< पैदाइश 16 >
1 और इब्रहाम की बीवी सारय के कोई औलाद न हुई। उसकी एक मिस्री लौंडी थी जिसका नाम हाजिरा था।
Und Sarai, das Weib Abrams, hatte ihm keine Kinder geboren; sie hatte aber eine ägyptische Sklavin Namens Hagar.
2 और सारय ने इब्रहाम से कहा कि देख, ख़ुदावन्द ने मुझे तो औलाद से महरूम रख्खा है, इसलिए तू मेरी लौंडी के पास जा शायद उससे मेरा घर आबाद हो। और इब्रहाम ने सारय की बात मानी।
Da sprach Sarai zu Abram: Da mir Jahwe nun einmal Kinder versagt hat, so gehe doch ein zu meiner Leibmagd: vielleicht werde ich durch sie zu Kindern kommen! Und Abram gehorchte den Worten Sarais.
3 और इब्रहाम को मुल्क — ए — कना'न में रहते दस साल हो गए थे जब उसकी बीवी सारय ने अपनी मिस्री लौंडी उसे दी कि उसकी बीवी बने।
Da nahm Sarai, das Weib Abrams, die Ägypterin Hagar, ihre Leibmagd, nachdem Abram zehn Jahre im Lande Kanaan gewohnt hatte, und gab sie Abram, ihrem Manne, zum Weibe.
4 और वह हाजिरा के पास गया और वह हामिला हुई। और जब उसे मा'लूम हुआ कि वह हामिला हो गई तो अपनी बीवी को हक़ीर जानने लगी।
Und er wohnte Hagar bei, und sie wurde schwanger. Als sie aber merkte, daß sie schwanger sei, sah sie ihre Herrin geringschätzig an.
5 तब सारय ने इब्रहाम से कहा, जो जु़ल्म मुझ पर हुआ वह तेरी गर्दन पर है। मैंने अपनी लौंडी तेरे आग़ोश में दी और अब जो उसने आपको हामिला देखा तो मैं उसकी नज़रों में हक़ीर हो गई; इसलिए ख़ुदावन्द मेरे और तेरे बीच इन्साफ़ करे।
Sarai aber sprach zu Abram: Die Kränkung, die mir widerfährt, komme über dich! Ich selbst habe dir meine Leibmagd abgetreten; nun sie aber merkt, daß sie schwanger ist, sieht sie mich geringschätzig an. Jahwe richte zwischen mir und dir!
6 इब्रहाम ने सारय से कहा कि तेरी लौंडी तेरे हाथ में है; जो तुझे भला दिखाई दे वैसा ही उसके साथ कर। तब सारय उस पर सख़्ती करने लगी और वह उसके पास से भाग गई।
Da sprach Abram zu Sarai: Deine Leibmagd ist ja in deiner Gewalt; verfahre mit ihr, wie es dir gut dünkt!
7 और वह ख़ुदावन्द के फ़रिश्ता को वीराने में पानी के एक चश्मे के पास मिली। यह वही चश्मा है जो शोर की राह पर है।
Da behandelte Sarai sie hart, so daß sie ihr entfloh. Da traf sie der Engel Jahwes an der Quelle in der Wüste, an der Quelle auf dem Wege nach Sur.
8 और उसने कहा, “ऐ सारय की लौंडी हाजिरा, तू कहाँ से आई और किधर जाती है?” उसने कहा कि मैं अपनी बीबी सारय के पास से भाग आई हूँ।
Und er sprach: Hagar, Leibmagd Sarais, woher kommst du und wohin willst du? Sie antwortete: Ich bin auf der Flucht vor Sarai, meiner Herrin.
9 ख़ुदावन्द के फ़रिश्ता ने उससे कहा कि तू अपनी बीबी के पास लौट जा और अपने को उसके कब्ज़े में कर दे
Und der Engel Jahwes sprach zu ihr: Kehre zurück zu deiner Herrin und unterwirf dich ihrer Gewalt.
10 और ख़ुदावन्द के फ़रिश्ता ने उससे कहा, कि मै तेरी औलाद को बहुत बढ़ाऊँगा यहाँ तक कि कसरत की वजह से उसका शुमार न हो सकेगा।
Und der Engel Jahwes sprach zu ihr: Ich will deine Nachkommenschaft überaus zahlreich machen, so daß sie unzählbar sein soll vor Menge.
11 और ख़ुदावन्द के फ़रिश्ता ने उससे कहा कि तू हामिला है और तेरा बेटा होगा, उसका नाम इस्मा'ईल रखना इसलिए कि ख़ुदावन्द ने तेरा दुख सुन लिया।
Und der Engel Jahwes sprach zu ihr: Du bist jetzt schwanger und wirst einen Sohn gebären; den sollst du Ismael nennen, weil Jahwe die Klage über dein Elend erhört hat.
12 वह गोरखर की तरह आज़ाद मर्द होगा, उसका हाथ सबके ख़िलाफ़ और सबके हाथ उसके ख़िलाफ़ होंगे और वह अपने सब भाइयों के सामने बसा रहेगा।
Der aber wird ein Mensch wie ein Wildesel sein - seine Hand gegen jedermann und jedermanns Hand gegen ihn - und er wird allen seinen Verwandten auf dem Nacken sitzen.
13 और हाजिरा ने ख़ुदावन्द का जिसने उससे बातें कीं, अताएल — रोई नाम रख्खा या'नी ऐ ख़ुदा तू बसीर है; क्यूँकि उसने कहा, क्या मैंने यहाँ भी अपने देखने वाले को जाते हुए देखा?'
Da nannte sie Jahwe, der zu ihr geredet hatte: Du bist der Gott des Schauens! Denn sie sprach: Habe ich auch wirklich hier dem nachgeschaut, der mich erschaut hat?
14 इसी वजह से उस कुएँ का नाम बैरलही रोई पड़ गया; वह क़ादिस और बरिद के बीच है।
Daher nennt man jenen Brunnen “Brunnen des Lebendigen, der mich schaut”; er liegt aber zwischen Kades und Bared.
15 और इब्रहाम से हाजिरा के एक बेटा हुआ, और इब्रहाम ने अपने उस बेटे का नाम जो हाजिरा से पैदा हुआ इस्मा'ईल रख्खा।
Und Hagar gebar Abram einen Sohn, und Abram nannte den Sohn, den ihm Hagar geboren hatte, Ismael.
16 और जब इब्रहाम से हाजिरा के इस्मा'ईल पैदा हुआ तब इब्रहाम छियासी साल का था।
Abram aber war sechsundachtzig Jahre alt, als Hagar dem Abram den Ismael gebar.