< यिर्मयाह 51 >
1 १ यहोवा यह कहता है, मैं बाबेल के और लेबकामै के रहनेवालों के विरुद्ध एक नाश करनेवाली वायु चलाऊँगा;
So spricht der Herr: "Sieh! Gegen Babel und die im 'Herzen meiner Widersacher' wohnen, erhebe ich den Sturmwind voll Verderbnis
2 २ और मैं बाबेल के पास ऐसे लोगों को भेजूँगा जो उसको फटक-फटककर उड़ा देंगे, और इस रीति से उसके देश को सुनसान करेंगे; और विपत्ति के दिन चारों ओर से उसके विरुद्ध होंगे।
und sende gegen Babel Worfler. Sie sollen's worfeln, dann sein Land ausfegen. Von allen Seiten kommen sie darüber am schreckensvollen Tage."
3 ३ धनुर्धारी के विरुद्ध और जो अपना झिलम पहने हैं धनुर्धारी धनुष चढ़ाए हुए उठे; उसके जवानों से कुछ कोमलता न करना; उसकी सारी सेना को सत्यानाश करो।
Der Schütze spanne seinen Bogen und lege seinen Panzer an! Schont seiner jungen Männer nicht! Dem Banne übergebt sein Heer!
4 ४ कसदियों के देश में मरे हुए और उसकी सड़कों में छिदे हुए लोग गिरेंगे।
Erschlagne liegen im Chaldäerland und Schwerverwundete in seinen Gassen.
5 ५ क्योंकि, यद्यपि इस्राएल और यहूदा के देश, इस्राएल के पवित्र के विरुद्ध किए हुए पापों से भरपूर हो गए हैं, तो भी उनके परमेश्वर, सेनाओं के यहोवा ने उनको त्याग नहीं दिया।
Von ihrem Gott sind Israel und Juda nicht verlassen, vom Herrn der Heerscharen, obwohl ihr Land voll Schuld beim Heiligen Israels.
6 ६ “बाबेल में से भागो, अपना-अपना प्राण बचाओ! उसके अधर्म में भागी होकर तुम भी न मिट जाओ; क्योंकि यह यहोवा के बदला लेने का समय है, वह उसको बदला देने पर है।
Aus dem Bereich von Babel flieht; sein Leben rette jeder, damit ihr nicht um seiner Sünde willen untergeht! Der Rache Zeit ist's für den Herrn; er gibt ihm seinen Lohn.
7 ७ बाबेल यहोवा के हाथ में सोने का कटोरा था, जिससे सारी पृथ्वी के लोग मतवाले होते थे; जाति-जाति के लोगों ने उसके दाखमधु में से पिया, इस कारण वे भी बावले हो गए।
Ein Becher goldenen Weins war Babel in der Hand des Herrn, ein Becher, der die ganze Welt berauschte. Von seinem Weine mußten Heidenvölker trinken; wie toll benahmen sich die Völker.
8 ८ बाबेल अचानक ले ली गई और नाश की गई है। उसके लिये हाय-हाय करो! उसके घावों के लिये बलसान औषधि लाओ; सम्भव है वह चंगी हो सके।
Gestürzt ist plötzlich Babel und zerschmettert. Darüber heult! Für seinen Schmerz holt Balsam her! Vielleicht ist es noch heilbar.
9 ९ हम बाबेल का इलाज करते तो थे, परन्तु वह चंगी नहीं हुई। इसलिए आओ, हम उसको तजकर अपने-अपने देश को चले जाएँ; क्योंकि उस पर किए हुए न्याय का निर्णय आकाश वरन् स्वर्ग तक भी पहुँच गया है।
"Doch wollten wir auch Babel heilen, es ist unheilbar." Nun, laßt es! Ziehn wir, jeder hin in seine Heimat. Bis zum Himmel streckt sich sein Verbrechen; bis zu den Wolken steigt's hinan.
10 १० यहोवा ने हमारे धार्मिकता के काम प्रगट किए हैं; अतः आओ, हम सिय्योन में अपने परमेश्वर यहोवा के काम का वर्णन करें।
Der Herr zog unsere gerechte Sache ans Tageslicht. Auf! Laßt in Sion uns erzählen des Herren, unseres Gottes, Wirken!
