< ପ୍ରଥମ ରାଜାବଳୀ 21 >
1 ଏଉତ୍ତାରେ ଏହିପରି ଘଟିଲା; ଯିଷ୍ରିୟେଲରେ ଶମରୀୟାର ରାଜା ଆହାବଙ୍କର ଅଟ୍ଟାଳିକା ସନ୍ନିକଟରେ ଯିଷ୍ରିୟେଲୀୟ ନାବୋତର ଖଣ୍ଡେ ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ର ଥିଲା।
१नंतर असे झाले की, अहाब राजाचा राजवाडा शोमरोनात होता. त्याच्या महालाशेजारी इज्रेल येथे एक द्राक्षाचा मळा होता. तो नाबोथ इज्रेलकर नावाच्या मनुष्याचा होता.
2 ଏଣୁ ଆହାବ ନାବୋତକୁ କହିଲେ, “ମୋତେ ତୁମ୍ଭ ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ର ଦିଅ, ମୁଁ ତାହା ଶାକକ୍ଷେତ୍ର କରିବି, କାରଣ ତାହା ମୋʼ ଗୃହ ନିକଟରେ ଅଛି; ଆଉ ମୁଁ ତହିଁ ବଦଳେ ତୁମ୍ଭକୁ ତହିଁରୁ ଉତ୍ତମ ଏକ ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ର ଦେବି; ଯଦି ତୁମ୍ଭକୁ ଭଲ ଦେଖାଯାଏ, ମୁଁ ରୂପା-ମୁଦ୍ରାରେ ତହିଁର ମୂଲ୍ୟ ତୁମ୍ଭକୁ ଦେବି।”
२एकदा अहाब नाबोथला म्हणाला, “तुझा मळा मला दे. तिथे मला भाजीचा मळा करायचा आहे. तुझा मळा माझ्या महालाला लागूनच आहे. त्याच्या ऐवजी मी तुला आणखी चांगला द्राक्षमळा देईन. किंवा तुला हवे असेल तर याचा मोबदला मी पैशात देईन.”
3 ଏଥିରେ ନାବୋତ ଆହାବଙ୍କୁ କହିଲା, “ମୁଁ ଯେ ଆପଣା ପୈତୃକ ଅଧିକାର ଆପଣଙ୍କୁ ଦେବି, ଏହା ସଦାପ୍ରଭୁ ନ କରନ୍ତୁ।”
३नाबोथ अहाबाला म्हणाला, “माझ्या वाडवडिलांचे वतन मी आपणास द्यावे असे परमेश्वर माझ्या हातून न घडवो.”
4 ତହୁଁ ଆହାବ ଯିଷ୍ରିୟେଲୀୟ ନାବୋତର ଉକ୍ତ କଥା ସକାଶୁ ବିଷଣ୍ଣ ଓ ଅତୁଷ୍ଟ ହୋଇ ଆପଣା ଗୃହକୁ ଆସିଲେ; କାରଣ ନାବୋତ କହିଥିଲା ଯେ, “ମୁଁ ଆପଣା ପୈତୃକ ଅଧିକାର ଆପଣଙ୍କୁ ଦେବି ନାହିଁ।” ଏଣୁ ଆହାବ ଆପଣା ମୁଖ ଫେରାଇ ଶଯ୍ୟାରେ ପଡ଼ି ଭୋଜନ କରିବାକୁ ଅସମ୍ମତ ହେଲେ।
४तेव्हा अहाब घरी परतला. पण तो नाबोथावर रागावलेला होता. इज्रेलचा हा मनुष्य जे बोलला ते त्यास आवडले नाही. (नाबोथ म्हणाला होता, “माझ्या कुटुंबाची जमिन मी तुम्हास देणार नाही)” अहाब अंथरुणावर पडला त्याने तोंड फिरवून घेतले आणि अन्नपाणी नाकारले.
