< ଗୀତସଂହିତା 18 >

1 ପ୍ରଧାନ ବାଦ୍ୟକର ନିମନ୍ତେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଦାସ ଦାଉଦଙ୍କର ଗୀତ। ସଦାପ୍ରଭୁ ଶତ୍ରୁମାନଙ୍କ ହସ୍ତରୁ ଓ ଶାଉଲଙ୍କ ହସ୍ତରୁ ତାଙ୍କୁ ଉଦ୍ଧାର କରିବା ଦିନ ସେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଏହି ଗୀତର କଥା ନିବେଦନ କରିଥିଲେ; ସେ କହିଲେ, ହେ ମୋହର ବଳ ସ୍ୱରୂପ ସଦାପ୍ରଭୋ, ମୁଁ ତୁମ୍ଭଙ୍କୁ ପ୍ରେମ କରେ।
मुख्य गायकासाठी, परमेश्वराचा सेवक दावीद याचे स्तोत्र. परमेश्वराने त्यास त्याच्या सर्व शत्रूंच्या हातातून आणि शौलाच्या हातातून सोडवले, त्या दिवशी तो या गीताची वचने परमेश्वरापाशी बोलला, आणि तो म्हणाला. “हे परमेश्वरा, माझ्या सामर्थ्या, मी तुझ्यावर प्रेम करतो.”
2 ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋହର ଶୈଳ, ମୋହର ଗଡ଼ ଓ ମୋହର ଉଦ୍ଧାରକର୍ତ୍ତା; ମୋହର ପରମେଶ୍ୱର, ମୋହର ଦୃଢ଼ ଶୈଳ, ମୁଁ ତାହାଙ୍କଠାରେ ଶରଣ ନେବି; ମୋହର ଢାଲ ଓ ମୋହର ପରିତ୍ରାଣର ଶୃଙ୍ଗ, ମୋହର ଉଚ୍ଚ ଦୁର୍ଗ।
परमेश्वर माझा खडक माझा गढ आहे, जो मला सुरक्षा देतो, तो माझा देव, माझा खडक आहे, त्याच्यात मी आश्रय घेतो. तो माझी ढाल आहे, माझ्या तारणाचे शिंग आणि माझा बळकट दुर्ग आहे.
3 ମୁଁ ପ୍ରଶଂସନୀୟ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ଡାକିବି; ତହିଁରେ ମୁଁ ଆପଣା ଶତ୍ରୁଗଣଠାରୁ ନିସ୍ତାର ପାଇବି।
जो स्तुतीच्या योग्य आहे, त्या परमेश्वरास मी हाक मारीन, आणि मी माझ्या शत्रूंपासून वाचवला जाईन.
4 ମୃତ୍ୟୁର ରଜ୍ଜୁ ମୋତେ ବେଷ୍ଟନ କଲା, ପାପାଧମତାରୂପ ପ୍ଲାବନ ମୋତେ ଭୟଗ୍ରସ୍ତ କଲା।
मृत्यूच्या दोऱ्यांनी मला घेरीले, आणि नाशाच्या पुरांनी मला घाबरे केले आहे.
5 ପାତାଳର ରଜ୍ଜୁସବୁ ମୋʼ ଚାରିଆଡ଼େ ଥିଲା; ମୃତ୍ୟୁର ଫାନ୍ଦ ମୋʼ ଉପରେ ପଡ଼ିଲା। (Sheol h7585)
अधोलोकांच्या बंधनांनी मला घेरीले, मृत्यूच्या सापळ्याने मला अडकवले. (Sheol h7585)
6 ମୁଁ ଆପଣା ଦୁର୍ଦ୍ଦଶା ସମୟରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ଡାକିଲି ଓ ମୋʼ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ନିକଟରେ ଆର୍ତ୍ତନାଦ କଲି; ସେ ଆପଣା ମନ୍ଦିରରୁ ମୋହର ରବ ଶୁଣିଲେ, ପୁଣି, ତାହାଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ କୃତ ମୋହର ଆର୍ତ୍ତନାଦ ତାହାଙ୍କ କର୍ଣ୍ଣରେ ପ୍ରବେଶ କଲା।
मी संकटात असता, मी परमेश्वरास हाक मारली; मी देवाला माझ्या मदतीसाठी हाक मारली. त्याने त्याच्या पवित्र मंदिरातून माझी वाणी ऐकली.