11 ११ “तीरों को पैना करो! ढालें थामे रहो! क्योंकि यहोवा ने मादी राजाओं के मन को उभारा है, उसने बाबेल को नाश करने की कल्पना की है, क्योंकि यहोवा अर्थात् उसके मन्दिर का यही बदला है
Die Pfeile schärft! Rüstet die Schilde! Der Herr reizt Mederkönige zum Grimm. Denn wider Babel geht sein Sinnen, es zu vernichten. Des Herren Rache ist's, die Rache für sein Heiligtum.
12 १२ बाबेल की शहरपनाह के विरुद्ध झण्डा खड़ा करो; बहुत पहरुए बैठाओ; घात लगाने वालों को बैठाओ; क्योंकि यहोवा ने बाबेल के रहनेवालों के विरुद्ध जो कुछ कहा था, वह अब करने पर है वरन् किया भी है।
Steckt Flaggen aus auf Babels Mauern! Verstärket die Bewachung! Stellt Posten auf! Legt Hinterhalte! Doch was der Herr beschlossen, führt er aus, was einst er Babels Einwohnern gedroht.
13 १३ हे बहुत जलाशयों के बीच बसी हुई और बहुत भण्डार रखनेवाली, तेरा अन्त आ गया, तेरे लोभ की सीमा पहुँच गई है।
Die du an vielen Wassern wohnst, so reich an Schätzen! Da ist dein Ende, dein einzig bleibender Gewinn.
14 १४ सेनाओं के यहोवा ने अपनी ही शपथ खाई है, कि निश्चय मैं तुझको टिड्डियों के समान अनगिनत मनुष्यों से भर दूँगा, और वे तेरे विरुद्ध ललकारेंगे।
Der Herr der Heerscharen schwört bei sich selbst: "Wenn ich dich auch mit Menschen wie mit Ungeziefer angefüllt, so jauchzt man dennoch über dich."
15 १५ “उसी ने पृथ्वी को अपने सामर्थ्य से बनाया, और जगत को अपनी बुद्धि से स्थिर किया; और आकाश को अपनी प्रवीणता से तान दिया है।
Er ist es, der durch seine Kraft die Erde machte, durch seine Weisheit einst den Erdkreis gründete, durch seine Einsicht auch dem Himmel seine Weite gab.
16 १६ जब वह बोलता है तब आकाश में जल का बड़ा शब्द होता है, वह पृथ्वी की छोर से कुहरा उठाता है। वह वर्षा के लिये बिजली बनाता, और अपने भण्डार में से पवन निकाल ले आता है।
Läßt er am Himmel Wasserbrausen hörbar werden, und führt er Wolken von der Erde Rand herauf, und schafft er Blitze, daß es regnet, und führet er den Wind aus seinen Kammern,
17 १७ सब मनुष्य पशु सरीखे ज्ञानरहित है; सब सुनारों को अपनी खोदी हुई मूरतों के कारण लज्जित होना पड़ेगा; क्योंकि उनकी ढाली हुई मूरतें धोखा देनेवाली हैं, और उनके कुछ भी साँस नहीं चलती।
dann muß ein jeder Laie sich für töricht halten, weil er merkt, und jeder Künstler muß verblüfft dastehen, weil er sieht: Sein Gußbild ist nur Trug, ganz ohne Geist.
18 १८ वे तो व्यर्थ और ठट्ठे ही के योग्य है; जब उनके नाश किए जाने का समय आएगा, तब वे नाश ही होंगी।
Nur eitel Wahn sind sie, ein Possenspiel, und wenn ein Unglücksfall sie trifft, ist's aus mit ihnen.
