< हिज़ि 20 >

1 और सातवें बरस के पाँचवें महीने की दसवीं तारीख को यूँ हुआ कि इस्राईल के चन्द बुजु़र्ग ख़ुदावन्द से कुछ दरियाफ़्त करने को आए और मेरे सामने बैठ गए।
সপ্তম বছরের পঞ্চম মাসের দশ দিনের দিন, ইস্রায়েলের কয়েকজন প্রাচীন সদাপ্রভুর ইচ্ছা জানবার জন্য আমার সামনে বসলেন।
2 तब ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ
তখন সদাপ্রভুর বাক্য আমার কাছে উপস্থিত হল
3 कि 'ऐ आदमज़ाद! इस्राईल के बुजु़र्गों से कलाम कर और उनसे कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि क्या तुम मुझ से दरियाफ़्त करने आए हो? ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है कि मुझे अपनी हयात की क़सम, तुम मुझ से कुछ दरियाफ़्त न कर सकोगे।
“হে মানবসন্তান, তুমি ইস্রায়েলের প্রাচীনদের সঙ্গে আলাপ করে তাদের বলো, ‘সার্বভৌম সদাপ্রভু এই কথা বলেন, তোমরা কি আমার ইচ্ছা জানতে এসেছ? সার্বভৌম সদাপ্রভু এই কথা বলেন, আমার জীবনের দিব্য, আমি তোমাদের আমার ইচ্ছা জানতে দেব না।’
4 क्या तू उन पर हुज्जत क़ाईम करेगा? ऐ आदमज़ाद, क्या तू उन पर हुज्जत क़ायम करेगा? उनके बाप दादा के नफ़रती कामों से उनको आगाह कर।
“তুমি কি তাদের বিচার করবে? হে মানবসন্তান, তুমি কি তাদের বিচার করবে? তবে তাদের পূর্বপুরুষদের ঘৃণ্য কাজের কথা তাদের জানাও
5 उनसे कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि जिस दिन मैंने इस्राईल को बरगुज़ीदा किया, और बनी या'कू़ब से क़सम खाई और मुल्क — ए — मिस्र में अपने आपको उन पर ज़ाहिर किया; मैंने उनसे क़सम खा कर कहा, मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ।
আর তাদের বলো, ‘সার্বভৌম সদাপ্রভু এই কথা বলেন, আমি যেদিন ইস্রায়েলকে বেছে নিয়েছিলাম, সেইদিন হাত তুলে যাকোবের বংশের লোকদের কাছে শপথ করেছিলাম ও মিশরে তাদের কাছে নিজেকে প্রকাশ করেছিলাম। হাত তুলে তাদের বলেছিলাম, “আমিই তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু।”
6 जिस दिन मैंने उनसे क़सम खाई, ताकि उनको मुल्क — ए — मिस्र से उस मुल्क में लाऊँ जो मैंने उनके लिए देख कर ठहराया था, जिसमें दूध और शहद बहता है और जो तमाम मुल्कों की शौकत है।
সেইদিন আমি তাদের কাছে শপথ করেছিলাম যে আমি তাদের মিশর দেশ থেকে বার করে তাদের জন্য যে দেশ আমি খুঁজেছি সেখানে নিয়ে যাব, দুধ ও মধু প্রবাহিত দেশে, সেটি সব দেশের মধ্যে সুন্দর।
7 और मैंने उनसे कहा, तुम में से हर एक शख़्स उन नफ़रती चीज़ों को जो उसकी मन्जू़र — ए — नज़र हैं, दूर करे और तुम अपने आपको मिस्र के बुतों से नापाक न करो; मैं ख़ुदावन्द, तुम्हारा ख़ुदा हूँ।
আমি তাদের বলেছিলাম, “তোমরা প্রত্যেকে যেসব ঘৃণ্য মূর্তি তোমাদের ভালো লেগেছে সেগুলি দূর করো, এবং মিশরের প্রতিমাগুলি দিয়ে নিজেদের অশুচি করো না। আমিই তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু।”
