< 1 सला 2 >

1 और दाऊद के मरने के दिन नज़दीकआए, तब उसने अपने बेटे सुलेमान को वसीय्यत की और कहा कि,
दाऊदको मर्ने दिन नजिकिँदै गर्दा तिनले आफ्ना छोरा सोलोमनलाई यसो भने,
2 “मैं उसी रास्ते जाने वाला हूँ जो सारे जहान का है; इसलिए तू मज़बूत हो और मर्दानगी दिखा।
“संसारको रीतझैँ म पनि मर्दै छु । त्यसकारण, बलिया होऊ, र आफैलाई मर्द साबित गर ।
3 और जो मूसा की शरी'अत में लिखा है, उसके मुताबिक़ ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की हिदायत को मानकर उसके रास्तों पर चल; और उसके क़ानून पर और उसके फ़रमानों और हुक्मों और शहादतों पर 'अमल कर, ताकि जो कुछ तू करे और जहाँ कहीं तू जाए, सब में तुझे कामयाबी हो,
मोशाको व्यवस्थामा लेखिएका परमप्रभु तिम्रा परमेश्वरका मार्गहरूमा हिँड्न, उहाँका विधिहरू, आज्ञाहरू, निर्णयहरू र उहाँका करारका आदेशहरू पालन गर्न होसियार होऊ ताकि तिमी जता गए पनि तिमीले गर्ने सबै काममा तिम्रो उन्नति होस्,
4 और ख़ुदावन्द अपनी उस बात को क़ाईम रख्खे, जो उसने मेरे हक़ में कही कि, 'अगर तेरी औलाद अपने रास्ते की हिफ़ाज़त करके अपने सारे दिल और अपनी सारी जान से मेरे सामने सच्चाई से चले, तो इस्राईल के तख़्त पर तेरे यहाँ आदमी की कमी न होगी।
ताकि परमप्रभुले मेरो बारेमा यसो भन्नुभएको वचन उहाँले पुरा गर्नुभएको होस्, 'तेरा छोराहरूले तिनीहरूका सारा ह्रदय र सारा प्राणले विश्वसनीयतासाथ मेरो सामु हिँड्न होसियारीपूर्वक आफ्ना आचरणको रेखदेख गरे भने इस्राएलको सिंहासनमा बस्ने उत्तराधिकारीको कहिल्यै अभाव हुने छैन ।'
5 “और तू ख़ुद जानता है कि ज़रोयाह के बेटे योआब ने मुझ से क्या — क्या किया, या'नी उसने इस्राईली लश्कर के दो सरदारों, नेर के बेटे अबनेर और यतर के बेटे 'अमासा से क्या किया, जिनको उसने क़त्ल किया और सुलह के वक़्त ख़ून — ए — जंग बहाया, और ख़ून — ए — जंग को अपने पटके पर जो उसकी कमर में बंधा था और अपनी जूतियों पर जो उसके पाँवों में थी लगाया।
सरूयाहका छोरा योआबले मलाई के गरे, र इस्राएलका दुई सेनापति अर्थात् नेरका छोरा अबनेर र येतेरका छोरा अमासलाई के गरे, सो तिमीलाई थाहै छ । तिनले दुवैलाई मारिदिए । तिनले शान्तिको समयमा युद्धको रगत बगाए, र युद्धको रगत आफ्नो कम्मरको पटुका र खुट्टाको जुत्तामा दले ।
6 इसलिए तू अपनी हिकमत से काम लेना और उसके सफ़ेद सर को क़ब्र में सलामत उतरने न देना। (Sheol h7585)
तिमीले सिकेको बुद्धिले योआबसित व्यवहार गर्नू, तर तिनको फुलेको कपाल शान्तिसित चिहानमा जान नपाओस् । (Sheol h7585)
