< आमाल 21 >

1 जब हम उनसे बमुश्किल जुदा हो कर जहाज़ पर रवाना हुए, तो ऐसा हुआ की सीधी राह से कोस टापू में आए, और दूसरे दिन रूदुस में, और वहाँ से पतरा शहर में।
ହେୱାର୍‌ତାଂ ହେଲ ଅସି ଆପେଂ ଜାଜ୍‌ତ ଦୁମ୍‌ଜି ହାଣ୍‍କୁ ହାଜ଼ିତ କସ୍‌ତ ୱାତାପ୍, ଆର୍କାତ୍‌ ନାଜିଂ ରଦାତ, ଆରେ ହେ କାଟାକାଟା ହାଲ୍‌ଜି ପାତାର୍‌ତ ୱାତାପ୍ ।
2 फिर एक जहाज़ सीधा फ़ीनिके को जाता हुआ मिला, और उस पर सवार होकर रवाना हुए।
ହେବେତାଂ ଆପେଂ ପୈନିକିଆତ ନାସି ହାଲ୍‍ଜି ମାନି ର ଜାଜ୍‌ ଗାଟାଜ଼ି ଆପେଂ ହେବେ ଦୁମ୍‌ଜି ଚାଲାତାପ୍ ।
3 जब कुप्रुस शहर नज़र आया तो उसे बाएँ हाथ छोड़कर सुरिया को चले, और सूर शहर में उतरे, क्यूँकि वहाँ जहाज़ का माल उतारना था।
ପାଚେ କୁପ୍ର ହୁଡ଼୍‍ୱିତିଲେ ଆପେଂ ଡେବ୍ରି ବାଗାଙ୍ଗ୍‌ ପିସ୍ତି ସିରିୟାତ ଚାଲାଜ଼ି ଟାୟର୍‌ ଇକାତାପ୍‌, ଇନାକିଦେଂକି ହେବେ ଜାଜ୍‌ତାଂ ଜିନିସ୍‍ ଜୁତ୍‌ନାକା ମାଚାତ୍‌ ।
4 जब शागिर्दों को तलाश कर लिया तो हम सात रोज़ वहाँ रहे; उन्हों ने रूह के ज़रिए पौलुस से कहा, कि येरूशलेम में क़दम न रखना।
ହେବେତାଂ ଚେଲାରିଂ ଡେକ୍‌ଚି ହେୱାରିଂ ବେଟା ଆଜ଼ି ସାତ୍‌ ଦିନ୍‌ ହେବେ ମାଚାପ୍‍, ଆରେ, ପାଉଲ୍‌ ଇନେସ୍‌କି ଜିରୁସାଲମ୍‌ତ ହାଲୁନ୍‍, ଇଦାଂ କାଜିଂ ହେୱାର୍‌ ଜିବୁନ୍‌ତାଂ ହେୱାନିଂ ଇଚାର୍‌ ।
5 और जब वो दिन गुज़र गए, तो ऐसा हुआ कि हम निकल कर रवाना हुए, और सब ने बीवियों बच्चों समेत हम को शहर से बाहर तक पहुँचाया। फिर हम ने समुन्दर के किनारे घुटने टेककर दुआ की।
ହେ ସାତ୍‌ ଦିନ୍‌ ମାଚି ପାଚେ ହେ ବାହାତାଂ ହାଚାପ୍, ଆରେ ହେୱାର୍‌ ୱିଜ଼ାର୍‌ କଗ୍‌ଲେ ଆରି ହିମ୍‍ଣାୱାକ୍‌ଡ଼ା ହୁକେ ମାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ଗାଡ଼୍‌ନି ବାର୍ତ ପାତେକ୍‌ ମାଙ୍ଗେଙ୍ଗ୍‌ ପିସ୍ତେଙ୍ଗ୍‌ ୱାତାର୍, ଆରେ, ଆପେଂ ହାମ୍‍ଦୁର୍‌ ଗୁଟିତ ମେଣ୍ଡାଙ୍ଗ୍‌କୁନ୍ଦି କିଜ଼ି ପାର୍ତାନା କିତାପ୍,
6 और एक दूसरे से विदा होकर हम तो जहाज़ पर चढ़े, और वो अपने अपने घर वापस चले गए।
ପାଚେ ଆପେଂ ଜାଜ୍‌ତ ଦୁମ୍‍ତାପ୍, ଆରେ ହେୱାର୍‌ ଇଞ୍ଜ ମାସ୍‌ଦି ହାଚାର୍‌ ।
