< शास्ते 18 >
1 १ त्या दिवसात इस्राएलावर कोणी राजा नव्हता, आणि त्या दिवसात दानाचा वंश वस्ती करण्यासाठी आपले वतन मिळवायाला पाहत होता; कारण त्या दिवसापर्यंत त्यास इस्राएलाच्या वंशांमध्ये वतनातला भाग मिळाला नव्हता.
ସେହି ସମୟରେ ଇସ୍ରାଏଲ ମଧ୍ୟରେ କୌଣସି ରାଜା ନ ଥିଲା; ସେତେବେଳେ ଦାନ୍ ବଂଶ ବସତି ନିମନ୍ତେ ଅଧିକାର ଖୋଜୁଥିଲେ; କାରଣ ସେଦିନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଇସ୍ରାଏଲ ବଂଶ ମଧ୍ୟରେ ସେମାନଙ୍କ ଅଧିକାର ପାଇ ନ ଥିଲା।
2 २ दानाच्या लोकांनी आपल्या सगळ्या वंशातून, सरा व अष्टावोल यांतून अनुभवी असे पाच शूर योद्धे पुरुष निवडून त्यांना देशाची टेहळणी व पाहणी करण्यासाठी पाठवले; तेव्हा त्यांनी त्यांना सांगितले, जा आणि तो देश पाहा. मग ते एफ्राइमाच्या डोंगराळ प्रदेशात मीखाच्या घरापर्यंत आले आणि त्यांनी रात्र तेथे घालवली.
ଏଣୁ ଦାନ୍-ସନ୍ତାନଗଣ ଆପଣାମାନଙ୍କ ସଂଖ୍ୟା ମଧ୍ୟରୁ ସ୍ୱଗୋଷ୍ଠୀୟ ପାଞ୍ଚ ଜଣ ବୀର ପୁରୁଷଙ୍କୁ ଦେଶ ଭ୍ରମଣ ଓ ଅନୁସନ୍ଧାନ କରିବାକୁ ସରାୟ ଓ ଇଷ୍ଟାୟୋଲଠାରୁ ପଠାଇଲେ ଓ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଯାଇ ଦେଶ ଅନୁସନ୍ଧାନ କର;” ତହିଁରେ ସେମାନେ ଇଫ୍ରୟିମ-ପର୍ବତମୟ ଦେଶସ୍ଥିତ ମୀଖାର ଗୃହ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଆସି ସେଠାରେ ରାତ୍ରି କ୍ଷେପଣ କଲେ।
3 ३ ते मीखाच्या घराजवळ होते, तेव्हा त्यांनी त्या तरुण लेव्याचा शब्द ओळखला; यास्तव ते तिकडे वळून त्यास बोलले, “तुला इकडे कोणी आणले? आणि तू या ठिकाणी काय करतोस? तू येथे का आहेस?”
ସେମାନେ ମୀଖାର ଗୃହ ନିକଟରେ ଥିବା ବେଳେ ସେହି ଲେବୀୟ ଯୁବା ଲୋକର ରବ ଚିହ୍ନିଲେ; ତହୁଁ ସେମାନେ ସେଠାକୁ ଯାଇ ତାହାକୁ ପଚାରିଲେ, “ତୁମ୍ଭକୁ ଏଠାକୁ କିଏ ଆଣିଲା? ତୁମ୍ଭେ ଏଠାରେ କଅଣ କରୁଅଛ? ଓ ତୁମ୍ଭର ଏଠାରେ କଅଣ ଅଛି?”
4 ४ तो त्यांना म्हणाला, “मीखाने माझ्यासाठी जे काही केले ते असे आहे, आणि मला मोलाने नियुक्त केले आणि मी त्याचा याजक झालो आहे.”
ତହିଁରେ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲା, ମୀଖା ମୋହର ପ୍ରତି ଏହି ଏହି ପ୍ରକାର ବ୍ୟବହାର କଲା, “ସେ ମୋତେ ବେତନ ଦେଇ ନିଯୁକ୍ତ କରିଅଛି ଓ ମୁଁ ତାହାର ଯାଜକ ହୋଇଅଛି।”
5 ५ तेव्हा त्यांनी त्यास म्हटले, “तू कृपा करून देवाला सल्ला विचार की, आम्ही जो प्रवास करत आहोत तो सफल होईल किंवा नाही.”
