< ମୋଶାଙ୍କ ଲିଖିତ ପ୍ରଥମ ପୁସ୍ତକ 24 >
1 ସେହି ସମୟରେ ଅବ୍ରହାମ ବୃଦ୍ଧ ଓ ଗତବୟସ୍କ ଥିଲେ, ପୁଣି, ସଦାପ୍ରଭୁ ଅବ୍ରହାମଙ୍କୁ ସବୁ ବିଷୟରେ ଆଶୀର୍ବାଦ କରିଥିଲେ।
१आता अब्राहाम बऱ्याच वयाचा म्हातारा झाला होता आणि परमेश्वराने अब्राहामाला सर्व गोष्टींत आशीर्वादित केले होते.
2 ଏଣୁ ସେ ଆପଣା ଗୃହର ସର୍ବକାର୍ଯ୍ୟାଧ୍ୟକ୍ଷ ବୃଦ୍ଧ ଦାସକୁ କହିଲେ, “ମୁଁ ବିନୟ କରୁଅଛି, ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ଜଙ୍ଘରେ ହସ୍ତ ଦିଅ;
२अब्राहामाने त्याच्या सर्व मालमत्तेचा व घरादाराचा कारभार पाहणाऱ्या आणि त्याच्या घरातील सर्वांत जुन्या सेवकाला म्हटले, “तू आपला हात माझ्या मांडीखाली ठेव,
3 ମୁଁ ସ୍ୱର୍ଗ ମର୍ତ୍ତ୍ୟର ସୃଷ୍ଟିକର୍ତ୍ତା ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ନାମରେ ତୁମ୍ଭକୁ ଶପଥ କରାଇବି ଯେ, ଯେଉଁ କିଣାନୀୟ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ମୁଁ ବାସ କରୁଅଛି, ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ମୋʼ ପୁତ୍ରର ବିବାହାର୍ଥେ କୌଣସି କନ୍ୟା ଗ୍ରହଣ କରିବ ନାହିଁ;
३आणि आकाशाचा देव व पृथ्वीचा देव जो परमेश्वर, याची शपथ मी तुला घ्यायला लावतो की, ज्या कनानी लोकांमध्ये मी राहत आहे, त्यांच्या मुलींतून तू माझ्या मुलांसाठी पत्नी पाहणार नाहीस.
4 ମାତ୍ର, ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭ ଦେଶୀୟ ଜ୍ଞାତିମାନଙ୍କ ନିକଟକୁ ଯାଇ ମୋʼ ପୁତ୍ର ଇସ୍ହାକ ନିମନ୍ତେ କନ୍ୟା ଆଣିବ।”
४परंतु, तू माझ्या देशाला माझ्या नातेवाइकांकडे जाशील, आणि तेथून माझा मुलगा इसहाक याच्यासाठी पत्नी मिळवून आणशील.”
5 ସେତେବେଳେ ସେହି ଦାସ ତାଙ୍କୁ କହିଲା, “ଯଦି କୌଣସି କନ୍ୟା ମୋʼ ସହିତ ଏ ଦେଶକୁ ଆସିବା ପାଇଁ ସମ୍ମତ ନୋହିବ, ତେବେ ଯେଉଁ ଦେଶରୁ ତୁମ୍ଭେ ଆସିଅଛ, ସେହି ଦେଶକୁ କି ତୁମ୍ଭ ପୁତ୍ରଙ୍କୁ ନେଇଯିବି?”
५सेवक त्यास म्हणाला, “ती स्त्री जर माझ्याबरोबर या देशात येण्यास तयार झाली नाही तर? ज्या देशातून तुम्ही आला त्या देशात मी मुलाला घेऊन जावे काय?”
6 ତହିଁରେ ଅବ୍ରହାମ କହିଲେ, “ସାବଧାନ; ମୋʼ ପୁତ୍ରକୁ କେବେ ସେଠାକୁ ନେଇଯିବ ନାହିଁ।”
६अब्राहाम त्यास म्हणाला, “तू माझ्या मुलाला तिकडे परत घेऊन न जाण्याची खबरदारी घे!
7 “ଯେହେତୁ ଯେଉଁ ସ୍ୱର୍ଗର ସୃଷ୍ଟିକର୍ତ୍ତା ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱର ମୋତେ ପୈତୃକ ଗୃହ ଓ ଜନ୍ମ ଦେଶ ମଧ୍ୟରୁ ଆଣିଅଛନ୍ତି ଓ ମୋʼ ସଙ୍ଗେ ଆଳାପ କରିଅଛନ୍ତି, ‘ପୁଣି, ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ବଂଶକୁ ଏହି ଦେଶ ଦେବା ବୋଲି ଶପଥ କରିଅଛନ୍ତି,’ ସେ ତୁମ୍ଭ ଅଗ୍ରତେ ଆପଣା ଦୂତ ପଠାଇବେ; ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ପୁତ୍ରର ବିବାହ ନିମନ୍ତେ ସେହିଠାରୁ ଗୋଟିଏ କନ୍ୟା ଆଣିବ।
७आकाशाचा देव परमेश्वर, ज्याने मला माझ्या वडिलाच्या घरातून व माझ्या नातेवाइकांच्या देशातून मला आणले व ज्याने बोलून, ‘मी हा देश तुझ्या संततीला देईन,’ असे शपथपूर्वक अभिवचन दिले, तो परमेश्वर आपल्या दूताला तुझ्या पुढे पाठवील, आणि तू तेथून माझ्या मुलासाठी पत्नी आणशील.