7 ସେତେବେଳେ ପୃଥିବୀ ଟଳଟଳ ଓ କମ୍ପିତ ହେଲା, ପର୍ବତଗଣର ଭିତ୍ତିମୂଳ ମଧ୍ୟ ବିଚଳିତ ହେଲା ଓ ତାହାଙ୍କ କୋପ ସକାଶୁ ଟଳଟଳ ହେଲା।
तेव्हा पृथ्वी हादरली आणि कंपित झाली. डोंगरांचे पाये थरथर कापले आणि हादरले, कारण देव क्रोधित झाला होता.
8 ତାହାଙ୍କ ନାସାରନ୍ଧ୍ରରୁ ଧୂମ ନିର୍ଗତ ହେଲା ଓ ତାହାଙ୍କ ମୁଖନିର୍ଗତ ଅଗ୍ନି ଗ୍ରାସ କଲା; ତଦ୍ଦ୍ୱାରା ଅଙ୍ଗାର ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହେଲା।
त्याच्या नाकातून धूर वर चढला, आणि त्याच्या तोंडातून अग्नीच्या ज्वाला निघाल्या, ज्याने कोळसे पेटले गेले.
9 ସେ ଆକାଶମଣ୍ଡଳକୁ ହିଁ ନୁଆଁଇ ତଳକୁ ଆସିଲେ; ଆଉ, ତାହାଙ୍କ ପାଦ ତଳେ ଘୋର ଅନ୍ଧକାର ଥିଲା।
त्याने आकाश उघडले आणि तो खाली आला, आणि निबिड अंधार त्याच्या पाया खाली होता.
10 ପୁଣି, ସେ କିରୂବ ଉପରେ ଆରୋହଣ କରି ଉଡ଼ିଲେ; ହଁ, ସେ ବାୟୁର ପକ୍ଷ ଉପରେ ବେଗରେ ଉଡ଼ିଲେ।
१०तो करुबावर स्वार झाला आणि वाऱ्याच्या पंखांनी वर उडत गेला.
11 ସେ ଅନ୍ଧକାରକୁ ଆପଣାର ଗୁପ୍ତ ସ୍ଥାନ ଓ ଜଳମୟ ଅନ୍ଧକାରକୁ, ଗଗନମଣ୍ଡଳର ନିବିଡ଼ ମେଘମାଳକୁ ଆପଣା ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରେ ଆବାସ ସ୍ୱରୂପ କଲେ।
११पावसाचे मोठे काळोख असे मेघ त्याने त्याच्याभोवती तंबू असे केले,
12 ତାହାଙ୍କ ସମ୍ମୁଖବର୍ତ୍ତୀ ତେଜରେ ତାହାଙ୍କର ନିବିଡ଼ ମେଘମାଳ ଶିଳାବୃଷ୍ଟି ଓ ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ଅଙ୍ଗାର ନିର୍ଗତ କଲା।
१२त्याच्या समोरील तेजामुळे, गारा आणि जळते कोळसे बाहेर पडले.
13 ସଦାପ୍ରଭୁ ମଧ୍ୟ ଆକାଶମଣ୍ଡଳରେ ବଜ୍ରନାଦ କଲେ ଓ ସର୍ବୋପରିସ୍ଥ ଆପଣା ରବ ଉଚ୍ଚାରଣ କଲେ।
१३परमेश्वराने आकाशात गडगडाट केला! परात्पराने आवाज उंच केला, गारा आणि विजा बाहेर पडल्या.