ତହୁଁ ସେମାନେ ତାହାକୁ କହିଲେ, “ଆମ୍ଭେମାନେ ତୁମ୍ଭକୁ ବିନୟ କରୁଅଛୁ, ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ନିକଟରେ ପଚାର, ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ଯିବା ବାଟରେ ମଙ୍ଗଳ ହେବ କି ନାହିଁ, ତାହା ଆମ୍ଭେମାନେ ଜାଣିବାକୁ ଚାହୁଁ।”
6 ६ तेव्हा तो याजक त्यांना बोलला, “तुम्ही शांतीने जा; ज्या मार्गाने तुम्हाला जायचे आहे, त्यामध्ये परमेश्वर देव तुमचे मार्गदर्शन करील.”
ତହୁଁ ଯାଜକ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲା, କୁଶଳରେ ଯାଅ; “ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ଗନ୍ତବ୍ୟ ପଥ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ଅଛି।”
7 ७ मग ती पाच माणसे निघाली आणि लईश येथे आली, आणि त्यांनी पाहिले की; ज्या प्रकारे सीदोनी अबाधित व सुरक्षित राहत होते; तसेच त्यामध्ये राहणारे लोक हे तेथे सुरक्षित आहेत. आणि देशात त्यांना कशा प्रकारेही त्रास देणारा किंवा त्यांच्यावर अधिकार गाजवणारा एकही जण तेथे नव्हता. ते सीदोन्यांपासून फार दूर राहत होते, आणि त्यांचे कोणाबरोबरही व्यावहारीक संबंध नव्हते.
ଏଉତ୍ତାରେ ସେହି ପାଞ୍ଚ ଜଣ ପ୍ରସ୍ଥାନ କରି ଲୟିଶ୍ରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲେ, ପୁଣି ସେଠାସ୍ଥିତ ଲୋକମାନେ କିରୂପେ ନିର୍ଭୟରେ ବାସ କରି ସୀଦୋନୀୟମାନଙ୍କ ରୀତି ଅନୁସାରେ ଶାନ୍ତ ଓ ନିର୍ଭୟ ହୋଇଅଛନ୍ତି, ଏହା ଦେଖିଲେ; କାରଣ କୌଣସି କଥାରେ ସେମାନଙ୍କୁ ଲଜ୍ଜିତ କରିବା ପାଇଁ ସେହି ଦେଶରେ କର୍ତ୍ତୃତ୍ୱବିଶିଷ୍ଟ କେହି ନ ଥିଲେ, ଆଉ ସେମାନେ ସୀଦୋନୀୟମାନଙ୍କଠାରୁ ଦୂରରେ ଥିଲେ ଓ ଅନ୍ୟ କାହାରି ସହିତ ସେମାନଙ୍କର ସମ୍ପର୍କ ନ ଥିଲା।
8 ८ नंतर ते सरा व अष्टावोल तेथे आपल्या वंशाजवळ आले; तेव्हा त्यांच्या नातेवाईकांनी त्यांना विचारले, “तुमचा अहवाल काय आहे?”
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେହି ପାଞ୍ଚ ଜଣ ସରାୟ ଓ ଇଷ୍ଟାୟୋଲରେ ଆପଣା ଭ୍ରାତୃଗଣ ନିକଟରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲେ; ତହିଁରେ ସେମାନଙ୍କର ଭ୍ରାତୃଗଣ ସେମାନଙ୍କୁ ପଚାରିଲେ, “କି ବିଚାର?”
9 ९ ते म्हणाले, “चला! आपण त्यांच्यावर हल्ला करू! कारण आम्ही तो देश पाहिला आणि तो फार चांगला आहे. तुम्ही काहीच करणार नाही का? तुम्ही तो देश जिंकण्यासाठी आणि त्यावर चढाई करून ताब्यात घेण्यासाठी कंटाळा करू नका.
ତହିଁରେ ସେମାନେ କହିଲେ, “ଉଠ, ସେମାନଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯିବା; କାରଣ ଆମ୍ଭେମାନେ ସେ ଦେଶ ଦେଖିଲୁ, ଦେଖ, ସେ ଦେଶ ଅତି ଉତ୍ତମ; ଆଉ ତୁମ୍ଭେମାନେ କି ତୁନି ହୋଇ ରହିଅଛ? ସେହି ଦେଶକୁ ଯିବାକୁ ଓ ପ୍ରବେଶ କରି ତାହା ଅଧିକାର କରିବାକୁ ଆଳସ୍ୟ କର ନାହିଁ।
10 १० तुम्ही तेथे जाल, तेव्हा ‘आम्ही अगदी सुरक्षित आहोत’ असा विचार करणाऱ्या लोकांकडे जाल, तसेच त्यांचा देश विस्तीर्ण आहे. देवाने ते तुम्हाला दिले आहेत. ती जागा अशी आहे की पृथ्वीवरील कोणत्याही गोष्टीची उणीव तेथे नाही.”