8 ଯଦି ସେହି ଦେଶରୁ କୌଣସି କନ୍ୟା ଆସିବାକୁ ସମ୍ମତ ହେବେ ନାହିଁ, ତେବେ ତୁମ୍ଭେ ମୋହର ଏହି ଶପଥରୁ ମୁକ୍ତ ହେବ; ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ପୁତ୍ରକୁ ସେହି ଦେଶକୁ ନେଇଯିବ ନାହିଁ।”
८परंतु ती स्त्री तुझ्याबरोबर येथे येण्यास कबूल झाली नाही, तर मग तू माझ्या शपथेतून मोकळा होशील. परंतु माझ्या मुलाला तू तिकडे घेऊन जाऊ नकोस.”
9 ତହିଁରେ ସେହି ଦାସ ଆପଣା ପ୍ରଭୁ ଅବ୍ରହାମଙ୍କର ଜଙ୍ଘରେ ହସ୍ତ ଦେଇ ସେହି ବିଷୟରେ ଶପଥ କଲା।
९तेव्हा त्या सेवकाने आपला धनी अब्राहाम याच्या मांडीखाली हात ठेवला आणि त्या बाबीसंबंधाने त्याच्याशी शपथ घेतली.
10 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେହି ଦାସ ଆପଣା ପ୍ରଭୁର ଓଟମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଦଶଟା ଓଟ ଓ ଆପଣା ପ୍ରଭୁର ସର୍ବପ୍ରକାର ଉତ୍ତମ ଦ୍ରବ୍ୟ ହସ୍ତରେ ଘେନି ପ୍ରସ୍ଥାନ କରି ଅରାମନହରୟିମ୍ ଦେଶର ନାହୋର ନଗରକୁ ଯାତ୍ରା କଲା।
१०मग त्या सेवकाने धन्याच्या उंटांपैकी दहा उंट घेतले आणि निघाला (त्याच्या धन्याची सर्व मालमत्ता त्याच्या हाती होती). त्याने आपल्या धन्याकडून सर्व प्रकारच्या भेटवस्तू आपल्याबरोबर देण्यासाठी घेतल्या. तो अराम-नहराईम प्रदेशातील नाहोराच्या नगरात गेला.
11 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସନ୍ଧ୍ୟା ବେଳେ, ଯେଉଁ ସମୟରେ କନ୍ୟାଗଣ ଜଳ କାଢ଼ିବାକୁ ଆସନ୍ତି, ସେହି ସମୟରେ ସେ ନଗରର ବାହାରେ କୂପ ନିକଟରେ ଓଟମାନଙ୍କୁ ଆଣ୍ଠୋଇ ବସାଇଲା।
११त्याने नगराबाहेरच्या विहिरीजवळ आपले उंट खाली बसवले. ती संध्याकाळ होती, त्या वेळी पाणी काढायला स्त्रिया तेथे येत असत.
12 ପୁଣି, ଏହି ପ୍ରାର୍ଥନା କଲା, “ହେ ମୋହର କର୍ତ୍ତା ଅବ୍ରହାମଙ୍କର ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱର, ବିନୟ କରୁଅଛି, ଆଜି ମୋʼ ସମ୍ମୁଖରେ ଶୁଭଫଳ ଉପସ୍ଥିତ କର, ଆଉ ମୋʼ ପ୍ରଭୁ ଅବ୍ରହାମଙ୍କ ପ୍ରତି ଦୟା କର।
१२नंतर तो म्हणाला, “हे परमेश्वरा, तू माझा धनी अब्राहाम याचा देव आहेस, आज मला यश मिळण्यास मदत कर आणि तू प्रामाणिकपणाने करार पाळणारा आहेस हे माझा धनी अब्राहाम ह्याला दाखवून दे.
13 ଦେଖ, ମୁଁ ଏହି କୂପ ନିକଟରେ ଛିଡ଼ା ହେଉଅଛି, ଆଉ ଏ ନଗରବାସୀମାନଙ୍କ କନ୍ୟାଗଣ ଜଳ ନେବା ପାଇଁ ଆସୁଅଛନ୍ତି;
१३पाहा, मी पाण्याच्या झऱ्याजवळ उभा आहे. आणि नगरातील लोकांच्या मुली पाणी काढण्यास बाहेर येत आहेत.
14 ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ କୌଣସି କନ୍ୟାକୁ, ‘ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା କଳସ ନୁଆଁଇ ମୋତେ ଜଳ ପାନ କରାଅ,’ ଏହି କଥା କହିଲେ ସେହି କନ୍ୟା ଯଦି କହିବ, ‘ପାନ କର, ମୁଁ ତୁମ୍ଭର ଓଟମାନଙ୍କୁ ହିଁ ପାନ କରାଇବି,’ ତେବେ ସେ ତୁମ୍ଭ ଦାସ ଇସ୍ହାକ ନିମନ୍ତେ ତୁମ୍ଭର ନିରୂପିତା କନ୍ୟା ହେଉ; ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ପ୍ରତି ଅନୁଗ୍ରହ କରିଅଛ, ଏହା ମୁଁ ଜାଣିବି।”
१४तर असे घडू दे की, मी ज्या मुलीस म्हणेन, ‘मुली तुझी पाण्याची घागर उतरून मला प्यायला पाणी दे,’ आणि ती जर ‘तुम्ही प्या, आणि मी तुमच्या उंटांनाही पाणी पाजते,’ तर मग तीच तुझा सेवक इसहाक ह्याच्यासाठी तू नेमलेली असू दे. त्यावरून मी असे समजेन की, तू माझ्या धन्यासोबत करार पाळण्याचा प्रामाणिकपणा दाखवला आहे.”
15 ଏହି କଥା କହୁ କହୁ ଅବ୍ରହାମଙ୍କର ନାହୋର ନାମକ ଭ୍ରାତାର ଭାର୍ଯ୍ୟା ମିଲ୍କାର ପୁତ୍ର ଯେ ବଥୂୟେଲ, ତାହାର କନ୍ୟା ରିବିକା ସ୍କନ୍ଧରେ କଳସ ଘେନି ବାହାରି ଆସିଲା।
१५मग असे झाले की, त्याचे बोलणे संपले नाही तोच, पाहा, रिबका तिची मातीची घागर तिच्या खांद्यावर घेऊन बाहेर आली. रिबका ही अब्राहामाचा भाऊ नाहोर याच्यापासून मिल्केला झालेल्या बथुवेलाची कन्या होती.
