< यिर्मया 52 >

1 सिद्कीया राज्य करू लागला तेव्हा तो एकवीस वर्षाचा होता; अकरा वर्षे त्याने यरूशलेमेवर राज्य केले. त्याच्या आईचे नाव हमूटल. ती लिब्नाकर यिर्मयाची मुलगी होती.
ସିଦିକୀୟ ରାଜ୍ୟ କରିବାକୁ ଆରମ୍ଭ କରିବା ବେଳେ ଏକୋଇଶ ବର୍ଷ ବୟସ୍କ ଥିଲା ଓ ସେ ଯିରୂଶାଲମରେ ଏଗାର ବର୍ଷ ରାଜ୍ୟ କଲା; ତାହାର ମାତାର ନାମ ହମୁଟଲ୍‍, ସେ ଲିବ୍‍ନା ନିବାସୀ ଯିରିମୀୟଙ୍କ କନ୍ୟା ଥିଲା।
2 यहोयाकीम याने जी प्रत्येकगोष्ट केली होती त्याप्रमाणे यानेही, परमेश्वराच्या दृष्टीने जे वाईट होते ते केले.
ଆଉ, ସେ ଯିହୋୟାକୀମ୍‍ର କୃତ ସମସ୍ତ କର୍ମାନୁସାରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଦୃଷ୍ଟିରେ କୁକର୍ମ କଲା।
3 आपल्या दृष्टीसमोरून त्यांना काढून टाकेपर्यंत, परमेश्वराच्या कोपाद्वारे यरूशलेम व यहूदामध्ये सर्व या घटना घडल्या. मग सिद्कीयाने बाबेलाच्या राजाच्या विरोधात बंड केले.
କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ କ୍ରୋଧ ସକାଶୁ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ଆପଣା ଛାମୁରୁ ଦୂର ନ କରିବା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଯିରୂଶାଲମ ଓ ଯିହୁଦାରେ ଏପରି ଘଟଣା ଘଟିଲା। ଆଉ, ସିଦିକୀୟ ବାବିଲ ରାଜାର ବିଦ୍ରୋହୀ ହେଲା।
4 मग असे झाले की, त्याच्या कारकिर्दीच्या नवव्या वर्षाच्या दहाव्या महिन्यात दहाव्या दिवशी बाबेलाचा राजा नबुखद्नेस्सर याने आपल्या सर्व सैन्याबरोबर यरूशलेमेविरूद्ध चाल करून आला. त्याने त्याच्यापुढे तळ ठोकला आणि त्यांच्याभोवती वेढ्याची भिंत बांधली
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ତାହାଙ୍କ ରାଜତ୍ଵର ନବମ ବର୍ଷରେ, ଦଶମ ମାସର ଦଶମ ଦିନରେ, ବାବିଲର ରାଜା ନବୂଖଦ୍‍ନିତ୍ସର ଓ ତାହାର ସମସ୍ତ ସୈନ୍ୟ ଯିରୂଶାଲମକୁ ଆସି ତହିଁ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଛାଉଣି କଲେ; ଆଉ, ସେମାନେ ତହିଁର ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରେ ଗଡ଼ ନିର୍ମାଣ କଲେ।
5 म्हणून सिद्कीया राजाच्या अकराव्या वर्षापर्यंत त्या नगराला वेढा पडला होता.
ତହୁଁ ସିଦିକୀୟ ରାଜାଙ୍କ ରାଜତ୍ଵର ଏଗାର ବର୍ଷ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ନଗର ଅବରୁଦ୍ଧ ହୋଇ ରହିଲା।
6 चौथ्या महिन्याच्या नवव्या दिवशी, नगरात भयंकर दुष्काळ पडला, तो इतका की, देशातल्या लोकांसाठी अन्नाचा कण नव्हता.
ଚତୁର୍ଥ ମାସରେ, ସେହି ମାସର ନବମ ଦିନରେ ନଗରରେ ମହାଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ହେଲା, ତହିଁରେ ଦେଶୀୟ ଲୋକମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ କିଛି ଖାଦ୍ୟ ମିଳିଲା ନାହିଁ।
7 मग नगराच्या तटाला खिंडार पाडण्यात आले आणि सर्व लढणारे माणसे पळाले राजाच्या बागेजवळ दोहो तटामध्ये जी वेस होती तिच्या वाटेने ते रात्री नगरातून निघून गेले आणि खास्दी लोक नगराच्यासभोवती होते, म्हणून ते अराब्याच्या वाटेने निघून गेले.
