< 1 Reyes 1 >

1 Como el rey David se hizo viejo, y entrado en días, cubríanle de vestidos, mas no se calentaba.
और दाऊद बादशाह बुड्ढा और उम्र दराज़ हुआ; और वह उसे कपड़े उढ़ाते, लेकिन वह गर्म न होता था।
2 Y dijéronle sus siervos: Busquen a mi señor el rey una moza virgen, que esté delante del rey, y le caliente, y duerma en su seno, y calentará a mi señor el rey.
तब उसके ख़ादिमों ने उससे कहा, कि हमारे मालिक बादशाह के लिए एक जवान कुँवारी ढूँडी जाए, जो बादशाह के सामने खड़ी रहे और उसकी देख भाल किया करे, और तेरे पहलू में लेट रहा करे ताकि हमारे मालिक बादशाह को गर्मी पहुँचे।
3 Y buscaron una moza hermosa por todo el término de Israel, y hallaron a Abisag Sunamita, y trajéronla al rey.
चुनाँचे उन्होंने इस्राईल की सारी हुकूमत में एक ख़ूबसूरत लड़की तलाश करते करते शून्मीत अबीशाग को पाया, और उसे बादशाह के पास लाए।
4 Y la moza era muy hermosa, la cual calentaba al rey, y le servía; mas el rey nunca la conoció.
और वह लड़की बहुत हसीन थी, तब वह बादशाह की देख भाल और उसकी ख़िदमत करने लगी; लेकिन बादशाह उससे वाक़िफ़ न हुआ।
5 Entonces Adonías, hijo de Hagit, se levantó, diciendo: Yo reinaré. E hízose hacer carros y gente de a caballo, y cincuenta varones que corriesen delante de él.
तब हज्जीत के बेटे अदूनियाह ने सर उठाया और कहने लगा, “मैं बादशाह हूँगा।” और अपने लिए रथ और सवार और पचास आदमी, जो उसके आगे — आगे दौड़ें, तैयार किए।
6 Y su padre nunca le entristeció en todos sus días para decirle: ¿Por qué haces así? Y también este era de hermoso parecer: y habíale engendrado después de Absalom.
उसके बाप ने उसको कभी इतना भी कहकर ग़मगीन नहीं किया, कि तू ने यह क्यूँ किया है? और वह बहुत ख़ूबसूरत भी था, और अबीसलोम के बाद पैदा हुआ था।
7 Y tenía tratos con Joab, hijo de Sarvia, y con Abiatar el sacerdote, los cuales ayudaban a Adonías.
और उसने ज़रोयाह के बेटे योआब और अबीयातर काहिन से बात की; और यह दोनों अदूनियाह के पैरोकार होकर उसकी मदद करने लगे।
8 Mas Sadoc el sacerdote, y Banaías, hijo de Joiada, y Natán profeta, y Semeí, y Reihi, y todos los grandes de David no seguían a Adonías.
लेकिन सदूक़ काहिन, और यहूयदा' के बेटे बिनायाह, और नातन नबी, और सिम'ई और रे'ई और दाऊद के बहादुर लोगों ने अदूनियाह का साथ न दिया।
9 Y sacrificó Adonías ovejas y vacas, y animales engordados, junto a la peña de Zohelet, que está cerca de la fuente de Rogel, y convidó a todos sus hermanos los hijos del rey, y a todos los varones de Judá, siervos del rey.
और अदूनियाह ने भेड़ें और बैल और मोटे — मोटे जानवर ज़ुहलत के पत्थर के पास, जो 'ऐन राजिल के बराबर है, ज़बह किए, और अपने सब भाइयों या'नी बादशाह के बेटों की, और सब यहूदाह के लोगों की, जो बादशाह के मुलाज़िम थे, दा'वत की;
10 Mas a Natán profeta, ni a Banaías, ni a los grandes, ni a Salomón su hermano, no convidó.
लेकिन नातन नबी और बिनायाह और बहादुर लोगों और अपने भाई सुलेमान को न बुलाया।
11 Y habló Natán a Bersabée madre de Salomón, diciendo: ¿No has oído que reina Adonías hijo de Hagit, sin saberlo nuestro señor David?
तब नातन ने सुलेमान की माँ बतसबा' से कहा, क्या तू ने नहीं सुना कि हज्जीत का बेटा अदूनियाह बादशाह बन बैठा है, और हमारे मालिक दाऊद को यह मालूम नहीं?