7 लेकिन बरज़िली जिल'आदी के बेटों पर महेरबानी करना, और वह उनमें शामिल हों जो तेरे दस्तरख़्वान पर खाना खाया करेंगे, क्यूँकि वह ऐसा ही करने को मेरे पास आए जब मैं तेरे भाई अबीसलोम की वजह से भागा था।
तथापि, गिलादका बर्जिल्लैका छोराहरूमाथि दया देखाउनू, र तिम्रो टेबलमा खानेहरूमध्ये तिनीहरू पनि होऊन् किनकि म तिम्रो दाजु अब्शालोमबाट भाग्दा तिनीहरू मकहाँ आएका थिए ।
8 और देख, बिनयमीनी जीरा का बेटा बहूरीमी सिम'ई तेरे साथ है, जिसने उस दिन जब कि मैं महनायम को जाता था बहुत बुरी तरह मुझ पर ला'नत की, लेकिन वह यरदन पर मुझ से मिलने को आया, और मैंने ख़ुदावन्द की क़सम खाकर उससे कहा कि “मैं तुझे तलवार से क़त्ल नहीं करूँगा।
हेर, बहूरीमको बेन्यामीनी गेराको छोरो शिमी तिमीसितै छ, जसले म महनोममा जाँदा त्यस दिन मलाई बेसरी सरापेको थियो । शिमी यर्दनमा मलाई भेट गर्न आयो, र त्यसले परमप्रभुको नाउँमा शपथ खाँदै भन्यो, 'म तिमीलाई तरवारले मार्ने छैनँ ।'
9 तब तू उसको बेगुनाह न ठहराना, क्यूँकि तू ''अक़्लमन्द आदमी है और तू जानता है कि तुझे उसके साथ क्या करना चाहिए, इसलिए तू उसका सफ़ेद सर लहू लुहान करके क़ब्र में उतारना।” (Sheol h7585)
त्यसकारण, अब त्यसलाई दण्डविना नछोड्नू । तिमी बुद्धिमानी मानिस हौ, र त्यसलाई के गर्नुपर्छ भनी तिमीलाई थाहा छ । तिमीले त्यसको फुलेको कपाल रगतसँगै चिहानमा ल्याउनू ।” (Sheol h7585)
10 और दाऊद अपने बाप — दादा के साथ सो गया और दाऊद के शहर में दफ़्न हुआ।
त्यसपछि दाऊद आफ्ना पुर्खाहरूसित सुते, र तिनलाई दाऊदको सहरमा गाडियो ।
11 और कुल मुद्दत जिसमें दाऊद ने इस्राईल पर हुकूमत की चालीस साल की थी; सात साल तो उसने हबरून में हुकूमत की, और सैंतीस साल येरूशलेम में।
दाऊदले इस्राएलमाथि चालिस वर्षसम्म शासन गरे । तिनले हेब्रोनमा सात वर्षसम्म र यरूशलेममा तेत्तिस वर्षसम्म राज्य गरे ।
12 और सुलेमान अपने बाप दाऊद के तख़्त पर बैठा और उसकी हुकूमत बहुत ही मज़्बूत हुई।
तब सोलोमन आफ्ना पिता दाऊदको सिंहासनमा बसे, र तिनको शासन दृढतापूर्वक स्थापित थियो ।
13 तब हज्जीत का बेटा अदूनियाह, सुलेमान की माँ बतसबा' के पास आया; उसने पूछा, “तू सुलह के ख़्याल से आया है?” उसने कहा, “सुलह के ख़्याल से।”
त्यसपछि हग्गीतका छोरा अदोनियाह सोलोमनकी आमा बतशेबाकहाँ आए । उनले भनिन्, “के तिमी शान्तिसितै आयौ?” तिनले जवाफ दिए, “हजुर, शान्तिसित आएँ ।”
14 फिर उसने कहा, “मुझे तुझ से कुछ कहना है।” उसने कहा, “कह।”
तब तिनले भने, “मैले तपाईंलाई केही कुरो भन्नु छ ।” उनले भनिन्, “भन ।”
15 उसने कहा, “तू जानती है कि हुकूमत मेरी थी, और सब इस्राईली मेरी तरफ़ मुतवज्जिह थे कि मैं हुकूमत करूँ, लेकिन हुकूमत पलट गई और मेरे भाई की हो गई, क्यूँकि ख़ुदावन्द की तरफ़ से यह उसी की थी।