16 ସେହି କନ୍ୟା ପରମସୁନ୍ଦରୀ ଓ ଅବିବାହିତା, ଆଉ କୌଣସି ପୁରୁଷର ଉପଭୁକ୍ତା ନ ଥିଲା। ସେ କୂପ ଭିତରକୁ ଯାଇ କଳସ ପୂର୍ଣ୍ଣ କରି ଉଠି ଆସୁଅଛି,
१६ती तरुण स्त्री फार सुंदर आणि कुमारी होती. तिचा कोणाही पुरुषाबरोबर संबंध आलेला नव्हता. ती विहिरीत खाली उतरून गेली आणि तिची घागर भरून घेऊन वर आली.
17 ଏପରି ସମୟରେ ସେହି ଦାସ ଦୌଡ଼ିଯାଇ ତାହା ସଙ୍ଗେ ଦେଖା କରି କହିଲା, “ମୁଁ ବିନୟ କରୁଅଛି, ତୁମ୍ଭ କଳସରୁ ମୋତେ କିଛି ଜଳ ପାନ କରିବାକୁ ଦିଅ।”
१७तेव्हा तो सेवक धावत जाऊन तिला म्हणाला, “कृपा करून तुझ्या घागरीतून मला थोडे पाणी पाज.”
18 ତହିଁରେ ସେ କହିଲା, “ମହାଶୟ, ପାନ କରନ୍ତୁ,” ଏହା କହି ସେ ଶୀଘ୍ର କଳସ ହାତକୁ ଓହ୍ଲାଇ ତାହାକୁ ପାନ କରିବାକୁ ଦେଲା।
१८ती म्हणाली, “प्या माझ्या प्रभू,” आणि तिने लगेच आपली घागर आपल्या हातावर उतरून घेऊन घेतली, आणि त्यास पाणी पाजले.
19 ପୁଣି, ତାହାକୁ ପାନ କରାଇଲା ଉତ୍ତାରେ କହିଲା, “ମଧ୍ୟ ତୁମ୍ଭର ଓଟ ସବୁ ପାଣି ପିଇ ସାରିବା ଯାଏ ମୁଁ ପାଣି କାଢ଼ିବି।”
१९त्यास पुरे इतके पाणी पाजल्यानंतर ती म्हणाली, “मी तुमच्या उंटांसाठीसुद्धा, त्यांना पुरेल इतके पाणी पिण्यास काढते.”
20 ତହିଁରେ ସେ ଶୀଘ୍ର କୁଣ୍ଡରେ କଳସରୁ ପାଣି ଢାଳି ପୁନଶ୍ଚ ପାଣି କାଢ଼ିବା ପାଇଁ କୂପ ନିକଟକୁ ଧାଇଁଯାଇ ସମସ୍ତ ଓଟ ନିମନ୍ତେ ଜଳ କାଢ଼ିଲା।
२०म्हणून तिने घाईघाईने उंटांसाठी घागर कुंडात ओतली, आणि आणखी पाणी काढण्याकरिता ती धावत विहिरीकडे गेली, आणि याप्रमाणे तिने त्याच्या सगळ्या उंटांना पाणी पाजले.
21 ତହିଁରେ ସେହି ପୁରୁଷ ତାହା ପ୍ରତି ସ୍ଥିର ଦୃଷ୍ଟି କରି ଅନାଇ ରହିଲା; ପୁଣି, ସଦାପ୍ରଭୁ ତାହାର ଯାତ୍ରା ସଫଳ କରିବେ କି ନାହିଁ, ତାହା ଜାଣିବା ନିମନ୍ତେ ନିରବ ରହିଲା।
२१तेव्हा, परमेश्वर देवाने आपला प्रवास यशस्वी केला की नाही, हे समजावे म्हणून तो मनुष्य तिच्याकडे शांतपणे पाहत राहिला.
22 ପୁଣି, ଓଟମାନେ ଜଳ ପାନ କଲା ଉତ୍ତାରେ ସେହି ପୁରୁଷ ତାହା ନିମନ୍ତେ ଅଧଭରି ପରିମିତ ସୁବର୍ଣ୍ଣ ନଥ ଓ ତାହାର ହସ୍ତ ନିମନ୍ତେ ଦଶଭରି ପରିମିତ ଦୁଇ ସୁବର୍ଣ୍ଣ ବଳା ନେଇ କହିଲା,
२२उंटांचे पाणी पिणे संपल्यावर त्या मनुष्याने अर्धा शेकेल वजनाची सोन्याची नथ आणि तिच्या हातासाठी दहा शेकेल वजनाच्या दोन सोन्याच्या बांगड्या काढल्या,
23 “ନିବେଦନ କରୁଅଛି, ତୁମ୍ଭେ କାହାର କନ୍ୟା, ମୋତେ କୁହ। ତୁମ୍ଭ ପିତାଙ୍କ ଗୃହରେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ରାତ୍ରି କ୍ଷେପଣ କରିବାକୁ କି ସ୍ଥାନ ଅଛି?”
२३आणि विचारले, “तू कोणाची मुलगी आहेस? तसेच तुझ्या वडिलाच्या घरी आम्हा सर्वांना रात्री मुक्काम करावयास जागा आहे का ते कृपा करून सांग.”
24 ତହିଁରେ ସେ ଉତ୍ତର କଲା, “ନାହୋରର ଔରସରେ ମିଲ୍କାଠାରୁ ଜାତ ପୁତ୍ର ଯେ ବଥୂୟେଲ, ମୁଁ ତାଙ୍କର କନ୍ୟା।”
२४ती त्यास म्हणाली, “मी बथुवेलाची, म्हणजे नाहोरापासून मिल्केला जो मुलगा झाला त्याची मुलगी आहे.”