7 और हम सूर से जहाज़ का सफ़र पूरा कर के पतुलिमयिस सूबा में पहुँचे, और भाइयों को सलाम किया, और एक दिन उनके साथ रहे।
ଆପେଂ ଟାୟର୍‌ତାଂ ଏସ୍‌ଜାଜ୍‌ତାଂ ହାନାକା ୱିସ୍ତି ପାତଲ୍‌ମାଇତ ଏକାତାପ୍ ଆରି ଟଣ୍ଡାର୍‌ରିଂ ଜୱାର୍‌ କିଜ଼ି ର ଦିନ୍‌ ହେୱାର୍‌ ହୁକେ ମାଚାପ୍‌ ।
8 दूसरे दिन हम रवाना होकर क़ैसरिया में आए, और फ़िलिप्पुस मुबश्शिर के घर जो उन सातों में से था, उतर कर उसके साथ रहे,
ଆର୍କାତ୍‌ ନାଜିଂ ଆପେଂ କାଇସରିୟାତ ହାଚାପ୍, ଆରେ ସାତ୍‌ ଜାଣ୍‍ତି ବିତ୍ରେ ମାନି ନେକ୍ରିକାବୁର୍‌ ପର୍‌ଚାର୍‌ କିନାକାନ୍‌ ପିଲିପ୍‌ତି ଇଞ୍ଜ ହଣ୍‌ଜି ହେୱାନ୍‌ ହୁକେ ମାଚାପ୍ ।
9 उस की चार कुँवारी बेटियाँ थीं, जो नबुव्वत करती थीं।
ହେୱେକ୍‌ ଚାରି ଜାଣ୍‌ ଜିପଲିକ୍‌ ଗାଡ଼୍‌ଚେକ୍‌, ବେଣ୍‌ବାକ୍‌ଣାୟ୍‌କିନିକିକ୍‌ ମାଚିକ୍‌ ।
10 जब हम वहाँ बहुत रोज़ रहे, तो अगबुस नाम एक नबी यहूदिया से आया।
ହେ ବାହାତ ଆପେଂ ବେସି ଦିନ୍‌ ମାଚି ପାଚେ ଆଗାବ ତର୍‌ନି ରୱାନ୍‌ ବେଣ୍‌ବାକ୍‌ଣାୟ୍‌କିନାକାର୍‌ ଜିହୁଦା ରାଜିତାଂ ୱାତାନ୍ ।
11 उस ने हमारे पास आकर पौलुस का कमरबन्द लिया और अपने हाथ पाँव बाँध कर कहा, रूह — उल — क़ुद्दूस यूँ फ़रमाता है “कि जिस शख़्स का ये कमरबन्द है उस को यहूदी येरूशलेम में इसी तरह बाँधेगे और ग़ैर क़ौमों के हाथ में सुपुर्द करेंगे।”
ହେୱାନ୍‌ ମା ଲାଗାୟ୍‌ ୱାଜ଼ି ପାଉଲ୍‌ତି ମ୍ଡେଙ୍ଗାଙ୍ଗ୍‌ ଗାଚ୍‌ୟାନାକା ଡରି ଅଜ଼ି ଜାର୍‌ କେଇଦ ଗାଚ୍‌ଚି ଇଚାନ୍, “ପୁଇପୁୟା ଜିବୁନ୍‌ ଇଦାଂ ଇନାନ୍‌, ଇ ମ୍ଡେଙ୍ଗାଙ୍ଗ୍‌ ଗାଚ୍‌ୟାତି ବେଲ୍‌ଟ୍‌ ମୁଣିକାତିଂ ଜିରୁସାଲମ୍‌ ନିକାର୍‌ ଜିହୁଦିର୍‌ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଗାଚ୍‌ଚି ପାର୍ତିକିୱି ଜିହୁଦିର୍‌ କେଇଦ ହେଲାୟ୍‌ କିତାର୍‌ ।”
12 जब ये सुना तो हम ने और वहाँ के लोगों ने उस की मिन्नत की, कि येरूशलेम को न जाए।
ଇ ୱିଜ଼ୁ କାତା ୱେନ୍‌ଞ୍ଜି ଜିରୁସାଲମ୍‌ତ ହାଲ୍‌ୱି କାଜିଂ ଆପେଂ ଆରି ହେ ବାହାନି ଲକୁ ତାଙ୍ଗ୍‌ ଗୱାରି କିତାପ୍ ।