8 लेकिन वह मुझ से बाग़ी हुए और न चाहा कि मेरी सुनें। उनमें से किसी ने उन नफ़रती चीज़ों को, जो उसकी मंजू़र — ए — नज़र थीं, छोड़ न दिया और मिस्र के बुतों को न छोड़ा। तब मैंने कहा, कि मैं अपना क़हर उन पर उण्डेल दूँगा, ताकि अपने ग़ज़ब को मुल्क — ए — मिस्र में उन पर पूरा करूँ।
“‘কিন্তু তারা আমার বিরুদ্ধে বিদ্রোহ করল আর আমার কথা শুনতে রাজি হল না; যেসব ঘৃণ্য মূর্তি তাদের ভালো লাগত তা তারা দূর করেনি এবং মিশরের প্রতিমাগুলিও ত্যাগ করেনি। সেইজন্য আমি বলেছিলাম মিশরে আমি তাদের উপর আমার ক্রোধ ও ভীষণ অসন্তোষ ঢেলে দেব।
9 लेकिन मैंने अपने नाम की ख़ातिर ऐसा किया ताकि मेरा नाम उन क़ौमों की नज़र में, जिनके बीच वह रहते थे और जिनकी निगाहों में मैं उन पर ज़ाहिर हुआ जब उनको मुल्क — ए — मिस्र से निकाल लाया, नापाक न किया जाए।
কিন্তু আমার সুনাম রক্ষার জন্য আমি তা করিনি, যাতে তারা যে জাতিগণের মধ্যে বাস করছিল তাদের কাছে আমার নাম যেন অপবিত্র না হয় ও যাদের সামনে আমি তাদের মিশর থেকে বের করে এনে ইস্রায়েলীদের কাছে আমি আমার পরিচয় দিয়েছি।
10 इसलिए मैं उनको मुल्क — ए — मिस्र से निकालकर वीरान में लाया।
অতএব তাদের মিশর দেশ থেকে বের করে মরুভূমিতে আনলাম।
11 और मैंने अपने क़ानून उनको दिए और अपने हुक्मों को उनको सिखाए कि इंसान उन पर 'अमल करने से ज़िन्दा रहे।
আমি তাদের আমার নিয়ম দিলাম ও আমার আইনকানুন তাদের জানালাম, যে তা পালন করবে সে তার মধ্যে দিয়ে বাঁচবে।
12 और मैंने अपने सबत भी उनको दिए, ताकि वह मेरे और उनके बीच निशान हों; ताकि वह जानें कि मैं ख़ुदावन्द उनका पाक करने वाला हूँ।
আরও আমার ও তাদের মধ্যে চিহ্ন হিসেবে আমার বিশ্রাম দিনগুলি তাদের দিলাম যেন তারা জানতে পারে যে, আমি সদাপ্রভু তাদের পবিত্র করেছি।
13 लेकिन बनी — इस्राईल वीरान में मुझ से बाग़ी हुए, वह मेरे क़ानून पर न चले और मेरे हुक्मों को रद्द किया, जिन पर अगर इंसान 'अमल करे तो उनकी वजह से ज़िन्दा रहे, और उन्होंने मेरे सबतों को बहुत ही नापाक किया। तब मैंने कहा, कि मैं वीरान में अपना क़हर उन पर नाज़िल कर के उनको फ़ना करूँगा।
“‘কিন্তু ইস্রায়েলের লোকেরা মরুভূমিতে আমার বিরুদ্ধে বিদ্রোহ করল। তারা আমার নিয়ম অনুসারে চলেনি, আমার আইনকানুন অগ্রাহ্য করেছে যদিও তা পালন করলে মানুষ তার মধ্যে দিয়ে বাঁচবে এবং তারা আমার বিশ্রামবারকে ভীষণভাবে অপবিত্র করেছে। তখন আমি বলেছিলাম যে আমার ক্রোধ তাদের উপর ঢেলে দেব ও মরুভূমিতে তাদের ধ্বংস করব।
14 लेकिन मैंने अपने नाम की ख़ातिर ऐसा किया, ताकि वह उन क़ौमों की नज़र में जिनकी आँखों के सामने मैं उनको निकाल लाया नापाक न किया जाए।
কিন্তু আমার সুনাম রক্ষার জন্য আমি তা করিনি, যাতে যে জাতিদের সামনে আমি তাদের বের করে এনেছিলাম তাদের কাছে আমার নাম অপবিত্র না হয়।