5 ମାତ୍ର ତାଙ୍କ ଭାର୍ଯ୍ୟା ଈଷେବଲ୍ ତାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସି କହିଲା, “ତୁମ୍ଭ ମନ କାହିଁକି ଏଡ଼େ ଦୁଃଖିତ ଯେ, ତୁମ୍ଭେ ଭୋଜନ କରୁ ନାହଁ?”
५अहाबाची पत्नी ईजबेल त्याच्याजवळ गेली. त्यास म्हणाली, “तुम्ही असे खिन्न का? तुम्ही जेवत का नाही?”
6 ତହିଁରେ ସେ ତାହାକୁ କହିଲେ, “ମୁଁ ଯିଷ୍ରିୟେଲୀୟ ନାବୋତକୁ କହିଲି, ତୁମ୍ଭେ ରୂପା ମୁଦ୍ରା ନେଇ ମୋତେ ତୁମ୍ଭ ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ର ଦିଅ; ଅବା ଯେବେ ତୁମ୍ଭର ସନ୍ତୋଷ ହୁଏ, ତେବେ ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ତହିଁ ବଦଳେ ଆଉ ଏକ ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ର ଦେବି,” ମାତ୍ର ସେ ଉତ୍ତର କଲା, “ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ଆପଣା ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ର ଦେବି ନାହିଁ।”
६अहाब म्हणाला, “इज्रेल येथल्या नाबोथाला मी त्याचा मळा मला द्यायला सांगितला ‘त्याची पूर्ण किंमत मी मोजायला तयार आहे किंवा हवे तर दुसरी जमीन द्यायला तयार आहे हे ही मी त्यास सांगितले. पण नाबोथ त्याचा मळा द्यायला कबूल होत नाही.”
7 ତହୁଁ ତାଙ୍କର ଭାର୍ଯ୍ୟା ଈଷେବଲ୍ ତାଙ୍କୁ କହିଲା, “ତୁମ୍ଭେ କʼଣ ଏବେ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜ୍ୟ ଉପରେ କର୍ତ୍ତୃତ୍ୱ କରୁ ନାହଁ? ଉଠ, ଭୋଜନ କର ଓ ତୁମ୍ଭ ମନ ଆନନ୍ଦିତ ହେଉ; ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ଯିଷ୍ରିୟେଲୀୟ ନାବୋତର ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ର ଦେବି।”
७ईजबेल त्यास म्हणाली, “पण तुम्ही तर इस्राएलाचे राजे आहात. उठा, काहीतरी खा म्हणजे तुम्हास बरे वाटेल. नाबोथ इज्रेलकरचा मळा मी आपल्याला मिळवून देईन.”
8 ତହୁଁ ସେ ଆହାବଙ୍କ ନାମରେ ପତ୍ର ଲେଖି ଓ ତାଙ୍କର ମୁଦ୍ରାରେ ମୁଦ୍ରାଙ୍କିତ କରି ନାବୋତର ନଗରସ୍ଥ ଓ ତାହାର ପ୍ରତିବାସୀ ପ୍ରାଚୀନ ଓ ପ୍ରଧାନ ଲୋକମାନଙ୍କ ନିକଟକୁ ସେହି ପତ୍ର ପଠାଇଲା।
८ईजबेलने मग काही पत्रे लिहिली. पत्रांवर तिने अहाबाची सही केली. अहाबाच्या शिक्का वापरुन पत्रांवर तो शिक्का उमटवला. मग तिने ही पत्रे नाबोथाच्या गावच्या वडिलधाऱ्या मंडळींना आणि थोरामोठ्यांना पाठवली.
9 ପୁଣି, ସେହି ପତ୍ରରେ ସେ ଏହା ଲେଖିଥିଲା, ଯଥା, ଉପବାସର ଘୋଷଣା କର ଓ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ନାବୋତକୁ ଉଚ୍ଚସ୍ଥାନରେ ବସାଅ;
९पत्रातला मजकूर असा होता: “एक दिवस उपवासाची घोषणा करा. मग गावातल्या लोकांस एकत्र बोलवा. तिथे नाबोथविषयी बोलणे होईल.