ତୁମ୍ଭେମାନେ ଗଲେ ନିର୍ଭୟରେ ଥିବା ଲୋକମାନଙ୍କୁ ପାଇବ ଓ ଦେଶ ଅତି ବିସ୍ତୃତ; ପରମେଶ୍ୱର ତାହା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କରିଅଛନ୍ତି; ସେ ସ୍ଥାନରେ ପୃଥିବୀସ୍ଥ କୌଣସି କଥାର ଅଭାବ ନାହିଁ।”
11 ११ मग तेथून, म्हणजे सरा व अष्टावोल यांतून दानाच्या कुळातले सहाशे पुरुष लढाईसाठी शस्त्रे घेऊन निघाले.
ତହିଁରେ ସେଠାରୁ ଦାନୀୟ ଗୋଷ୍ଠୀର ଛଅ ଶହ ଲୋକ ଯୁଦ୍ଧାସ୍ତ୍ରରେ ସସଜ୍ଜ ହୋଇ ସରାୟ ଓ ଇଷ୍ଟାୟୋଲରୁ ଯାତ୍ରା କଲେ।
12 १२ तेव्हा त्यांनी जाऊन यहूदातल्या किर्याथ-यारीम जवळ तळ दिला; यास्तव आजपर्यंत त्या ठिकाणाला महाने-दान, दानाची छावणी असे म्हणतात; ते किर्याथ-यारीमाच्या पश्चिमेस आहे.
ପୁଣି ସେମାନେ ଉଠିଯାଇ ଯିହୁଦା-ଅନ୍ତର୍ଗତ କିରୀୟଥ୍-ଯିୟାରୀମ୍ରେ ଛାଉଣି ସ୍ଥାପନ କଲେ; ଏହି କାରଣରୁ ଆଜି ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସେହି ସ୍ଥାନକୁ ମହନୀ-ଦାନ (ଦାନ୍ର ଛାଉଣି) କହନ୍ତି; ଦେଖ, ତାହା କିରୀୟଥ୍-ଯିୟାରୀମ୍ର ପଛରେ ଅଛି।
13 १३ मग ते तेथून पुढे एफ्राइमाच्या डोंगराळ प्रदेशात गेले आणि मीखाच्या घरापर्यंत आले.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେମାନେ ସେଠାରୁ ଇଫ୍ରୟିମ-ପର୍ବତମୟ ଦେଶ ଆଡ଼େ ଯାଇ ମୀଖାର ଗୃହ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗଲେ।
14 १४ तेव्हा जी पाच माणसे लईश प्रदेश हेरावयास गेली होती, त्यांनी आपल्या नातेवाईकांना असे सांगितले की, “या घरामध्ये याजकाचे एफोद व कुलदेवता, आणि कोरीव मूर्ती व ओतीव धातूची मूर्ती आहेत; हे तुम्हाला माहीत आहे काय? तर आता काय करायचे ते तुम्ही ठरवा.”
ସେତେବେଳେ ଯେଉଁ ପାଞ୍ଚ ଜଣ ଲୟିଶ୍ ଦେଶ ଅନୁସନ୍ଧାନ କରିବାକୁ ଯାଇଥିଲେ, ସେମାନେ ଆପଣା ଭ୍ରାତୃଗଣକୁ କହିଲେ, “ଏହି ଗୃହରେ ଯେ ଏକ ଏଫୋଦ ଓ ଠାକୁରମାନ, ଆଉ ଏକ ଖୋଦିତ ପ୍ରତିମା ଓ ଏକ ଢଳା ପ୍ରତିମା ଅଛି, ଏହା କʼଣ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଜାଣ? ଏଣୁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର କି କର୍ତ୍ତବ୍ୟ, ତାହା ବିବେଚନା କର।”
15 १५ मग त्यांनी तिकडे वळून मीखाच्या घरी त्या तरुण लेव्याच्या घरात जाऊन त्याचे क्षेमकुशल विचारले.
