< इस्त 17 >

1 तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के लिए कोई बैल या भेड़ — बकरी, जिसमें कोई 'ऐब या बुराई हो, ज़बह मत करना क्यूँकि यह ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा के नज़दीक मकरूह है।
তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর উদ্দেশে তোমরা এমন কোনও গরু কিংবা মেষ উৎসর্গ করবে না যার খুঁত আছে, কারণ তিনি তা ঘৃণা করেন।
2 'अगर तेरे बीच तेरी बस्तियों में जिनको ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तुझको दे, कहीं कोई मर्द या 'औरत मिले जिसने ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा के सामने यह बदकारी की हो कि उसके 'अहद को तोड़ा हो,
তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাদের যেসব নগর দেবেন তার যে কোনো একটির মধ্যে যদি কোনও পুরুষ কিংবা স্ত্রীলোক তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর দেওয়া বিধান অমান্য করে তাঁর দৃষ্টিতে যা মন্দ তা করে,
3 और जाकर और मा'बूदों की या सूरज या चाँद या अजराम — ए — फ़लक में से किसी की, जिसका हुक्म मैंने तुझको नहीं दिया, इबादत और परस्तिश की हो,
এবং আমার আদেশের বিরুদ্ধে গিয়ে অন্য দেবতাদের উপাসনা করে, তাদের কাছে কিংবা সূর্য, চাঁদ বা আকাশের তারাদের কাছে নত হয়,
4 और यह बात तुझको बताई जाए और तेरे सुनने में आए, तो तू जाँफ़िशानी से तहक़ीक़ात करना और अगर यह ठीक हो और कत'ई तौर पर साबित हो जाए कि इस्राईल में ऐसा मकरूह काम हुआ,
এবং তা তোমাদের জানানো হয়, তবে তোমরা তা ভালো করে তদন্ত করে দেখবে। যদি তা সত্যি হয় এবং এরকম ঘৃণিত কাজ ইস্রায়েলীদের মধ্যে করা হয়েছে বলে প্রমাণিত হয়,
5 तो तू उस मर्द या उस 'औरत को जिसने यह बुरा काम किया हो, बाहर अपने फाटकों पर निकाल ले जाना और उनको ऐसा संगसार करना कि वह मर जाएँ।
তবে যে পুরুষ বা স্ত্রীলোক এরকম জঘন্য কাজ করেছে তোমরা তাকে নগরের দ্বারের কাছে নিয়ে গিয়ে পাথর ছুঁড়ে মেরে ফেলবে।
6 जो वाजिब — उल — क़त्ल ठहरे वह दो या तीन आदमियों की गवाही से मारा जाए, सिर्फ़ एक ही आदमी की गवाही से वह मारा न जाए।
কোনও মানুষকে মেরে ফেলতে হলে দুই বা তিনজন সাক্ষীর কথার উপর নির্ভর করে তা করতে হবে, মাত্র একজন সাক্ষীর কথার উপর নির্ভর করে তা করবে না।
7 उसको क़त्ल करते वक़्त गवाहों के हाथ पहले उस पर उठे उसके बाद बाक़ी सब लोगों के हाथ, यूँ तू अपने बीच से शरारत को दूर किया करना।
তাকে মেরে ফেলবার জন্য সাক্ষীরাই প্রথমে পাথর ছুঁড়বে, তারপর অন্যান্য লোকেরা ছুঁড়বে। তোমাদের মধ্য থেকে দুষ্টতা শেষ করে দেবে।
8 अगर तेरी बस्तियों में कहीं आपस के ख़ून या आपस के दा'वे या आपस की मार पीट के बारे में कोई झगड़े की बात उठे, और उसका फ़ैसला करना तेरे लिए निहायत ही मुश्किल हो, तो तू उठ कर उस जगह जिसे ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा चुनेगा जाना।
যদি এমন সব মামলা তোমাদের আদালতে আসে যেগুলি বিচার করা তোমাদের পক্ষে কঠিন হয়ে দাঁড়ায়—সেটি রক্তপাত, বিবাদ অথবা আঘাতের কারণে—তবে সেই মামলা নিয়ে সদাপ্রভুর মনোনীত জায়গায় যাবে।
9 और लावी काहिनों और उन दिनों के क़ाज़ियों के पास पहुँच कर उनसे दरियाफ़्त करना, और वह तुझको फ़ैसले की बात बताएँगे;
লেবীয় যাজকের এবং সেই সময় যে বিচারের দায়িত্বে থাকবে তাদের কাছে যাবে। তোমরা তাদের কাছে জিজ্ঞাসা করবে এবং তারা রায় দেবে।
10 और तू उसी फ़ैसले के मुताबिक़ जो वह तुझको उस जगह से जिसे ख़ुदावन्द चुनेगा बताए 'अमल करना। जैसा वह तुमको सिखाएँ उसी के मुताबिक़ सब कुछ एहतियात करके मानना।
সদাপ্রভুর মনোনীত জায়গায় তারা যে রায় দেবে, তোমরা সেই অনুযায়ী কাজ করবে। তবে সাবধান, তারা তোমাদের যা যা করতে বলবে তোমরা তার সবই করবে।
11 शरी'अत की जो बात वह तुझको सिखाएँ और जैसा फ़ैसला तुझको बताएँ, उसी के मुताबिक़ करना और जो कुछ फ़तवा वह दें उससे दहने या बाएँ न मुड़ना।
