< यहेजकेल 33 >
1 १ यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
HERRENS Ord kom til mig saaledes:
2 २ “हे मनुष्य के सन्तान, अपने लोगों से कह, जब मैं किसी देश पर तलवार चलाने लगूँ, और उस देश के लोग किसी को अपना पहरुआ करके ठहराएँ,
Menneskesøn, tal til dine Landsmænd og sig: Naar jeg fører Sværdet over et Land, og Folket i Landet tager en af sin Midte og gør ham til deres Vægter,
3 ३ तब यदि वह यह देखकर कि इस देश पर तलवार चलने वाली है, नरसिंगा फूँककर लोगों को चिता दे,
og han ser Sværdet komme over Landet og støder i Hornet og advarer Folket,
4 ४ तो जो कोई नरसिंगे का शब्द सुनने पर न चेते और तलवार के चलने से मर जाए, उसका खून उसी के सिर पड़ेगा।
men den, der hører Hornets Klang, ikke lader sig advare, og Sværdet kommer og river ham bort, da kommer hans Blod over hans Hoved.
5 ५ उसने नरसिंगे का शब्द सुना, परन्तु न चेता; इसलिए उसका खून उसी को लगेगा। परन्तु, यदि वह चेत जाता, तो अपना प्राण बचा लेता।
Han hørte Hornets Klang uden at lade sig advare, hans Blod kommer over hans Hoved; men den, som har advaret, har reddet sin Sjæl.
6 ६ परन्तु यदि पहरुआ यह देखने पर कि तलवार चलने वाली है नरसिंगा फूँककर लोगों को न चिताए, और तलवार के चलने से उनमें से कोई मर जाए, तो वह तो अपने अधर्म में फँसा हुआ मर जाएगा, परन्तु उसके खून का लेखा मैं पहरुए ही से लूँगा।
Men naar Vægteren ser Sværdet komme og ikke støder i Hornet, saa at Folket ikke advares, og Sværdet kommer og over en af dem bort, saa rives han vel bort for sin Misgerning, men hans Blod vil jeg kræve af Vægterens Haand.
7 ७ “इसलिए, हे मनुष्य के सन्तान, मैंने तुझे इस्राएल के घराने का पहरुआ ठहरा दिया है; तू मेरे मुँह से वचन सुन-सुनकर उन्हें मेरी ओर से चिता दे।
Men dig, Menneskesøn, har jeg sat til Vægter for Israels Hus; hører du et Ord af min Mund, skal du advare dem fra mig.
8 ८ यदि मैं दुष्ट से कहूँ, ‘हे दुष्ट, तू निश्चय मरेगा,’ तब यदि तू दुष्ट को उसके मार्ग के विषय न चिताए, तो वह दुष्ट अपने अधर्म में फँसा हुआ मरेगा, परन्तु उसके खून का लेखा में तुझी से लूँगा।
Naar jeg siger til den gudløse: »Du skal visselig dø!« og du ikke taler for at advare ham mod hans Vej, saa skal den gudløse vel dø for sin Misgerning, men hans Blod vil jeg kræve af din Haand.
9 ९ परन्तु यदि तू दुष्ट को उसके मार्ग के विषय चिताए कि वह अपने मार्ग से फिरे और वह अपने मार्ग से न फिरे, तो वह तो अपने अधर्म में फँसा हुआ मरेगा, परन्तु तू अपना प्राण बचा लेगा।
Advarer du derimod den gudløse mod hans Vej, for at han skal omvende sig fra den, og han ikke omvender sig, saa skal han dø for sin Misgerning, men du har reddet din Sjæl.
10 १० “फिर हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल के घराने से यह कह, तुम लोग कहते हो: ‘हमारे अपराधों और पापों का भार हमारे ऊपर लदा हुआ है और हम उसके कारण नाश हुए जाते हैं; हम कैसे जीवित रहें?’
Og du, Menneskesøn, sig til Israels Hus: I siger: »Vore Overtrædelser og Synder tynger os, og vi svinder hen i dem, hvor kan vi da leve?«
11 ११ इसलिए तू उनसे यह कह, परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है: मेरे जीवन की सौगन्ध, मैं दुष्ट के मरने से कुछ भी प्रसन्न नहीं होता, परन्तु इससे कि दुष्ट अपने मार्ग से फिरकर जीवित रहे; हे इस्राएल के घराने, तुम अपने-अपने बुरे मार्ग से फिर जाओ; तुम क्यों मरो?
Sig til dem: Saa sandt jeg lever, lyder det fra den Herre HERREN: Jeg har ikke Lyst til den gudløses Død, men til at han omvender sig fra sin Vej, at han maa leve! Vend om, vend om fra eders onde Veje Hvorfor vil I dø, Israels Hus?
12 १२ हे मनुष्य के सन्तान, अपने लोगों से यह कह, जब धर्मी जन अपराध करे तब उसकी धार्मिकता उसे बचा न सकेगी; और दुष्ट की दुष्टता भी जो हो, जब वह उससे फिर जाए, तो उसके कारण वह न गिरेगा; और धर्मी जन जब वह पाप करे, तब अपनी धार्मिकता के कारण जीवित न रहेगा।
Men du, Menneskesøn, sig til dine Landsmænd: Den retfærdiges Retfærdighed skal ikke redde ham, den Dag han synder, og den gudløses Gudløshed skal ikke fælde ham, den Dag han omvender sig fra sin Gudløshed, og en retfærdig skal ikke blive i Live ved sin Retfærdighed, den Dag han gør Synd.
