< आमू 1 >

1 तक़ू'अ के चरवाहों में से 'आमूस का कलाम, जो उस पर शाह — ए — यहूदाह उज़्ज़ियाह और शाह — ए — इस्राईल युरब'आम — बिन — यूआस के दिनों में इस्राईल के बारे में भौंचाल से दो साल पहले ख़्वाब में नाज़िल हुआ।
Palabras de Amós, de los pastores de Tecoa, (o sea), visiones que tuvo en orden a Israel, en los días de Ocías, rey de Judá, y en los días de Jeroboam, hijo de Joás, rey de Israel; dos años antes del terremoto.
2 उसने कहा: “ख़ुदावन्द सिय्यून से नारा मारेगा और येरूशलेम से आवाज़ बलन्द करेगा; और चरवाहों की चरागाहें मातम करेंगी, और कर्मिल की चोटी सूख जायेगी।”
Dijo: “Ruge Yahvé desde Sión, desde Jerusalén hace oír su voz; estarán de luto los pastos de los pastores, y se secará la cumbre del Carmelo.”
3 ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि “दमिश्क़ के तीन बल्कि चार गुनाहों की वजह से मैं उसको बेसज़ा न छोड़ूँगा, क्यूँकि उन्होंने जिलआद को ख़लीहान में दाउने के आहनी औज़ार से रौंद डाला है।
Así dice Yahvé: “Por tres pecados de Damasco, y por cuatro, no le doy perdón: Porque trillaron a Galaad con trillos de hierro,
4 और मैं हज़ाएल के घराने में आग भेजूँगा, जो बिन — हदद के क़स्रों को खा जाएगी।
enviaré fuego contra la casa de Hazael, que consumirá los palacios de Benhadad,
5 और मैं दमिश्क़ का अड़बंगा तोड़ूँगा और वादी — ए — आवन के बाशिंदों और बैत — 'अदन के फ़रमाँरवाँ को काट डालूँगा और अराम के लोग ग़ुलाम होकर क़ीर को जाएँगे, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
quebraré los cerrojos de Damasco, extirparé del valle de Avén a los habitantes y de Bet-Edén a aquel que empuña el cetro; y el pueblo de Siria irá cautivo a Kir”, dice Yahvé.
6 ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि ग़ज़्ज़ा के तीन बल्कि चार गुनाहों की वजह से मैं उसको बेसज़ा न छोड़ूँगा, क्यूँकि वह सब लोगों को ग़ुलाम करके ले गए ताकि उनको अदोम के हवाले करें।
Así dice Yahvé: “Por tres pecados de Gaza, por cuatro, no le doy perdón: Porque se llevaron muchedumbres de cautivos para entregarlos a Edom,
7 इसलिए मैं ग़ज़्ज़ा की शहरपनाह पर आग भेजूँगा, जो उसके क़स्रों को खा जाएगी।
enviaré fuego contra los muros de Gaza, que devorará sus palacios;
8 और अशदूद के बाशिन्दों और अस्क़लोन के फ़रमाँरवाँ को काट डलूँगा और अक़रून पर हाथ चलाऊँगा और फ़िलिस्तियों के बाक़ी लोग बर्बाद हो जायेंगे। ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
exterminaré de Azoto a los habitantes, y de Ascalón al que empuña el cetro; volveré mi mano contra Acarón, y perecerá el resto de los filisteos”, dice Yahvé, el Señor.
9 ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि सूर के तीन बल्कि चार गुनाहों की वजह से मैं उसको बेसज़ा न छोड़ूँगा, क्यूँकि उन्होंने सब लोगों को अदोम के हवाले किया और बिरादराना 'अहद को याद न किया।
Así dice Yahvé: “Por tres pecados de Tiro, y por cuatro, no le doy perdón: Porque entregaron a Edom muchedumbres de cautivos, y no se acordaron de la fraternal alianza,
10 इसलिए मैं सूर की शहरपनाह पर आग भेजूँगा, जो उसके क़स्रों को खा जाएगी।”
enviaré fuego contra los muros de Tiro, que devorará sus palacios.”
11 ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि अदोम के तीन बल्कि चार गुनाहों की वजह से मैं उसको बेसज़ा न छोड़ूँगा, क्यूँकि उसने तलवार लेकर अपने भाई को दौड़ाया और रहमदिली को छोड़ दिया और उसका क़हर हमेशा फाड़ता रहा और उसका ग़ज़ब ख़त्म न हुआ।
Así dice Yahvé: “Por tres pecados de Idumea, y por cuatro, no le doy perdón: Porque persiguió, espada en mano, a su hermano, ahogando la compasión, y porque en su ira no dejó de destrozar, guardando para siempre su rencor,
12 इसलिए मैं तेमान पर आग भेजूँगा, और वह बुसराह के क़स्रों को खा जाएगी।
enviaré fuego contra Temán, que devorará los palacios de Bosra.”
13 ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि बनी 'अम्मोन के तीन बल्कि चार गुनाहों की वजह से मैं उसको बेसज़ा न छोडूँगा, क्यूँकि उन्होंने अपनी हुदूद को बढ़ाने के लिए जिलआद की बारदार 'औरतों के पेट चाक किए।
Así dice Yahvé: “Por tres pecados de los ammonitas, y por cuatro, no les doy perdón: Porque para extender sus términos rajaron a las encintas de Galaad,
14 इसलिए मैं रब्बा की शहरपनाह पर आग भड़काऊँगा, जो उसके क़स्रों को लड़ाई के दिन ललकार और आँधी के दिन गिर्दबाद के साथ खा जाएगी;
encenderé un fuego sobre los muros de Rabbá, que devorará sus palacios, entre los alaridos del día de la batalla, en medio del torbellino en el día de la tempestad;
15 और उनका बादशाह बल्कि वह अपने हाकिमों के साथ ग़ुलाम होकर जाएगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
y su rey irá al cautiverio, él y sus príncipes juntamente”, dice Yahvé.

< आमू 1 >