अदोनियाहले भने, “तपाईंलाई थाहै छ, कि राज्य मेरै थियो, र सारा इस्राएलले म नै राजा हुने छु भनी अपेक्षा गरेरहेका थिए । तर कुरो परिवर्तन भयो, र राज्य मेरो भाइलाई दिइयो किनकि परमप्रभुले यो तिनलाई दिनुभएको थियो ।
16 इसलिए मेरी तुझ से एक दरख़्वास्त है, नामंजूर न कर।” उसने कहा, “बयान कर।”
अब म तपाईंलाई एउटा बिन्ती चढाउँछु र त्यसलाई इन्कार नगरिदिनुहोस् ।” बतशेबाले तिनलाई भनिन्, “भन ।”
17 उसने कहा, “ज़रा सुलेमान बादशाह से कह, क्यूँकि वह तेरी बात को नहीं टालेगा, कि अबीशाग शून्मीत को मुझे ब्याह दे।”
तिनले भने, “मैले शुनम्मी अबीशगलाई पत्नीको रूपमा लैजान पाऊँ भनी सोलोमन राजालाई बिन्ती गरिदिनुहोस् ।”
18 बतसबा' ने कहा, “अच्छा, मैं तेरे लिए बादशाह से 'दरख़्वास्त करूँगी।”
बतशेबाले भनिन्, “ठिक छ । म राजासित कुरा गर्ने छु ।”
19 तब बतसबा' सुलेमान बादशाह के पास गई, ताकि उससे अदूनियाह के लिए 'दरख़्वास्त करे। बादशाह उसके इस्तक़बाल के वास्ते उठा और उसके सामने झुका, फिर अपने तख़्त पर बैठा; और उसने बादशाह की माँ के लिए एक तख़्त लगवाया, तब वह उसके दहने हाथ बैठी;
त्यसकारण अदोनियाहको निम्ति कुरा गर्न बतशेबा राजा सोलोमनकहाँ गइन् । उनलाई भेट्न राजा खडा भए र तिनले उनलाई दण्डवत् गरे । त्यसपछि राजा आफ्नो सिंहासनमा बसे, र राजाकी आमाको निम्ति एउटा सिंहासन ल्याउने हुकुम गरे । उनी राजाको दाहिने हातपट्टि बसिन् ।
20 और कहने लगी, “मेरी तुझ से एक छोटी सी दरख़्वास्त है; तू मुझ से इन्कार न करना।” बादशाह ने उससे कहा, “ऐ मेरी माँ, इरशाद फ़रमा; मुझे तुझ से इन्कार न होगा।”
त्यसपछि उनले भनिन्, “तिमीलाई एउटा सानो बिन्ती चढाउने इच्छा छ, किनकि तिमीले इन्कार गर्ने छैनौ ।” राजाले उनलाई भने, “भन्नुहोस् मेरी आमा । म त्यसलाई इन्कार गर्ने छैनँ ।”
21 उसने कहा, “अबीशाग शून्मीत तेरे भाई अदूनियाह को ब्याह दी जाए।”
उनले भनिन्, “तिम्रो दाजु अदोनियाहलाई शूनम्मी अबीशग पत्नीको रूपमा देऊ ।”
22 सुलेमान बादशाह ने अपनी माँ को जवाब दिया, “तू अबीशाग शून्मीत ही को अदूनियाह के लिए क्यूँ माँगती है? उसके लिए हुकूमत भी माँग, क्यूँकि वह तो मेरा बड़ा भाई है; बल्कि उसके लिए क्या, अबीयातर काहिन और ज़रोयाह के बेटे योआब के लिए भी माँग।”
राजा सोलोमनले आफ्नी आमालाई भने, “तपाईं किन शूनम्मी अबीशगलाई अदोनियाहको लागि माग्नुहुन्छ? तपाईं तिनको लागि किन राज्य नै माग्नुहुन्न? किनकि तिनी मेरा दाजु हुन् । किन पुजारी अबियाथार र सरूयाहका छोरा योआबको निम्ति पनि माग्नुहुन्न?”