ତେବେ, ନଗରରେ ଏକ ସ୍ଥାନ ଭଗ୍ନ ହୁଅନ୍ତେ, ସମସ୍ତ ଯୋଦ୍ଧା ଏକ ରାତ୍ରି ଭିତରେ ରାଜାର ଉଦ୍ୟାନ ନିକଟସ୍ଥ ଦୁଇ ପ୍ରାଚୀରର ମଧ୍ୟବର୍ତ୍ତୀ ଦ୍ୱାର ପଥ ଦେଇ ପଳାଇଲେ; ସେସମୟରେ କଲ୍‍ଦୀୟମାନେ ନଗରର ବିରୁଦ୍ଧରେ ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରେ ଥିଲେ; ପୁଣି, ଲୋକମାନେ ଆରବା ପଥ ଦେଇ ଚାଲିଗଲେ।
8 पण खास्द्यांच्या सैन्याने राजाच्या पाठीस लागून यरीहोच्या मैदानात सिद्कीयाला गाठले. त्याचे सर्व सैन्य त्याच्यापासून पांगून दूर गेले.
ମାତ୍ର କଲ୍‍ଦୀୟମାନଙ୍କ ସୈନ୍ୟ ରାଜାର ପଛେ ପଛେ ଗୋଡ଼ାଇ ଯିରୀହୋ ପଦାରେ ସିଦିକୀୟକୁ ଧରିଲେ; ତହିଁରେ ତାହାର ସକଳ ସୈନ୍ୟ ତାହା ନିକଟରୁ ଛିନ୍ନଭିନ୍ନ ହୋଇଗଲେ।
9 त्यांनी राजाला पकडले व त्यास हमाथ देशातील रिब्ला येथे बाबेलाच्या राजाकडे वर नेले. तेथे त्याने त्यास शिक्षा ठरवली.
ତହୁଁ ସେମାନେ ରାଜାକୁ ଧରି ହମାତ୍‍ ଦେଶସ୍ଥ ରିବ୍ଲାକୁ ବାବିଲ ରାଜା ନିକଟକୁ ନେଇଗଲେ; ତହିଁରେ ସେ ତାହା ପ୍ରତି ଦଣ୍ଡାଜ୍ଞା କଲା।
10 १० बाबेलाच्या राजाने सिद्कीयाच्या मुलांना त्याच्या डोळ्यापुढे मारले आणि यहूदाच्या सर्व अधिकाऱ्यांचीही त्याने रिब्ला येथे हत्या केली.
ଆଉ, ବାବିଲର ରାଜା ସିଦିକୀୟର ପୁତ୍ରମାନଙ୍କୁ ତାହାର ସାକ୍ଷାତରେ ବଧ କଲା; ସେ ଯିହୁଦାର ଅଧିପତି ସମସ୍ତଙ୍କୁ ହିଁ ରିବ୍ଲାରେ ବଧ କଲା।
11 ११ मग बाबेलाच्या राजाने सिद्कीयाचे डोळे काढले, त्यास पितळी बेड्या घालून बाबेलास नेले. त्याने त्यास त्याच्या मरणाच्या दिवसापर्यंत तुरुंगातच ठेवले.
ଆଉ, ସେ ସିଦିକୀୟର ଚକ୍ଷୁ ଉପାଡ଼ି ପକାଇଲା; ପୁଣି, ବାବିଲର ରାଜା ତାହାକୁ ଶୃଙ୍ଖଳରେ ବଦ୍ଧ କରି ବାବିଲକୁ ନେଇଗଲା ଓ ତାହାର ମୃତ୍ୟୁୁ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ତାହାକୁ କାରାଗାରରେ ରଖିଲା।
12 १२ आता बाबेलाच्या राजा नबुखद्नेस्सर याच्या कारकिर्दीच्या एकोणिसाव्या वर्षी, पाचव्या महिन्याच्या दहाव्या दिवशी, नबूजरदान यरूशलेमेस आला. तो बाबेलामधील राजाचा सेवक व राजाच्या अंगरक्षकांचा नायक होता.