19 १९ परन्तु जो याकूब का निज भाग है, वह उनके समान नहीं, वह तो सब का बनानेवाला है, और इस्राएल उसका निज भाग है; उसका नाम सेनाओं का यहोवा है।
Doch solchen gleicht nicht Jakobs Teil. Er ist vielmehr des Weltalls Schöpfer, und sein besonderer Stamm ist Israel, und "Herr der Heeresscharen" ist sein Name.-
20 २० “तू मेरा फरसा और युद्ध के लिये हथियार ठहराया गया है; तेरे द्वारा मैं जाति-जाति को तितर-बितर करूँगा; और तेरे ही द्वारा राज्य-राज्य को नाश करूँगा।
"Ein Hammer warst du mir, ein Kriegsgerät; mit dir zerhämmerte ich Heidenvölker; mit dir zertrümmerte ich Reiche.
21 २१ तेरे ही द्वारा मैं सवार समेत घोड़ों को टुकड़े-टुकड़े करूँगा;
Mit dir zerhämmerte ich Roß und Reiter; mit dir zerhämmerte ich Wagen samt den Fahrern.
22 २२ तेरे ही द्वारा रथी समेत रथ को भी टुकड़े-टुकड़े करूँगा; तेरे ही द्वारा मैं स्त्री पुरुष दोनों को टुकड़े-टुकड़े करूँगा; तेरे ही द्वारा मैं बूढ़े और लड़के दोनों को टुकड़े-टुकड़े करूँगा, और जवान पुरुष और जवान स्त्री दोनों को मैं तेरे ही द्वारा टुकड़े-टुकड़े करूँगा;
Mit dir zerhämmerte ich Mann und Weib; mit dir zerhämmerte ich Greis und Knabe; mit dir zerhämmerte ich Jünglinge und Jungfrauen.
23 २३ तेरे ही द्वारा मैं भेड़-बकरियों समेत चरवाहे को टुकड़े-टुकड़े करूँगा; तेरे ही द्वारा मैं किसान और उसके जोड़े बैलों को भी टुकड़े-टुकड़े करूँगा; अधिपतियों और हाकिमों को भी मैं तेरे ही द्वारा टुकड़े-टुकड़े करूँगा।
Mit dir zerhämmerte ich Hirt und Herde; mit dir zerhämmerte ich Bauer und Gespann; mit dir zerhämmerte ich Statthalter und Vögte.
24 २४ “मैं बाबेल को और सारे कसदियों को भी उन सब बुराइयों का बदला दूँगा, जो उन्होंने तुम लोगों के सामने सिय्योन में की है; यहोवा की यही वाणी है।
Nun will ich Babel und allen Bewohnern von Chaldäa vor euren Augen all das Böse lohnen, das sie an Sion ausgeübt." Ein Spruch des Herrn.
25 २५ “हे नाश करनेवाले पहाड़ जिसके द्वारा सारी पृथ्वी नाश हुई है, यहोवा की यह वाणी है कि मैं तेरे विरुद्ध हूँ और हाथ बढ़ाकर तुझे ढाँगों पर से लुढ़का दूँगा और जला हुआ पहाड़ बनाऊँगा।
"Ich will an dich, du Unheilsberg," ein Spruch des Herrn, "der alle Welt verheerte. Ich laß dich meine Stärke fühlen und stürze dich hinab von jenen Felsen und mache dich zum ausgebrannten Berge.
26 २६ लोग तुझ से न तो घर के कोने के लिये पत्थर लेंगे, और न नींव के लिये, क्योंकि तू सदा उजाड़ रहेगा, यहोवा की यही वाणी है।
Kein Mensch holt einen Eckstein mehr von dir, noch einen Stein zum Grunde. Du wirst zur ewigen Wüste." Ein Spruch des Herrn.
27 २७ “देश में झण्डा खड़ा करो, जाति-जाति में नरसिंगा फूँको; उसके विरुद्ध जाति-जाति को तैयार करो; अरारात, मिन्नी और अश्कनज नामक राज्यों को उसके विरुद्ध बुलाओ, उसके विरुद्ध सेनापति भी ठहराओ; घोड़ों को शिखरवाली टिड्डियों के समान अनगिनत चढ़ा ले आओ।
Steckt Flaggen auf der Erde aus! Ihr Hörner, stoßet bei den Heidenvölkern, und sammelt Völker gegen dies! Dagegen ruft des Ararats und Minnis Reiche und das von Askenaz herbei! Bestelle Späher gegen es! Dem borstigen Ungeziefer gleich laßt Rosse kommen!