14 ଆଉ, ସେ ଆପଣା ତୀର ପ୍ରେରଣ କରି ସେମାନଙ୍କୁ ଛିନ୍ନଭିନ୍ନ କଲେ; ହଁ, ଅନେକ ବିଜୁଳି ପଠାଇ ସେମାନଙ୍କୁ ବ୍ୟାକୁଳ କଲେ।
१४परमेश्वराने त्याचे बाण सोडले आणि शत्रूंची दाणादाण उडाली, पुष्कळ विजांनी त्यांना छेदून टाकले.
15 ସେତେବେଳେ, ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ତୁମ୍ଭ ତର୍ଜ୍ଜନରେ ଓ ନାସିକାର ପ୍ରଶ୍ୱାସ ବାୟୁରେ ଜଳରାଶିର ପ୍ରଣାଳୀ ପ୍ରକାଶିତ ହେଲା ଓ ଭୂମଣ୍ଡଳର ମୂଳସକଳ ଅନାବୃତ ହେଲା।
१५तेव्हा जलाशयाचे तळ दिसू लागले, तुझ्या युद्धाच्या गदारोळाने आणि तुझ्या नाकपुड्याच्या श्वासाच्या सोसाट्याने हे परमेश्वरा, जगाचे पाये उघडे पडले.
16 ସେ ଊର୍ଦ୍ଧ୍ୱରୁ ହସ୍ତ ବିସ୍ତାର କରି ମୋତେ ଧରିଲେ; ସେ ଆପଣା ଜଳରାଶିରୁ ମୋତେ ଓଟାରି ଆଣିଲେ,
१६तो उंचावरून खाली आला आणि त्याने मला पकडले! त्याने मला उसळत्या पाण्यातून बाहेर काढले.
17 ସେ ମୋହର ବଳବାନ ଶତ୍ରୁଠାରୁ ଓ ମୋହର ଘୃଣାକାରୀମାନଙ୍କଠାରୁ ମୋତେ ଉଦ୍ଧାର କଲେ, କାରଣ ସେମାନେ ମୋʼ ଅପେକ୍ଷା ଅତି ପରାକ୍ରାନ୍ତ ଥିଲେ।
१७माझ्या शक्तीशाली शत्रूंपासून आणि माझा तिरस्कार करणाऱ्यांपासून त्याने मला सोडवले. कारण ते माझ्यापेक्षा अधिक बलवान होते.
18 ସେମାନେ ମୋହର ବିପଦ ଦିନରେ ମୋତେ ଆକ୍ରମଣ କଲେ; ମାତ୍ର ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋତେ ଉଦ୍ଧାର କଲେ।
१८माझ्या दु: खाच्या दिवशी ते माझ्याविरूद्ध आले; परंतु परमेश्वर मला उचलून धरणारा होता.
19 ମଧ୍ୟ ସେ ମୋତେ ବାହାର କରି ପ୍ରଶସ୍ତ ସ୍ଥାନକୁ ଆଣିଲେ; ସେ ମୋʼ ଠାରେ ସନ୍ତୁଷ୍ଟ ହେବାରୁ ମୋତେ ଉଦ୍ଧାର କଲେ।
१९त्याने मला विस्तृत खुल्या जागेमध्ये मोकळे केले! त्याने मला तारले कारण तो माझ्यामुळे संतुष्ट होता.
20 ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋହର ଧର୍ମାନୁସାରେ ମୋତେ ପୁରସ୍କାର ଦେଲେ; ମୋʼ ହସ୍ତର ଶୌଚ ଅନୁସାରେ ସେ ମୋତେ ଫଳ ଦେଲେ।
२०माझ्या न्यायीपणाप्रमाणे परमेश्वराने मला पुरस्कृत केले आहे, त्याने मला पुनसंचयित केले कारण माझे हात निर्मळ होते.