ପଞ୍ଚମ ମାସରେ, ମାସର ଦଶମ ଦିନରେ, ବାବିଲର ରାଜା ନବୂଖଦ୍‍ନିତ୍ସର ରାଜାଙ୍କ ରାଜତ୍ଵର ଊଣେଇଶ ବର୍ଷରେ, ବାବିଲ ରାଜାର ସମ୍ମୁଖରେ ଦଣ୍ଡାୟମାନ ନବୂଷରଦନ୍‍ ନାମକ ପ୍ରହରୀବର୍ଗର ସେନାପତି ଯିରୂଶାଲମକୁ ଆସିଲା।
13 १३ त्याने परमेश्वराचे घर जाळले, राजवाडा व यरूशलेमेमधील सर्व घरेही जाळली. नगरातील प्रत्येक महत्वाची इमारतसुद्धा त्याने जाळून टाकली.
ପୁଣି, ସେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଗୃହ ଓ ରାଜଗୃହ ଦଗ୍ଧ କଲା; ପୁଣି, ସେ ଯିରୂଶାଲମସ୍ଥ ସକଳ ଗୃହ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ପ୍ରତ୍ୟେକ ବୃହତ ଗୃହ ଅଗ୍ନିରେ ଦଗ୍ଧ କଲା।
14 १४ राजाच्या अंगरक्षकाच्या नायकाबरोबर असलेल्या सर्व खास्दी सैन्याने यरूशलेमेभोवती असलेली तटबंदी मोडून तोडून टाकली.
ଆଉ, ପ୍ରହରୀବର୍ଗର ସେନାପତି ସଙ୍ଗେ ଥିବା କଲ୍‍ଦୀୟ ସମସ୍ତ ସୈନ୍ୟ ଯିରୂଶାଲମର ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗସ୍ଥ ପ୍ରାଚୀର ଭଗ୍ନ କଲେ।
15 १५ सेनापती नबूजरदानाने यरूशलेम नगरामध्ये अजूनही राहत असलेल्या सर्व लोकांस कैदी म्हणून नेले. बाबेलाच्या राजाला आधीच शरण आलेल्यांनाही तो घेऊन गेला. यरूशलेममध्ये मागे राहिलेले कुशल कारागीरही त्याने बरोबर नेले.
ସେତେବେଳେ ପ୍ରହରୀବର୍ଗର ସେନାପତି ନବୂଷରଦନ୍‍ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ନିତାନ୍ତ ଦରିଦ୍ରମାନଙ୍କୁ ଓ ନଗରର ଅବଶିଷ୍ଟ ଲୋକମାନଙ୍କୁ, ଆଉ ବାବିଲ ରାଜାର ପକ୍ଷକୁ ପଳାୟନକାରୀମାନଙ୍କୁ ଓ ଅବଶିଷ୍ଟ ସାଧାରଣ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ବନ୍ଦୀ କରି ନେଇଗଲା।
16 १६ पण राजाचा अंगरक्षकांचा नायक नबूजरदान याने देशातील काही अगदी गरीब त्यांना द्राक्षमळ्यांत व शेतांत काम करण्यासाठी मागेच ठेवले.
ମାତ୍ର ପ୍ରହରୀବର୍ଗର ସେନାପତି ନବୂଷରଦନ୍‍ ଦେଶର ନିତାନ୍ତ ଦରିଦ୍ରମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ କେତେକଙ୍କୁ ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ରର କର୍ମଚାରୀ ଓ କୃଷକ ହେବା ପାଇଁ ଛାଡ଼ିଗଲା।
17 १७ परमेश्वराच्या घरातील असलेले पितळी खांब, परमेश्वराच्या घरातील पितळी गंगाळसागर व त्याच्या बैठकी खास्द्यांनी तोडून तुकडे तुकडे केले आणि सर्व पितळ परत बाबेलाला घेऊन गेले.
ପୁଣି, କଲ୍‍ଦୀୟମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଗୃହର ପିତ୍ତଳ ସ୍ତମ୍ଭ ଓ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଗୃହର ବୈଠିକି ସବୁ ଓ ପିତ୍ତଳମୟ ସମୁଦ୍ରରୂପ ପାତ୍ର ଖଣ୍ଡ ଖଣ୍ଡ କରି ଭାଙ୍ଗି ତହିଁର ପିତ୍ତଳସବୁ ବାବିଲକୁ ନେଇଗଲେ।
18 १८ पात्रे, फावडी, दिव्याची कात्री, वाट्या, आणि मंदिरातील सेवा ज्या पितळी उपकरणाने याजक करीत ती सर्व खास्द्यांनी नेली.
