< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ତୃତୀୟ ପୁସ୍ତକ 3 >

1 ଆଉ, କୌଣସି ବ୍ୟକ୍ତିର ଉପହାର ଯଦି ମଙ୍ଗଳାର୍ଥକ ବଳିଦାନ ହୁଏ; ଯଦି ସେ ପଲରୁ ଅଣ୍ଡିରା କି ମାଈ ଗୋରୁ ଦିଏ, ତେବେ ସେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଛାମୁକୁ ନିଖୁନ୍ତ ପଶୁ ଆଣିବ।
जर कोणाला शांत्यर्पणाचा यज्ञ करावयाचा असेल तर त्याने गुरांढोरापैकी दोष नसलेला नर किंवा मादी परमेश्वरासमोर अर्पावा.
2 ପୁଣି, ସେ ସମାଗମ-ତମ୍ବୁର ଦ୍ୱାର ନିକଟରେ ଆପଣା ବଳିର ମସ୍ତକରେ ହସ୍ତ ରଖି ତାକୁ ବଧ କରିବ; ତହୁଁ ହାରୋଣର ପୁତ୍ର ଯାଜକଗଣ ତାହାର ରକ୍ତ ବେଦି ଉପରେ ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରେ ଛିଞ୍ଚିବେ।
त्याने त्याच्या अर्पणाच्या पशूच्या डोक्यावर आपला हात ठेवावा व दर्शनमंडपाच्या दारापाशी त्याचा वध करावा; मग अहरोनाचे पुत्र जे याजक आहेत त्यांनी त्याचे रक्त वेदीवर व सभोवती शिंपडावे.
3 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେ ସେହି ମଙ୍ଗଳାର୍ଥକ ବଳିରୁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଅଗ୍ନିକୃତ ଉପହାର ଉତ୍ସର୍ଗ କରିବ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଅନ୍ତ ଆଚ୍ଛାଦକ ମେଦ, ଅନ୍ତ ଉପରିସ୍ଥ ମେଦ,
परमेश्वरास शांत्यर्पण हे अग्नीद्वारे केलेले अर्पण होय. याजकाने पशूच्या आंतड्यावरील चरबी व त्यास लागून असलेली सर्व चरबी,
4 ଦୁଇ ଗୁର୍ଦା, ତହିଁ ଉପରିସ୍ଥ ପାର୍ଶ୍ୱବର୍ତ୍ତୀ ମେଦ, ଯକୃତର ଉପରିସ୍ଥ ଅନ୍ତପ୍ଲାବକ, ଗୁର୍ଦା ସହିତ ନେବ।
दोन्ही गुरदे, त्यांच्यावरची कमरेजवळची चरबी, आणि काळजाच्या पडद्यावरील चरबी हे सर्व काढावे
5 ତହୁଁ ହାରୋଣର ପୁତ୍ରଗଣ ବେଦି ଉପରିସ୍ଥ ଅଗ୍ନି, କାଷ୍ଠ ଓ ହୋମଦ୍ରବ୍ୟ ଉପରେ ତାହା ଦଗ୍ଧ କରିବେ; ତାହା ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ତୁଷ୍ଟିଜନକ ଆଘ୍ରାଣାର୍ଥେ ଅଗ୍ନିକୃତ ଉପହାର ହେବ।
व या सर्वांचा अहरोनाच्या मुलांनी वेदीवरील विस्तवावर रचलेल्या लाकडावरील होमार्पणावर त्याचा होम करावा; हे परमेश्वरासाठी केलेले सुवासीक हव्य होय हे अग्नीद्वारे केलेले अर्पण आहे.
6 ଆଉ, ଯଦି କେହି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ମେଷାଦିପଲରୁ ମଙ୍ଗଳାର୍ଥକ ବଳିଦାନ କରେ, ତେବେ ସେ ନିଖୁନ୍ତ ଅଣ୍ଡିରା କି ମାଈ ପଶୁ ଉତ୍ସର୍ଗ କରିବ।
परमेश्वराकरिता कोणाला शांत्यर्पणासाठी शेरडांमेढरांचे अर्पण आणावयाचे असेल तर ते कळपातून दोष नसलेल्या नराचे किंवा मादीचे असावे.
7 ଯଦି ସେ ଉପହାର ନିମନ୍ତେ ମେଷବତ୍ସ ବଳିଦାନ କରେ, ତେବେ ସେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଛାମୁକୁ ତାହା ଆଣିବ;
जर त्यास कोकरू अर्पण करावयाचे असेल तर त्याने ते परमेश्वरासमोर आणून अर्पावे.
8 ପୁଣି ଆପଣା ବଳିର ମସ୍ତକରେ ହସ୍ତ ରଖି ସମାଗମ-ତମ୍ବୁ ନିକଟରେ ତାକୁ ବଧ କରିବ। ତହୁଁ ହାରୋଣର ପୁତ୍ରଗଣ ବେଦି ଉପରେ ଚାରିଆଡ଼େ ତାହାର ରକ୍ତ ଛିଞ୍ଚିବେ।
त्याने त्या अर्पणाच्या पशूच्या डोक्यावर आपला हात ठेवावा व दर्शनमंडपासमोर तो वधावा आणि अहरोनाच्या मुलांनी त्याचे रक्त वेदीसभोवती टाकावे.