25 ସେ ଆହୁରି କହିଲା, “ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ପାଳକୁଟା ଓ ଦାନା ଯଥେଷ୍ଟ ଅଛି, ମଧ୍ୟରାତ୍ର କ୍ଷେପଣ କରିବାକୁ ସ୍ଥାନ ଅଛି।”
२५ती आणखी त्यास म्हणाली, “आमच्याकडे तुमच्या उंटांसाठी भरपूर गवत व पेंढा आहे आणि तुमच्या सर्वांसाठी मुक्काम करण्यासाठी आमच्याकडे भरपूर जागा आहे.”
26 ସେତେବେଳେ ସେହି ମନୁଷ୍ୟ ମସ୍ତକ ନୁଆଁଇ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ପ୍ରଣାମ କରି କହିଲା,
२६तेव्हा त्या मनुष्याने लवून परमेश्वराची उपासना केली.
27 “ମୋହର କର୍ତ୍ତା ଅବ୍ରହାମଙ୍କର ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱର ଧନ୍ୟ ହେଉନ୍ତୁ, ଯେହେତୁ ସେ ମୋʼ କର୍ତ୍ତା ପ୍ରତି ଅନୁଗ୍ରହ ଓ ସତ୍ୟାଚରଣ କରିବାରୁ ନିବୃତ୍ତ ହୋଇ ନାହାନ୍ତି; ପୁଣି, ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋତେ ମୋʼ କର୍ତ୍ତାର ଜ୍ଞାତିମାନଙ୍କ ଗୃହ ପଥରେ କଢ଼ାଇ ଆଣିଅଛନ୍ତି।”
२७तो म्हणाला, “माझा धनी, अब्राहाम ह्याचा देव परमेश्वर धन्यवादित असो, त्याने माझ्या धन्यासंबंधीचा कराराचा प्रामाणिकपणा आणि विश्वसनीयता सोडली नाही, माझ्याबाबत सांगायचे तर, परमेश्वराने मला माझ्या धन्याच्या नातेवाइकाकडेच सरळ मार्ग दाखवून आणले.”
28 ଆଉ ସେହି କନ୍ୟା ଦୌଡ଼ିଯାଇ ଆପଣା ମାତାର ଗୃହସ୍ଥିତ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଏହି କଥା ଜଣାଇଲା।
२८नंतर ती तरुण स्त्री पळत गेली आणि तिने या सर्व गोष्टींबद्दल आपल्या आईला व घरच्या सर्वांना सांगितले.
29 ଆଉ ରିବିକାର ଏକ ଭ୍ରାତା ଥିଲା, ତାହାର ନାମ ଲାବନ; ସେହି ଲାବନ ସେହି ମନୁଷ୍ୟ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ କୂପ ନିକଟକୁ ଦୌଡ଼ିଗଲା।
२९रिबकेला एक भाऊ होता, आणि त्याचे नाव लाबान होते. लाबान बाहेर विहिरीजवळ रस्त्यावर उभ्या असलेल्या त्या मनुष्याकडे पळत गेला.
30 ପୁଣି, ସେହି ମନୁଷ୍ୟ ମୋତେ ଏହି ଏହି କଥା କହିଲା, ଆପଣା ଭଗିନୀ ରିବିକା ମୁଖରୁ ଏହା ଶୁଣି ଆଉ ଭଗିନୀର ନଥ ଓ ହସ୍ତରେ ବଳା ଦେଖି ସେହି ପୁରୁଷ ନିକଟକୁ ଗଲା, ପୁଣି, ତାହାକୁ କୂପ ପାଖରେ ଓଟମାନଙ୍କ ସହିତ ଛିଡ଼ା ହୋଇଥିବାର ଦେଖି କହିଲା,
३०जेव्हा त्याने आपल्या बहिणीच्या नाकातील नथ व हातातील सोन्याच्या बांगड्या पाहिल्या, आणि “तो मनुष्य मला असे म्हणाला,” असे आपल्या बहिणीचे, म्हणजे रिबकेचे शब्द ऐकले, तेव्हा तो त्या मनुष्याकडे आला, आणि पाहतो तो, तो उंटांपाशी विहिरीजवळ उभा होता.
31 “ହେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଆଶୀର୍ବାଦ-ପାତ୍ର, ଭିତରକୁ ଆସ, ତୁମ୍ଭେ କାହିଁକି ବାହାରେ ଛିଡ଼ା ହେଉଅଛ? ମୁଁ ତ ଘର ଓ ଓଟମାନଙ୍କ ପାଇଁ ସ୍ଥାନ ପ୍ରସ୍ତୁତ କରିଅଛି।”
३१आणि लाबान त्यास म्हणाला, “परमेश्वराचा आशीर्वाद लाभलेले तुम्ही, आत या. तुम्ही बाहेर का उभे आहात? मी तुमच्यासाठी घर तयार केले आहे आणि उंटासाठीही जागा केली आहे.”
32 ତହିଁରେ ସେହି ମନୁଷ୍ୟ ଗୃହରେ ପ୍ରବେଶ କରି ଓଟମାନଙ୍କର ସାଜ ଫିଟାନ୍ତେ, ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ପାଳକୁଟା ଓ ଦାନା ଦେଲା, ପୁଣି, ତାହାର ଓ ତାହାର ସଙ୍ଗୀମାନଙ୍କର ପାଦ ପ୍ରକ୍ଷାଳନ ନିମନ୍ତେ ପାଣି ଦେଲା।
३२तो मनुष्य घरी आला आणि त्याने उंट सोडले. उंटांना गवत व पेंढा दिला आणि त्याचे पाय व त्याच्या बरोबरच्या लोकांचे पाय धुण्यासाठी पाणी देण्यात आले.
