< सपन्याह 3 >
1 १ हाय बलवा करनेवाली और अशुद्ध और अंधेर से भरी हुई नगरी!
Woe [to] the rebellious and polluted, The oppressing city!
2 २ उसने मेरी नहीं सुनी, उसने ताड़ना से भी नहीं माना, उसने यहोवा पर भरोसा नहीं रखा, वह अपने परमेश्वर के समीप नहीं आई।
She hath not hearkened to the voice, She hath not accepted instruction, In Jehovah she hath not trusted, Unto her God she hath not drawn near.
3 ३ उसके हाकिम गरजनेवाले सिंह ठहरे; उसके न्यायी साँझ को आहेर करनेवाले भेड़िए हैं जो सवेरे के लिये कुछ नहीं छोड़ते।
Her heads in her midst [are] roaring lions, Her judges [are] evening wolves, They have not gnawn the bone in the morning.
4 ४ उसके भविष्यद्वक्ता व्यर्थ बकनेवाले और विश्वासघाती हैं, उसके याजकों ने पवित्रस्थान को अशुद्ध किया और व्यवस्था में खींच-खांच की है।
Her prophets unstable — men of treachery, Her priests have polluted the sanctuary, They have violated the law.
5 ५ यहोवा जो उसके बीच में है, वह धर्मी है, वह कुटिलता न करेगा; वह अपना न्याय प्रति भोर प्रगट करता है और चूकता नहीं; परन्तु कुटिल जन को लज्जा आती ही नहीं।
Jehovah [is] righteous in her midst, He doth not do perverseness, Morning by morning His judgment he giveth to the light, It hath not been lacking, And the perverse doth not know shame.
6 ६ मैंने अन्यजातियों को यहाँ तक नाश किया, कि उनके कोनेवाले गुम्मट उजड़ गए; मैंने उनकी सड़कों को यहाँ तक सूनी किया, कि कोई उन पर नहीं चलता; उनके नगर यहाँ तक नाश हुए कि उनमें कोई मनुष्य वरन् कोई भी प्राणी नहीं रहा।
I have cut off nations, Desolated have been their chief ones, I have laid waste their out-places without any passing by, Destroyed have been their cities, Without man, without inhabitant.
7 ७ मैंने कहा, “अब तू मेरा भय मानेगी, और मेरी ताड़ना अंगीकार करेगी जिससे उसका निवास-स्थान उस सब के अनुसार जो मैंने ठहराया था, नष्ट न हो। परन्तु वे सब प्रकार के बुरे-बुरे काम यत्न से करने लगे।”
I have said: Only, ye do fear Me, Ye do accept instruction, And her habitation is not cut off, All that I have appointed for her, But they have risen early, They have corrupted all their doings.
8 ८ इस कारण यहोवा की यह वाणी है, “जब तक मैं नाश करने को न उठूँ, तब तक तुम मेरी बाट जोहते रहो। मैंने यह ठाना है कि जाति-जाति के और राज्य-राज्य के लोगों को मैं इकट्ठा करूँ, कि उन पर अपने क्रोध की आग पूरी रीति से भड़काऊँ; क्योंकि सारी पृथ्वी मेरी जलन की आग से भस्म हो जाएगी।
Therefore, wait for Me — an affirmation of Jehovah, For the day of My rising for prey, For My judgment [is] to gather nations, To assemble kingdoms, To pour out on them Mine indignation, All the heat of Mine anger, For by the fire of My jealousy consumed is all the earth.
9 ९ “उस समय मैं देश-देश के लोगों से एक नई और शुद्ध भाषा बुलवाऊँगा, कि वे सब के सब यहोवा से प्रार्थना करें, और एक मन से कंधे से कंधा मिलाए हुए उसकी सेवा करें।
For then do I turn unto peoples a pure lip, To call all of them by the name of Jehovah, To serve Him [with] one shoulder.
10 १० कूश के नदी के पार से मुझसे विनती करनेवाले यहाँ तक कि मेरी तितर-बितर की हुई प्रजा मेरे पास भेंट लेकर आएँगी।
From beyond the rivers of Cush, my supplicants, The daughter of My scattered ones, Do bring My present.