23 तब सुलेमान बादशाह ने ख़ुदावन्द की क़सम खाई और कहा कि “अगर अदूनियाह ने यह बात अपनी ही जान के ख़िलाफ़ नहीं कही, तो ख़ुदा मुझ से ऐसा ही, बल्कि इससे भी ज़्यादा करे।
तब राजा सोलोमनले परमप्रभुको नाउँमा यसो भनी शपथ खाए, “यो बिन्तिको निम्ति अदोनियाहले आफ्नो ज्यान गुमाएनन् भने परमेश्वरले मलाई त्योभन्दा कठोर व्यवहार गरून् ।
24 इसलिए अब ख़ुदावन्द की हयात की क़सम जिसने मुझ को क़याम बख़्शा, और मुझ को मेरे बाप दाऊद के तख़्त पर बिठाया, और मेरे लिए अपने वा'दे के मुताबिक़ एक घर बनाया, यक़ीनन अदूनियाह आज ही क़त्ल किया जाएगा।”
त्यसकारण मलाई स्थापित गर्नुहुने, मलाई मेरा पिता दाऊदको सिंहासनमा राख्नुहुने र आफ्नो प्रतिज्ञाअनुसार मेरो वंश खडा गर्नुहुने जीवित परमप्रभुको नाउँमा म भन्दछु, कि आज निश्चय नै अदोनियाह मारिने छन् ।”
25 और सुलेमान बादशाह ने यहूयदा' के बेटे बिनायाह को भेजा: उसने उस पर ऐसा वार किया कि वह मर गया।
त्यसैले राजा सोलोमनले यहोयादाका छोरा बनायाहलाई पठाए, र बनायाहले अदोनियाहलाई फेला पारी मारे ।
26 फिर बादशाह ने अबीयातर काहिन से कहा, “तू अनतोत को अपने खेतों में चला जा क्यूँकि तू क़त्ल के लायक़ है, लेकिन मैं इस वक़्त तुझ को क़त्ल नहीं करता क्यूँकि तू मेरे बाप दाऊद के सामने ख़ुदावन्द यहोवाह का सन्दूक़ उठाया करता था; और जो जो मुसीबत मेरे बाप पर आई वह तुझ पर भी आई।”
तब राजाले पुजारी अबियाथारलाई भने, “तिम्रो आफ्नै जग्गा अनातोतमा जाऊ । तिमी मृत्युको लायक छौ, तर मेरा पिता दाऊदको सामु तिमीले परमप्रभुको सन्दुक बोकेकाले र मेरा पिताजस्तै हरेक मार्गमा तिमीले दुःख भोगेकाले तिमीलाई म यस बेला मार्दिनँ ।”
27 तब सुलेमान ने अबीयातर को ख़ुदावन्द के काहिन के उहदे से बरतरफ़ किया, ताकि वह ख़ुदावन्द के उस क़ौल को पूरा करे जो उसने शीलोह में एली के घराने के हक़ में कहा था।
त्यसैले सोलोमनले अबियाथारलाई पुजारीको पदबाट हटाइदिए । यसरी शीलोमा बस्ने एलीका घरानाको बारेमा परमप्रभुले भन्नुभएको वचन पुरा भयो ।
28 और यह ख़बर योआब तक पहुँची: क्यूँकि योआब अदूनियाह का तो पैरोकार हो गया था, अगर्चे वह अबीसलोम का पैरोकार नहीं हुआ था। इसलिए योआब ख़ुदावन्द के ख़ेमे को भाग गया, और मज़बह के सींग पकड़ लिए।
यो खबर योआबकहाँ आयो किनकि योआबले अदोनियाहलाई समर्थन गरेका थिए, यद्यपि तिनले अब्शालोमलाई भने समर्थन गरेका थिएनन् । त्यसैले योआब परमप्रभुको पालभित्र भागे, र वेदीका सिङहरू पक्रेर बसे ।
29 और सुलेमान बादशाह को ख़बर हुई, “योआब ख़ुदावन्द के ख़ैमे को भाग गया है; और देख, वह मज़बह के पास है।” तब सुलेमान ने यहूयदा' के बेटे बिनायाह को यह कहकर भेजा कि, “जाकर उस पर वार कर।”
योआब भागेर गई वेदीको छेउमा बसेका छन् भनी सोलोमनलाई बताइयो । तब सोलोमनले यहोयादाका छोरा बनायाहलाई यसो भनी पठाए, “जाऊ र तिनलाई मार ।”
30 तब बिनायाह ख़ुदावन्द के ख़ैमे को गया, और उसने उससे कहा, “बादशाह यूँ फ़रमाता है कि तू बाहर निकल आ।” उसने कहा, “नहीं, बल्कि मैं यहीं मरूँगा।” तब बिनायाह ने लौट कर बादशाह को ख़बर दी कि “योआब ने ऐसा कहा है, और उसने मुझे ऐसा जवाब दिया।”