33 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ତାହା ସମ୍ମୁଖରେ ଭୋଜନ ସାମଗ୍ରୀ ରଖାଗଲା; ମାତ୍ର ସେ କହିଲା, “ବକ୍ତବ୍ୟ କଥା ନ କହି ମୁଁ ଭୋଜନ କରିବି ନାହିଁ।” ତହିଁରେ ଲାବନ କହିଲା, “କୁହ।”
३३त्यांनी त्याच्या पुढे जेवण वाढले, परंतु तो म्हणाला, “मला जे काही सांगायचे ते सांगेपर्यंत मी जेवणार नाही.” तेव्हा लाबान म्हणाला, “सांगा.”
34 ତେବେ ସେ କହିଲା, “ମୁଁ ଅବ୍ରହାମଙ୍କର ଦାସ।
३४तो म्हणाला, “मी अब्राहामाचा सेवक आहे.
35 ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋʼ କର୍ତ୍ତାଙ୍କୁ ଅତିଶୟ ଆଶୀର୍ବାଦ କରିଅଛନ୍ତି, ତେଣୁ ସେ ଅତି ଧନବାନ ହୋଇଅଛନ୍ତି; ଆଉ ସଦାପ୍ରଭୁ ତାଙ୍କୁ ପଲ ପଲ ଗୋମେଷାଦି ଓ ରୂପା ସୁନା ଓ ଦାସଦାସୀ, ପୁଣି, ଓଟ ଗଧ ଦେଇଅଛନ୍ତି।
३५परमेश्वर देवाने माझ्या धन्याला फार आशीर्वादित केले आहे आणि तो महान बनला आहे. त्याने त्यास मेंढरांचे कळप, गुरेढोरे, तसेच सोने, चांदी, दासदासी, उंट व गाढवे दिली आहेत.
36 ପୁଣି, ମୋʼ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ଭାର୍ଯ୍ୟା ସାରା ବୃଦ୍ଧାବସ୍ଥାରେ ତାଙ୍କ ପାଇଁ ଏକ ପୁତ୍ର ପ୍ରସବ କରିଅଛନ୍ତି ଓ ସେ ତାଙ୍କୁ ଆପଣା ସର୍ବସ୍ୱ ଦେଇଅଛନ୍ତି।
३६सारा, ही माझ्या धन्याची पत्नी वृद्ध झाली तेव्हा तिच्यापासून माझ्या धन्याला मुलगा झाला, आणि त्यास त्याने आपले सर्वकाही दिले आहे.
37 ପୁଣି, ମୋହର ପ୍ରଭୁ ମୋତେ ଶପଥ କରାଇ କହିଲେ, ‘ଆମ୍ଭେ ଯେଉଁମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ବାସ କରୁଅଛୁ, ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭ ପୁତ୍ରର ବିବାହ ନିମନ୍ତେ ସେହି କିଣାନ ଦେଶୀୟ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ କୌଣସି କନ୍ୟା ଗ୍ରହଣ କରିବ ନାହିଁ;
३७माझ्या धन्याने माझ्याकडून वचन घेतले, तो म्हणाला, ‘ज्यांच्या राज्यात मी माझे घर केले आहे त्या कनानी लोकांतून माझ्या मुलासाठी कोणी मुलगी पत्नी करून घेऊ नकोस.
38 ମାତ୍ର ଆମ୍ଭ ପୈତୃକ ବଂଶୀୟ ଲୋକମାନଙ୍କ ନିକଟକୁ ଯାଇ ଆମ୍ଭ ପୁତ୍ର ନିମନ୍ତେ କନ୍ୟା ଆଣିବ।’
३८त्याऐवजी माझ्या वडिलाच्या परिवाराकडे जा, आणि माझ्या नातलगांकडे जा व तेथून माझ्या मुलासाठी तू पत्नी मिळवून आण.’
39 ସେତେବେଳେ ମୁଁ ପ୍ରଭୁଙ୍କୁ କହିଲି, ‘କେଜାଣି କୌଣସି କନ୍ୟା ମୋʼ ସଙ୍ଗରେ ନ ଆସିବ।’
३९मी माझ्या धन्याला म्हणालो, ‘यदाकदाचित मुलगी माझ्याबरोबर येणार नाही?’
40 ତହିଁରେ ସେ କହିଲେ, ‘ଆମ୍ଭେ ଯେଉଁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଛାମୁରେ ଗମନାଗମନ କରୁ, ସେ ତୁମ୍ଭ ସଙ୍ଗରେ ଆପଣା ଦୂତ ପଠାଇ ତୁମ୍ଭ ଯାତ୍ରା ସଫଳ କରିବେ; ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭ ପୈତୃକ ବଂଶରୁ ଆମ୍ଭ ପୁତ୍ର ନିମନ୍ତେ କନ୍ୟା ଆଣିବ;
४०परंतु तो मला म्हणाला, ‘ज्या परमेश्वरासमोर मी चालत आहे, तो त्याच्या दूताला तुझ्याबरोबर पाठवील व तो तुझा मार्ग यशस्वी करील, आणि तू माझ्या नातलगांतून व माझ्या वडिलाच्या घराण्यातून माझ्या मुलासाठी पत्नी आणशील.
41 ଆଉ ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭ ବଂଶୀୟ ଲୋକମାନଙ୍କ ନିକଟକୁ ଗଲେ ଏହି ଶପଥରୁ ମୁକ୍ତ ହେବ; ଯଦ୍ୟପି ସେମାନେ କନ୍ୟା ନ ଦେବେ, ତଥାପି ଶପଥରୁ ମୁକ୍ତ ହେବ।’
४१परंतु जेव्हा तू माझ्या नातलगांमध्ये जाशील आणि जर त्यांनी तुला ती दिली नाही, तर मग तू माझ्या शपथेतून मोकळा होशील.’