10 ଆଉ ତାହା ସମ୍ମୁଖରେ ଦୁଇଗୋଟି ଦୁଷ୍ଟ ମନୁଷ୍ୟକୁ ବସାଅ ଓ ସେମାନେ ତାହା ବିରୁଦ୍ଧରେ ସାକ୍ଷ୍ୟ ଦେଇ କହନ୍ତୁ, ତୁମ୍ଭେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କୁ ଓ ରାଜାଙ୍କୁ ଅଭିଶାପ ଦେଇଅଛ। ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ତାହାକୁ ବାହାରକୁ ନେଇ ପ୍ରସ୍ତରାଘାତ କରି ବଧ କର।
१०नाबोथाबद्दल खोट्या गोष्टी सांगणारी काही अधम माणसे जमवा. नाबोथ राजाविरुध्द आणि देवाविरुध्द बोलला, हे आम्ही ऐकले, असे त्या मनुष्यांनी म्हणावे. एवढे झाल्यावर नाबोथला गावाबाहेर घालवून दगडांचा वर्षाव करून मारा.”
11 ତହୁଁ ନାବୋତର ନଗରସ୍ଥ ଲୋକମାନଙ୍କୁ, ଅର୍ଥାତ୍, ତାହାର ନଗର ନିବାସୀ ପ୍ରାଚୀନ ଓ ପ୍ରଧାନବର୍ଗଙ୍କୁ ଈଷେବଲ୍ ଯେପରି କହି ପଠାଇଥିଲା ଓ ତାହାର ପ୍ରେରିତ ପତ୍ରରେ ଯେପରି ଲେଖାଥିଲା, ତଦନୁସାରେ ସେମାନେ କର୍ମ କଲେ।
११ईजबेलीच्या पत्रातील आज्ञेप्रमाणे इज्रेलमधल्या गावातील वयाने आणि मानाने वडिलधाऱ्या (पुढ्याऱ्यांनी) मंडळींनी ही आज्ञा मानली.
12 ସେମାନେ ଉପବାସର ଘୋଷଣା କଲେ ଓ ନାବୋତକୁ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଉଚ୍ଚସ୍ଥାନରେ ବସାଇଲେ।
१२त्यांनी उपवासाचा म्हणून एक दिवस घोषित केला. त्यादिवशी सर्व लोकांस सभेत बोलावले. नाबोथला सर्वांसमोर खास आसनावर बसवले.
13 ଆଉ ଦୁଇଗୋଟି ଦୁଷ୍ଟ ମନୁଷ୍ୟ ଆସି ତାହା ସମ୍ମୁଖରେ ବସିଲେ; ପୁଣି, ସେହି ପାପାଧମ ମନୁଷ୍ୟମାନେ ଲୋକମାନଙ୍କ ସାକ୍ଷାତରେ ନାବୋତ ବିରୁଦ୍ଧରେ ସାକ୍ଷ୍ୟ ଦେଇ କହିଲେ, “ନାବୋତ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କୁ ଓ ରାଜାଙ୍କୁ ଅଭିଶାପ ଦେଇଅଛି।” ତହୁଁ ସେମାନେ ତାହାକୁ ନଗରର ବାହାରକୁ ନେଇଯାଇ ପ୍ରସ୍ତରାଘାତ କରି ବଧ କଲେ।
१३मग, “नाबोथ देवाविरुध्द आणि राजाविरुध्द बोलल्याचे आपण ऐकले आहे” असे दोन अधम मनुष्यांनी साक्ष सांगितली. तेव्हा लोकांनी नाबोथला गावाबाहेर घालवले आणि तो मरेपर्यंत त्याच्यावर दगडांचा वर्षाव केला.
14 ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ସେମାନେ ଈଷେବଲ୍ ନିକଟକୁ କହି ପଠାଇଲେ, ନାବୋତ ପ୍ରସ୍ତରାଘାତରେ ମରିଅଛି।
१४मग त्या प्रतिष्ठित मनुष्यांनी ईजबेलकडे निरोप पाठवला. “नाबोथचा वध झाला आहे.” असा तो निरोप होता.