ତହୁଁ ସେମାନେ ସେଆଡ଼େ ଯାଇ ମୀଖାର ଗୃହରେ ସେହି ଲେବୀୟ ଯୁବାର ଗୃହକୁ ଆସି ତାହାର ମଙ୍ଗଳ ବାର୍ତ୍ତା ପଚାରିଲେ।
16 १६ नंतर दानाच्या वंशातली ती सहाशे माणसे आपल्या लढाईची शस्त्रे घेऊन प्रवेशद्वाराशी उभी राहिली.
ପୁଣି ଯୁଦ୍ଧାସ୍ତ୍ରରେ ସସଜ୍ଜ ଦାନ୍-ସନ୍ତାନଗଣର ସେହି ଛଅ ଶହ ପୁରୁଷ ଦ୍ୱାର-ପ୍ରବେଶ ସ୍ଥାନରେ ଛିଡ଼ା ହୋଇ ରହିଲେ।
17 १७ आणि जी पाच माणसे देश हेरायला गेली होती, त्यांनी आत शिरून, ती कोरीव मूर्त्ती, एफोद, कुलदेवता व ओतीव मूर्ती घेतली; त्या वेळी तो याजक शस्त्रसज्ज असणाऱ्या सहाशे मनुष्यांबरोबर दरवाजापुढे उभा होता.
ଏଥିରେ ଦେଶାନୁସନ୍ଧାନ ନିମିତ୍ତ ଯାଇଥିବା ସେହି ପାଞ୍ଚ ଜଣ ଉପରକୁ ଗଲେ, ପୁଣି ତହିଁ ଭିତରକୁ ଯାଇ ଖୋଦିତ ପ୍ରତିମା ଓ ଏଫୋଦ ଓ ଠାକୁରମାନ ଓ ଢଳା ପ୍ରତିମା ଉଠାଇ ନେଲେ; ସେସମୟରେ ଯାଜକ ଦ୍ୱାର-ପ୍ରବେଶ ସ୍ଥାନରେ ଯୁଦ୍ଧାସ୍ତ୍ରରେ ସସଜ୍ଜ ସେହି ଛଅ ଶହ ଲୋକ ସଙ୍ଗରେ ଛିଡ଼ା ହୋଇଥିଲା।
18 १८ तर त्यांनी मीखाच्या घरात जाऊन ती कोरीव मूर्ती व ते एफोद व ते कुलदेवता व ती ओतीव धातूची मूर्ती घेतली असता, तो याजक त्यांना म्हणाला, “तुम्ही हे काय करत आहात?”
ଆଉ ସେହି ଲୋକମାନେ ମୀଖା ଗୃହକୁ ଯାଇ ଖୋଦିତ ପ୍ରତିମା, ଏଫୋଦ ଓ ଠାକୁରମାନ ଓ ଢଳା ପ୍ରତିମା ଆଣନ୍ତେ, ଯାଜକ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲା, “ତୁମ୍ଭେମାନେ କଅଣ କରୁଅଛ?”
19 १९ त्यांनी त्यास म्हटले, “तू शांत राहा! आपला हात आपल्या तोंडावर ठेव व आमच्याबरोबर चल, आणि आमचा बाप व आमचा याजक हो. एका मनुष्याचा याजक होऊन राहणे बरे की एका वंशाचा, आणि इस्राएलाच्या कुळाचा याजक व्हावे हे बरे? कोणते बरे?”
ତହିଁରେ ସେମାନେ ତାହାକୁ କହିଲେ, “ତୁନି ହୁଅ, ଆପଣା ମୁହଁରେ ହାତ ଦିଅ, ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ସଙ୍ଗେ ଚାଲ ଓ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପିତା ଓ ଯାଜକ ହୁଅ; ଏକ ଲୋକର ଗୃହରେ ଯାଜକ ହେବା ତୁମ୍ଭର ଭଲ, କି ଇସ୍ରାଏଲୀୟ ଏକ ବଂଶ ଓ ଗୋଷ୍ଠୀର ଯାଜକ ହେବା ଭଲ?”
20 २० तेव्हा त्या याजकाच्या मनास आनंद झाला; यास्तव तो, ते एफोद व ते कुलदेवता व ती कोरीव मूर्ती घेऊन त्या लोकांबरोबर गेला.