21 କାରଣ ମୁଁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ପଥ ଧରିଅଛି ଓ ଦୁଷ୍ଟ ଭାବରେ ମୁଁ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ନିକଟରୁ ପ୍ରସ୍ଥାନ କରି ନାହିଁ।
२१कारण मी परमेश्वराच्या मार्गात राहिलो आणि दुष्टाईने देवापासून दूर फिरलो नाही.
22 ଆଉ, ତାହାଙ୍କ ଶାସନସବୁ ମୋʼ ସମ୍ମୁଖରେ ଥିଲା, ପୁଣି, ମୁଁ ତାହାଙ୍କ ବିଧିସବୁ ଆପଣାଠାରୁ ଦୂର କଲି ନାହିଁ।
२२कारण त्याचे धार्मिक नियम माझ्यापुढे होते आणि त्याचे नियम मी आपणापासून दूर केले नाहीत.
23 ମଧ୍ୟ ମୁଁ ତାହାଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ସିଦ୍ଧ ଥିଲି ଓ ମୁଁ ନିଜ ଅପରାଧରୁ ଆପଣାକୁ ରକ୍ଷା କଲି।
२३मी त्याच्यासमोर निर्दोष असा होतो, आणि मी स्वत: ला पापापासून दूर राखले.
24 ଏହେତୁ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋର ଧର୍ମାନୁସାରେ ଓ ତାହାଙ୍କ ଦୃଷ୍ଟିରେ ମୋʼ ହସ୍ତର ଶୌଚାନୁସାରେ ମୋତେ ଫଳ ଦେଇଅଛନ୍ତି।
२४माझ्या न्यायीपणाप्रमाणे परमेश्वराने पुनसंचयित केले. कारण त्याच्या डोळ्यासमोर माझे हात निर्मळ होते.
25 ଦୟାଳୁ ପ୍ରତି ତୁମ୍ଭେ ଆପଣାକୁ ଦୟାଳୁ ଦେଖାଇବ; ସିଦ୍ଧ ଲୋକ ପ୍ରତି ତୁମ୍ଭେ ଆପଣାକୁ ସିଦ୍ଧ ଦେଖାଇବ;
२५जो विश्वासयोग्य आहे, त्याच्याशी तू विश्वास दाखवतोस, निर्दोष मनुष्याशी तू सात्विकतेने वागतोस.
26 ନିର୍ମଳ ଲୋକ ପ୍ରତି ତୁମ୍ଭେ ଆପଣାକୁ ନିର୍ମଳ ଦେଖାଇବ। ଆଉ, କୁଟିଳ ଲୋକ ପ୍ରତି ତୁମ୍ଭେ ଆପଣାକୁ ଚତୁର ଦେଖାଇବ;
२६जे शुद्ध असतात त्यांच्याशी तू शुद्ध असतोस, परंतु जे कुटील त्यांच्याशी तू कुटीलतेने वागतोस.
27 କାରଣ ତୁମ୍ଭେ ଦୁଃଖୀ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ତ୍ରାଣ କରିବ; ମାତ୍ର ଦାମ୍ଭିକ ଚକ୍ଷୁକୁ ତୁମ୍ଭେ ନତ କରିବ।
२७कारण तू पीडित लोकांस वाचविले आहेस. परंतु गर्वाने उंचावलेल्या डोळ्यांना तू खाली करतोस.
28 ଯେଣୁ ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ପ୍ରଦୀପ ଜ୍ୱଳାଇବ; ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋʼ ପରମେଶ୍ୱର ମୋʼ ଅନ୍ଧକାରକୁ ଆଲୁଅମୟ କରିବେ।
२८कारण तू माझा दिवा लावशील, परमेश्वर माझा देव माझ्या अंधाराचा प्रकाश करितो.