13 मगर पौलुस ने जवाब दिया, कि तुम क्या करते हो? क्यूँ रो रो कर मेरा दिल तोड़ते हो? में तो येरूशलेम में ख़ुदावन्द ईसा मसीह “के नाम पर न सिर्फ़ बाँधे जाने बल्कि मरने को भी तैयार हूँ।”
ହେବେ ପାଉଲ୍‌ ଉତର୍‌ ହିତାନ୍‌, “ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଆଡ଼୍‌ବିସ୍‌ ଆରି ମାନ୍ତ କସ୍ଟ ହିଜ଼ି ଇନାକା କିନାଦେରା? ଇନାକିଦେଂକି ଆନ୍‌ ମାପ୍ରୁ ଜିସୁତି ତର୍‌ କାଜିଂ ଜିରୁସାଲମ୍‌ତ କେବଲ୍‌ ଗାଚ୍ୟା ଆଦେଂ ଜାଲ୍‌ଦି, ହେଦାଂ ଆକାୟ୍‌, ମତର୍‌ ହାଦେଂ ପା ଜାଲ୍‌ଦି ମାନାଂ ।”
14 जब उस ने न माना तो हम ये कह कर चुप हो गए “कि ख़ुदावन्द की मर्ज़ी पूरी हो।”
ଆପେଂ ହେୱାରିଂ ବୁଜାୟ୍‌ କିକିୟ୍‌ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଆଡ୍‌ୱାଦାଂ ହେବେ ରିସା ଆଜ଼ି ଇଚାପ୍‌, “ମାପ୍ରୁତି ଇଚା ପୁରା ଆୟେତ୍‌ ।”
15 उन दिनों के बाद हम अपने सफ़र का सामान तैयार करके येरूशलेम को गए।
ଆପେଂ ଇ କେତେକ୍‌ ଦିନ୍‌ ପାଚେ ଆଡ଼୍‌ମାଡ଼୍‌ ଅଜ଼ି ଜିରୁସାଲମ୍‌ତ ଚାଲାତାପ୍ ।
16 और क़ैसरिया से भी कुछ शागिर्द हमारे साथ चले और एक पुराने शागिर्द मनासोन कुप्रीस के रहने वाले को साथ ले आए, ताकि हम उस के मेहमान हों।
ଆରେ, ମା ହାଙ୍ଗ୍‌ଦାଂ କାଇସରିୟାତ ପା କେତେକ୍‌ ଜାଣ୍‌ ଚେଲାର୍‌ ହାଚାର୍‌, ହେୱାର୍‌ ସାଇପ୍ରସ୍‌ ମନାସୋନ ତର୍‌ନି ରୱାନ୍‌ ପ୍ଡାନି ଚେଲାଂ ହାଙ୍ଗ୍‌ଦାଂ ତାହିୱାତାର୍‌, ହେୱାନ୍ତି ଇଞ୍ଜ ମାଦାଂ ମାନାକା ମାଚାତ୍‌ ।
17 जब हम येरूशलेम में पहुँचे तो ईमानदार भाई बड़ी ख़ुशी के साथ हम से मिले।
ଆପେଂ ଜିରୁସାଲମ୍‌ତ ଏକିତିଲେ, ପାର୍ତି କିନି ଟଣ୍ଡାର୍‌ ମାଂ ୱାରିତାଂ ଇଡ୍‌ଦାତାର୍ ।
18 और दूसरे दिन पौलुस हमारे साथ या'क़ूब के पास गया, और सब बुज़ुर्ग वहाँ हाज़िर थे।
ଆର୍କାତ୍‌ ନାଜିଂ ପାଉଲ୍‌ ମାହୁଦାଂ ଜାକୁବ୍‌ ଇଞ୍ଜ ହାଚାନ୍‌, ଆରେ ହେ ବାହାତ ୱିଜ଼ାର୍‌ ପ୍ରାଚିନାର୍‌ ରୁଣ୍ଡାତାର୍ ।
19 उस ने उन्हें सलाम करके जो कुछ ख़ुदा ने उस की ख़िदमत से ग़ैर क़ौमों में किया था, एक एक कर के बयान किया।