ଆହୁରି, ସେମାନେ ହାଣ୍ଡି ଓ କରଚୁଲି, କତୁରୀ, କୁଣ୍ଡ, ଚମସ ଓ ପରିଚର୍ଯ୍ୟାର୍ଥକ ସକଳ ପିତ୍ତଳମୟ ପାତ୍ର ନେଇଗଲେ।
19 १९ पेले व धूपपात्रे, वाट्या, बहुगुणी, दीपस्तंभ, चमचे, कटोरे जी सोन्याची आणि रुप्याचे बनवली होती ती राजाचा अंगरक्षकांचा नायक तीदेखील घेऊन गेला.
ପ୍ରହରୀବର୍ଗର ସେନାପତି ତାଟିଆ, ଅଙ୍ଗାରଧାନୀ, କୁଣ୍ଡ, ହାଣ୍ଡି, ଦୀପବୃକ୍ଷ, ଚମସ ଓ ପାତ୍ରସବୁ, ଯାହା ସୁନାର ଥିଲା, ତାହା ସୁନା କରି ଓ ଯାହା ରୂପାର ଥିଲା, ତାହା ରୂପା କରି ନେଇଗଲା।
20 २० दोन खांब, गंगाळसागर, व त्याच्या बैठकीखालचे बारा पितळी बैल शलमोन राजाने परमेश्वराच्या घरासाठी बनविले होते, या वस्तूतील अधिक पितळ वजनात मावणे शक्य नव्हते.
ଶଲୋମନ ରାଜା ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଗୃହ ନିମନ୍ତେ ଯେଉଁ ଦୁଇ ସ୍ତମ୍ଭ, ଏକ ସମୁଦ୍ରରୂପ ପାତ୍ର ଓ ତହିଁର ତଳସ୍ଥ ଦ୍ୱାଦଶ ପିତ୍ତଳମୟ ବୃଷରୂପ ବୈଠିକି ନିର୍ମାଣ କରିଥିଲେ, ସେହି ସବୁ ପାତ୍ରର ପିତ୍ତଳ ଅପରିମିତ ଥିଲା।
21 २१ प्रत्येक खांब अठरा हात उंच होता. त्याच्या घेराला बारा हात दोरी लागे. प्रत्येकाची जाडी चार बोटे होती व पोकळ होती.
ପୁଣି, ସେହି ଦୁଇ ସ୍ତମ୍ଭ, ପ୍ରତ୍ୟେକର ଉଚ୍ଚ ଅଠର ହାତ ଓ ପରିଧି ବାର ହାତ ଓ ତହିଁର ସ୍ଥୂଳତା ଚାରି ଅଙ୍ଗୁଳି ଓ ତାହା ଫମ୍ପା ଥିଲା।
22 २२ त्यावर पितळेचा कळस होता. कळसाची उंची पाच हात होती, त्यासभोवती सर्व जाळीकाम व चारी बांजूनी डाळिंबे होती. ती सर्व पितळे बनवली होती. दुसरे खांब व त्याची डाळिंबे पहिल्या खांबाप्रमाणे सारखीच होती.
ଆଉ, ତହିଁର ଉପରେ ପିତ୍ତଳର ମୁଣ୍ଡାଳି ଥିଲା, ସେହି ମୁଣ୍ଡାଳିର ଉଚ୍ଚତା ପାଞ୍ଚ ହାତ ଓ ମୁଣ୍ଡାଳିର ଉପରେ ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରେ ଜାଲିକର୍ମ ଓ ଡାଳିମ୍ବାକୃତି ଥିଲା, ସେସବୁ ପିତ୍ତଳମୟ ଥିଲା; ଆଉ, ଦ୍ୱିତୀୟ ସ୍ତମ୍ଭର ମଧ୍ୟ ଏହି ପ୍ରକାର ଆକାର ଓ ଡାଳିମ୍ବ ଥିଲା।
23 २३ असे तेथे कळसाच्या चाऱ्ही बाजूंना शहाण्णव डाळिंबे होती आणि जाळीकामावर सभोवती सर्व डाळिंबे शंभर होती.