28 २८ उसके विरुद्ध जातियों को तैयार करो; मादी राजाओं को उनके अधिपतियों सब हाकिमों सहित और उस राज्य के सारे देश को तैयार करो।
Ruft Völker auf dagegen, die Könige Mediens und seine Statthalter und Vögte alle und alle Länder seiner Herrschaft!
29 २९ यहोवा ने विचारा है कि वह बाबेल के देश को ऐसा उजाड़ करे कि उसमें कोई भी न रहे; इसलिए पृथ्वी काँपती है और दुःखित होती है
Die Erde zittert und erbebt. An Babel geht der Plan des Herren in Erfüllung, das babylonische Land zur unbewohnten Wüstenei zu machen.
30 ३० बाबेल के शूरवीर गढ़ों में रहकर लड़ने से इन्कार करते हैं, उनकी वीरता जाती रही है; और यह देखकर कि उनके वासस्थानों में आग लग गई वे स्त्री बन गए हैं; उसके फाटकों के बेंड़े तोड़े गए हैं।
Die Krieger Babels hören auf zu kämpfen und hocken in den Burgen. Versiegt ist ihre Kraft; sie sind jetzt Weiber. Verbrannt sind seine Wohnungen, zerbrochen seine Riegel.
31 ३१ एक हरकारा दूसरे हरकारे से और एक समाचार देनेवाला दूसरे समाचार देनेवाले से मिलने और बाबेल के राजा को यह समाचार देने के लिये दौड़ेगा कि तेरा नगर चारों ओर से ले लिया गया है;
Ein Läufer läuft dem Läufer zu, ein Bote jetzt dem Boten, dem Babelkönig zu vermelden, daß seine Stadt an allen Ecken eingenommen.
32 ३२ और घाट शत्रुओं के वश में हो गए हैं, ताल भी सुखाए गए, और योद्धा घबरा उठे हैं।
Die Furten sind besetzt, die Schlupfwinkel verbrannt, die Krieger ganz bestürzt.
33 ३३ क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा यह कहता है: बाबेल की बेटी दाँवते समय के खलिहान के समान है, थोड़े ही दिनों में उसकी कटनी का समय आएगा।”
So spricht der Heeresscharen Herr, Gott Israels: "Der Tochter Babels geht's wie einer Tenne. Man stampft sie fest; noch kurze Zeit, dann kommt dafür die Zeit der Ernte."
34 ३४ “बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर ने मुझ को खा लिया, मुझ को पीस डाला; उसने मुझे खाली बर्तन के समान कर दिया, उसने मगरमच्छ के समान मुझ को निगल लिया है; और मुझ को स्वादिष्ट भोजन जानकर अपना पेट मुझसे भर लिया है, उसने मुझ को जबरन निकाल दिया है।”
"Nebukadrezar, Babels König, fraß mich auf, verschluckte mich. Er machte sich ein Nichts aus mir, und er verschlang mich wie ein Drache und füllte seinen Bauch mit meinen Kostbarkeiten und leerte mich dann aus.
35 ३५ सिय्योन की रहनेवाली कहेगी, “जो उपद्रव मुझ पर और मेरे शरीर पर हुआ है, वह बाबेल पर पलट जाए।” और यरूशलेम कहेगी, “मुझ में की हुई हत्याओं का दोष कसदियों के देश के रहनेवालों पर लगे।”
Es komme über Babel mein mißhandelt Fleisch!", so spreche Sions Bürgerschaft! "Auch komme über die Bewohner von Chaldäa mein Blut!", spreche Jerusalem.
36 ३६ इसलिए यहोवा कहता है, “मैं तेरा मुकद्दमा लड़ूँगा और तेरा बदला लूँगा। मैं उसके ताल को और उसके सोतों को सूखा दूँगा;
Deshalb spricht so der Herr: "Fürwahr, ich führe deinen Streit und nehme Rache jetzt für dich. Sein Meer laß ich vertrocknen und versiegen seinen Quell.