ହେୱାନ୍‌ ହେୱାରିଂ ଜୱାର୍‌ କିତି ପାଚେ, ଇସ୍ୱର୍‌ ପାର୍ତିକିୱି ଜିହୁଦିର୍‌ ବିତ୍ରେ ଇମ୍‌ଣି ସବୁ କାମାୟ୍‌ ହେୱାନ୍ତି ହେବା କାଜିଂ ସାଦନ୍‌ କିଜ଼ି ମାଚାନ୍‌ ରଞ୍ଜାଙ୍ଗ୍‌ ରଞ୍ଜାଙ୍ଗ୍‌ କିଜ଼ି ହେ ସବୁ ହେୱାର୍‌ ଲାଗାଂ ୱେଚ୍‌ଚି ମାଚାନ୍‌ ।
20 उन्होंने ये सुन कर ख़ुदा की तारीफ़ की फिर उस से कहा, ऐ भाई तू देखता है, कि यहूदियों में हज़ारों आदमी ईमान ले आए हैं, और वो सब शरी'अत के बारे में सरगर्म हैं।
ହେୱାର୍‌ ହେଦାଂ ୱେନ୍‌ଞ୍ଜି ଇସ୍ୱର୍‌ତିଂ ଜାଜ୍‌ମାଲ୍‌ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାର୍‌, ଆରେ ତାଙ୍ଗ୍‌ ଇଚାର୍‌, “ଏ ଟଣ୍ଡେନ୍‌, ଜିହୁଦିର୍‌ତି ବିତ୍ରେ ଜେ ଏଚେକ୍‌ ହାଜାର୍‌ ପାର୍ତି କିନାର୍‌, ଇଦାଂ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ହୁଡ଼୍‌ନାଦେରା, ହେ ୱିଜ଼ୁ ମସାତି ବିଦି ପାକ୍ୟାତ ଆଗେ ।
21 और उन को तेरे बारे में सिखा दिया गया है, कि तू ग़ैर क़ौमों में रहने वाले सब यहूदियों को ये कह कर मूसा से फिर जाने की ता'लीम देता है, कि न अपने लड़कों का ख़तना करो न मूसा की रस्मों पर चलो।
ଆରେ, ପାର୍ତିକିୱି ଜିହୁଦିର୍‌ ବିତ୍ରେ ବାହା କିନାକାର୍ ୱିଜ଼ାର୍‌ ଜିହୁଦିରିଂ ଜାର୍‌ ଜାର୍‌ ହିମ୍‌ଣାକାଂ ସୁନ୍ନତ୍‌ କିୱି ଆରି ବିଦିବିଦାଣି ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ଚାଲାୱାଦାଂ ଇଞ୍ଜି, ମସାତି ବିଦି ପିସ୍ତେଙ୍ଗ୍‌ କାଜିଂ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଜେ ହେୱାରିଂ ହିକ୍ୟା ହିଜ଼ି ମାନାଟ୍‌, ମି ବିସ୍ରେ ଇ କାବୁର୍‌ ହେୱାର୍‌ ହିତ୍‌ତାର୍ଣ୍ଣା ।
22 पस, क्या किया जाए? लोग ज़रूर सुनेंगे, कि तू आया है।
ଲାଗିଂ ଇନାକା କିୟାନାତ୍‌? ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ୱାତାଦେର୍ଣ୍ଣା ଇଞ୍ଜି ହେୱାର୍‌ ହାତେ ୱେନାର୍ ।
23 इसलिए जो हम तुझ से कहते हैं वो कर; हमारे यहाँ चार आदमी ऐसे हैं, जिन्हों ने मन्नत मानी है।
ଲାଗିଂ ଆପେଂ ମିଙ୍ଗ୍‌ ଇନାକା ୱେଚ୍‍ଚାନାପା, ହେଦାଂ କିୟାଟ୍‌ । ମା ଲାଗେ ଚାରି ଜାଣ୍‌ ଲକ୍‌ ମାନାର୍‌, ହେୱାର୍‌ ରଞ୍ଜାଙ୍ଗ୍‌ ଅଡ଼୍‍ଗା ଆତାର୍ଣ୍ଣା;