12 Ven pues ahora, y toma mi consejo, para que guardes tu vida, y la vida de tu hijo Salomón.
अब तू आ कि मैं तुझे सलाह दूँ, ताकि तू अपनी और अपने बेटे सुलेमान की जान बचा सके।
13 Vé, y entra al rey David, y díle: ¿Rey, señor mío, no has tú jurado a tu sierva, diciendo: Salomón tu hijo reinará después de mí, y él se asentará sobre mi trono? ¿Por qué pues reina Adonías?
तू दाऊद बादशाह के सामने जाकर उससे कह, “ऐ मेरे मालिक, ऐ बादशाह, क्या तू ने अपनी लौंडी से क़सम खाकर नहीं कहा कि यक़ीनन तेरा बेटा सुलेमान मेरे बाद हुकूमत करेगा, और वही मेरे तख़्त पर बैठेगा? पस अदूनियाह क्यूँ बादशाही करता है?
14 Y estando tú aun hablando con el rey, yo entraré tras ti, y acabaré tus razones.
और देख, तू बादशाह से बात करती ही होगी कि मैं भी तेरे बाद आ पहुँचूँगा, और तेरी बातों की तस्दीक़ करूँगा।”
15 Entonces Bersabée entró al rey a la cámara, y el rey era muy viejo; y Abisag Sunamita servía al rey.
तब बतसबा' अन्दर कोठरी में बादशाह के पास गई; और बादशाह बहुत बुड्ढा था, और शून्मीत अबीशाग बादशाह की ख़िदमत करती थी।
16 Y Bersabée se inclinó, e hizo reverencia al rey, y el rey dijo:
और बतसबा' ने झुककर बादशाह को सिज्दा किया। बादशाह ने कहा, “तू क्या चाहती है?”
17 ¿Qué tienes? Y ella le respondió: Señor mío, tú juraste a tu sierva por Jehová tu Dios, diciendo: Salomón tu hijo reinará después de mí, y él se asentará sobre mi trono.
उसने उससे कहा, “ऐ मेरे मालिक, तू ने ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की क़सम खाकर अपनी लौंडी से कहा था, यक़ीनन तेरा बेटा सुलेमान मेरे बाद हुकूमत करेगा, और वही मेरे तख़्त पर बैठेगा।
18 Y, he aquí que ahora Adonías reina; y ahora tú, rey mi señor, no lo supiste.
पर देख, अब तो अदूनियाह बादशाह बन बैठा है, और ऐ मेरे मालिक बादशाह, तुझ को इसकी ख़बर नहीं।
19 Ha sacrificado bueyes, y animales engordados, y muchas ovejas; y ha convidado a todos los hijos del rey, y a Abiatar el sacerdote, y a Joab general del ejército; mas a Salomón tu siervo no ha convidado.
और उसने बहुत से बैल और मोटे मोटे जानवर और भेड़ें ज़बह की हैं; और बादशाह के सब बेटों और अबीयातर काहिन, और लश्कर के सरदार योआब की दा'वत की है, लेकिन तेरे बन्दे सुलेमान को उसने नहीं बुलाया।
20 Rey, señor mío, los ojos de todo Israel están sobre ti, para que les declares, quién se ha de asentar sobre el trono de mi señor el rey, después de él.
लेकिन ऐ मेरे मालिक, सारे इस्राईल की निगाह तुझ पर है, ताकि तू उनको बताए कि मेरे मालिक बादशाह के तख़्त पर कौन उसके बाद बैठेगा।
21 Y acontecerá que cuando mi señor el rey durmiere con sus padres, que yo y mi hijo Salomón seremos tratados como pecadores.
वरना यह होगा कि जब मेरा मालिक बादशाह अपने बाप — दादा के साथ सो जाएगा, तो मैं और मेरा बेटा सुलेमान दोनों क़ुसूरवार ठहरेंगे।”
22 Y estando aun hablando ella con el rey, he aquí Natán profeta que vino.
वह अभी बादशाह से बात ही कर रही थी कि नातन नबी आ गया।
23 E hicieron saber al rey, diciendo: He aquí está Natán profeta: el cual como entró al rey postróse delante del rey, inclinando su rostro a tierra.