29 କାରଣ ତୁମ୍ଭ ଦ୍ୱାରା ମୁଁ ସୈନ୍ୟଦଳ ଉପରେ ଦୌଡ଼େ ଓ ମୋʼ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ମୁଁ ପ୍ରାଚୀର ଡିଏଁ।
२९कारण तुझ्या मदतीने मी फौजेविरूद्ध जाऊ शकतो, माझ्या देवाच्या योगे मी तटावरुन उडी मारून जाऊ शकतो.
30 ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ପଥ ସିଦ୍ଧ; ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ବାକ୍ୟ ସୁପରୀକ୍ଷିତ; ସେ ଆପଣା ଶରଣାଗତ ସମସ୍ତଙ୍କର ଢାଲ।
३०देवाचा मार्ग परिपूर्ण आहे. परमेश्वराचे वचन शुद्ध आहे. जे त्याच्यात आश्रय घेतात, त्यांच्यासाठी तो ढाल असा आहे.
31 କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଛଡ଼ା ପରମେଶ୍ୱର କିଏ? ଓ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଛଡ଼ା ଶୈଳ କିଏ?
३१कारण परमेश्वराखेरीज कोण देव आहे? आमच्या देवाशिवाय कोण खडक आहे?
32 ସେହି ପରମେଶ୍ୱର ବଳ ଦେଇ ମୋହର କଟି ବାନ୍ଧନ୍ତି ଓ ମୋହର ପଥ ସିଦ୍ଧ କରନ୍ତି।
३२तोच देव बलाने माझी कंबर बांधतो, जो माझे मार्ग सुरक्षित ठेवतो.
33 ସେ ମୋହର ଚରଣକୁ ହରିଣୀର ଚରଣ ପରି କରନ୍ତି ଓ ମୋତେ ମୋʼ ଉଚ୍ଚସ୍ଥଳୀରେ ସ୍ଥାପନ କରନ୍ତି।
३३तो माझे पाय हरिणीसारखे चपळ करतो आणि मला डोंगरावर ठेवतो!
34 ସେ ମୋʼ ହସ୍ତକୁ ଯୁଦ୍ଧ କରିବା ପାଇଁ ଶିଖାନ୍ତି; ତେଣୁ ମୋʼ ବାହୁ ପିତ୍ତଳ ଧନୁ ନୁଆଁଏ।
३४तो माझ्या हाताला युद्ध करावयाला आणि माझे भुज पितळी धनुष्य वाकवायला शिकवतो.
35 ତୁମ୍ଭେ ମଧ୍ୟ ଆପଣା ପରିତ୍ରାଣର ଢାଲ ମୋତେ ଦେଇଅଛ; ଆଉ, ତୁମ୍ଭର ଦକ୍ଷିଣ ହସ୍ତ ମୋତେ ଧରି ରଖିଅଛି ଓ ତୁମ୍ଭର ନମ୍ରତା ମୋତେ ବୃଦ୍ଧିପ୍ରାପ୍ତ କରିଅଛି।
३५तू मला तुझ्या तारणाची ढाल दिली आहेस, तुझा उजवा हात मला आधार देतो आणि तुझ्या अनुग्रहाने मला थोर केले आहे.
36 ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ପାଦ ପକାଇବାର ସ୍ଥାନ ପ୍ରଶସ୍ତ କରିଅଛ ଓ ମୋʼ ପାଦ ଖସି ଯାଇ ନାହିଁ।
३६तू माझ्या पायांखाली विस्तीर्ण असे स्थान केले आहे, म्हणजे माझे पाय कधीही घसरणार नाहीत.
37 ମୁଁ ଆପଣା ଶତ୍ରୁମାନଙ୍କ ପଛେ ଗୋଡ଼ାଇ ସେମାନଙ୍କୁ ଧରିବି; କିଅବା ସେମାନେ ସଂହାରିତ ନୋହିବା ଯାଏ ମୁଁ ଫେରି ଆସିବି ନାହିଁ।
३७मी माझ्या शत्रूंचा पाठलाग करीन आणि त्यांना पकडीन. ते नाश होईपर्यंत मी मागे फिरणार नाही.