15 ଏଥିରେ ଈଷେବଲ୍, ପ୍ରସ୍ତରାଘାତରେ ନାବୋତର ମରିଥିବା ବିଷୟ ଶୁଣନ୍ତେ, ଈଷେବଲ୍ ଆହାବଙ୍କୁ କହିଲା, “ଉଠ, ଯିଷ୍ରିୟେଲୀୟ ନାବୋତ ରୂପା-ମୁଦ୍ରାରେ ତୁମ୍ଭକୁ ଯେଉଁ ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ର ଦେବାକୁ ମନା କଲା, ତାହା ଅଧିକାରରେ ଆଣ; କାରଣ ନାବୋତ ଜୀବିତ ନାହିଁ, ମାତ୍ର ମଲାଣି।”
१५ईजबेलने हे ऐकले तेव्हा ती अहाबाला म्हणाली, “नाबोथ मेला. आता तुम्हास नाबोथ इज्रेलकरचा हवा होता तो मळा तुम्ही जाऊन ताब्यात घेऊ शकता” जो तो पैसे घेऊनही ताब्यात द्यायला तयार नव्हता नाबोथ आता जिवंत नाही मेला आहे.
16 ସେତେବେଳେ ଆହାବ ନାବୋତର ମରଣ କଥା ଶୁଣନ୍ତେ, ଆହାବ ଉଠି ଯିଷ୍ରିୟେଲୀୟ ନାବୋତର ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ର ଅଧିକାରରେ ଆଣିବା ପାଇଁ ଗଲେ।
१६यावर इज्रेलकर नाबोथ आता मरण पावला आहे हे अहाबाने ऐकले तेव्हा त्याने तो द्राक्षमळा आपल्या ताब्यात घेतला.
17 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ତିଶ୍ବୀୟ ଏଲୀୟଙ୍କ ନିକଟରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ବାକ୍ୟ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲା, ଯଥା,
१७यावेळी परमेश्वर एलीया तिश्बीशी बोलला,
18 ଉଠ, ଶମରୀୟା-ନିବାସୀ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଆହାବ ସଙ୍ଗେ ସାକ୍ଷାତ କରିବାକୁ ଯାଅ; ଦେଖ, ସେ ନାବୋତର ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ରରେ ଅଛି, ସେ ତାହା ଅଧିକାରରେ ଆଣିବା ପାଇଁ ସେସ୍ଥାନକୁ ଯାଇଅଛି।
१८“ऊठ शोमरोनमधल्या इस्राएलचा राजा अहाबाकडे जा तो नाबोथाच्या द्राक्षमळ्यात असेल. तो मळा वतन करून घ्यायला तिथे गेला आहे.
19 ଏହେତୁ ତୁମ୍ଭେ ତାହାକୁ କହିବ, “ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ତୁମ୍ଭେ କି ବଧ କରିଅଛ ଓ ଅଧିକାର ମଧ୍ୟ ଆତ୍ମସାତ୍ କରିଅଛ?” ଆହୁରି ତୁମ୍ଭେ ତାହାକୁ କହିବ, “ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ଯେଉଁ ସ୍ଥାନରେ କୁକ୍କୁରମାନେ ନାବୋତର ରକ୍ତ ଚାଟି ଖାଇଲେ, ସେହି ସ୍ଥାନରେ କୁକ୍କୁରମାନେ ତୁମ୍ଭର ରକ୍ତ ମଧ୍ୟ ଚାଟି ଖାଇବେ।”
१९अहाबाला जाऊन सांग की परमेश्वर म्हणतो, ‘अहाब, नाबोथला तू मारलेस. आता त्याचा मळा वतन करून घ्यायला निघालास तेव्हा आता मी सांगतो ते ऐक. नाबोथ मेला त्याच जागी तू सुध्दा मरशील ज्या कुत्र्यांनी नाबोथाचे रक्त चाटले तीच कुत्री त्याच ठिकाणी तुझे रक्त चाटतील.”