15 और मैंने वीरान में भी उनसे क़सम खाई कि मैं उनको उस मुल्क में न लाऊँगा जो मैंने उनको दिया, जिसमें दूध और शहद बहता है और जो तमाम मुल्कों की शौकत है।
এছাড়া সেই মরুভূমিতে আমি হাত তুলে তাদের কাছে শপথ করেছিলাম তাদের যে দেশ দিয়েছি সেই দেশে নিয়ে যাব দুধ ও মধু প্রবাহিত দেশে, সেটি সব দেশের মধ্যে সুন্দর
16 क्यूँकि उन्होंने मेरे हुक्मों को रद्द किया और मेरे क़ानून पर न चले और मेरे सबतों को नापाक किया, इसलिए कि उनके दिल उनके बुतों के मुश्ताक़ थे।
কারণ তারা আমার আইনকানুন অগ্রাহ্য করেছে ও আমার নিয়ম অনুসারে চলেনি এবং আমার বিশ্রামবারকে অপবিত্র করেছে। কেননা তাদের অন্তর তাদের প্রতিমাগুলির অনুগত।
17 तोभी मेरी आँखों ने उनकी रि'आयत की और मैंने उनको हलाक न किया, और मैंने वीरान में उनको बिल्कुल बर्बाद — ओ — हलाक न किया।
তবুও আমি তাদের করুণার চোখে দেখে মরুভূমিতে তাদের একেবারে ধ্বংস করিনি।
18 और मैंने वीरान में उनके फ़र्ज़न्दों से कहा, तुम अपने बाप — दादा के क़ानून — ओ — हुक्मों पर न चलो और उनके बुतों से अपने आपको नापाक न करो।
আমি মরুভূমিতে তাদের সন্তানদের বললাম, “তোমাদের পূর্বপুরুষদের মতো চলো না, তাদের আইনকানুন রক্ষা কোরো না ও তাদের প্রতিমাগুলি দ্বারা নিজেদের অশুচি কোরো না।
19 मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ, मेरे क़ानून पर चलो और मेरे हुक्मों को मानो और उन पर 'अमल करो।
আমিই তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু; আমার নিয়মগুলি পালন করো ও আমার আইনকানুন রক্ষা করতে যত্ন নিও।
20 और मेरे सबतों को पाक जानो कि वह मेरे और तुम्हारे बीच निशान हों, ताकि तुम जानो कि मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ।
আমার বিশ্রামবার পবিত্র রেখো, যেন তা আমাদের মধ্যে চিহ্নস্বরূপ হয়। তখন তোমরা জানবে আমিই তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু।”
21 लेकिन फ़र्ज़न्दों ने भी मुझ से बग़ावत की; वह मेरे क़ानून पर न चले, न मेरे हुक्मों को मानकर उन पर 'अमल किया जिन पर अगर इंसान 'अमल करे तो उनकी वजह से ज़िन्दा रहे; उन्होंने मेरे सबतों को नापाक किया। तब मैंने कहा कि मैं अपना क़हर उन पर नाज़िल करूँगा और वीरान में अपने ग़ज़ब को उन पर पूरा करूँगा।
“‘তবুও সেই সন্তানেরা আমার বিরুদ্ধে বিদ্রোহ করল তারা আমার নিয়মগুলি পালন করেনি ও আমার আইনকানুন রক্ষা করতে যত্ন নেয়নি “যদিও তা পালন করলে মানুষ তার মধ্যে দিয়ে বাঁচবে” এবং তারা আমার বিশ্রামবারকে অপবিত্র করেছে। তখন আমি বলেছিলাম যে আমার ক্রোধ তাদের উপর ঢেলে দেব ও মরুভূমিতে আমার অসন্তোষ তাদের উপর ব্যয় করব।
22 तोभी मैंने अपना हाथ खींचा और अपने नाम की ख़ातिर ऐसा किया, ताकि वह उन क़ौमों की नज़र में जिनके देखते हुए मैं उनको निकाल लाया, नापाक न किया जाए।