38 ମୁଁ ସେମାନଙ୍କୁ ଏପରି ଆଘାତ କରିବି ଯେ, ସେମାନେ ଆଉ ଉଠି ପାରିବେ ନାହିଁ; ସେମାନେ ମୋʼ ପଦ ତଳେ ପତିତ ହେବେ।
३८मी माझ्या शत्रूंना असे मारीन की, ते पुन्हा उभे राहू शकणार नाहीत, ते सगळे माझ्या पायाखाली असतील.
39 କାରଣ ତୁମ୍ଭେ ବଳ ଦେଇ ଯୁଦ୍ଧାର୍ଥେ ମୋʼ କଟି ବାନ୍ଧିଅଛ; ମୋʼ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯେଉଁମାନେ ଉଠିଲେ, ସେମାନଙ୍କୁ ତୁମ୍ଭେ ମୋହର ବଶୀଭୂତ କରିଅଛ।
३९कारण युद्धाकरिता तू सामर्थ्याने माझी कंबर बांधली आहे, जे माझ्याविरूद्ध उठले होते त्यांना तू खाली पाडले आहे.
40 ମଧ୍ୟ ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ଶତ୍ରୁମାନଙ୍କୁ ମୋʼ ନିକଟରୁ ଫେରାଇ ଦେଇଅଛ, ତହିଁରେ ମୁଁ ଆପଣା ଘୃଣାକାରୀମାନଙ୍କୁ ଉଚ୍ଛିନ୍ନ କରିଅଛି।
४०तू मला माझ्या शत्रूंनाही त्यांची पाठ फिरवायला लावली आहे, ज्यांनी माझा द्वेष केला, त्यांचा मी नाश केला.
41 ସେମାନେ ଡାକ ପକାଇଲେ, ମାତ୍ର ଉଦ୍ଧାର କରିବାକୁ କେହି ନ ଥିଲା, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ହିଁ ଡାକିଲେ, ମାତ୍ର ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ଉତ୍ତର ଦେଲେ ନାହିଁ।
४१ते मदतीसाठी ओरडले, पण कोणीही त्यांना वाचवले नाही, त्यांनी परमेश्वरास आरोळी केली, पण त्याने उत्तर दिले नाही.
42 ସେତେବେଳେ ମୁଁ ବାୟୁ ସମ୍ମୁଖସ୍ଥ ଧୂଳି ପରି ସେମାନଙ୍କୁ ଚୂର୍ଣ୍ଣ କଲି; ମୁଁ ସେମାନଙ୍କୁ ବାଟର କାଦୁଅ ପରି ପକାଇଦେଲି।
४२मी माझ्या शत्रूंचे वाऱ्यावर उडणाऱ्या धुळीप्रमाणे चूर्ण केले, रस्त्यावरील चिखलाप्रमाणे मी त्यांना काढून टाकले.
43 ତୁମ୍ଭେ ଲୋକମାନଙ୍କ ବିବାଦରୁ ମୋତେ ଉଦ୍ଧାର କରିଅଛ; ତୁମ୍ଭେ ମୋତେ ଗୋଷ୍ଠୀସମୂହର ମସ୍ତକ ସ୍ୱରୂପ କରିଅଛ; ମୋହର ଅପରିଚିତ ଗୋଷ୍ଠୀ ମୋହର ସେବା କରିବେ।
४३मी त्यांना असे मारले की धुळीसारखा त्यांचा भुगा केला, तू मला राष्ट्रांवर मस्तक असे केले आहे. जे लोक मला माहित नाहीत ते माझी सेवा करतील.