त्यसैले बनायाह परमप्रभुको पालभित्र प्रवेश गरी योआबलाई भने, “राजाले तिमीलाई बाहिर आउनू हुकुम गर्नुभएको छ ।” योआबले जवाफ दिए, “अँहँ, म यहीँ नै मर्ने छु ।” त्यसैले बनायाह राजाकहाँ फर्के र भने, “योआब वेदीमा नै मर्न चाहन्छन् ।”
31 तब बादशाह ने उससे कहा, “जैसा उसने कहा वैसा ही कर, और उस पर वार कर और उसे दफ़्न कर दे; ताकि तू उस ख़ून को जो योआब ने बे वजह बहाया, मुझ पर से और मेरे बाप के घर पर से दूर कर दे।
राजाले तिनलाई भने, “तिनले भनेजस्तै गर । तिनलाई मारेर गाड । यसरी म र तिमीले मेरा पिताको घरानाबाट विनाकारण योआबले बगाएको रगतको दोष लैजाने छौ ।
32 और ख़ुदावन्द उसका ख़ून उल्टा उसी के सर पर लाएगा, क्यूँकि उसने दो शख़्सों पर जो उससे ज़्यादा रास्तबाज़ और अच्छे थे, या'नी नेर के बेटे अबनेर पर जो इस्राईली लश्कर का सरदार था और यतर के बेटे 'अमासा पर जो यहूदाह की फ़ौज का सरदार था, वार किया और उनको तलवार से क़त्ल किया, और मेरे बाप दाऊद को मा'लूम न था।
तिनले बगाएको रगतको दोष तिनकै शिरमाथि परोस् किनकि तिनले मेरा पिता दाऊदको जानकारीविनै आफूभन्दा धर्मी र उत्तम दुई जना मानिस अर्थात् इस्राएलका सेनापति नेरका छोरा अबनेर र यहूदाका सेनापति येतेरका छोरा अमासलाई आक्रमण गरी तिनीहरूलाई तरवारले मारे ।
33 इसलिए उनका ख़ून योआब के सर पर और उसकी नसल के सर पर हमेशा तक रहेगा, लेकिन दाऊद पर और उसकी नसल पर और उसके घर पर और उसके तख़्त पर हमेशा तक ख़ुदावन्द की तरफ़ से सलामती होगी।”
त्यसैले तिनीहरूको रगतको दोष सदाको निम्ति योआब र तिनका सन्तानहरूका शिरमाथि परोस् । तर दाऊद र तिनका सन्तानहरू अनि तिनको वंश र तिनको सिंहासनमा भने सदासर्वदा परमप्रभुबाट शान्ति आओस् ।”
34 तब यहूयदा' का बेटा बिनायाह गया, और उसने उस पर वार करके उसे क़त्ल किया; और वह वीरान के बीच अपने ही घर में दफ़्न हुआ।
तब यहोयादाका छोरा बनायाह माथि उक्ले अनि योआबलाई प्रहार गरी मारे । तिनलाई उजाड-स्थानमा तिनको आफ्नै जग्गामा गाडियो ।
35 और बादशाह ने यहूयदा' के बेटे बिनायाह को उसकी जगह लश्कर पर मुक़र्रर किया; और सदूक़ काहिन को बादशाह ने अबीयातर की जगह रखा।
राजाले तिनको ठाउँमा यहोयादाका छोरा बनायाहलाई सेनापतिमा र अबियाथारको ठाउँमा सादोकलाई पुजारीमा नियुक्त गरे ।
36 फिर बादशाह ने सिम'ई को बुला भेजा और उससे कहा कि “येरूशलेम में अपने लिए एक घर बना ले और वहीं रह, और वहाँ से कहीं न जाना;
त्यसपछि राजाले शिमीलाई डाक्न पठाए र तिनलाई भने, “आफ्नो निम्ति यरूशलेममा घर बनाएर त्यहीँ बस, अनि त्यहाँबाट कतै नजाऊ ।
37 क्यूँकि जिस दिन तू बाहर निकलेगा और नहर — ए — क़िद्रोन के पार जाएगा, तू यक़ीन जान ले कि तू ज़रूर मारा जाएगा, और तेरा ख़ून तेरे ही सर पर होगा।”
किनकि जुन दिन तिमी किद्रोन उपत्यका पार गरेर जान्छौ, निश्चय नै तिमी मारिने छौ भनी जान । तिम्रो रगतको दोष तिम्रै शिरमाथि पर्ने छ ।”