42 ଏହେତୁ ଆଜି ମୁଁ ଏହି କୂପ ନିକଟରେ ଉପସ୍ଥିତ ହୋଇ ଏହି ପ୍ରାର୍ଥନା କଲି, ‘ହେ ମୋହର କର୍ତ୍ତା ଅବ୍ରହାମଙ୍କର ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱର, ତୁମ୍ଭେ ଯଦି ମୋହର କୃତ ଯାତ୍ରା ସଫଳ କର,
४२आणि आज मी या झऱ्याजवळ आलो आणि म्हणालो, ‘हे परमेश्वरा, माझा धनी अब्राहाम याच्या देवा, कृपा करून जर खरोखर माझ्या प्रवासाचा हेतू यशस्वी करीत असलास तर,
43 ତେବେ ଦେଖ, ମୁଁ ଏବେ ଏହି ସଜଳ କୂପ ନିକଟରେ ଛିଡ଼ା ହୋଇଅଛି। ତହିଁରେ ଜଳ କାଢ଼ିବାକୁ ଆଗତା କୌଣସି କନ୍ୟାକୁ ଯଦି ମୁଁ କହେ, ତୁମ୍ଭ କଳସରୁ ମୋତେ କିଛି ଜଳ ପାନ କରିବାକୁ ଦିଅ;
४३मी येथे या झऱ्याजवळ उभा आहे, आणि असे होऊ दे की, जी मुलगी पाणी काढण्यास येईल आणि जिला मी म्हणेन, “मी तुला विनंती करतो, तू आपल्या घागरीतले थोडे पाणी मला प्यायला दे,”
44 ପୁଣି, ସେ କନ୍ୟା ଯଦି କହେ, ତୁମ୍ଭେ ପାନ କର ଓ ତୁମ୍ଭ ଓଟମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ହେଁ ପାଣି କାଢ଼ି ଦେବି; ତେବେ ସେ ମୋʼ କର୍ତ୍ତାଙ୍କ ପୁତ୍ର ନିମନ୍ତେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ନିରୂପିତା କନ୍ୟା ହେଉ।’
४४तेव्हा जी मला म्हणेल, “तुम्ही प्या, आणि मी तुमच्या उंटासाठी ही पाणी काढते” तीच मुलगी माझ्या धन्याच्या मुलासाठी परमेश्वराने निवडलेली आहे असे मी समजेन.
45 ଏହି କଥା ମୁଁ ମନେ ମନେ କହୁଥିଲି, ଏଥିମଧ୍ୟରେ ରିବିକା ସ୍କନ୍ଧରେ କଳସ ଘେନି ବାହାରକୁ ଆସିଲା। ପୁଣି, ସେ କୂପ ଭିତରକୁ ଯାଇ ଜଳ କାଢ଼ନ୍ତେ ମୁଁ କହିଲି, ‘ବିନୟ କରୁଅଛି, ମୋତେ ଜଳ ପାନ କରାଅ।’
४५मी माझ्या मनात बोलणे संपण्याच्या आत पाहा रिबका खांद्यावर घागर घेऊन बाहेर आली. ती विहिरीत खाली उतरली आणि पाणी काढले. मग मी तिला म्हणालो, “मुली, कृपा करून मला थोडे पाणी प्यायला दे.”
46 ତହିଁରେ ସେ ଶୀଘ୍ର ସ୍କନ୍ଧରୁ କଳସ ନୁଆଁଇ କହିଲା, ‘ପାନ କର, ପୁଣି, ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ଓଟମାନଙ୍କୁ ହିଁ ପାନ କରାଇବି;’ ତହୁଁ ମୁଁ ପାନ କଲି, ପୁଣି, ସେ ଓଟମାନଙ୍କୁ ପାନ କରାଇଲା।
४६तेव्हा तिने लगेच खांद्यावरून घागर उतरली आणि म्हणाली, “प्या आणि मी तुमच्या उंटांनाही पाणी पाजते.” मग मी प्यालो आणि तिने उंटांनाही पाणी पाजले.
47 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ମୁଁ ତାହାକୁ ପଚାରିଲି, ‘ତୁମ୍ଭେ କାହାର କନ୍ୟା?’ ତହିଁରେ ସେ କହିଲା, ‘ନାହୋରର ଔରସରେ ମିଲ୍କାର ପୁତ୍ର ଯେ ବଥୂୟେଲ, ମୁଁ ତାଙ୍କର କନ୍ୟା।’ ତହୁଁ ମୁଁ ତାହାର ନାସିକାରେ ନଥ ଓ ହସ୍ତରେ ବଳା ପିନ୍ଧାଇଲି।
४७मग मी तिला विचारले, “तू कोणाची मुलगी आहेस?” ती म्हणाली, “नाहोरापासून मिल्केला झालेल्या बथुवेलाची मी मुलगी,” तेव्हा मग मी तिला सोन्याची नथ आणि हातात घालण्यासाठी सोन्याच्या दोन बांगडया दिल्या.
48 ଆଉ ମୁଁ ମସ୍ତକ ନୁଆଁଇ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ପ୍ରଣାମ କଲି, ପୁଣି, ଯେ ମୋʼ କର୍ତ୍ତାଙ୍କ ପୁତ୍ର ନିମନ୍ତେ ତାଙ୍କ ଭ୍ରାତୃକନ୍ୟା ଗ୍ରହଣ କରିବାକୁ ମୋତେ ପ୍ରକୃତ ପଥରେ କଢ଼ାଇ ଆଣିଲେ, ମୋʼ କର୍ତ୍ତା ଅବ୍ରହାମଙ୍କର ସେହି ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କର ଧନ୍ୟବାଦ କଲି।
४८नंतर मी मस्तक लववून माझा धनी अब्राहाम याचा देव परमेश्वर याची स्तुती केली, कारण त्याने मला माझ्या धन्याच्या भावाच्या मुलीला त्याच्या मुलाकडे नेण्याचा योग्य मार्ग दाखवला.