37 ३७ और बाबेल खण्डहर, और गीदड़ों का वासस्थान होगा; और लोग उसे देखकर चकित होंगे और ताली बजाएँगे, और उसमें कोई न रहेगा।
Und Babel wird ein Trümmerhaufen, die Lagerstätte der Schakale, zum Spott und zum Entsetzen, menschenleer.
38 ३८ “लोग एक संग ऐसे गरजेंगे और गुर्राएँगे, जैसे युवा सिंह व सिंह के बच्चे आहेर पर करते हैं।
Noch brüllen sie zusammen, den jungen Löwen gleich, und knurren wie die Löwenkatzen.
39 ३९ परन्तु जब जब वे उत्तेजित हों, तब मैं भोज तैयार करके उन्हें ऐसा मतवाला करूँगा, कि वे हुलसकर सदा की नींद में पड़ेंगे और कभी न जागेंगे, यहोवा की यही वाणी है।
Doch mache ich für sie recht hitzig ihr Gelage, daß sie berauscht aufspringen und dann in ewigen Schlaf verfallen und nimmermehr erwachen." Ein Spruch des Herrn.
40 ४० मैं उनको, भेड़ों के बच्चों, और मेढ़ों और बकरों के समान घात करा दूँगा।
"Wie Lämmer laß ich sie zur Schlachtbank wandern, wie Widder samt den Böcken."
41 ४१ “शेशक, जिसकी प्रशंसा सारे पृथ्वी पर होती थी कैसे ले लिया गया? वह कैसे पकड़ा गया? बाबेल जातियों के बीच कैसे सुनसान हो गया है?
Wie ist doch Sesak eingenommen, der ganzen Erde Ruhm, erobert! Wie wird zum Grauen Babel bei den Heiden!
42 ४२ बाबेल के ऊपर समुद्र चढ़ आया है, वह उसकी बहुत सी लहरों में डूब गया है।
Das Meer stürzt über Babel her; von seiner Wellen Schwall wird es bedeckt.
43 ४३ उसके नगर उजड़ गए, उसका देश निर्जन और निर्जल हो गया है, उसमें कोई मनुष्य नहीं रहता, और उससे होकर कोई आदमी नहीं चलता।
Zur Wüste werden seine Städte, zum dürren Land, zur Steppe, zum Land, darinnen niemand wohnt, durch das kein menschlich Wesen zieht.
44 ४४ मैं बाबेल में बेल को दण्ड दूँगा, और उसने जो कुछ निगल लिया है, वह उसके मुँह से उगलवाऊँगा। जातियों के लोग फिर उसकी ओर ताँता बाँधे हुए न चलेंगे; बाबेल की शहरपनाह गिराई जाएगी।
"Heimsuchen werde ich auch Bel in Babel und reiße ihm aus seinem Maule das Verschluckte. Nie sollen Völker wieder zu ihm strömen! Auch Babels Mauer stürzt zusammen.
45 ४५ हे मेरी प्रजा, उसमें से निकल आओ! अपने-अपने प्राण को यहोवा के भड़के हुए कोप से बचाओ!
Zieh fort, mein Volk, aus seiner Mitte! Sein Leben rette jeder vor der Zornesglut des Herrn!
46 ४६ जब उड़ती हुई बात उस देश में सुनी जाए, तब तुम्हारा मन न घबराए; और जो उड़ती हुई चर्चा पृथ्वी पर सुनी जाएगी तुम उससे न डरना: उसके एक वर्ष बाद एक और बात उड़ती हुई आएगी, तब उसके बाद दूसरे वर्ष में एक और बात उड़ती हुई आएगी, और उस देश में उपद्रव होगा, और एक हाकिम दूसरे के विरुद्ध होगा।
Daß euer Herz doch nicht verzage, daß ihr bei dem Gerücht, das man im Land vernimmt, in keine Furcht geratet, wenn in dem einen Jahre dies Gerücht auftritt, im andern das, und wenn Gewalttat in dem Land geschieht und Herrscher gegen Herrscher sich erheben!
