< عوبدیا 1 >
خداوند، آیندهٔ سرزمین ادوم را در رؤیایی به عوبدیا نشان داد. از جانب خداوند خبر رسیده که قاصدی با این پیام نزد قومها فرستاده شده است: «آماده شوید تا به جنگ ادوم برویم.» | 1 |
'अबदियाह का ख़्वाब; हम ने ख़ुदावन्द से यह ख़बर सुनी, और क़ौमों के बीच क़ासिद यह पैग़ाम ले गया: कि चलो उस पर हमला करें। खु़दावन्द खु़दा अदोम के बारे में यूँ फ़रमाता है।
خداوند میفرماید: «ای ادوم، تو را در میان قومها خوار و ضعیف میسازم. | 2 |
कि देख मैंने तुझे क़ौमों के बीच हक़ीर कर दिया है, तू बहुत ज़लील है।
از اینکه بر صخرههای بلند ساکن هستی به خود میبالی و با غرور میگویی:”کیست که دستش در این بلندیها به من برسد!“خود را گول نزن! | 3 |
ऐ चट्टानों के शिगाफ़ों में रहने वाले, तेरे दिल के घमंड ने तुझे धोका दिया है; तेरा मकान ऊँचा है और तू दिल में कहता है, कौन मुझे नीचे उतारेगा?
اگر همچون عقاب به اوج آسمانها بروی و آشیانهٔ خود را بین ستارگان بر پا داری، تو را از آنجا به زمین میآورم.» این است آنچه خداوند میگوید. | 4 |
ख़ुदावन्द फ़रमाता है, अगरचे तू 'उक़ाब की तरह ऊँची परवाज़ हो और सितारों में अपना आशियाना बनाए, तोभी मैं तुझे वहाँ से नीचे उतारूँगा।
«اگر دزدها شبانگاه آمده تو را غارت میکردند به مراتب برای تو بهتر میبود، زیرا همه چیز را نمیبردند! یا اگر انگورچینان به سراغ تو میآمدند پس از چیدن انگور خوشهای چند باقی میگذاشتند! | 5 |
अगर तेरे घर में चोर आएँ, या रात को डाकू आ घुसें, तेरी कैसी बर्बादी है तो क्या वह हस्ब — ए — ख़्वाहिश ही न लेंगे? अगर अंगूर तोड़ने वाले तेरे पास आएँ, तो क्या कुछ दाने बाक़ी न छोड़ेंगे?
اما اکنون ای ادوم، تو غارت خواهی شد و تمام ثروتت به یغما خواهد رفت. | 6 |
'ऐसौ का माल कैसा ढूँड निकाला गया, और उसके छुपे हुए ख़ज़ानों की कैसी तलाश हुई!
«تمام همپیمانانت دشمن تو میشوند و دست به دست هم داده، تو را از سرزمینت بیرون میرانند. دوستان مورد اعتمادت، برای تو دام میگذارند و تو از آن آگاه نخواهی شد.» | 7 |
तेरे सब हिमायतियों ने तुझे सरहद तक हाँक दिया है, और उन लोगों ने जो तुझ से मेल रखते थे तुझे धोका दिया और मग़लूब किया, और उन्होंने जो तेरी रोटी खाते थे, तेरे नीचे जाल बिछाया; उसमें थोड़े भी होशियार नहीं।
خداوند میفرماید: «در آن روز در سراسر ادوم حتی یک شخص دانا باقی نخواهد ماند! زیرا من همهٔ دانایان ادوم را نابود خواهم کرد. | 8 |
ख़ुदावन्द फ़रमाता है, क्या मैं उस दिन अदोम से होशियारों को और 'अक़्लमन्दी को पहाड़ी — ए — 'ऐसौ से हलाक न करूँगा?