49 ଏହେତୁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଯଦି ମୋʼ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ସହିତ ଦୟା ଓ ସତ୍ୟ ବ୍ୟବହାର କରିବାକୁ ସମ୍ମତ ହୁଅ, ତେବେ ତାହା କୁହ; ଆଉ ଯଦି ନ ହୁଅ, ତାହା ମଧ୍ୟ କୁହ; ତହିଁରେ ମୁଁ ଡାହାଣ ଅଥବା ବାମରେ ଫେରିଯିବି।
४९“आता तुम्ही माझ्या धन्याशी प्रामाणिकपणाने आणि सत्याने वागण्यास तयार असाल तर मला सांगा. परंतु जर नाही तर तसे मला सांगा; यासाठी की मी उजवीकडे किंवा डावीकडे वळेन.”
50 ସେତେବେଳେ ଲାବନ ଓ ବଥୂୟେଲ ଉତ୍ତର କଲେ, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କଠାରୁ ଏହି ଘଟଣା ହୋଇଅଛି, ଏଥିରେ ଆମ୍ଭେମାନେ ଭଲ ଓ ମନ୍ଦ କିଛି କହି ନ ପାରୁ।
५०मग लाबान व बथुवेल यांनी उत्तर दिले, “ही गोष्ट परमेश्वराकडून आली आहे. आम्ही तुम्हास बरे किंवा वाईट काही बोलू शकत नाही.
51 ଦେଖ, ରିବିକା ତୁମ୍ଭ ସମ୍ମୁଖରେ ଅଛି, ତାହାକୁ ଘେନି ପ୍ରସ୍ଥାନ କର, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ବାକ୍ୟାନୁସାରେ ସେ ତୁମ୍ଭ କର୍ତ୍ତାଙ୍କ ପୁତ୍ରର ଭାର୍ଯ୍ୟା ହେଉ।”
५१पाहा, रिबका तुमच्यासमोर आहे. तिला तुम्ही घेऊन जा आणि परमेश्वर बोलल्याप्रमाणे ती तुमच्या धन्याच्या मुलाची पत्नी व्हावी.”
52 ସେତେବେଳେ ଅବ୍ରହାମଙ୍କର ଦାସ ସେମାନଙ୍କଠାରୁ ଏହି କଥା ଶୁଣିବାମାତ୍ରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଭୂମିଷ୍ଠ ପ୍ରଣାମ କଲା।
५२जेव्हा अब्राहामाच्या सेवकाने हे त्यांचे शब्द ऐकले, तेव्हा त्याने भूमीपर्यंत वाकून परमेश्वर देवाला नमन केले.
53 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେହି ଦାସ ରୂପା ଓ ସୁନାର ଆଭରଣ ଓ ବସ୍ତ୍ର ବାହାର କରି ରିବିକାକୁ ଦେଲା; ପୁଣି, ତାହାର ଭ୍ରାତା ଓ ମାତାକୁ ମଧ୍ୟ ବହୁମୂଲ୍ୟ ଦ୍ରବ୍ୟ ଦେଲା।
५३सेवकाने सोन्याचे दागिने व चांदीचे दागिने व वस्त्रे रिबकेला दिली. त्याने तिचा भाऊ व तिची आई यांनाही मोलवान देणग्या दिल्या.
54 ତହିଁରେ ସେ ଓ ତାହାର ସଙ୍ଗୀଗଣ ଭୋଜନପାନ କରି ସେହିଠାରେ ରାତ୍ରି କ୍ଷେପଣ କଲେ; ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେମାନେ ପ୍ରଭାତରେ ଉଠନ୍ତେ, ସେହି ଦାସ କହିଲା, “ମୋʼ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ନିକଟକୁ ଯିବାକୁ ମୋତେ ବିଦାୟ କର।”
५४मग त्याने व त्याच्या बरोबरच्या माणसांनी त्यांचे खाणे व पिणे झाल्यावर रात्री तेथेच मुक्काम केला. दुसऱ्या दिवशी सकाळी उठल्यावर ते म्हणाले, “आता मला माझ्या धन्याकडे पाठवा.”
55 ତହିଁରେ ରିବିକାର ଭ୍ରାତା ଓ ମାତା କହିଲେ, “ଏହି କନ୍ୟା ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିକଟରେ କିଛି ଦିନ, ହୋଇ ପାରିଲେ ଦଶ ଦିନ ଥାଉ, ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ସେ ଯିବ।”
५५तेव्हा तिची आई व भाऊ म्हणाले, “रिबकेला आमच्याजवळ थोडे दिवस म्हणजे निदान दहा दिवस तरी राहू द्या. मग तिने जावे.”
56 ମାତ୍ର ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲା, “ମୋତେ ବିଳମ୍ବ କରାଅ ନାହିଁ, ଯେହେତୁ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋହର ଯାତ୍ରା ସଫଳ କଲେ; ଏବେ ନିଜ କର୍ତ୍ତାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଯିବା ପାଇଁ ମୋତେ ବିଦାୟ କର।”
५६परंतु तो त्यांना म्हणाला, “मला थांबवून घेऊ नका, कारण परमेश्वराने माझा मार्ग यशस्वी केला आहे, मला माझ्या मार्गाने पाठवा जेणेकरून मी माझ्या धन्याकडे जाईन.”
57 ତହିଁରେ ସେମାନେ କହିଲେ, “ଆମ୍ଭେମାନେ କନ୍ୟାକୁ ଡାକି ତାହାକୁ ସାକ୍ଷାତରେ ପଚାରୁ।”
५७ते म्हणाले, “आम्ही मुलीला बोलावून तिला विचारतो.”