কিন্তু আমি আমার হাত বাড়ালাম না, এবং আমার সুনাম রক্ষার জন্য আমি তা করিনি, যাতে যে জাতিদের সামনে আমি তাদের বের করে এনেছিলাম তাদের কাছে আমার নাম অপবিত্র না হয়।
23 फिर मैंने वीराने में उनसे क़सम खाई कि मैं उनको क़ौमों में आवारा और मुल्कों में तितर बितर करूँगा।
এছাড়া সেই মরুভূমিতে আমি হাত তুলে তাদের কাছে শপথ করেছিলাম যে আমি তাদের বিভিন্ন জাতি ও দেশের মধ্যে ছড়িয়ে-ছিটিয়ে দেব,
24 इसलिए कि वह मेरे हुक्मों पर 'अमल न करते थे, बल्कि मेरे क़ानून को रद्द करते थे और मेरे सबतों को नापाक करते थे, और उनकी आँखें उनके बाप — दादा के बुतों पर थीं।
কারণ তারা আইনকানুনের বাধ্য হয়নি অথচ নিয়মগুলি অগ্রাহ্য করেছে এবং আমার বিশ্রামবারকে অপবিত্র করেছে ও অগ্রাহ্য করেছে এবং তাদের চোখের লোলুপ দৃষ্টি ছিল তাদের পূর্বপুরুষদের পূজিত মূর্তির প্রতি।
25 इसलिए मैंने उनको बुरे क़ानून और ऐसे अहकाम दिए जिनसे वह ज़िन्दा न रहें;
যেসব নিয়ম ভালো না এবং যে আইনকানুন মধ্য দিয়ে তারা বাঁচতে পারবে না সেইসব তাদের দিলাম।
26 और मैंने उनको उन्हीं के हदियों से या'नी सब पहलौठों को आग पर से गुज़ार कर, नापाक किया ताकि मैं उनको वीरान करूँ और वह जानें कि ख़ुदावन्द मैं हूँ।
আমি তাদের উপহারকে অশুচি হতে দিলাম—তাদের প্রথমজাতকে উৎসর্গ যেন আমি আতঙ্কিত করতে পারি আর তারা জানতে পারবে যে আমিই সদাপ্রভু।’
27 इसलिए, ऐ आदमज़ाद, तू बनी इस्राईल से कलाम कर और उनसे कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि इसके 'अलावा तुम्हारे बाप — दादा ने ऐसे काम करके मेरी बुराई की और मेरा गुनाह करके ख़ताकार हुए;
“অতএব, হে মানবসন্তান, তুমি ইস্রায়েল কুলের সঙ্গে আলাপ করে তাদের বলো, ‘সার্বভৌম সদাপ্রভু এই কথা বলেন, তোমাদের পূর্বপুরুষেরা আমার প্রতি অবিশ্বস্ত হয়ে আমার নিন্দা করেছে
28 कि जब मैं उनको उस मुल्क में लाया जिसे उनको देने की मैंने क़सम खाई थी, तो उन्होंने जिस ऊँचे पहाड़ और जिस घने दरख़्त को देखा वहीं अपने ज़बीहों को ज़बह किया, और वहीं अपनी ग़ज़ब अंगेज़ नज़र को गुज़राना, और वहीं अपनी ख़ुशबू जलाई और अपने तपावन तपाए।
আমি তাদের যে দেশ দেব বলে প্রতিজ্ঞা করেছিলাম, সেই দেশে যখন তাদের নিয়ে এলাম আর তারা যে কোনও উঁচু পাহাড় বা ডালপালা ছড়ানো সবুজ গাছ দেখল সেখানে তারা তাদের পশুবলি দিত, আমার অসন্তোষ বাড়াতে সেখানে নৈবেদ্য দিত, সুগন্ধি ধূপ রাখত এবং পেয়-নৈবেদ্য ঢালত।
29 तब मैंने उनसे कहा, यह कैसा ऊँचा मक़ाम है जहाँ तुम जाते हो? और उन्होंने उसका नाम बामाह रख्खा जो आज के दिन तक है।
তখন আমি তাদের বললাম তোমরা যে উঁচু স্থানে উঠে যাও, ওটি কি?’” (আজ পর্যন্ত সেই জায়গাকে বামা বলে ডাকা হয়।)
30 'इसलिए, तू बनी — इस्राईल से कह, कि ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: क्या तुम भी अपने बाप — दादा की तरह नापाक होते हो? और उनके नफ़रत अंगेज़ कामों की तरह तुम भी बदकारी करते हो?