47 ४७ “इसलिए देख, वे दिन आते हैं जब मैं बाबेल की खुदी हुई मूरतों पर दण्ड की आज्ञा करूँगा; उस सारे देश के लोगों का मुँह काला हो जाएगा, और उसके सब मारे हुए लोग उसी में पड़े रहेंगे।
So seht, es kommen Tage, da ich die Götzenbilder Babels heimsuche. Sein ganzes Land wird übel riechen, weil überall umher Erschlagene liegen.
48 ४८ तब स्वर्ग और पृथ्वी के सारे निवासी बाबेल पर जयजयकार करेंगे; क्योंकि उत्तर दिशा से नाश करनेवाले उस पर चढ़ाई करेंगे, यहोवा की यही वाणी है।
Und über Babel jubelt mit der Erde selbst der Himmel samt allem, was darin, wenn drüber Räuber aus dem Norden kommen." Ein Spruch des Herrn.
49 ४९ जैसे बाबेल ने इस्राएल के लोगों को मारा, वैसे ही सारे देश के लोग उसी में मार डाले जाएँगे।
Auch Babel fällt, Erschlagene Israels! Sie fallen auch in Babel, Erschlagene der ganzen Welt!
50 ५० “हे तलवार से बचे हुओं, भागो, खड़े मत रहो! यहोवा को दूर से स्मरण करो, और यरूशलेम की भी सुधि लो:
Die ihr dem Schwert entronnen, fort! Bleibt nicht stehn! Erinnert euch in weiter Ferne an den Herrn, und euer Sinnen richte auf Jerusalem sich hin:
51 ५१ ‘हम व्याकुल हैं, क्योंकि हमने अपनी नामधराई सुनी है; यहोवा के पवित्र भवन में विधर्मी घुस आए हैं, इस कारण हम लज्जित हैं।’
"Wir schämten uns, als wir die Schmähung hörten, und Schande deckte unser Angesicht, daß Fremde in des Herren heilig Haus gedrungen!"
52 ५२ “इसलिए देखो, यहोवा की यह वाणी है, ऐसे दिन आनेवाले हैं कि मैं उसकी खुदी हुई मूरतों पर दण्ड भेजूँगा, और उसके सारे देश में लोग घायल होकर कराहते रहेंगे।
"Dafür erscheinen Tage", Spruch des Herrn, "wo ich selbst seine Götzenbilder heimsuche. In seinem ganzen Lande stöhnen dann Verwundete.
53 ५३ चाहे बाबेल ऐसा ऊँचा बन जाए कि आकाश से बातें करे और उसके ऊँचे गढ़ और भी दृढ़ किए जाएँ, तो भी मैं उसे नाश करने के लिये, लोगों को भेजूँगा, यहोवा की यह वाणी है।
Denn steigt auch Babel bis zum Himmel, befestigt's in der Höhe seine Macht, so dringen doch von mir Verwüster ein". Ein Spruch des Herrn.
54 ५४ “बाबेल से चिल्लाहट का शब्द सुनाई पड़ता है! कसदियों के देश से सत्यानाश का बड़ा कोलाहल सुनाई देता है।
Horch! Schreien tönt aus Babel. Im Lande der Chaldäer großer Niederbruch!
55 ५५ क्योंकि यहोवा बाबेल को नाश कर रहा है और उसके बड़े कोलाहल को बन्द कर रहा है। इससे उनका कोलाहल महासागर का सा सुनाई देता है।
Der Herr verwüstet Babel völlig und tilgt daraus das laute Lärmen. Gleich großen Wassern tosen seine Wogen; gewaltig tobt ihr Lärm.
56 ५६ बाबेल पर भी नाश करनेवाले चढ़ आए हैं, और उसके शूरवीर पकड़े गए हैं और उनके धनुष तोड़ डाले गए; क्योंकि यहोवा बदला देनेवाला परमेश्वर है, वह अवश्य ही बदला लेगा।
Denn Babel überfällt ein Räuber; gefangen werden seine Krieger. Der Herr zersplittert ihre Bogen. Der Herr ist ein Vergeltungsgott, der ganz genau vergilt.