9 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେ ସେହି ମଙ୍ଗଳାର୍ଥକ ବଳିରୁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଅଗ୍ନିକୃତ ଉପହାର ଉତ୍ସର୍ଗ କରିବ; ଅର୍ଥାତ୍‍, ତହିଁର ମେଦ, ସମସ୍ତ ମେଦମୟ ଲାଙ୍ଗୁଳ ମେରୁଦଣ୍ଡ ନିକଟରୁ ନେବ, ଅନ୍ତ ଆଚ୍ଛାଦକ ମେଦ, ଅନ୍ତ ଉପରିସ୍ଥ ସମସ୍ତ ମେଦ,
अर्पण करणाऱ्यांने शांत्यर्पणाचा काही भाग परमेश्वरास हव्य म्हणून अर्पण करण्यासाठी द्यावा. त्याने त्या पशूची चरबी व पाठीच्या कण्यातून कापून काढलेले चरबीदार शेपूट, आतड्यावरील भोवतालची चरबी.
10 ଦୁଇ ଗୁର୍ଦା, ତହିଁ ଉପରିସ୍ଥ ପାର୍ଶ୍ୱବର୍ତ୍ତୀ ମେଦ ଓ ଯକୃତର ଉପରିସ୍ଥ ଅନ୍ତପ୍ଲାବକ, ଗୁର୍ଦା ସହିତ ନେବ।
१०दोन्ही गुरदे, त्यांच्यावरची कमरेजवळील चरबी व गुरद्यापर्यंतचा चरबीचा पडदा हे सर्व काढावे.
11 ତହୁଁ ଯାଜକ ତାହା ବେଦି ଉପରେ ଦଗ୍ଧ କରିବ; ତାହା ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଅଗ୍ନିକୃତ ଉପହାର ରୂପ ଭୋଜନ।
११मग याजकाने त्या सर्वाचा वेदीवर होम करावा; हे शांत्यर्पण अग्नीद्वारे परमेश्वरास केलेले अर्पण आहे.
12 ଆଉ, କେହି ଯଦି ଛାଗଳ ବଳିଦାନ କରେ, ତେବେ ସେ ତାହା ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଛାମୁକୁ ଆଣିବ,
१२“कोणाला जर बकऱ्याचे अर्पण करावयाचे असेल तर त्याने तो बकरा परमेश्वरासमोर अर्पण करावा.
13 ପୁଣି, ଆପଣା ବଳିର ମସ୍ତକରେ ହସ୍ତ ରଖି ସମାଗମ-ତମ୍ବୁ ନିକଟରେ ତାକୁ ବଧ କରିବ; ତହୁଁ ହାରୋଣର ପୁତ୍ରଗଣ ବେଦି ଉପରେ ଚାରିଆଡ଼େ ତାହାର ରକ୍ତ ଛିଞ୍ଚିବେ।
१३त्याने त्या बकऱ्याच्या डोक्यावर आपला हात ठेवावा व दर्शनमंडपासमोर त्याचा वध करावा; मग अहरोनाच्या मुलांनी त्याचे रक्त वेदीवर व त्याच्या सभोवती टाकावे.
14 ଆଉ, ସେ ତହିଁରୁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଅଗ୍ନିକୃତ ଉପହାର ଉତ୍ସର୍ଗ କରିବ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଅନ୍ତ ଆଚ୍ଛାଦକ ମେଦ, ଅନ୍ତ ଉପରିସ୍ଥ ସମସ୍ତ ମେଦ,
१४त्याने त्या शांत्यर्पणाचा काही भाग परमेश्वरासाठी होम करण्याकरिता द्यावा; तसेच त्याने त्याच्या बलीच्या आतड्यावरील व त्यास लागून असलेली चरबी काढावी.
15 ଦୁଇ ଗୁର୍ଦା, ତାହାର ଉପରିସ୍ଥ ପାର୍ଶ୍ୱବର୍ତ୍ତୀ ମେଦ ଓ ଯକୃତର ଉପରିସ୍ଥ ଅନ୍ତପ୍ଲାବକ, ଗୁର୍ଦା ସହିତ ନେବ।
१५दोन्ही गुरदे, त्यावरील कमरेजवळची चरबी आणि गुरद्यापर्यंतचा काळजावरील चरबीचा पडदा हे सर्व काढावे.
16 ତହୁଁ ଯାଜକ ବେଦି ଉପରେ ତାହା ଦଗ୍ଧ କରିବ; ତାହା ତୁଷ୍ଟିଜନକ ଆଘ୍ରାଣାର୍ଥେ ଅଗ୍ନିକୃତ ଉପହାର ରୂପ ଭୋଜନ; ସମସ୍ତ ମେଦ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର।
१६मग याजकाने वेदीवर त्या सर्वाचा होम करावा या सुवासिक शांत्यर्पणाने परमेश्वरास आनंद होतो; हे अग्नीद्वारे केलेले अर्पण आहे. हे लोकांसाठी अन्न होईल. परंतु त्यातील उत्तम भाग म्हणजे चरबी परमेश्वराची आहे.
17 ତାହା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ପୁରୁଷାନୁକ୍ରମେ ସମସ୍ତ ଗୃହରେ ପାଳନୀୟ ଅନନ୍ତକାଳୀନ ବିଧି; ତୁମ୍ଭେମାନେ ମେଦ ଓ ରକ୍ତ, କିଛି ଭୋଜନ କରିବ ନାହିଁ।”
१७तुम्ही चरबी व रक्त मुळीच खाऊ नये; तुम्ही जेथे कोठे तुमचे घर बांधाल तेथे तुमच्यासाठी हा नियम पिढ्यानपिढया कायमचा चालू राहील.”

< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ତୃତୀୟ ପୁସ୍ତକ 3 >