“অতএব ইস্রায়েল কুলকে বলো ‘সার্বভৌম সদাপ্রভু এই কথা বলেন তোমরা কি তোমাদের পূর্বপুরুষদের মতো করে নিজেদের অশুচি করবে এবং তাদের ঘৃণ্য মূর্তিগুলির প্রতি লালসা করবে?
31 और जब अपने हदिए चढ़ाते और अपने बेटों को आग पर से गुज़ार कर अपने सब बुतों से अपने आपको आज के दिन तक नापाक करते हो, तो ऐ बनी — इस्राईल क्या तुम मुझ से कुछ दरियाफ़्त कर सकते हो? ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है: मुझे अपनी हयात की क़सम, मुझ से कुछ दरियाफ़्त न कर सकोगे।
যখন তোমরা তোমাদের উপহার অর্পণ করো—তোমাদের সন্তানদের আগুনের মধ্য বলিদান করো—এই দিন পর্যন্ত তোমরা তোমাদের প্রতিমা দ্বারা নিজেদের অশুচি করছ। হে ইস্রায়েল কুল, আমি কি তোমাদের আমার কাছে অনুসন্ধান করতে দেব? এই কথা সার্বভৌম সদাপ্রভু বলেন, আমার জীবনের দিব্য, আমি তোমাদের আমার কাছে অনুসন্ধান করতে দেব না।
32 और वह जो तुम्हारे जी में आता है हरगिज़ वजूद में न आएगा, क्यूँकि तुम सोचते हो, 'तुम भी दीगर क़ौम — ओ — क़बाइल — ए — 'आलम की तरह लकड़ी और पत्थर की इबादत करोगे। ख़ुदावन्द सज़ा देता और मु'आफ़ भी करता है
“‘তোমরা বলে থাকো, “আমরা জগতের অন্যান্য জাতির লোকদের মতো হতে চাই যারা কাঠ ও পাথরের পূজা করে।” কিন্তু তোমাদের মনে যা আছে তা কখনও হবে না।
33 ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है: मुझे अपनी हयात की क़सम, मैं ताक़तवर हाथ से और बुलन्द बाज़ू से क़हर नाज़िल' कर के तुम पर सल्तनत करूँगा।
এই কথা সার্বভৌম সদাপ্রভু বলেন, আমার জীবনের দিব্য, আমার শক্তিশালী হাত ও বিস্তারিত বাহু বাড়িয়ে ক্রোধ ঢেলে তোমাদের উপরে রাজত্ব করব।
34 और मैं ताक़तवर हाथ और बुलन्द बाज़ू से क़हर नाज़िल' करके तुम को क़ौमों में से निकाल लाऊँगा, और उन मुल्कों में से जिनमें तुम तितर बितर हुए हो जमा' करूँगा।
আমার শক্তিশালী হাত ও বিস্তারিত বাহু বাড়িয়ে ক্রোধ ঢেলে—বিভিন্ন জাতির মধ্য থেকে আমি তোমাদের নিয়ে আসব এবং যেসব দেশে তোমাদের ছড়িয়ে দেওয়া হয়েছিল সেখান থেকে তোমাদের একত্র করব।
35 और मैं तुम को क़ौमों के वीराने में लाऊँगा और वहाँ आमने सामने तुम से हुज्जत करूँगा।
আমি তোমাদের জাতিদের মরুভূমিতে নিয়ে এসে সেখানে তোমাদের, মুখোমুখি হয়ে, বিচার করব।
36 जिस तरह मैंने तुम्हारे बाप — दादा के साथ मिस्र के वीरान में हुज्जत की, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, उसी तरह मैं तुम से भी हुज्जत करूँगा।
মিশর দেশের মরুভূমিতে আমি যেমন তোমাদের পূর্বপুরুষদের বিচার করেছিলাম, তেমনি তোমাদেরও বিচার করব, এই কথা সার্বভৌম সদাপ্রভু বলেন।