24 उन्हें ले कर अपने आपको उन के साथ पाक कर और उनकी तरफ़ से कुछ ख़र्च कर, ताकि वो सिर मुंडाएँ, तो सब जान लेंगे कि जो बातें उन्हें तेरे बारे में सिखाई गई हैं, उन की कुछ असल नहीं बल्कि तू ख़ुद भी शरी'अत पर अमल करके दुरुस्ती से चलता है।
ହେୱାରିଂ ଅଜ଼ି ହେୱାର୍‌ ହୁକେ ଜାର୍‌ତିଂ ସକଟ୍‌ କିୟାଟ୍‌, ଆରେ ହେୱାର୍‌ତି କାପ୍‌ଡ଼ା ହେନ୍‍ନାକା ଲସ୍ କାଉଡ଼ି ପିଣ୍ତାଟ୍, ତା ଆତିସ୍‌ ହେୱାର୍‌ ମି ବିସ୍ରେ ଇମ୍‌ଣି ସବୁ କାବୁର୍‌ ଗାଟାତାର୍ଣ୍ଣା, ହେବେତାଂ ଜେ ମୁଡ଼େ ହାତ୍‌ପା ଆକାୟ୍‌, ଆୱିତିସ୍‌ ଏପେଙ୍ଗ୍‌ ଜେ ନିଜେ ପା ମସାତି ବିଦି ମାନି କିଜ଼ି ଚିନ୍ତା କିନାଦେରା, ଇଦାଂ ୱିଜ଼ାକାର୍‌ ପୁନାର୍‌ ।
25 मगर ग़ैर क़ौमों में से जो ईमान लाए उनके बारे में हम ने ये फ़ैसला करके लिखा था, कि वो सिर्फ़ बुतों की क़ुर्बानी के गोश्त से और लहू और गला घोंटे हुए जानवरों और हरामकारी से अपने आप को बचाए रखें।
ମତର୍‌ ଇମ୍‌ଣି ପାର୍ତିକିୱି ଜିହୁଦିର୍‌ ପାର୍ତି କିତାର୍ଣ୍ଣା, ହେୱାର୍‌ ଲାଗାଂ ଆପେଂ ର ଆକି ଲେକିକିଜ଼ି ବଲ୍‌ ହିତାପ୍‌ନା ଜେ, ମା ରାଜି ଇସାବ୍ରେ ହେୱାର୍‌ ପୁତ୍‍ଡ଼ା ଲାଗାଂ ପୁଜାକିତି ଆତାତ୍‌ ତିନୁର୍‌, ନେତେର୍‌ ଉଣୁର୍‌, ହାକ୍‌ମଡ଼ିକିତି ଜାତ୍‌ ଜାଇ ତିନୁର୍‌ ଆରି ଦାରିତାଂ ଦେହା ମାନ୍‌ଗାନାର୍‌, ଆପେଂ ଇଦାଂ ବିଚାର୍‌ କିଜ଼ି ଲେକି କିତାପ୍‌ନ୍ନା ।”
26 इस पर पौलुस उन आदमियों को लेकर और दूसरे दिन अपने आपको उनके साथ पाक करके हैकल में दाख़िल हुआ और ख़बर दी कि जब तक हम में से हर एक की नज़्र न चढ़ाई जाए तक़द्दुस के दिन पूरे करेंगे।
ପାଉଲ୍‌ ହେବେଣ୍ଡାଂ ହେ ଲଗାଂ ଅଜ଼ି ଆର୍କାତ୍‌ ନାଜିଂ ହେୱାର୍‌ ହୁକେ ଜାର୍‌ତିଂ ସକଟ୍‌ କିଜ଼ି ମନ୍ଦିର୍‌ ବିତ୍ରେ ହଟାନ୍, ଆରେ ହେୱାର୍‌ତି କେତ୍‌ଜାଣ୍‍ତିଂ କାଜିଂ ଆକାତ୍‌ ପୁଜା ଆନି ପାତେକ୍‌ ସକଟ୍‍ କାମାୟ୍‌ତ କେତେକ୍‍ ଦିନ୍‌ ଲାଗାନାତ୍, ହେଦାଂ ୱେଚ୍‌ଚାନ୍‌ ।
27 जब वो सात दिन पूरे होने को थे, तो आसिया के यहूदियों ने उसे हैकल में देखकर सब लोगों में हलचल मचाई और यूँ चिल्लाकर उस को पकड़ लिया।