ପାର୍ଶ୍ୱରେ ଛୟାନବେ ଡାଳିମ୍ବ ଥିଲା; ଜାଲିକର୍ମର ଉପରେ ଚାରିଆଡ଼େ ଏକ ଶତ ଡାଳିମ୍ବାକୃତି ଥିଲା।
24 २४ अंगरक्षकांच्या नायकाने बंदिवान प्रमुख याजक सराया व दुसरा याजक सफन्या यांच्याबरोबर आणि तीन द्वारपालांनाही एकत्रित नेले.
ପୁଣି, ପ୍ରହରୀବର୍ଗର ସେନାପତି ପ୍ରଧାନ ଯାଜକ ସରାୟକୁ ଓ ଦ୍ୱିତୀୟ ଯାଜକ ସଫନୀୟକୁ, ଆଉ ତିନି ଜଣ ଦ୍ୱାରପାଳକୁ ଧରିଲା।
25 २५ सैनिकांवर जो अधिकारी नेमला होता त्यास आणि जे सात माणसे राजाला सल्ला देत, ते अजूनपर्यंत नगरातच होते. त्याप्रमाणेच मनुष्यांची सैन्यात भरती करणारा जबाबदार सेनापतीचा चिटणीस, त्यांच्याबरोबर देशातील नगरात असलेले साठ महत्वाची माणसे यांना नगरातून पकडून नेले.
ଆଉ, ନଗରରୁ ଯୋଦ୍ଧାମାନଙ୍କ ଉପରେ ନିଯୁକ୍ତ ଏକ ଜଣ ଅଧ୍ୟକ୍ଷଙ୍କୁ ଓ ନଗରରେ ପ୍ରାପ୍ତ ରାଜମୁଖ ଦର୍ଶନକାରୀମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ସାତଜଣକୁ ଓ ଦେଶର ଲୋକଗଣନାକାରୀ ସେନାପତିର ଲେଖକଙ୍କୁ ଓ ନଗର ମଧ୍ୟରେ ପ୍ରାପ୍ତ ଦେଶୀୟ ଷାଠିଏ ଲୋକକୁ ଧରିଲା।
26 २६ नंतर अंगरक्षकाचा नायक नबूजरदान याने त्यांना घेऊन रिब्ला येथे बाबेलाच्या राजाकडे आणले.
ପୁଣି, ପ୍ରହରୀବର୍ଗର ସେନାପତି ନବୂଷରଦନ୍‍ ସେମାନଙ୍କୁ ଧରି ରିବ୍ଲାକୁ ବାବିଲ ରାଜା ନିକଟକୁ ନେଇଗଲା।
27 २७ रिब्लामध्ये बाबेलाच्या राजाने त्यांना हमाथ देशात रिब्ला येथे मार देऊन ठार केले. अशा तऱ्हेने यहूदा आपल्या देशातून हद्दपार झाला.
ତହିଁରେ ବାବିଲର ରାଜା ହମାତ୍‍ ଦେଶସ୍ଥ ରିବ୍ଲାରେ ସେମାନଙ୍କୁ ଆଘାତ କରି ବଧ କଲା। ଏହିରୂପେ ଯିହୁଦା ଆପଣା ଦେଶରୁ ବନ୍ଦୀ ହୋଇ ନୀତ ହେଲା।
28 २८ नबुखद्नेस्सराने ज्या कोणी लोकांस हद्दपार केले होते ते हेः सातव्या वर्षी तीन हजार तेवीस यहूदी गेले.
ନବୂଖଦ୍‍ନିତ୍ସର ଯେଉଁମାନଙ୍କୁ ବନ୍ଦୀ କରି ନେଇଗଲା, ସେହି ଲୋକମାନଙ୍କର ସଂଖ୍ୟା ଏହି; ସପ୍ତମ ବର୍ଷରେ ତିନି ସହସ୍ର ତେଇଶ ଜଣ ଯିହୁଦୀ ଲୋକ;
29 २९ नबुखद्नेस्सराच्या अठराव्या वर्षी त्याने आठशे बत्तीस लोकांस यरूशलेमेमधून नेले.
