजलत शलेशियाह तक पहुँचे हाँ वह लूहीत की चढ़ाई पर रोते हुए चढ़ जाते, और होरोनायम की राह में हलाकत पर वावैला करते हैं।
قَلْبِي يَصْرُخُ مُتَوَجِّعاً عَلَى مُوآبَ وَعَلَى عُظَمَائِهَا الْهَارِبِينَ إِلَى صُوغَرَ. كَعِجْلَةٍ ثُلاثِيَّةٍ يَصْعَدُونَ إِلَى عَقَبَةِ اللُّوحِيثِ مُوَلْوِلِينَ، وَيَجْهَرُونَ بِصُرَاخِ الْهَزِيمَةِ فِي طَرِيقِ حُورُونَايِمَ.٥
6 क्यूँकि निमरियम की नहरें ख़राब हो गईं क्यूँकि घास कुम्ला गई और सब्ज़ा मुरझा गया और रोयदगी का नाम न रहा।
غَاضَتْ مِيَاهُ نَهْرِ نِمْرِيمَ، وَجَفَّ الْعُشْبُ عَلَى ضَفَّتَيْهِ، وَذَوَى الْكَلأُ وَبَادَتِ الْخُضْرَةُ٦
7 इसलिए वह फ़िरावान माल जो उन्होंने हासिल किया था, और ज़ख़ीरा जो उन्होंने रख छोड़ा था, बेद की नदी के पार ले जाएँगे।
لِذَلِكَ يَحْمِلُونَ مَا ادَّخَرُوهُ مِنْ ثَرْوَةٍ وَنَفَائِسَ، وَيَنْقُلُونَهَا إِلَى عَبْرِ وَادِي الصَّفْصَافِ،٧
8 क्यूँकि फ़रियाद मोआब की सरहदों तक और उनका नौहा इजलाइम तक और उनका मातम बैर एलीम तक पहुँच गया है।
إِذْ يَتَجَاوَبُ صُرَاخُهُمْ عَلَى طُولِ تُخُومِ مُوآبَ، وَتَبْلُغُ وَلْوَلَتُهُمْ إِلَى أَجْلايِمَ وَبِئْرِ إِيلِيمَ.٨
9 क्यूँकि दीमोन की नदियाँ ख़ून से भरी हैं मैं दीमोन पर ज़्यादा मुसीबत लाऊँगा क्यूँकि उस पर जो मोआब में से बचकर भागेगा और उस मुल्क के बाक़ी लोगों पर एक शेर — ए — बबर भेजूँगा।
تَفِيضُ مِيَاهُ دِيمُونَ دَماً لأَنِّي أَزِيدُ مِنْ وَيْلاتِهَا، فَتُهَاجِمُ الأُسُودُ النَّاجِينَ مِنْ مُوآبَ، وَتَفْتَرِسُ الْهَارِبِينَ وَالْمَاكِثِينَ فِيهَا.٩

< यसा 15 >