তোমাদের তারা যা শিক্ষা দেবে এবং যে রায় দেবে সেইমতোই তোমরা কাজ করবে। তারা তোমাদের যা বলবে সেই অনুযায়ী করবে, ডানদিকে বা বাঁদিকে ফিরবে না।
12 और अगर कोई शख़्स गुस्ताख़ी से पेश आए कि उस काहिन की बात, जो ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा के सामने ख़िदमत के लिए खड़ा रहता है या उस क़ाज़ी का कहा न सुने, तो वह शख़्स मार डाला जाए और तू इस्राईल में से ऐसी बुराई को दूर कर देना।
যদি কেউ বিচারকের কথা কিংবা তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর সেবাকারী সেই যাজকের কথা অবজ্ঞা করে তবে তাকে মেরে ফেলবে। ইস্রায়েলের মধ্যে থেকে দুষ্টতা তোমাদের শেষ করতে হবে।
13 और सब लोग सुन कर डर जाएँगे और फिर गुस्ताख़ी से पेश नहीं आएँगे।
সমস্ত লোক সেই কথা শুনে ভয় পাবে, এবং আর অবজ্ঞা দেখাবে না।
14 जब तू उस मुल्क में जिसे ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तुझको देता है पहुँच जाये, और उस पर क़ब्ज़ा कर के वहाँ रहने और कहने लगे, कि उन क़ौमों की तरह जो मेरे चारों तरफ़ हैं मैं भी किसी को अपना बादशाह बनाऊँ।
তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু যে দেশটি তোমাদের দিতে যাচ্ছেন সেখানে গিয়ে তা অধিকার করে যখন তোমরা সেখানে বসবাস করতে থাকবে এবং বলবে, “আমাদের নিকটবর্তী জাতিগুলির মতো এসো, আমরা আমাদের জন্য একজনকে রাজা হিসেবে বেছে নিই,”
15 तो तू बहरहाल सिर्फ़ उसी को अपना बादशाह बनाना जिसको ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा चुन ले, तू अपने भाइयों में से ही किसी को अपना बादशाह बनाना, और परदेसी को जो तेरा भाई नहीं अपने ऊपर हाकिम न कर लेना।
তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু যাকে ঠিক করে দেবেন তাকেই তোমরা নিশ্চয় করে তোমাদের রাজা করবে। সে যেন তোমাদের ইস্রায়েলী ভাইদের মধ্যে একজন হয়। যে ইস্রায়েলী নয়, এমন কোনও বিদেশিকে তোমাদের উপরে রাজা করবে না
16 इतना ज़रूर है कि वह अपने लिए बहुत घोड़े न बढ़ाए, और न लोगों को मिस्र में भेजे ताकि उसके पास बहुत से घोड़े हो जाएँ, इसलिए कि ख़ुदावन्द ने तुमसे कहा है कि तुम उस राह से फिर कभी उधर न लौटना।
সেই রাজা যেন নিজের জন্য অনেক ঘোড়া জোগাড় না করে কিংবা আরও ঘোড়া আনার জন্য মিশরে ফেরত না পাঠায়, কেননা সদাপ্রভু তোমাদের বলেছেন, “তোমরা ওই পথে আর ফিরে যাবে না।”
17 और वह बहुत सी बीवियाँ भी न रख्खे ऐसा न हो कि उसका दिल फिर जाए, और न वह अपने लिए सोना चाँदी ज़ख़ीरा करे।
তার যেন অনেক স্ত্রী না থাকে, তাতে তার মন বিপথে যাবে। সে যেন প্রচুর পরিমাণে সোনা এবং রুপো জমা না করে।
18 और जब वह तख़्त — ए — सल्तनत पर बैठा करे तो उस शरी'अत की जो लावी काहिनों के पास रहेगी, एक नक़ल अपने लिए एक किताब में उतार ले।
সে যখন নিজের সিংহাসনে বসবে তখন সে যেন নিজের জন্য গোটানো পুঁথিতে এই বিধানের কথাগুলি লিখে রাখে, যেটি লেবীয় যাজকদের বিধানের অনুলিপি।
19 और वह उसे अपने पास रख्खे और अपनी सारी उम्र उसको पढ़ा करे, ताकि वह ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा का ख़ौफ़ मानना और उस शरी'अत और आईन की सब बातों पर 'अमल करना सीखे;
সেটি তার কাছে থাকবে, এবং সারা জীবন তাকে সেটি পড়তে হবে যাতে সে তার ঈশ্বর সদাপ্রভুকে ভক্তিপূর্ণ ভয় করতে শেখে এবং এই বিধানের সমস্ত কথা ও অনুশাসনের কথাগুলি মেনে চলে
20 जिससे उसके दिल में ग़ुरूर न हो कि वह अपने भाइयों को हक़ीर जाने, और इन अहकाम से न तो दहने न बाएँ मुड़े; ताकि इस्राईलियों के बीच उसकी और उसकी औलाद की सल्तनत ज़माने तक रहे।
এবং নিজেকে অন্যান্য ইস্রায়েলী ভাইদের থেকে ভালো মনে না করে আর সেই বিধানের ডানদিকে বা বাঁদিকে সরে না যায়। তাহলে সে এবং তার বংশধরেরা ইস্রায়েলের উপরে বহুদিন রাজত্ব করতে পারবে।

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