और उन्होंने बादशाह को ख़बर दी, “देख, नातन नबी हाज़िर है।” और जब वह बादशाह के सामने आया, तो उसने मुँह के बल गिर कर बादशाह को सिज्दा किया।
24 Y dijo Natán: Rey señor mío, ¿has tú dicho: Adonías reinará después de mí, y él se asentará sobre mi trono?
और नातन कहने लगा, ऐ मेरे मालिक बादशाह! क्या तू ने फ़रमाया है, कि मेरे बाद अदूनियाह बादशाह हो, और वही मेरे तख़्त पर बैठे'?
25 Porque hoy ha descendido, y ha sacrificado bueyes, y animales engordados, y muchas ovejas; y ha convidado a todos los hijos del rey, y a los capitanes del ejército, y también a Abiatar sacerdote, y, he aquí, están comiendo y bebiendo delante de él, y han dicho: Viva el rey Adonías.
क्यूँकि उसने आज जाकर बैल और मोटे — मोटे जानवर और भेड़ें कसरत से ज़बह की हैं, और बादशाह के सब बेटों और लश्कर के सरदारों और अबीयातर काहिन की दा'वत की है; और देख, वह उसके सामने खा पी रहे हैं और कहते हैं, 'अदूनियाह बादशाह ज़िन्दा रहे!“
26 Mas ni a mí tu siervo, ni a Sadoc el sacerdote, ni a Banaías, hijo de Joiada, ni a Salomón tu siervo ha convidado.
लेकिन मुझ तेरे ख़ादिम को, और सदूक़ काहिन और यहूयदा' के बेटे बिनायाह और तेरे ख़ादिम सुलेमान को उसने नहीं बुलाया।
27 ¿Este negocio es mandado por mi señor el rey, sin haber declarado a tu siervo quién se había de sentar sobre el trono de mi señor el rey después de él?
क्या यह बात मेरे मालिक बादशाह की तरफ़ से है? और तू ने अपने ख़ादिमों को बताया भी नहीं कि मेरे मालिक बादशाह के बा'द, उसके तख़्त पर कौन बैठेगा?”
28 Entonces el rey David respondió, y dijo: Llamádme a Bersabée: y ella entró delante del rey, y púsose delante del rey.
तब दाऊद बादशाह ने जवाब दिया और फ़रमाया, “बतसबा' को मेरे पास बुलाओ।” तब वह बादशाह के सामने आई और बादशाह के सामने खड़ी हुई।
29 Y el rey juró, diciendo: Vive Jehová, que ha redimido mi alma de toda angustia,
बादशाह ने क़सम खाकर कहा कि, ख़ुदावन्द की हयात की क़सम जिसने मेरी जान को हर तरह की आफ़त से रिहाई दी,
30 Que como yo te he jurado por Jehová Dios de Israel, diciendo: Tu hijo Salomón reinará después de mí, y él se asentará en mi trono en mi lugar, que así lo haré hoy.
कि सचमुच जैसी मैंने ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा की क़सम तुझ से खाई और कहा, कि यक़ीनन तेरा बेटा सुलेमान मेरे बाद बादशाह होगा, और वही मेरी जगह मेरे तख़्त पर बैठेगा, तो सचमुच मैं आज के दिन वैसा ही करूँगा।
31 Entonces Bersabée se inclinó al rey su rostro a tierra, e inclinándose al rey dijo: Viva mi señor el rey David para siempre.
तब बतसबा' ज़मीन पर मुँह के बल गिरी और बादशाह को सिज्दा करके कहा कि “मेरा मालिक दाऊद बादशाह, हमेशा ज़िन्दा रहे।”
32 Y el rey David dijo: Llamádme a Sadoc sacerdote, y a Natán profeta, y a Banaías, hijo de Joiada. Y ellos entraron delante del rey.
और दाऊद बादशाह ने फ़रमाया, “कि सदूक़ काहिन आयर नातन नबी और यहूयदा' के बेटे बिनायाह को मेरे पास बुलाओ।” तब वह बादशाह के सामने आए।
33 Y el rey les dijo: Tomád con vosotros los siervos de vuestro señor, y hacéd subir a Salomón mi hijo en mi mula, y llevádle a Gijón.