ନବୂଖଦ୍‍ନିତ୍ସରଙ୍କ ରାଜତ୍ଵର ଅଠର ବର୍ଷରେ ସେ ଯିରୂଶାଲମରୁ ଆଠ ଶହ ବତିଶ ଲୋକ ବନ୍ଦୀ କରି ନେଇଗଲା;
30 ३० नबुखद्नेस्सराच्या राजाच्या तेविसाव्या वर्षी गारद्यांचा अंगरक्षक नबूजरदान याने यहूदातले सातशे पंचेचाळीस लोक हद्दपार केले. सर्व हद्दपार लोक मिळून चार हजार सहाशे होते.
ନବୂଖଦ୍‍ନିତ୍ସରଙ୍କ ରାଜତ୍ଵର ତେଇଶ ବର୍ଷରେ ନବୂଷରଦନ୍‍ ପ୍ରହରୀବର୍ଗର ସେନାପତି, ସାତ ଶହ ପଇଁଚାଳିଶ ଜଣ ଯିହୁଦୀଙ୍କୁ ବନ୍ଦୀ କରି ନେଇଗଲା; ସର୍ବସୁଦ୍ଧା ଚାରି ସହସ୍ର ଛʼ ଶତ ଲୋକ ଥିଲେ।
31 ३१ मग असे झाले की, यहूदाचा राजा यहोयाखीन याच्या हद्दपारीच्या सदतिसाव्या वर्षी, बाराव्या महिन्यात, महिन्याच्या पंचविसाव्या दिवशी, बाबेलाचा राजा अवील-मरोदख याने यहूदाचा राजा यहोयाखीन ह्यास बंदिवासातून मुक्त केले. ज्यावर्षी अवील-मरोदख राज्य करू लागला त्यावर्षी हे घडले.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଯିହୁଦାର ରାଜା ଯିହୋୟାଖୀନ୍‍ର ବନ୍ଦୀତ୍ୱର ସଇଁତିରିଶ ବର୍ଷର ଦ୍ୱାଦଶ ମାସରେ ଓ ସେହି ମାସର ପଚିଶ ଦିନରେ ବାବିଲର ରାଜା ଇବିଲ୍‍-ମରୋଦକ୍‍ ଆପଣା ରାଜତ୍ଵର ପ୍ରଥମ ବର୍ଷରେ, ଯିହୁଦାର ରାଜା ଯିହୋୟାଖୀନ୍‍କୁ କାରାଗାରରୁ ବାହାର କରି ତାହାର ମସ୍ତକ ଉନ୍ନତ କଲା;
32 ३२ तो त्यांच्याशी प्रेमळपणे बोलला आणि जे दुसरे राजे त्याच्याबरोबर बाबेलात होते त्यांच्यापेक्षा त्यास सन्मानाचे आसन दिले.
ଆଉ, ସେ ତାହାକୁ ପ୍ରୀତିବାକ୍ୟ କହିଲା ଓ ତାହା ସଙ୍ଗେ ବାବିଲରେ ଥିବା ରାଜାମାନଙ୍କର ଆସନଠାରୁ ତାହାର ଆସନ ଉଚ୍ଚରେ ସ୍ଥାପନ କଲା,
33 ३३ अवील-मरोदखाने यहोयाखीनाचे बंदिवासातील वस्त्रे बदलली आणि आपल्या उरलेल्या आयुष्यात त्याने नियमीत राजाच्या मेजावर भोजन केले.
ଆଉ ସେ ଆପଣା କାରାଗାରର ବସ୍ତ୍ର ପରିବର୍ତ୍ତନ କରି ଆପଣାର ଯାବଜ୍ଜୀବନ ନିତ୍ୟ ନିତ୍ୟ ତାହା ସମ୍ମୁଖରେ ଭୋଜନ କଲା।
34 ३४ आणि त्याच्या आयुष्याच्या सर्व दिवसात त्याच्या मृत्यूपर्यंत त्यास प्रत्येक दिवशी बाबेलाचा राजा नियमीत भोजनाचा भत्ता देत असे.
ପୁଣି, ତାହାର ଦିନାତିପାତ ନିମନ୍ତେ ବାବିଲର ରାଜାଠାରୁ ନିତ୍ୟ ବୃତ୍ତି ଦିଆଗଲା, ସେ ଆପଣା ମରଣ ଦିନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ, ଆପଣା ଜୀବନର ସମସ୍ତ କାଳ ପ୍ରତିଦିନ ଏକ ନିରୂପିତ ଅଂଶ ପାଇଲା।

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