< Salmos 140 >

1 Al Vencedor: Salmo de David. Líbrame, oh SEÑOR, del hombre malo; de varón de violencia me guarde.
संगीत निर्देशक के लिये. दावीद का एक स्तोत्र. याहवेह, दुष्ट पुरुषों से मुझे उद्धार प्रदान कीजिए; हिंसक पुरुषों से मेरी रक्षा कीजिए,
2 Los cuales pensaron males en el corazón, cada día urden contiendas.
वे मन ही मन अनर्थ षड़्‍यंत्र रचते रहते हैं और सदैव युद्ध ही भड़काते रहते हैं.
3 Aguzaron su lengua como la serpiente; veneno de áspid hay debajo de sus labios. (Selah)
उन्होंने अपनी जीभ सर्प सी तीखी बना रखी है; उनके होंठों के नीचे नाग का विष भरा है.
4 Guárdame, oh SEÑOR, de manos del impío, del varón de violencia me guarde; que han pensado trastornar mis pasos.
याहवेह, दुष्टों से मेरी रक्षा कीजिए; मुझे उन हिंसक पुरुषों से सुरक्षा प्रदान कीजिए, जिन्होंने, मेरे पैरों को उखाड़ने के लिए युक्ति की है.
5 Me han escondido lazo y cuerdas los soberbios; han tendido red; en el lugar de la senda me han puesto lazos. (Selah)
उन अहंकारियों ने मेरे पैरों के लिए एक फंदा बनाकर छिपा दिया है; तथा रस्सियों का एक जाल भी बिछा दिया है, मार्ग के किनारे उन्होंने मेरे ही लिए फंदे लगा रखे हैं.
6 He dicho al SEÑOR: Dios mío eres tú; escucha, oh SEÑOR, la voz de mis ruegos.
मैं याहवेह से कहता हूं, “आप ही मेरे परमेश्वर हैं.” याहवेह, कृपा करके मेरी पुकार पर ध्यान दीजिए.
7 Oh DIOS el Señor, fortaleza de mi salud, cubre mi cabeza el día de las armas.
याहवेह, मेरे प्रभु, आप ही मेरे उद्धार का बल हैं, युद्ध के समय आप ही मेरे सिर का आवरण बने.
8 No des, oh SEÑOR, al impío sus deseos; no saques adelante su pensamiento, para que no se ensoberbezca. (Selah)
दुष्टों की अभिलाषा पूर्ण न होने दें, याहवेह; उनकी बुरी युक्ति आगे बढ़ने न पाए अन्यथा वे गर्व में ऊंचे हो जाएंगे.
9 En cuanto a la cabeza de los que me cercan, la perversidad de sus labios la cubra.
जिन्होंने इस समय मुझे घेरा हुआ है; उनके होंठों द्वारा उत्पन्‍न कार्य उन्हीं के सिर पर आ पड़े.
10 Caigan sobre ellos brasas; en el fuego los haga caer, en profundos hoyos de donde no salgan.
उनके ऊपर जलते हुए कोयलों की वृष्टि हो; वे आग में फेंक दिए जाएं, वे दलदल के गड्ढे में डाल दिए जाएं, कि वे उससे बाहर ही न निकल सकें.
11 El varón de lengua maligna no será firme en la tierra; el mal cazará al varón de violencia para derribarle.
निंदक इस भूमि पर अपने पैर ही न जमा सकें; हिंसक पुरुष अति शीघ्र बुराई द्वारा पकड़े जाएं.
12 Yo sé que hará el SEÑOR el juicio del pobre, el juicio de los menesterosos.
मैं जानता हूं कि याहवेह दुखित का पक्ष अवश्य लेंगे तथा दीन को न्याय भी दिलाएंगे.
13 Ciertamente los justos alabarán tu Nombre; los rectos morarán en tu presencia.
निश्चयतः धर्मी आपके नाम का आभार मानेंगे, सीधे आपकी उपस्थिति में निवास करेंगे.

< Salmos 140 >