11 ११ “उस दिन, तू अपने सब बड़े से बड़े कामों से जिन्हें करके तू मुझसे फिर गई थी, फिर लज्जित न होगी। उस समय मैं तेरे बीच से उन्हें दूर करूँगा जो अपने अहंकार में आनन्द करते है, और तू मेरे पवित्र पर्वत पर फिर कभी अभिमान न करेगी।
In that day thou art not ashamed because of any of thine actions, Wherewith thou hast transgressed against Me, For then do I turn aside from thy midst The exulting ones of thine excellency, And thou dost add no more to be haughty, In My holy mountain.
12 १२ क्योंकि मैं तेरे बीच में दीन और कंगाल लोगों का एक दल बचा रखूँगा, और वे यहोवा के नाम की शरण लेंगे।
And I have left in thy midst a people humble and poor, And they have trusted in the name of Jehovah.
13 १३ इस्राएल के बचे हुए लोग न तो कुटिलता करेंगे और न झूठ बोलेंगे, और न उनके मुँह से छल की बातें निकलेंगी। वे चरेंगे और विश्राम करेंगे, और कोई उनको डरानेवाला न होगा।”
The remnant of Israel do no perversity, nor speak lies, Nor found in their mouth is a deceitful tongue, For they have delight, and have lain down, And there is none troubling.
14 १४ हे सिय्योन की बेटी, ऊँचे स्वर से गा; हे इस्राएल, जयजयकार कर! हे यरूशलेम अपने सम्पूर्ण मन से आनन्द कर, और प्रसन्न हो!
Cry aloud, O daughter of Zion, shout, O Israel, Rejoice and exult with the whole heart, O daughter of Jerusalem.
15 १५ यहोवा ने तेरा दण्ड दूर कर दिया और तेरे शत्रुओं को दूर कर दिया है। इस्राएल का राजा यहोवा तेरे बीच में है, इसलिए तू फिर विपत्ति न भोगेगी।
Jehovah hath turned aside thy judgments, He hath faced thine enemy, The king of Israel, Jehovah, [is] in thy midst, Thou seest evil no more.
16 १६ उस दिन यरूशलेम से यह कहा जाएगा, “हे सिय्योन मत डर, तेरे हाथ ढीले न पड़ने पाएँ।
In that day it is said to Jerusalem, 'Fear not, O Zion, let not thy hands be feeble.
17 १७ तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे बीच में है, वह उद्धार करने में पराक्रमी है; वह तेरे कारण आनन्द से मगन होगा, वह अपने प्रेम के मारे चुप रहेगा; फिर ऊँचे स्वर से गाता हुआ तेरे कारण मगन होगा।
Jehovah thy God [is] in thy midst, A mighty one doth save, He rejoiceth over thee with joy, He doth work in His love, He joyeth over thee with singing.'
18 १८ “जो लोग नियत पर्वों में सम्मिलित न होने के कारण खेदित रहते हैं, उनको मैं इकट्ठा करूँगा, क्योंकि वे तेरे हैं; और उसकी नामधराई उनको बोझ जान पड़ती है।
Mine afflicted from the appointed place I have gathered, from thee they have been, Bearing for her sake reproach.
19 १९ उस समय मैं उन सभी से जो तुझे दुःख देते हैं, उचित बर्ताव करूँगा। और मैं लँगड़ों को चंगा करूँगा, और बरबस निकाले हुओं को इकट्ठा करूँगा, और जिनकी लज्जा की चर्चा सारी पृथ्वी पर फैली है, उनकी प्रशंसा और कीर्ति सब कहीं फैलाऊँगा।
Lo, I am dealing with all afflicting thee at that time, And I have saved the halting one, And the driven out ones I do gather, And have set them for a praise and for a name, In all the land of their shame.
20 २० उसी समय मैं तुम्हें ले जाऊँगा, और उसी समय मैं तुम्हें इकट्ठा करूँगा; और जब मैं तुम्हारे सामने तुम्हारी समृद्धि को लौटा लाऊँगा, तब पृथ्वी की सारी जातियों के बीच में तुम्हारी कीर्ति और प्रशंसा फैला दूँगा,” यहोवा का यही वचन है।
At that time I bring you in, Even at the time of My assembling you, For I give you for a name, and for a praise, Among all peoples of the land, In My turning back [to] your captivity before your eyes, said Jehovah!