< Oseas 2 >
1 Di a tus hermanos, Ammi; y a tus hermanas, Ruhama.
“अपने भाइयों से कहो, ‘मेरे लोग,’ और अपनी बहनों से कहो, ‘मेरे प्रिय लोग.’
2 Toma la causa contra tu madre, tómala, porque ella no es mi esposa, y yo no soy su esposo; aparta tus prostituciones de su rostro y sus adulterios de entre sus senos;
“अपनी माता को डांटो, उसे डांटो, क्योंकि वह मेरी पत्नी नहीं है, और मैं उसका पति नहीं हूं. वह अपने चेहरे से व्यभिचारी भावना और अपने स्तनों के बीच से विश्वासघात को दूर करे.
3 Por temor a que pueda quitarle su túnica y dejarla descubierta como en el día de su nacimiento; convirtiéndola en un lugar de desechos y tierra seca, causándole la muerte por la necesidad de agua.
अन्यथा मैं उसके कपड़े उतारकर उसे ऐसी नंगी कर दूंगा जैसे वह अपने जन्म के समय थी; मैं उसे मरुस्थल के समान बना दूंगा, उसे एक सूखी भूमि में बदल दूंगा, और उसे प्यास से मारूंगा.
4 Y no tendré piedad de sus hijos, porque ellos son los hijos de sus prostituciones.
मैं उसके बच्चों के प्रति प्रेम नहीं दिखाऊंगा, क्योंकि वे व्यभिचार से पैदा हुए बच्चे हैं.
5 Porque su madre se prostituyó; la que los concibió, se deshonró, porque dijo: Iré tras mis amantes, que me dan mi pan y mi agua, mi lana y mi lino, mi aceite y mi bebida.
उनकी माता ने विश्वासघात किया है और वे कलंक से उसके गर्भ में पड़े. उसने कहा, ‘मैं अपने प्रेमियों के पीछे जाऊंगी, जो मुझे मेरा भोजन-पानी, मेरा ऊनी और सन के कपड़े, मेरा जैतून तेल और मेरा दाखमधु देते हैं.’
6 Por esta causa pondré espinas en su camino, construyendo un muro a su alrededor para que no pueda seguir su camino.
इसलिये मैं उसके रास्ते को कंटीली झाड़ियों से बंद कर दूंगा; मैं उसके आगे दीवार खड़ी कर दूंगा, जिससे उसे उसका रास्ता नहीं मिलेगा.
7 Y si ella persigue a sus amantes, no los alcanzará; si los busca, no los encontrará; entonces ella dirá, volveré con mi primer esposo, porque entonces era mejor para mí que ahora.
वह अपने प्रेमियों का पीछा करेगी पर उन्हें पकड़ नहीं सकेगी; वह उन्हें खोजेगी पर वे उसे नहीं मिलेंगे. तब वह कहेगी, ‘मैं पहले के समान अपने पति के पास लौट जाऊंगी, क्योंकि तब मेरी स्थिति अब की अपेक्षा बेहतर थी.’
8 Porque ella no sabía que fui yo quien le dio el grano, el vino y el aceite, aumentando su plata y oro que le dieron al Baal.
उसने इस बात को नहीं माना है कि वह मैं ही था, जिसने उसे अन्न, नई दाखमधु और तेल दिया था, जिसने उस पर खुले हाथों से सोना-चांदी लुटाया था— जिसका उपयोग उन्होंने बाल देवता के लिए किया.
9 Entonces quitaré nuevamente mi grano a su tiempo y mi vino, y quitaré mi lana y mi lino con los que su cuerpo podría haber estado cubierto.
“इसलिये मैं अपने अन्न को ले लूंगा जब वह पक जाएगा, और अपनी नई दाखमधु को ले लूंगा जब वह तैयार हो जाएगा. मैं अपने ऊन और सन के कपड़े वापस ले लूंगा, जिसे मैंने उसे उसके नंगे तन को ढांपने के लिये दिये थे.
10 Y ahora descubriré su vergüenza ante los ojos de sus amantes, y nadie la liberara de mi mano.
इसलिये अब मैं उसकी अश्लीलता को उसके प्रेमियों के सामने प्रकट करूंगा; कोई भी उसे मेरे हाथ से छुड़ा न सकेगा.
11 Y pondré fin a toda su alegría, sus fiestas, sus nuevas lunas, sus días de reposo y todas sus fiestas solemnes.
मैं उसके सब उत्सवों को बंद कर दूंगा: उसके वार्षिक त्योहार, उसके नये चांद का उत्सव, उसके शब्बाथ का उत्सव—उसके सब निर्धारित त्योहारों को बंद कर दूंगा.