बादशाह ने उनको फ़रमाया कि तुम अपने मालिक के मुलाज़िमों को अपने साथ लो, और मेरे बेटे सुलेमान को मेरे ही खच्चर पर सवार कराओ; और उसे जैहून को ले जाओ;
34 Y allí le ungirán Sadoc sacerdote y Natán profeta por rey sobre Israel: y tocaréis trompeta, diciendo: Viva el rey Salomón.
और वहाँ सदूक़ काहिन और नातन नबी उसे मसह करें, कि वह इस्राईल का बादशाह हो; और तुम नरसिंगा फूँकना और कहना कि सुलेमान बादशाह ज़िन्दा रहे!“
35 Y vosotros iréis detrás de él; y vendrá, y asentarse ha en mi trono, y él reinará por mí: porque a él he mandado, que sea príncipe sobre Israel y sobre Judá.
फिर तुम उसके पीछे — पीछे चले आना, और वह आकर मेरे तख़्त पर बैठे; क्यूँकि वही मेरी जगह बादशाह होगा, और मैंने उसे मुक़र्रर किया है कि वह इस्राईल और यहूदाह का हाकिम हो।”
36 Entonces Banaías, hijo de Joiada, respondió al rey, y dijo: Amén. Así lo diga Jehová, Dios de mi señor el rey.
तब यहूयदा' के बेटे बिनायाह ने बादशाह के जवाब में कहा, “आमीन! ख़ुदावन्द मेरे मालिक बादशाह का ख़ुदा भी ऐसा ही कहे।
37 De la manera que Jehová ha sido con mi señor el rey, así sea con Salomón: y él haga mayor su trono, que el trono de mi señor el rey David.
जैसे ख़ुदावन्द मेरे मालिक बादशाह के साथ रहा, वैसे ही वह सुलेमान के साथ रहे; और उसके तख़्त को मेरे मालिक दाऊद बादशाह के तख़्त से बड़ा बनाए।”
38 Y descendió Sadoc sacerdote, y Natán profeta, y Banaías, hijo de Joiada, y los Cereteos, y los Feleteos, e hicieron subir a Salomón sobre la mula del rey David, y lleváronle a Gijón.
इसलिए सदूक़ काहिन और नातन नबी और यहूयदा' का बेटा बिनायाह और करेती और फ़लेती गए, और सुलेमान को दाऊद बादशाह के खच्चर पर सवार कराया और उसे जैहून पर लाए।
39 Y tomando Sadoc sacerdote el cuerno del aceite del tabernáculo, ungió a Salomón: y tocaron trompeta, y dijeron todo el pueblo: Viva el rey Salomón.
और सदूक़ काहिन ने ख़ेमे से तेल का सींग लिया और सुलेमान को मसह किया। और उन्होंने नरसिंगा फूंका और सब लोगों ने कहा, सुलेमान बादशाह ज़िन्दा रहे!“
40 Y todo el pueblo subió en pos de él, y cantaba el pueblo con flautas, y hacían grandes alegrías que parecía que la tierra se abría con el clamor de ellos.
और सब लोग उसके पीछे आए और उन्होंने बाँसुलियाँ बजाईं और बड़ी ख़ुशी मनाई, ऐसा कि ज़मीन उनके शोरओ — गु़ल से गूँज उठी।
41 Y oyólo Adonías, y todos los convidados que con él estaban, que ya habían acabado de comer, y oyendo Joab el sonido de la trompeta, dijo: ¿Por qué se alborota la ciudad con estruendo?
और अदूनियाह और उसके सब मेहमान जो उसके साथ थे, खा ही चुके थे कि उन्होंने यह सुना। और जब योआब को नरसिंगे की आवाज़ सुनाई दी तो उसने कहा, शहर में यह हंगामा और शोर क्यूँ मच रहा है?”
42 Estando aun él hablando, he aquí Jonatán, hijo de Abiatar sacerdote, vino, al cual dijo Adonías: Entra, porque tú hombre eres de esfuerzo, y traerás buenas nuevas.
