< आमू 8 >

1 ख़ुदावन्द ख़ुदा ने मुझे ख़्वाब दिखाया, और क्या देखता हूँ कि ताबिस्तानी मेवों की टोकरी है।
Also ließ mich der Herr, Jehova, sehen: Siehe, ein Korb mit reifem Obst.
2 और उसने फ़रमाया, ऐ 'आमूस, तू क्या देखता है? मैंने 'अर्ज़ की, ताबिस्तानी मेवों की टोकरी। तब ख़ुदावन्द ने मुझे फ़रमाया कि मेरी क़ौम इस्राईल का वक़्त आ पहुँचा है; अब मैं उससे दरगुज़र न करूँगा।
Und er sprach: Was siehst du, Amos? Und ich sprach: Einen Korb mit reifem Obst. Und Jehova sprach zu mir: Das Ende ist über mein Volk Israel gekommen, ich werde fortan nicht mehr schonend an ihm vorübergehen.
3 और उस वक़्त हैकल के नग़मे नौहे हो जायेंगे, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता, बहुत सी लाशें पड़ी होंगी वह चुपके — चुपके उनको हर जगह निकाल फेकेंगे।
Und die Gesänge des Palastes werden sich in Geheul verwandeln an jenem Tage, spricht der Herr, Jehova. Leichen in Menge, aller Orten hat er sie hingeworfen... Still!
4 तुम जो चाहते हो कि मुहताजों को निगल जाओ, और ग़रीबों को मुल्क से हलाक करो,
Höret dieses, die ihr nach dem Dürftigen schnaubet und nach der Vernichtung der Sanftmütigen im Lande, und sprechet:
5 और ऐफ़ा को छोटा और मिस्क़ाल को बड़ा बनाते, और फ़रेब की तराजू से दग़ाबाज़ी करते, और कहते हो, कि नये चाँद का दिन कब गुज़रेगा, ताकि हम ग़ल्ला बेचें, और सबत का दिन कब ख़त्म होगा के गेहूँ के खत्ते खोलें,
Wann ist der Neumond vorüber, daß wir Getreide verkaufen, und der Sabbath, daß wir die Kornspeicher auftun; um das Epha zu verkleinern und den Sekel zu vergrößern und die Waage des Betrugs zu fälschen;
6 ताकि ग़रीब को रुपये से और मुहताज को एक जोड़ी जूतियों से ख़रीदें, और गेहूँ की फटकन बेचें, ये बात सुनो,
um die Armen für Geld, und den Dürftigen um ein Paar Schuhe zu kaufen; und damit wir den Abfall des Korns verkaufen?
7 ख़ुदावन्द ने या'क़ूब की हश्मत की क़सम खाकर फ़रमाया है: “मैं उनके कामों में से एक को भी हरगिज़ न भूलूँगा।
Jehova hat geschworen bei dem Stolze Jakobs: Wenn ich alle ihre Werke vergessen werde ewiglich!
8 क्या इस वजह से ज़मीन न थरथराएगी, और उसका हर एक बाशिंदा मातम न करेगा? हाँ, वह बिल्कुल दरिया-ए-नील की तरह उठेगी और रोद — ए — मिस्र की तरह फैल कर फिर सुकड़ जाएगी।”
Sollte das Land darob nicht erbeben, und jeder, der darin wohnt, nicht trauern? Und es wird insgesamt emporsteigen wie der Nil, und aufwogen und zurücksinken wie der Strom Ägyptens.
9 और ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, उस रोज़ आफ़ताब दोपहर ही को ग़ुरूब हो जाएगा और मैं रोज़ — ए — रोशन ही में ज़मीन को तारीक कर दूँगा।
Und es wird geschehen an jenem Tage, spricht der Herr, Jehova, da werde ich die Sonne untergehen lassen am Mittag und Finsternis über die Erde bringen am lichten Tage.
10 तुम्हारी 'ईदों को मातम से और तुम्हारे नामों को नौहों से बदल दुँगा, और हर एक की कमर पर टाट बँधवाऊँगा और हर एक के सिर पर चँदलापन भेजूँगा और ऐसा मातम खड़ा करूँगा जैसा इकलौते बेटे पर होता है और उसका अंजाम रोज़ — ए — तल्ख़ सा होगा।
Und ich werde eure Feste in Trauer verwandeln und alle eure Gesänge in Klagelieder, und werde auf alle Lenden Sacktuch und auf jedes Haupt eine Glatze bringen; und ich werde es machen gleich der Trauer um den Eingeborenen, und das Ende davon wie einen bitteren Tag. -
11 ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, देखो, वह दिन आते हैं कि मैं इस मुल्क में क़हत डालूँगा न पानी की प्यास और न रोटी का क़हत, बल्कि ख़ुदावन्द का कलाम सुनने का।
Siehe, Tage kommen, spricht der Herr, Jehova, da werde ich einen Hunger in das Land senden, nicht einen Hunger nach Brot und nicht einen Durst nach Wasser, sondern die Worte Jehovas zu hören.
12 तब लोग समन्दर से समन्दर तक और उत्तर से पूरब तक भटकते फिरेंगे, और ख़ुदावन्द के कलाम की तलाश में इधर उधर दौड़ेंगे लेकिन कहीं न पाएँगे।
Und sie werden umherschweifen von Meer zu Meer und vom Norden bis zum Osten; sie werden umherlaufen, um das Wort Jehovas zu suchen, und werden es nicht finden.
13 और उस रोज़ हसीन कुँवारियाँ और जवान मर्द प्यास से बेताब हो जाएँगे।
An jenem Tage werden die schönen Jungfrauen und die Jünglinge vor Durst verschmachten,
14 जो सामरिया के बुत की क़सम खाते हैं, और कहते हैं, 'ऐ दान, तेरे मा'बूद की क़सम' और 'बैर सबा' के तरीक़े की क़सम,' वह गिर जाएँगे और फिर हरगिज़ न उठेंगे।
die da schwören bei der Schuld Samarias und sprechen: So wahr dein Gott lebt, Dan! und: So wahr der Weg nach Beerseba lebt! Und sie werden fallen und nicht mehr aufstehen.

< आमू 8 >