ହେ ସାତ୍‌ ଦିନ୍‌ ପୁରା ଆଜ଼ି ୱାତାନ୍, “ଆସିଆନି ଜିହୁଦିର୍‌ ମନ୍ଦିର୍‌ତ ପାଉଲ୍‌ତିଂ ହୁଡ଼୍‌ଜି ଲକୁରିଂ ଟିଉଲାୟ୍‌ କିତାର୍‌, ଆରେ ହେୱାନିଂ ଆସ୍ତି କିକିରାଡିଂ ଆଜ଼ି ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାର୍‌,
28 कि “ऐ इस्राईलियो; मदद करो ये वही आदमी है, जो हर जगह सब आदमियों को उम्मत और शरी'अत और इस मुक़ाम के ख़िलाफ़ ता'लीम देता है, बल्कि उस ने यूनानियों को भी हैकल में लाकर इस पाक मुक़ाम को नापाक किया है।”
ଏ ଇସ୍ରାଏଲିୟନି ଲକୁ, ସାଇଜ କିଦାଟ୍‌; ସବୁ ବାହାତ ଇମ୍‌ଣି ମାନାୟ୍‌ ମା ଜାତି, ମସାତି ବିଦି ଆରି ଇ ବାହା ବିରୁଦ୍‌ତ ୱିଜ଼ାରିଂ ହିକ୍ୟା ହିନାନ୍‌, ହେୱାନ୍‌ ଇୱାନ୍‌; ଆରେ ପା ଗ୍ରିକ୍‌କାରିଂ ପା ମନ୍ଦିର୍‌ ବିତ୍ରେ ତାସି ପୁଇପୁୟା ବାହାତ ବିଟାଡ଼୍‌ କିତାନ୍‌ନ୍ନା ।”
29 (उन्होंने उस से पहले त्रुफ़िमुस इफ़िसी को उसके साथ शहर में देखा था। उसी के बारे में उन्होंने ख़याल किया कि पौलुस उसे हैकल में ले आया है)।
ଇନାକିଦେଂକି ହେୱାର୍‌ ଆଗେ ଗାଡ଼୍‌ ବିତ୍ରେ ପାଉଲ୍‌ ଲାହାଙ୍ଗ୍‌ ଏପିସିୟନି ତ୍ରପିମତିଂ ହୁଡ଼୍‌ଜି ମାଚାର୍‌, ଆରେ ପାଉଲ୍‌ ହେୱାନିଂ ମନ୍ଦିର୍‌ ବିତ୍ରେ ତାହିୱାନାର୍‍ ଇଞ୍ଜି ଇଟ୍‌କାଡ଼୍‌ କିଜ଼ି ମାଚାର୍‌ ।
30 और तमाम शहर में हलचल मच गई, और लोग दौड़ कर जमा हुए, और पौलुस को पकड़ कर हैकल के दरवाज़े के फाटक से बाहर घसीट कर ले गए, और फ़ौरन दरवाज़े बन्द कर लिए गए।
ଇବେଣ୍ଡାଂ ଗାଡ଼୍‌ ସବୁ ୱିଣ୍‍ତାତ୍, ଲକୁ ରବେ ହନ୍ତାର୍‌, ଆରେ ହେୱାର୍‌ ପାଉଲ୍‌ତିଂ ଆସ୍ତି ମନ୍ଦିର୍‌ ବାର୍ତ ଜେଲ୍‍ଜି ତାହିୱାତାର୍‌; ଆରେ ହେ ଦାପ୍ରେ ଦୁୱେର୍‌ ସବୁ ଗେସ୍‍ତାର୍ ।
31 जब वो उसे क़त्ल करना चहते थे, तो ऊपर सौ फ़ौजियों के सरदार के पास ख़बर पहुँची “कि तमाम येरूशलेम में खलबली पड़ गई है।”
ଆରେ, ହେୱାନିଂ ହେୱାର୍‌ ଟ୍ରାକ୍‍ତେଂ କାଜିଂ ସେସ୍ଟା କିତିଲେ, ୱିଜ଼ାର୍‌ ଜିରୁସାଲମ୍‌ ଗଣ୍ଡ୍‌ଗଲ୍‍ତ ବାର୍ତି ଆତାତ୍‌ନ୍ନା ଇଞ୍ଜି ରମିୟ ମେଲ୍ୟାର୍‍ ହାଜାର୍‌ ମୁସ୍ତିଦାର୍ ଲାଗେ କାବୁର୍‌ ୱାତାତ୍ ।
32 वो उसी वक़्त सिपाहियों और सूबेदारों को ले कर उनके पास नीचे दौड़ा आया। और वो पलटन के सरदार और सिपाहियों को देख कर पौलुस की मार पीट से बाज़ आए।