37 और मैं तुम को छड़ी के नीचे से गुज़ारूँगा और 'अहद के बन्द में लाऊँगा।
তোমরা যখন আমার লাঠির নিচ দিয়ে যাবে তখন আমি তোমাদের পরীক্ষা করব, আমার বিধানের বাঁধন দিয়ে আমি তোমাদের বাঁধব।
38 और मैं तुम में से उन लोगों को जो सरकश और मुझ से बाग़ी हैं, जुदाकरूँगा; मैं उनको उस मुल्क से जिसमें उन्होंने क़याम किया, निकाल लाऊँगा पर वह इस्राईल के मुल्क में दाख़िल न होंगे और तुम जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
তোমাদের মধ্যে যারা আমার বিরুদ্ধে থাকে ও বিদ্রোহ করে আমি তাদের দূর করে দেব। তারা যে দেশে বাস করত যদিও সেখান থেকে আমি তাদের বের করে আনব তবুও তারা ইস্রায়েল দেশে ঢুকতে পারবে না। তখন তোমরা জানবে যে, আমিই সদাপ্রভু।
39 और “तुम से ऐ बनी — इस्राईल, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है, कि जाओ और अपने अपने बुत की इबादत करो, और आगे को भी, अगर तुम मेरी न सुनोगे; लेकिन अपनी कु़र्बानियों और अपने बुतों से मेरे पाक नाम की बुराई न करोगे।
“‘হে ইস্রায়েল কুল, তোমাদের জন্য সার্বভৌম সদাপ্রভু এই কথা বলেন, তোমরা যাও আর প্রত্যেকে নিজের নিজের প্রতিমাগুলির সেবা করো! কিন্তু পরে আমার কথা তোমরা অবশ্যই শুনবে এবং তখন তোমরা তোমাদের উপহার ও প্রতিমা দিয়ে আমার পবিত্র নাম আর অপবিত্র করবে না।
40 'क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है कि मेरे पाक पहाड़ या'नी इस्राईल के ऊँचे पहाड़ पर तमाम बनी — इस्राईल, सब के सब मुल्क में मेरी इबादत करेंगे; वहाँ मैं उनको कु़बूल करूँगा, और तुम्हारी कु़र्बानियाँ और तुम्हारी नज़रों के पहले फल और तुम्हारी सब मुक़द्दस चीज़ें तलब करूँगा।
কারণ, তখন দেশের মধ্যে আমার পবিত্র পাহাড়ের উপরে, ইস্রায়েলের উঁচু পাহাড়ের উপরে, এই কথা সার্বভৌম সদাপ্রভু বলেন, ইস্রায়েলের সমস্ত লোক আমার সেবা করবে এবং সেখানে আমি তাদের গ্রহণ করব। সেখানে আমি তোমাদের সব পবিত্র নৈবেদ্য, দান ও ভালো ভালো উপহার দাবি করব।
41 जब मैं तुम को क़ौमों में से निकाल लाऊँगा और उन मुल्कों में से जिनमें मैंने तुम को तितर बितर किया जमा' करूँगा, तब मैं तुम को ख़ुशबू के साथ कु़बूल करूँगा और क़ौमों के सामने तुम मेरी तक़्दीस करोगे।
আমি যখন জাতিদের মধ্য থেকে তোমাদের বের করে আনব এবং যেসব দেশে তোমরা ছড়িয়ে পড়েছ সেখান থেকে একত্র করব তখন সুগন্ধি ধূপের মতো আমি তোমাদের গ্রহণ করব। আমার পবিত্রতা তোমাদের মধ্য দিয়ে প্রকাশিত হবে এবং সেটি সমস্ত জাতি দেখবে।
42 और जब मैं तुम को इस्राईल के मुल्क में या'नी उस सरज़मीन में जिसके लिए मैंने क़सम खाई कि तुम्हारे बाप — दादा को दूँ, ले आऊँगा तब तुम जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