58 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେମାନେ ରିବିକାକୁ ଡାକି କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ କି ଏହି ମନୁଷ୍ୟ ସଙ୍ଗରେ ଯିବ?” ତହୁଁ ସେ କହିଲା, “ଯିବି।”
५८मग त्यांनी रिबकेला बोलावून तिला विचारले, “या मनुष्याबरोबर तू जातेस काय?” तिने उत्तर दिले, “मी जाते.”
59 ସେତେବେଳେ ସେମାନେ ଆପଣା ଭଗିନୀ ରିବିକାକୁ ଓ ତାହାର ଧାତ୍ରୀକୁ, ପୁଣି, ଅବ୍ରହାମଙ୍କର ଦାସ ଓ ତାହାର ଲୋକମାନଙ୍କୁ ବିଦାୟ କଲେ।
५९मग त्यांची बहीण रिबका, तिच्या दाईसोबत अब्राहामाचा सेवक व त्याची माणसे यांच्या बरोबर प्रवासास निघाली.
60 ପୁଣି, ରିବିକାକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କରି କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ଭଗିନୀ, ସହସ୍ର ସହସ୍ର ଲୋକର ମାତା ହୁଅ; ତୁମ୍ଭର ବଂଶ ଆପଣା ଶତ୍ରୁଗଣର ନଗର ଅଧିକାର କରନ୍ତୁ।”
६०त्यांनी रिबकेला आशीर्वाद दिला आणि तिला म्हटले, “आमच्या बहिणी, तू हजारो लाखांची आई हो, आणि तुझे वंशज त्यांचा द्वेष करणाऱ्यांच्या वेशीचा ताबा घेवोत.”
61 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ରିବିକା ଓ ତାହାର ଦାସୀମାନେ ଉଠି ଓଟ ଉପରେ ଚଢ଼ି ସେହି ମନୁଷ୍ୟର ପଛେ ପଛେ ଯାତ୍ରା କଲେ। ଏହିରୂପେ ସେହି ଦାସ ରିବିକାକୁ ଘେନି ପ୍ରସ୍ଥାନ କଲା।
६१मग रिबका उठली व ती व तिच्या दासी उंटावर बसल्या आणि त्या मनुष्याच्या मागे गेल्या. अशा रीतीने सेवकाने रिबकेला घेतले आणि त्याच्या मार्गाने गेला.
62 ସେହି ସମୟରେ ଇସ୍ହାକ ଦକ୍ଷିଣ ଦେଶରେ ବାସ କରିବାରୁ ବେର-ଲହୟ-ରୋୟୀ ନାମକ ସ୍ଥାନକୁ ଯାଇ ଫେରି ଆସିଥିଲା।
६२इकडे इसहाक नेगेब येथे राहत होता आणि नुकताच बैर-लहाय-रोई विहिरीपासून परत आला होता.
63 ପୁଣି, ସନ୍ଧ୍ୟା ବେଳେ ଧ୍ୟାନ କରିବା ପାଇଁ କ୍ଷେତ୍ରକୁ ଯାଇଥିଲା; ଏଥିମଧ୍ୟରେ ଅନାଇ ଓଟଗଣକୁ ଆସିବାର ଦେଖିଲା।
६३इसहाक संध्याकाळी मनन करण्यास शेतात गेला होता. त्याने आपली नजर वर केली व पाहिले तेव्हा त्यास उंट येताना दिसले.
64 ସେତେବେଳେ ରିବିକା ଅନାଇ ଇସ୍ହାକକୁ ଦେଖି ଓଟ ଉପରୁ ଓହ୍ଲାଇଲା।
६४रिबकेने नजर वर करून जेव्हा इसहाकाला पाहिले तेव्हा ती उंटावरून उडी मारून खाली उतरली.
65 ପୁଣି, ସେ ସେହି ଦାସକୁ ପଚାରିଲା, “ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ସହିତ ସାକ୍ଷାତ କରିବାକୁ ଯେ କ୍ଷେତ୍ର ମଧ୍ୟରେ ଆସୁଅଛି, ସେହି ପୁରୁଷ କିଏ?” ତହିଁରେ ଦାସ ଉତ୍ତର କଲା, “ସେ ମୋହର ପ୍ରଭୁ,” ଏଣୁ ରିବିକା ଘୋଡ଼ଣୀ ନେଇ ଆପଣାକୁ ଆଚ୍ଛାଦନ କଲା।
६५ती सेवकाला म्हणाली, “शेतातून आपल्याला भेटावयास सामोरा येत असलेला पुरुष कोण आहे?” सेवकाने उत्तर दिले, “तो माझा धनी आहे.” तेव्हा तिने बुरखा घेतला आणि स्वतःला झाकून घेतले.
66 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେହି ଦାସ ଇସ୍ହାକକୁ ଆପଣା କୃତ କର୍ମର ସମସ୍ତ ବିବରଣ କହିଲା।
६६सेवकाने इसहाकाला सर्व गोष्टी, त्याने काय केले त्याविषयी सविस्तर सांगितले.
67 ସେତେବେଳେ ଇସ୍ହାକ ରିବିକାକୁ ଗ୍ରହଣ କରି ଆପଣା ମାତା ସାରାର ତମ୍ବୁକୁ ଘେନିଯାଇ ତାହାକୁ ବିବାହ କଲା; ପୁଣି, ସେ ତାହାକୁ ପ୍ରେମ କଲା। ତହିଁରେ ଇସ୍ହାକ ମାତୃମରଣ ଶୋକରୁ ସାନ୍ତ୍ୱନା ପାଇଲା।
६७मग इसहाकाने मुलीला आपली आई सारा हिच्या तंबूत आणले. आणि त्याने रिबकेला स्विकारले, आणि ती त्याची पत्नी झाली, आणि त्याने तिच्यावर प्रेम केले. अशा रीतीने आपल्या आईच्या मरणानंतर इसहाक सांत्वन पावला.