ହେବେଣ୍ଡାଂ ହେ ଦାପ୍ରେ ମେଲ୍ୟା ଆରି ପାଞ୍ଚ୍‌କଡ଼ି ମେଲ୍ୟାର୍‍ ଅସି ହେୱାର୍‌ ଲାଗେ ହନ୍ତାର୍‌ । ହେୱାର୍‌ ହାଜାର୍‌ ମୁସ୍ତିଦାର୍ ଆରି ମେଲ୍ୟାରିଂ ହୁଡ଼୍‌ଜି ପାଉଲ୍‌ତିଂ ଟ୍ରାକ୍‍ତେଂ ବନ୍ଦ୍‌ କିତାର୍‌ ।
33 इस पर पलटन के सरदार ने नज़दीक आकर उसे गिरफ़्तार किया “और दो ज़ंजीरों से बाँधने का हुक्म देकर पूछने लगा, ये कौन है, और इस ने क्या किया है?”
ହେ ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ହାଜାର୍‌ ମୁସ୍ତିଦାର୍ ଲାଗେ ୱାଜ଼ି ହେୱାନିଂ ଆସ୍ତି ରିଣ୍ଡି ହିକ୍‌ଡ଼ିଂତାଂ ହେୱାନିଂ ଗାଚ୍‍ଚେଂ ବଲ୍‌ ହିତାନ୍‌, “ଆରେ ହେୱାନ୍‌ ଇନେନ୍‌ ଆରି ଇନାକା କିତାନ୍‌ନ୍ନା ଇଞ୍ଜି ୱେନ୍‌ବାତାନ୍‌ ।”
34 भीड़ में से कुछ चिल्लाए और कुछ पस जब हुल्लड़ की वजह से कुछ हक़ीक़त दरियाफ़्त न कर सका, तो हुक्म दिया कि उसे क़िले में ले जाओ।
ହେବେ ଲକୁ ବିତ୍ରେ ଇନେର୍‌ ଇ କାତା, ଇନେର୍‌ ଇନେର୍‌ ହେ କାତା ଇଞ୍ଜି କିକିରାଡିଂ କିଦେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାର୍‌ । ଆରେ, ହେ ଗଣ୍ଡ୍‌ଗଲ୍‍ନି ଇନାକିଦେଂକି ହାତେନେ ମୁଡ଼େ ପୁଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଆଡ଼୍‍ତିଲେ ହେୱାନିଂ ମେଲ୍ୟାର୍‌ ମାନି ବାହାତ ଅଦେଂ କାଜିଂ ବଲ୍‌ ହିତାନ୍‌ ।
35 जब सीढ़ियों पर पहुँचा तो भीड़ की ज़बरदस्ती की वजह से सिपाहियों को उसे उठाकर ले जाना पड़ा।
ଆରେ, ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ହେୱାନ୍‌ ପାଉଜ୍‌ ଜପି ୱାତାନ୍, ହେ ଏଚେକାଡ଼୍‌ଦ ଲକୁ ରିସା କାଜିଂ ମେଲ୍ୟାର୍‌ ପାଉଲ୍‌ତିଂ ପିଣ୍ଡ୍‌ଜି ଅଦେଂ ଲାଗାତାର୍‌,
36 क्यूँकि लोगों की भीड़ ये चिल्लाती हुई उसके पीछे पड़ी “कि उसका काम तमाम कर।”
ଇନାକିଦେଂକି ତାଙ୍ଗ୍‌ ଅହାଟ୍‌ ଇଞ୍ଜି ବେସି ଲକୁ ପାଚେ ହାଲୁ ହାଲୁ କିକିରାଡିଂ କିଜ଼ି ଅହାଟ୍‌, “ଅହାଟ୍‌ ଇଞ୍ଜି ମାଚାର୍‌ ।”
37 “और जब पौलुस को क़िले के अन्दर ले जाने को थे? उस ने पलटन के सरदार से कहा क्या मुझे इजाज़त है कि तुझ से कुछ कहूँ? उस ने कहा तू यूनानी जानता है?