57 ५७ मैं उसके हाकिमों, पंडितों, अधिपतियों, रईसों, और शूरवीरों को ऐसा मतवाला करूँगा कि वे सदा की नींद में पड़ेंगे और फिर न जागेंगे, सेनाओं के यहोवा, जिसका नाम राजाधिराज है, उसकी यही वाणी है।
"Berauschen will ich seine Fürsten, seine Weisen und seine Statthalter und Vögte, seine Krieger. Zum ewigen Schlaf entschlummern sie und wachen nimmer auf." Ein Spruch des Königs, der "Herr der Heeresscharen" heißt.
58 ५८ “सेनाओं का यहोवा यह भी कहता है, बाबेल की चौड़ी शहरपनाह नींव से ढाई जाएगी, और उसके ऊँचे फाटक आग लगाकर जलाए जाएँगे। और उसमें राज्य-राज्य के लोगों का परिश्रम व्यर्थ ठहरेगा, और जातियों का परिश्रम आग का कौर हो जाएगा और वे थक जाएँगे।”
So spricht der Heeresscharen Herr: "Die breite Mauer Babels wird geschleift, und seine hohen Tore werden angezündet. Es haben Völker für ein Nichts geschafft, fürs Feuer sich Nationen abgemüht."
59 ५९ यहूदा के राजा सिदकिय्याह के राज्य के चौथे वर्ष में जब उसके साथ सरायाह भी बाबेल को गया था, जो नेरिय्याह का पुत्र और महसेयाह का पोता और राजभवन का अधिकारी भी था,
Das Wort, das Jeremias, der Prophet, dem Seraja, Nerias Sohn, Machsejas Enkel, auftrug, als er nach Babel mit dem Judakönige Sedekias zog, im vierten Jahre seines Königtums. Seraja aber war ein Fürst, der für den Frieden war.
60 ६० तब यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता ने उसको ये बातें बताई अर्थात् वे सब बातें जो बाबेल पर पड़नेवाली विपत्ति के विषय लिखी हुई हैं, उन्हें यिर्मयाह ने पुस्तक में लिख दिया।
Nun hatte aber Jeremias all das Unheil, das über Babel kommen sollte, in ein besonderes Buch geschrieben, all diese Reden, die über Babel aufgeschrieben sind.
61 ६१ यिर्मयाह ने सरायाह से कहा, “जब तू बाबेल में पहुँचे, तब अवश्य ही ये सब वचन पढ़ना,
Jeremias sprach zu Seraja: "Kommst du nach Babel, lies dann mit Bedacht all diese Worte vor!
62 ६२ और यह कहना, ‘हे यहोवा तूने तो इस स्थान के विषय में यह कहा है कि मैं इसे ऐसा मिटा दूँगा कि इसमें क्या मनुष्य, क्या पशु, कोई भी न रहेगा, वरन् यह सदा उजाड़ पड़ा रहेगा।’
Und sprich: 'Du selbst bist's, Herr, der diesem Ort Vernichtung angedroht, daß niemand mehr drin weile, nicht Mensch, nicht Tier, denn: Eine ewige Wüste sollst du werden.'
63 ६३ और जब तू इस पुस्तक को पढ़ चुके, तब इसे एक पत्थर के संग बाँधकर फरात महानद के बीच में फेंक देना,
Und hast zu Ende du dieses Buch gelesen, dann binde einen Stein daran und wirf es mitten in den Euphratfluß
64 ६४ और यह कहना, ‘इस प्रकार बाबेल डूब जाएगा और मैं उस पर ऐसी विपत्ति डालूँगा कि वह फिर कभी न उठेगा और वे थके रहेंगे।’” यहाँ तक यिर्मयाह के वचन हैं।
und sprich: 'Gerade so soll Babel untersinken und nimmer sich erheben ob des Unheils, das ich darüber bringe.' Sie mühen sich ab." - Bis dahin reichen des Jeremias Worte.