वह यह कह ही रहा था कि देखो, अबीयातर काहिन का बेटा यूनतन आया; और अदूनियाह ने उससे कहा, “भीतर आ; क्यूँकि तू लायक़ शख़्स है, और अच्छी ख़बर लाया होगा।”
43 Y Jonatán respondió, y dijo a Adonías: Ciertamente nuestro señor el rey David ha hecho rey a Salomón.
यूनतन ने अदूनियाह को जवाब दिया, वाक़ई हमारे मालिक दाऊद बादशाह ने सुलेमान को बादशाह बना दिया है।
44 Y el rey ha enviado con él a Sadoc sacerdote, y a Natán profeta, y a Banaías, hijo de Joiada, y también a los Cereteos, y a los Feleteos, los cuales le hicieron subir en la mula del rey:
और बादशाह ने सदूक़ काहिन और नातन नबी और यहूयदा' के बेटे बिनायाह और करेतियों और फ़लेतियों को उसके साथ भेजा। तब उन्होंने बादशाह के खच्चर पर उसे सवार कराया।
45 Y Sadoc sacerdote y Natán profeta le han ungido en Gijón, por rey: y de allá han subido con alegrías, y la ciudad esta llena de estruendo; y este es el alboroto que habéis oído.
और सदूक़ काहिन और नातन नबी ने जैहून पर उसको मसह करके बादशाह बनाया है; तब वह वहीं से ख़ुशी करते आए हैं, ऐसा कि शहर गूँज गया। वह शोर जो तुम ने सुना यही है।
46 Y también Salomón se ha asentado sobre el trono del reino.
और सुलेमान तख़्त — ए — हुकूमत पर बैठ भी गया है।
47 Y aun los siervos del rey han venido a bendecir a nuestro señor el rey David, diciendo: Dios haga bueno el nombre de Salomón más que tu nombre: y haga mayor su trono que el tuyo. Y el rey se inclinó sobre la cama.
इसके 'अलावा बादशाह के मुलाज़िम हमारे मालिक दाऊद बादशाह को मुबारकबाद देने आए और कहने लगे कि तेरा ख़ुदा, सुलेमान के नाम को तेरे नाम से ज़्यादा मुम्ताज़ करे, और उसके तख़्त को तेरे तख़्त से बड़ा बनाए; और बादशाह अपने बिस्तर पर सिजदे में हो गया।
48 Y aun el rey habló así: Bendito sea Jehová Dios de Israel, que ha dado hoy quien se asiente en mi trono viéndolo mis ojos.
और बादशाह ने भी ऐसा फ़रमाया कि ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा मुबारक हो, जिसने एक वारिस बख़्शा कि वह मेरी ही आँखों के देखते हुए आज मेरे तख़्त पर बैठे।
49 Ellos entonces se estremecieron, y levantáronse todos los convidados que estaban con Adonías, y se fue cada uno por su camino.
फिर तो अदूनियाह के सब मेहमान डर गए, और उठ खड़े हुए और हर एक ने अपना रास्ता लिया।
50 Mas Adonías temiendo de la presencia de Salomón, levantóse, y fuése, y tomó los cuernos del altar.
और अदूनियाह सुलेमान की वजह से डर के मारे उठा, और जाकर मज़बह के सींग पकड़ लिए।
51 Y fue hecho saber a Salomón, diciendo: He aquí que Adonías tiene miedo del rey Salomón: porque ha tomado los cuernos del altar, diciendo: Júreme hoy el rey Salomón, que no matará a cuchillo a su siervo.
और सुलेमान को यह बताया गया कि “देख, अदूनियाह सुलेमान बादशाह से डरता है, क्यूँकि उसने मज़बह के सींग पकड़ रख्खे हैं; और कहता है कि सुलेमान बादशाह आज के दिन मुझ से क़सम खाए, कि वह अपने ख़ादिम को तलवार से क़त्ल नहीं करेगा।”
52 Y Salomón dijo: Si él fuere virtuoso, ni uno de sus cabellos caerá en tierra: mas si se hallare mal en él, morirá.
सुलेमान ने कहा, “अगर वह अपने को लायक़ साबित करे, तो उसका एक बाल भी ज़मीन पर नहीं गिरेगा; लेकिन अगर उसमें शरारत पाई जाएगी तो वह मारा जाएगा।”
53 Y así envió el rey Salomón, y trajéronle del altar: y él vino, e inclinóse al rey Salomón. Y Salomón le dijo: Vete a tu casa.
तब सुलेमान बादशाह ने लोग भेजे, और वह उसे मज़बह पर से उतार लाए। उसने आकर सुलेमान बादशाह को सिज्दा किया; और सुलेमान ने उससे कहा, “अपने घर जा।”

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