38 और सिम'ई ने बादशाह से कहा, “यह बात अच्छी है; जैसा मेरे मालिक बादशाह ने कहा है, तेरा ख़ादिम वैसा ही करेगा।” इसलिए सिम्ई बहुत दिनों तक येरूशलेम में रहा।
त्यसैले शिमीले राजालाई भने, “तपाईंले भन्नुभएको कुरो राम्रो छ । मेरा मालिक राजाले भन्नुभएझैँ हजुरको दासले गर्ने छ ।” त्यसैले धेरै दिनसम्म शिमी यरूशलेममा नै बसे ।
39 और तीन साल के आख़िर में ऐसा हुआ कि सिम्ई के नौकरों में से दो आदमी जात के बादशाह अकीस — बिन — मा'काह के यहाँ भाग गए। और उन्होंने सिम'ई को बताया कि, “देख, तेरे नौकर जात में है।”
तर तिन वर्षको अन्त्यमा शिमीका दुई जना दास गातका राजा माकाका छोरा आकीशकहाँ भागेर गए । त्यसैले तिनीहरूले शिमीलाई यसो भने, “हेर्नुहोस्, तपाईंका दासहरू गातमा छन् ।”
40 तब सिम'ई ने उठकर अपने गधे पर ज़ीन कसा, और अपने नौकरों की तलाश में जात को अकीस के पास गया; और सिम्'ई जाकर अपने नौकरों को जात से ले आया।
तब शिमी उठे अनि गधामा जीनकाठी कसेर आफ्ना दासहरूको खोजीमा आकीशकहाँ गए र गातबाट आफ्ना दासहरूलाई फर्काएर ल्याए ।
41 और यह ख़बर सुलेमान को मिली कि सिम'ई येरूशलेम से जात को गया था और वापस आ गया है,
शिमी यरूशलेमबाट गातमा गएर फर्केका छन् भनी जब सोलोमनलाई सुनाइयो,
42 तब बादशाह ने सिम'ई को बुला भेजा और उससे कहा, “क्या मैंने तुझे ख़ुदावन्द की क़सम न खिलाई और तुझ को बता न दिया कि, 'यक़ीन जान ले कि जिस दिन तू बाहर निकला और इधर — उधर कहीं गया, तो ज़रूर मारा जाएगा'? और तू ने मुझ से यह कहा कि जो बात मैंने सुनी, वह अच्छी है।
तब राजाले शिमीलाई डाक्न पठाए र तिनलाई भने, “'जुन दिन तिमी यहाँबाट अन्त कतै जान्छौ, तिमी निश्चय नै मारिने छौ भनी जान' भनी के मैले परप्रभुको नाउँमा शपथ खाई तिमीलाई गवाही दिएको थिइनँ र? तब तिमीले मलाई भन्यौ, 'हजुरले भन्नुभएको कुरा राम्रो छ ।'
43 इसलिए तूने ख़ुदावन्द की क़सम को, और उस हुक्म को जिसकी मैंने तुझे ताकीद की, क्यूँ न माना?”
तब तिमीले किन परमप्रभुसित खाएको सपथ र मेरो आज्ञा पालन गरेनौ?”
44 और बादशाह ने सिम'ई से यह भी कहा, “तू उस सारी शरारत को जो तू ने मेरे बाप दाऊद से की, जिससे तेरा दिल वाकिफ़ है जानता है; इसलिए ख़ुदावन्द तेरी शरारत को उल्टा तेरे ही सर पर लाएगा।
राजाले शिमीलाई यसो पनि भने, “तिमीले मेरा पितालाई गरेका सबै दुष्टता तिमीलाई आफ्नो मनमा थाहा छ । त्यसकारण परमप्रभुले तिम्रो दुष्टता तिम्रै शिरमाथि फर्काइदिनुहुने छ ।
45 लेकिन सुलेमान बादशाह मुबारक होगा, और दाऊद का तख़्त ख़ुदावन्द के सामने हमेशा क़ाईम रहेगा।”
तर राजा सोलोमनचाहिँ आशिषित हुने छन्, र दाऊदको सिंहासन परमप्रभुको सामु सदाको निम्ति स्थापित हुने छ ।”
46 और बादशाह ने यहूयदा' के बेटे बिनायाह को हुक्म दिया, तब उसने बाहर जाकर उस पर ऐसा वार किया कि वह मर गया। और हुकूमत सुलेमान के हाथ में मज़बूत हो गई।
तब राजाले यहोयादाका छोरा बनायाहलाई आज्ञा दिएअनुसार तिनले शिमीलाई मारे । यसरी सोलोमनको हातमा शासन बलियो गरी स्थापित भयो ।

< 1 सला 2 >