ହେୱାର୍‌ ପାଉଲ୍‌ତିଂ ବାହା ବିତ୍ରେ ଅଦେଂ କାଜିଂ ଜାଲ୍‌ଦି କିନି ୱେଡ଼ାଲିଂ ହେୱାନ୍‌ ହାଜାର୍‌ ମେଲ୍ୟାରିଂ ଇଚାନ୍‌, “ଆନ୍‌ ମିଙ୍ଗ୍‌ ଇନାକା ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଆଡ୍‌ନାଂ କି?” ହେବେଣ୍ଡାଂ ହେୱାନ୍‌ ଇଚାନ୍‌, “ଏନ୍‌ କି ଗ୍ରିକ୍‌ ପୁନାୟ୍‌?”
38 क्या तू वो मिस्री नहीं? जो इस से पहले ग़ाज़ियों में से चार हज़ार आदमियों को बाग़ी करके जंगल में ले गया।”
ଲାଗିଂ, “ଇ ଆଗେ ଇମ୍‌ଣି ମିସରିୟର୍‌ ଲକୁ ରାଟୁ କିଜ଼ି ଚାରି ହାଜାର୍‌ କାଙ୍ଗାରୁଙ୍ଗ୍‌ ବାଟାତ ଅଜ଼ି ମାଚାର୍‌, ଏନ୍‌ କି ହେୱାନ୍‌ ଆକାୟ୍‌?”
39 पौलुस ने कहा “मैं यहूदी आदमी किलकिया के मशहूर सूबा तरसुस शहर का बाशिन्दा हूँ, मैं तेरी मिन्नत करता हूँ कि मुझे लोगों से बोलने की इजाज़त दे।”
ହେବେଣ୍ଡାଂ ପାଉଲ୍‌ ଇଚାନ୍‌, “ଆନ୍‌ତ ରୱାନ୍‌ ଜିହୁଦି, ତାର୍ସ ଗାଡ଼୍‌ନି ଲକୁ, କିଲିକିୟାନି ର ଗାଜା ଗାଡ଼୍‌ନି ମାନାୟ୍‌; ଇ ଲକୁରିଂ କାତା ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ କାଜିଂ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଦାଇତ୍‌ ହିଦେଂ କାଜିଂ ଆନ୍‌ ନିଂ ଗୱାରି କିଦ୍‌ନାଙ୍ଗା ।”
40 जब उस ने उसे इजाज़त दी तो पौलुस ने सीढ़ियों पर खड़े होकर लोगों को इशारा किया। जब वो चुप चाप हो गए, तो इब्रानी ज़बान में यूँ कहने लगा।
ହେୱାନ୍‌ ଦାଇତ୍‌ ହିତିଲେ ପାଉଲ୍‌ ପାଉଜ୍‌ ଇଞ୍ଜ ଲକୁରିଂ କେଇ ହୁଦାଂ ଚଚ୍‍ଚାନ୍; ଆରେ, ୱିଜ଼ାର୍‌ ଚିମ୍ରା ଆତି ପାଚେ ହେୱାନ୍‌ ଏବ୍ରି ବେରଣ୍‌ତ ହେୱାରିଂ ଇଞ୍ଜେଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତାନ୍‌ ।

< आमाल 21 >