আমি তোমাদের যে দেশ দেব বলে হাত তুলে তোমাদের পূর্বপুরুষদের কাছে শপথ করেছিলাম, সেই ইস্রায়েল দেশে যখন তোমাদের নিয়ে আসব, তখন তোমরা জানবে যে, আমিই সদাপ্রভু।
43 और वहाँ तुम अपने चाल चलन और अपने सब कामों को, जिनसे तुम नापाक हुए हो, याद करोगे और तुम अपनी तमाम बुराई की वजह से जो तुम ने की है, अपनी ही नज़र में घिनौने होगे।
সেখানে তোমাদের আগের আচার ব্যবহারের কথা ও যেসব কাজের দ্বারা তোমরা নিজেদের অশুচি করেছিলে তা মনে করবে এবং তোমাদের সমস্ত মন্দ কাজের জন্য নিজেরা নিজেদের ঘৃণা করবে।
44 ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, ऐ बनी — इस्राईल जब मैं तुम्हारे बुरे चाल चलन और बद — आ'माली के मुताबिक़ नहीं बल्कि अपने नाम के ख़ातिर तुम से सुलूक करूँगा, तो तुम जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।”
হে ইস্রায়েল কুল, সার্বভৌম সদাপ্রভু বলেন, আমি যখন তোমাদের মন্দ আচার-ব্যবহার ও মন্দ কাজ অনুসারে তোমাদের সঙ্গে ব্যবহার করব না, কিন্তু নিজের সুনাম রক্ষার জন্য তোমাদের সঙ্গে ভালো ব্যবহার করব, তখন তোমরা জানবে যে, আমিই সদাপ্রভু।’”
45 और ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
সদাপ্রভুর বাক্য আমার কাছে উপস্থিত হল,
46 कि 'ऐ आदमज़ाद, दक्खिन का रुख़ कर और दक्खिन ही से मुख़ातिब हो कर उसके मैदान के जंगल के ख़िलाफ़ नबुव्वत कर;
“হে মানবসন্তান, তোমার মুখ তুমি দক্ষিণ দিকে রেখে সেই দেশে বিরুদ্ধে কথা বলো এবং সেখানকার বনের বিরুদ্ধে ভবিষ্যদ্‌বাণী বলো।
47 और दक्खिन के जंगल से कह, ख़ुदावन्द का कलाम सुन, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: देख, मैं तुझ में आग भड़काऊँगा और वह हर एक हरा दरख़्त और हर एक सूखा दरख़्त जो तुझ में है, खा जाएगी; भड़कता हुआ शो'ला न बुझेगा और दक्खिन से उत्तर तक सबके मुँह उससे झुलस जाएँगे।
দক্ষিণের বনকে তুমি বলো ‘সদাপ্রভুর বাক্য শোনো। সার্বভৌম সদাপ্রভু এই কথা বলেন আমি তোমার মধ্যে আগুন জ্বালাব, আর তা তোমার সব কাঁচা ও শুকনো গাছপালা পুড়িয়ে ফেলবে। সেই গনগনে আগুন তৃপ্ত হবে না এবং দক্ষিণ থেকে উত্তর পর্যন্ত সমস্ত লোক তাতে ঝলসে যাবে।
48 और हर इंसान देखेगा कि मैं ख़ुदावन्द ने उसे भड़काया है, वह न बुझेगी।
প্রত্যেকে দেখবে যে আমি সদাপ্রভুই তা জ্বালিয়েছি; তা নিভবে না।’”
49 तब मैंने कहा, 'हाय ख़ुदावन्द ख़ुदा! वह तो मेरे बारे में कहते हैं, क्या वह मिसालें नहीं कहता?
তখন আমি বললাম, “হে সার্বভৌম সদাপ্রভু! তারা আমাকে বলছে, ‘সে কি কেবল দৃষ্টান্ত বলছে না?’”

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