ଏଥିରେ ଯାଜକର ମନ ଆନନ୍ଦିତ ହେଲା, ତହୁଁ ସେ ଏଫୋଦ ଓ ଠାକୁରମାନ ଓ ଖୋଦିତ ପ୍ରତିମା ନେଇ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଚାଲିଲା।
21 २१ अशा रीतीने ते तेथून वळले आणि दूर गेले. लहान मुलेबाळे, गुरेढोरे व त्यांची मालमत्ता ते आपल्यापुढे घेऊन चालले.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେମାନେ ମୁଖ ଫେରାଇ ପ୍ରସ୍ଥାନ କଲେ, ପୁଣି ବାଳକ ଓ ପଶୁ ଓ ସାମଗ୍ରୀ ଆପଣାମାନଙ୍କ ଆଗେ ଚଳାଇଲେ।
22 २२ मीखाच्या घरापासून ते बरेच अंतर दूर गेल्यावर, ज्यांची घरे मीखाच्या घराजवळ होती, त्यांनी माणसे एकत्र बोलावली आणि ते दान वंशाच्या लोकांच्या पाठीस लागले.
ସେମାନେ ମୀଖାର ଗୃହରୁ କିଛି ଦୂର ଗଲା ଉତ୍ତାରେ ମୀଖାର ଗୃହ ନିକଟ ଗୃହବାସୀମାନେ ଦଳବଦ୍ଧ ହୋଇ ଦାନ୍-ସନ୍ତାନଗଣର ପଛେ ପଛେ ଗୋଡ଼ାଇଲେ।
23 २३ त्यांनी दान वंशाच्या लोकांस हाक मारली; तेव्हा ते मागे वळून मीखाला म्हणाले, “तुला काय झाले म्हणून तू समुदाय घेऊन आलास.”
ପୁଣି ଦାନ୍-ସନ୍ତାନଗଣକୁ ଡାକ ପକାଇଲେ। ତହୁଁ ସେମାନେ ମୁଖ ଫେରାଇ ମୀଖାକୁ କହିଲେ, ତୁମ୍ଭର କଅଣ ହେଲା ଯେ, “ତୁମ୍ଭେ ଏପରି ଦଳବଦ୍ଧ ହୋଇ ଆସୁଅଛ?”
24 २४ तो म्हणाला, “मी केलेले देव तुम्ही चोरले आणि माझ्या याजकाला तुम्ही घेऊन चालला, आणि आता मला दुसरे काही राहिले आहे काय? तर तुला काय झाले हे तुम्ही मला कसे विचारू शकता?”
ତହିଁରେ ସେ କହିଲା, “ମୋର ବନାଇଲା ଦେବତାମାନଙ୍କୁ, ପୁଣି ଯାଜକକୁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ତ ନେଇ ଚାଲି ଆସିଲ, ବାକି ମୋହର ଆଉ କଅଣ ଅଛି? ଆହୁରି କହୁଅଛ, ‘ତୁମ୍ଭର କଅଣ ହେଲା?’”
25 २५ मग दान वंशाच्या लोकांनी त्यास म्हटले, “तू आपला आवाज आम्हांला ऐकू देऊ नको; नाही तर आमच्यातली फार रागीट माणसे तुझ्यावर हल्ला करतील, आणि तू व तुझ्या घराण्याला मारून टाकतील.”
ତହିଁରେ ଦାନ୍-ସନ୍ତାନଗଣ ତାହାକୁ କହିଲେ, “ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ତୁମ୍ଭ ରବ ଶୁଣା ନ ଯାଉ, କେଜାଣି କ୍ରୋଧୀ ଲୋକେ ତୁମ୍ଭକୁ ଆକ୍ରମଣ କରିବେ, ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ପ୍ରାଣ ଓ ଆପଣା ପରିବାରର ପ୍ରାଣ ହରାଇବ।”
26 २६ मग दानाचे लोक आपल्या मार्गाने गेले, आणि मीखाने पाहिले की आपल्यापेक्षा ते बलवान आहेत, म्हणून तो माघारी फिरून आपल्या घरी गेला.
ଏଉତ୍ତାରେ ଦାନ୍-ସନ୍ତାନଗଣ ଆପଣା ପଥରେ ଗମନ କଲେ; ପୁଣି ମୀଖା ସେମାନଙ୍କୁ ଆପଣାଠାରୁ ଅଧିକ ବଳବାନ ଦେଖି, ଆପଣା ଗୃହକୁ ଫେରିଗଲା।
27 २७ मीखाने ज्या मूर्ती केल्या होत्या त्या आणि त्याचा जो याजक होता, त्यास त्यांनी घेतले; मग ते लईश नगरास आले. तेथील लोक शांत व निश्चिंत होते. त्यांना तलवारीने मारले, आणि नगराला आग लावून जाळले.