12 Y destruiré sus viñas y sus higueras, de las cuales ella ha dicho: Estos son los pagos que mis amantes me han hecho; y los convertiré en un desperdicio de árboles, y las bestias del campo los llevarán a comer.
मैं उसके अंगूर की लताओं और अंजीर के पेड़ों को नष्ट कर दूंगा, जिनके बारे में वह कहती है कि यह मेरी मजदूरी है जिसे मेरे प्रेमियों ने दिया था; मैं उनको एक झाड़ी बना दूंगा, और जंगली जानवर उन्हें खा जाएंगे.
13 Y la castigaré por los días de los Baales, a quienes ha estado quemando perfumes, cuando se adornaba con sus anillos en la nariz y sus joyas, y fue tras sus amantes, sin pensar en mí, dice él Señor.
मैं उसे उस बात के लिये दंड दूंगा कि उसने बाल देवताओं के लिये धूप जलाया; वह अपने आपको नथनी और गहनों से सजाती, और अपने प्रेमियों के पीछे जाती थी, पर मुझको वह भूल गई,” याहवेह की घोषणा है.
14 Por esta causa la haré venir al desierto y le diré palabras al corazón.
“इसलिये मैं उसे ललचाऊंगा; मैं उसे निर्जन जगह में ले जाऊंगा और उससे कोमलता से बात करूंगा.
15 Y desde allí le daré viñedos, y el valle de Acor como puerta de esperanza; y ella cantará allí como en los días en que era joven, y como en el momento en que salió de la tierra de Egipto.
वहां मैं उसे उसकी अंगूर की बारियां लौटा दूंगा, और आकोर घाटी को आशा का द्वार बना दूंगा. वहां वह ऐसे जवाब देगी जैसे वह अपने जवानी के दिनों में दिया करती थी, अर्थात् जैसे वह मिस्र देश से निकलकर आने के समय दिया करती थी.”
16 Y en aquel día, dice el Señor, me dirás, esposo mío; y nunca más me llamarás mi señor.
याहवेह घोषणा करते हैं, “उस दिन, तुम मुझे ‘मेरा पति’ कहोगी; तुम मुझे फिर कभी अपना मालिक नहीं कहोगी.
17 Porque le quitaré los nombres de los Baales de su boca, y nunca más volverá a decir sus nombres.
मैं उसके मुंह से बाल देवताओं का नाम मिटा दूंगा; उनका नाम फिर कभी न लिया जाएगा.
18 Y en ese día haré un pacto por ellos con las bestias del campo y las aves del cielo y los reptiles; Pondré fin al arco, la espada y la guerra en toda la tierra, y haré que descansen en paz.
उस दिन मैं उनके लिये जंगली जानवरों, आकाश के पक्षियों और भूमि पर रेंगनेवाले जंतुओं के साथ एक वाचा बांधूंगा. धनुष और तलवार और युद्ध को मैं देश से समाप्त कर दूंगा, ताकि लोग निडर होकर आराम करें.
19 Y te tomaré como mi novia para siempre; En verdad, te desposaré en justicia y en juicio, en amor y en misericordia.
मैं तुम्हें सदा के लिए विवाह का वचन दूंगा; मैं तुमको धर्मीपन और सच्चाई, प्रेम और करुणा के साथ विवाह का वचन दूंगा.
20 Te tomaré como mi novia de buena fe, y tendrás conocimiento del Señor.
मैं तुम्हें विश्वासयोग्यता के साथ विवाह का वचन दूंगा, और तुम याहवेह को जान जाओगी.”
21 Y será, en ese día, dice el Señor, que daré respuesta a los cielos, y los cielos a la tierra;
याहवेह की घोषणा है, “उस दिन मैं जवाब दूंगा, मैं आकाशमंडल को जवाब दूंगा, और वे पृथ्वी को जवाब देंगे;
22 Y la tierra dará su respuesta al grano, el vino y el aceite, y ellos darán una respuesta a Jezreel;
और पृथ्वी अन्न, नई दाखमधु और जैतून तेल को जवाब देगी, और वे येज़्रील को जवाब देंगे.
23 Y la pondré como simiente en la tierra, y tendré misericordia de ella a quien no se le dio misericordia; y diré a los que no fueron mi pueblo: Tú eres mi pueblo, y ellos dirán: Dios mío.
तब मैं स्वयं उस देश में उसका रोपण करूंगा; मैं उसे अपना प्रेम दिखाऊंगा, जिसे मैं अपना प्रिय नहीं कहता, वे जो मेरे लोग नहीं कहे जाते, उन्हें मैं कहूंगा, ‘तुम मेरे लोग हो’; और वे कहेंगे, ‘आप हमारे परमेश्वर हैं.’”