44 ସେମାନେ ମୋର ବିଷୟ ଶୁଣିବାମାତ୍ରେ ମୋହର ଆଜ୍ଞାବହ ହେବେ; ବିଦେଶୀୟମାନେ ଆପଣାମାନଙ୍କୁ ମୋହର ବଶୀଭୂତ କରିବେ।
४४ते लोक माझ्याविषयी ऐकतील आणि लगेच माझ्या आज्ञांचे पालन करतील, ते परदेशी माझ्यापुढे शरण येतील.
45 ବିଦେଶୀୟମାନେ ମ୍ଳାନ ହୋଇଯିବେ ଓ ଆପଣାମାନଙ୍କ ଗୁପ୍ତ ସ୍ଥାନରୁ ଥରହର ହୋଇ ବାହାରି ଆସିବେ।
४५ते परदेशी त्यांच्या लपण्याच्या जागेतून भीतीने थरथर कापत बाहेर येतील.
46 ସଦାପ୍ରଭୁ ଜୀବିତ; ମୋହର ଶୈଳ ଧନ୍ୟ ହେଉନ୍ତୁ ଓ ମୋହର ପରିତ୍ରାଣ ସ୍ୱରୂପ ପରମେଶ୍ୱର ଉନ୍ନତ ହେଉନ୍ତୁ।
४६परमेश्वर जिवंत आहे, माझा खडक धन्यवादित असो. माझ्या तारणाचा देव उंचावला जावो.
47 ସେହି ପରମେଶ୍ୱର ମୋʼ ପକ୍ଷରେ ପରିଶୋଧ ନିଅନ୍ତି ଓ ଗୋଷ୍ଠୀୟମାନଙ୍କୁ ମୋହର ବଶୀଭୂତ କରନ୍ତି।
४७हाच तो देव आहे जो माझ्यासाठी सूड घेतो, तो त्या राष्ट्रांना माझ्या सत्तेखाली देतो.
48 ସେ ମୋʼ ଶତ୍ରୁଗଣଠାରୁ ମୋତେ ରକ୍ଷା କରନ୍ତି; ହଁ, ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଉତ୍ଥିତ ଲୋକମାନଙ୍କ ଉପରେ ମୋତେ ଉଚ୍ଚୀକୃତ କରୁଅଛ; ତୁମ୍ଭେ ଉପଦ୍ରବୀ ଲୋକଠାରୁ ମୋତେ ଉଦ୍ଧାର କରୁଅଛ।
४८मी माझ्या शत्रूंपासून मुक्त झालो आहे, खचित, जे माझ्याविरूद्ध उठले आहेत, त्यांच्यावर तू मला उंच केले आहे. तू मला क्रूर मनुष्यांपासून वाचवले.
49 ଏହେତୁ, ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ମୁଁ ଗୋଷ୍ଠୀୟମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ତୁମ୍ଭର ଧନ୍ୟବାଦ କରିବି ଓ ତୁମ୍ଭ ନାମର ପ୍ରଶଂସା ଗାନ କରିବି।
४९यास्तव परमेश्वरा, राष्ट्रांमध्ये मी तुला धन्यवाद देईन, मी तुझ्या नावाची स्तुती गाईन.
50 ସେ ଆପଣା ରାଜାକୁ ମହାପରିତ୍ରାଣ ପ୍ରଦାନ କରନ୍ତି ଓ ଆପଣା ଅଭିଷିକ୍ତ ପ୍ରତି, ଦାଉଦ ପ୍ରତି ଓ ତାହାର ବଂଶ ପ୍ରତି ଅନନ୍ତକାଳ ସ୍ନେହପୂର୍ଣ୍ଣ କରୁଣା ପ୍ରକାଶ କରନ୍ତି।
५०देव आपल्या राजाला मोठा विजय देतो, आणि तो आपल्या अभिषिक्तावर, दाविदावर व त्याच्या संतानावर सदासर्वकाळ कृपा करतो.

< ଗୀତସଂହିତା 18 >