ତହୁଁ ସେମାନେ ମୀଖାର ନିର୍ମିତ ବସ୍ତୁସବୁ ଓ ତାହାର ଯାଜକକୁ ନେଇ ଲୟିଶ୍ରେ ସେହି ଶାନ୍ତ ଓ ନିର୍ଭୟ ହୋଇ ରହିଥିବା ଲୋକମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲେ ଓ ସେମାନଙ୍କୁ ଖଡ୍ଗଧାରରେ ଆଘାତ କରି ଅଗ୍ନିରେ ନଗର ଦଗ୍ଧ କଲେ।
28 २८ तेव्हा त्यांना कोणी सोडवणारा नव्हता, कारण ते सीदोनापासून दूर होते, आणि त्यांचा कोणाशीही व्यवहार नव्हता; ते नगर बेथ-रहोबच्या खोऱ्याजवळ होते. दानी लोकांनी तेथे पुन्हा नगर बांधले आणि ते त्यामध्ये राहिले.
ପୁଣି ଉଦ୍ଧାରକର୍ତ୍ତା କେହି ନ ଥିଲା, କାରଣ ତାହା ସୀଦୋନଠାରୁ ଦୂର ଥିଲା, ଆଉ ଅନ୍ୟ କାହାରି ସଙ୍ଗେ ସେମାନଙ୍କର ସମ୍ପର୍କ ନ ଥିଲା; ଆଉ ତାହା ବେଥ୍-ରହୋବ ନିକଟସ୍ଥ ତଳଭୂମିରେ ଥିଲା। ଏଉତ୍ତାରେ ସେମାନେ ସେହି ନଗର ନିର୍ମାଣ କରି ସେଠାରେ ବାସ କଲେ।
29 २९ त्यांनी आपला पूर्वज दान, जो इस्राएलाचा एक पुत्र होता त्याचे नाव त्या नगराला दिले, परंतु पहिल्याने त्या नगराचे नाव लईश होते.
ପୁଣି ଆପଣାମାନଙ୍କ ପୂର୍ବପୁରୁଷ ଯେ ଇସ୍ରାଏଲର ପୁତ୍ର ଦାନ୍, ତାହାର ନାମାନୁସାରେ ସେହି ନଗରର ନାମ ଦାନ୍ ରଖିଲେ; ମାତ୍ର ଆଦ୍ୟରେ ସେହି ନଗରର ନାମ ଲୟିଶ୍ ଥିଲା।
30 ३० नंतर दानाच्या लोकांनी आपल्यासाठी ती कोरीव मूर्ती केली; आणि मनश्शेचा पुत्र गेर्षोम याचा वंशज योनाथान तो व त्याची मुले, देश बंदिवासात जाईपर्यंत दानाच्या वंशाचे याजक होते.
ପୁଣି ଦାନ୍-ସନ୍ତାନଗଣ ସେହି ଖୋଦିତ ପ୍ରତିମା ଆପଣାମାନଙ୍କ ପାଇଁ ସ୍ଥାପନ କଲେ; ପୁଣି ସେହି ଦେଶୀୟ ଲୋକମାନେ ବନ୍ଦୀ ରୂପେ ଦେଶାନ୍ତରିତ ହେବା ଯାଏ ମୋଶାର ପୌତ୍ର, ଗେର୍ଶୋମର ପୁତ୍ର ଯୋନାଥନ ଓ ତାହାର ସନ୍ତାନଗଣ ଦାନ୍ ବଂଶର ଯାଜକ ହେଲେ।
31 ३१ देवाचे मंदिर शिलोमध्ये होते, तोपर्यंत त्यांनी आपल्यासाठी मीखाची कोरीव मूर्ती जी त्याने केली होती तिची उपासना केली.
ଶୀଲୋରେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଗୃହ ଥିବାର ସମସ୍ତ ସମୟ ସେମାନେ ଆପଣାମାନଙ୍କ ପାଇଁ ମୀଖାର ନିର୍ମିତ ସେହି ଖୋଦିତ ପ୍ରତିମା ସ୍ଥାପନ କରି ରଖିଲେ।