دلیرترین سربازان تیمان، هراسان خواهند گردید، و همه در کوهستان ادوم کشته خواهند شد. | 9 |
ऐ तीमान, तेरे बहादुर घबरा जाएँगे, यहाँ तक के पहाड़ी — ए — 'ऐसौ के रहने वालों में से हर एक काट डाला जाएगा।
«به سبب ظلمی که به برادر خود اسرائیل کردی رسوا و برای همیشه ریشهکن خواهی شد؛ | 10 |
उस क़त्ल की वजह और उस जु़ल्म की वजह से जो तू ने अपने भाई या'क़ूब पर किया है, तू शर्मिन्दगी से भरपूर और हमेशा के लिए बर्बाद होगा।
زیرا اسرائیل را به هنگام سختی و احتیاجش ترک کردی. وقتی که مهاجمان، ثروت او را غارت میکردند و بر اورشلیم قرعه انداخته، آن را میان خود تقسیم مینمودند، تو کنار ایستاده، نخواستی هیچ کمکی به او بکنی و مانند یکی از دشمنانش عمل نمودی. | 11 |
जिस दिन तू उसके मुख़ालिफ़ों केसाथ खड़ा था, जिस दिन अजनबी उसके लश्कर को ग़ुलाम करके ले गए और बेगानों ने उसके फाटकों से दाखि़ल होकर येरूशलेम पर पर्ची डाली, तू भी उनके साथ था
«تو نباید این کار را میکردی. وقتی که برادرانت را به سرزمینهای بیگانه میبردند، نمیبایست مینشستی و آنها را تماشا میکردی. در روز مصیبت مردم یهودا نمیبایست شادی میکردی و زمانی که در سختی بودند نمیبایست به آنها میخندیدی. | 12 |
तुझे ज़रूरी न था कि तू उस दिन अपने भाई की जिलावतनी को खड़ा देखता रहता, और बनी यहूदाह की हलाकत के दिन ख़ुश होता और मुसीबत के रोज़ बड़ी ज़ुबान बकता।
روزی که اسرائیل گرفتار این مصیبت و بلا شده بود، تو نیز به او بدی رساندی و رفته، غارتش کردی. | 13 |
तुझे मुनासिब न था कि तू मेरे लोगों की मुसीबत के दिन उनके फाटकों में घुसता, और उनकी मुसीबत के रोज़ उनकी बदहाली को खड़ा देखता रहता, और उनके लशकर पर हाथ बढ़ाता।
بر سر چهارراهها ایستادی و کسانی را که سعی میکردند فرار کنند کشتی. در آن زمان وحشت و پریشانی، بازماندگان اسرائیل را دستگیر نموده، تحویل دشمن دادی. | 14 |
तुझे ज़रूरी न था कि घाटी में खड़ा होकर, उसके फ़रारियों को क़त्ल करता, और उस दुख के दिन में उसके बाक़ी थके लोगों को हवाले करता।
«من، خداوند بهزودی از تمام قومها انتقام خواهم کشید. ای ادوم، همانطور که با اسرائیل رفتار کردی، با تو نیز به همانگونه رفتار خواهد شد. هر چه کردی بر سر خودت خواهد آمد. | 15 |
क्यूँकि सब क़ौमों पर ख़ुदावन्द का दिन आ पहुँचा है। जैसा तू ने किया है, वैसा ही तुझ से किया जाएगा। तेरा किया तेरे सिर पर आएगा।
بر بالای کوه مقدّس من، جام مکافاتم را نوشیدی، قومهای دیگر نیز آن را خواهند نوشید. آری، آنها خواهند نوشید و از بین خواهند رفت و اثری از آنها باقی نخواهد ماند. | 16 |
क्यूँकि जिस तरह तुम ने मेरे कोह — ए — मुक़द्दस पर पिया, उसी तरह सब कौमें पिया करेंगी, हाँ पीती और निगलती रहेगी; और वह ऐसी होंगी जैसे कभी थीं ही नहीं।
«ولی کوه مقدّس من در اورشلیم، پناهگاه و محل نجات خواهد شد. اسرائیل سرزمین خود را دوباره تصرف خواهد نمود | 17 |
लेकिन जो बच निकलेंगे सिय्यून पहाड़ी पर रहेंगे, और वह पाक होगा और या'क़ूब का घराना अपनी मीरास पर क़ाबिज़ होगा।
و مانند آتش، ادوم را خواهد سوزاند به طوری که از ادوم کسی باقی نخواهد ماند.» این را خداوند میفرماید. | 18 |
तब या'क़ूब का घराना आग होगा, और यूसुफ़ का घराना शो'ला, और 'ऐसौ का घराना फूस; और वह उसमें भड़केंगे और उसको खा जाएँगे, और 'ऐसौ के घराने में से कोई न बचेगा; क्यूँकि ये ख़ुदावन्द का फ़रमान है।
اهالی جنوب یهودا، کوهستان ادوم را اشغال خواهند کرد و اهالی جلگههای یهودا، دشتهای فلسطین را تصرف نموده، دوباره مراتع افرایم و سامره را به چنگ خواهند آورد و قبیلهٔ بنیامین، جلعاد را خواهد گرفت. | 19 |
और दख्खिन के रहने वाले पहाड़ी — ए — 'ऐसौ, और मैदान के रहने वाले फ़िलिस्तीन के मालिक होंगे; और वह इफ़्राईम और सामरिया के खेतों पर काबिज़ होंगे, और बिनयमीन जिलआद का वारिस होगा।
تبعیدشدگان اسرائیلی مراجعت نموده، فینیقیه را تا صرفه در شمال، اشغال خواهند کرد و آنانی که از اورشلیم به آسیای صغیر به اسارت رفته بودند، به وطن خود بازگشته، شهرهای جنوب یهودا را خواهند گرفت. | 20 |
और बनी — इस्राईल के लशकर के सब ग़ुलाम, जो कना'नियों में सारपत तक हैं, और येरूशलेम के ग़ुलाम जो सिफ़ाराद में हैं, दखिन के शहरों पर क़ाबिज़ हो जाएँगे।
نجاتیافتگان از کوه صهیون در اورشلیم بالا خواهند رفت تا بر کوههای ادوم حکومت کنند و خودِ خداوند، پادشاه ایشان خواهد بود! | 21 |
और रिहाई देने वाले सिय्यून की पहाड़ी पर चढ़ेंगे ताकि पहाड़ी — ए — 'ऐसौ की 'अदालत करें, और बादशाही ख़ुदावन्द की होगी।