20 ତହିଁରେ ଆହାବ ଏଲୀୟଙ୍କୁ କହିଲେ, “ହେ ମୋହର ଶତ୍ରୁ, ତୁମ୍ଭେ କʼଣ ମୋତେ ପାଇଲ?” ତହୁଁ ସେ ଉତ୍ତର କଲେ, “ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ପାଇଲି; ଯେହେତୁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଦୃଷ୍ଟିରେ ମନ୍ଦ କର୍ମ କରିବା ପାଇଁ ତୁମ୍ଭେ ଆପଣାକୁ ବିକ୍ରି କରିଅଛ।
२०तेव्हा एलीया अहाबाकडे गेला. अहाबाने एलीयाला पाहिले आणि तो म्हणाला, तुला मी पुन्हा सापडलो. “तू नेहमीच माझ्याविरुध्द आहेस” एलीया म्हणाला, हो, “तुला मी पुन्हा शोधून काढले आहे. तुझे आयुष्य तू परमेश्वराचे अपराध करण्यातच घालवलेस.
21 ଦେଖ, ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ପ୍ରତି ଅମଙ୍ଗଳ ଘଟାଇବି ଓ ତୁମ୍ଭକୁ ନିଃଶେଷ ରୂପେ ବିନାଶ କରିବି, ପୁଣି, ଇସ୍ରାଏଲ ମଧ୍ୟରେ ବଦ୍ଧ ବା ମୁକ୍ତ ପ୍ରତ୍ୟେକ ପୁଂସନ୍ତାନକୁ ଆହାବଠାରୁ ଉଚ୍ଛିନ୍ନ କରିବି।
२१तेव्हा परमेश्वर तुला काय सांगतो ते ऐक, मी तुझा नाश करीन. मी तुला आणि तुझ्या कुटुंबातील सर्व पुरुषांना तो इस्राएलात कोंडलेला असो किंवा मोकळा असो त्यास मी ठार करीन.
22 ପୁଣି, ତୁମ୍ଭେ ଯେଉଁ ବିରକ୍ତିଜନକ କର୍ମ ଦ୍ୱାରା ମୋତେ ବିରକ୍ତ କରିଅଛ ଓ ଇସ୍ରାଏଲକୁ ପାପ କରାଇଅଛ, ତହିଁ ନିମନ୍ତେ ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ବଂଶକୁ ନବାଟର ପୁତ୍ର ଯାରବୀୟାମର ବଂଶ ତୁଲ୍ୟ ଓ ଅହୀୟର ପୁତ୍ର ବାଶାର ବଂଶ ତୁଲ୍ୟ କରିବି।
२२नबाटाचा पुत्र यराबाम याच्या कुटुंबासारखीच तुझ्या घराचीही वाताहत होईल. अहीयाचा पुत्र बाशाच्या कुटुंबासारखीच तुझी दशा होईल. या दोन्ही घराण्यांचा समूळ नाश झाला. तू माझा क्रोध जागा केलास. इस्राएल लोकांसही पाप करायला लावलेस.”
23 ଆଉ ଈଷେବଲ୍ ବିଷୟରେ ମଧ୍ୟ ସଦାପ୍ରଭୁ କହୁଅଛନ୍ତି, ଯିଷ୍ରିୟେଲର ଗଡ଼-ପାଚେରୀ ନିକଟରେ କୁକ୍କୁରମାନେ ଈଷେବଲ୍କୁ ଖାଇବେ।”
२३शिवाय परमेश्वर असे म्हणतो, “तुझी पत्नी ईजबेल हिच्या शरीरावर इज्रेलमध्ये कुत्री तुटून पडतील.
24 ଆହାବର ଯେଉଁ ଲୋକ ନଗରରେ ମରିବ, କୁକ୍କୁରମାନେ ତାହାକୁ ଖାଇବେ; ପୁଣି, ଯେଉଁ ଲୋକ କ୍ଷେତ୍ରରେ ମରିବ, ଆକାଶର ପକ୍ଷୀଗଣ ତାହାକୁ ଖାଇବେ।
२४अहाबाच्या घरातल्या ज्याला कुणाला गावात मरण येईल त्यास कुत्री खातील आणि जो कोणी शेतात मरेल तो पक्ष्यांचे भक्ष्य होईल”
25 ଯେପରି ଏହି ଆହାବ ଆପଣା ଭାର୍ଯ୍ୟା ଈଷେବଲ୍ ଦ୍ୱାରା ପ୍ରବର୍ତ୍ତିତ ହୋଇ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଦୃଷ୍ଟିରେ ମନ୍ଦ କର୍ମ କରିବା ପାଇଁ ଆପଣାକୁ ବିକ୍ରୟ କଲେ, ସେପରି ଆଉ କେହି କରିବ ନାହିଁ।
२५अहाबाने जितकी पापे केली, जितके अपराध केले तेवढे कोणीच केले नाहीत. त्याची पत्नी ईजबेल हिने त्यास भर दिल्यामुळे त्याने परमेश्वराच्या दृष्टीने हे सर्व करायला लावले.
26 ସଦାପ୍ରଭୁ ଯେଉଁ ଇମୋରୀୟମାନଙ୍କୁ ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣ ସମ୍ମୁଖରୁ ଦୂର କରିଦେଲେ, ସେମାନଙ୍କ ସମସ୍ତ କ୍ରିୟାନୁସାରେ ସେ ପ୍ରତିମାଗଣର ଅନୁଗାମୀ ହୋଇ ଅତିଶୟ ଘୃଣାଯୋଗ୍ୟ କର୍ମ କଲେ।
२६अहाबाने आणखी एक पातक केले ते म्हणजे अमंगळ मूर्तींची पूजा केली. अमोरी लोकांनीही हेच केले तेव्हा परमेश्वराने त्यांच्याकडून हा प्रदेश काढून घेऊन इस्राएल लोकांस दिला.
27 ଆହାବ ଏହିସବୁ କଥା ଶୁଣନ୍ତେ, ଆପଣା ବସ୍ତ୍ର ଚିରିଲେ ଓ ଆପଣା ଦେହରେ ଅଖା ପିନ୍ଧି ଉପବାସ କରି ଅଖାରେ ଶୋଇଲେ, ପୁଣି, ଧୀରେ ଧୀରେ ଚାଲିଲେ।
२७एलीयाचे बोलून झाल्यावर अहाबाला फार दु: ख झाले. दु: खाने त्याने अंगावरचे कपडे फाडले. मग विशेष शोकवस्त्रे परिधान केली. त्याने अन्नत्याग केला. त्याच कपड्यात तो झोपला. तो अतिशय दु: खी आणि खिन्न झाला होता.
28 ତହୁଁ ତିଶ୍ବୀୟ ଏଲୀୟଙ୍କ ନିକଟରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ବାକ୍ୟ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲା, ଯଥା,
२८परमेश्वर एलीया तिश्बी संदेष्ट्याला म्हणाला,
29 ଆହାବ ଆମ୍ଭ ସାକ୍ଷାତରେ କିପରି ଆପଣାକୁ ନମ୍ର କରୁଅଛି, “ଏହା କି ତୁମ୍ଭେ ଦେଖୁଅଛ? ସେ ଆମ୍ଭ ସାକ୍ଷାତରେ ଆପଣାକୁ ନମ୍ର କରିବା ହେତୁ ଆମ୍ଭେ ତାହାର ସମୟରେ ସେହି ଅମଙ୍ଗଳ ଘଟାଇବା ନାହିଁ; ମାତ୍ର ତାହାର ପୁତ୍ରର ସମୟରେ ତାହାର ବଂଶ ପ୍ରତି ଏହି ଅମଙ୍ଗଳ ଘଟାଇବା।”
२९“अहाब माझ्यापुढे नतमस्तक झाला आहे असे दिसते. तेव्हा तो जिवंत असेपर्यंत मी त्यास संकटात लोटणार नाही. त्याचा पुत्र राज्यावर येईपर्यंत मी थांबेन. मग त्याच्या घराला मी उपद्रव देईन.”