13 १३ यदि मैं धर्मी से कहूँ कि तू निश्चय जीवित रहेगा, और वह अपने धार्मिकता पर भरोसा करके कुटिल काम करने लगे, तब उसके धार्मिकता के कामों में से किसी का स्मरण न किया जाएगा; जो कुटिल काम उसने किए हों वह उन्हीं में फँसा हुआ मरेगा।
Naar jeg siger til den retfærdige: »Du skal visselig leve!« og han stoler paa sin Retfærdighed og øver Uret, saa skal intet af hans Retfærdighed tilregnes ham, men han skal dø for den Uret, han øver.
14 १४ फिर जब मैं दुष्ट से कहूँ, तू निश्चय मरेगा, और वह अपने पाप से फिरकर न्याय और धर्म के काम करने लगे,
Og naar jeg siger til den gudløse: »Du skal visselig dø!« og han omvender sig fra sin Synd og gør Ret og Skel,
15 १५ अर्थात् यदि दुष्ट जन बन्धक लौटा दे, अपनी लूटी हुई वस्तुएँ भर दे, और बिना कुटिल काम किए जीवनदायक विधियों पर चलने लगे, तो वह न मरेगा; वह निश्चय जीवित रहेगा।
idet han giver Pant tilbage, godtgør, hvad han har ranet, og følger Livets Bud uden at øve Uret, saa skal han leve og ikke dø;
16 १६ जितने पाप उसने किए हों, उनमें से किसी का स्मरण न किया जाएगा; उसने न्याय और धर्म के काम किए और वह निश्चय जीवित रहेगा।
ingen af de Synder, han har gjort, skal tilregnes ham; han har gjort Ret og Skel, visselig skal han leve.
17 १७ “तो भी तुम्हारे लोग कहते हैं, प्रभु की चाल ठीक नहीं; परन्तु उन्हीं की चाल ठीक नहीं है।
Og saa siger dine Landsmænd: »Herrens Vej er ikke ret!« Men det er deres Vej, som ikke er ret.
18 १८ जब धर्मी अपने धार्मिकता से फिरकर कुटिल काम करने लगे, तब निश्चय वह उनमें फँसा हुआ मर जाएगा।
Naar den retfærdige vender sig fra sin Retfærdighed og øver Uret, skal han dø;
19 १९ जब दुष्ट अपनी दुष्टता से फिरकर न्याय और धर्म के काम करने लगे, तब वह उनके कारण जीवित रहेगा।
og naar den gudløse omvender sig fra sin Gudløshed og gør Ret og Skel, skal han leve!
20 २० तो भी तुम कहते हो कि प्रभु की चाल ठीक नहीं? हे इस्राएल के घराने, मैं हर एक व्यक्ति का न्याय उसकी चाल ही के अनुसार करूँगा।”
Og dog siger I: »Herrens Vej er ikke ret!« Jeg vil dømme eder hver især efter eders Veje, Israels Hus.
21 २१ फिर हमारी बँधुआई के ग्यारहवें वर्ष के दसवें महीने के पाँचवें दिन को, एक व्यक्ति जो यरूशलेम से भागकर बच गया था, वह मेरे पास आकर कहने लगा, “नगर ले लिया गया।”
I vor Landflygtigheds ellevte Aar paa den femte Dag i den tiende Maaned kom en Flygtning fra Jerusalem til mig med det Bud: »Byen er indtaget!«
22 २२ उस भागे हुए के आने से पहले साँझ को यहोवा की शक्ति मुझ पर हुई थी; और भोर तक अर्थात् उस मनुष्य के आने तक उसने मेरा मुँह खोल दिया; अतः मेरा मुँह खुला ही रहा, और मैं फिर गूँगा न रहा।
Men HERRENS Haand var kommet over mig, om Aftenen før Flygtningen kom, og han aabnede min Mund, før han kom til mig om Morgenen; saa aabnedes min Mund, og jeg var ikke mere stum.
23 २३ तब यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
HERRENS Ord kom til mig saaledes:
24 २४ “हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल की भूमि के उन खण्डहरों के रहनेवाले यह कहते हैं, अब्राहम एक ही मनुष्य था, तो भी देश का अधिकारी हुआ; परन्तु हम लोग बहुत से हैं, इसलिए देश निश्चय हमारे ही अधिकार में दिया गया है।
Menneskesøn! De, der bor i Ruinerne i Israels Land, siger: »Abraham var kun een og fik dog Landet i eje; vi er mange, og os er Landet givet i Eje!«
25 २५ इस कारण तू उनसे कह, परमेश्वर यहोवा यह कहता है, तुम लोग तो माँस लहू समेत खाते और अपनी मूरतों की ओर दृष्टि करते, और हत्या करते हो; फिर क्या तुम उस देश के अधिकारी रहने पाओगे?
Sig derfor til dem: Saa siger den Herre HERREN: I spiser Kød med Blod i, løfter eders Blik til eders Afgudsbilleder og udgyder Blod, og saa vil I have Landet i Eje!
26 २६ तुम अपनी-अपनी तलवार पर भरोसा करते और घिनौने काम करते, और अपने-अपने पड़ोसी की स्त्री को अशुद्ध करते हो; फिर क्या तुम उस देश के अधिकारी रहने पाओगे?
I støtter eder til eders Sværd, I øver Vederstyggelighed, I gør hverandres Hustruer urene, og saa vil I have Landet i Eje!
27 २७ तू उनसे यह कह, परमेश्वर यहोवा यह कहता है: मेरे जीवन की सौगन्ध, निःसन्देह जो लोग खण्डहरों में रहते हैं, वे तलवार से गिरेंगे, और जो खुले मैदान में रहता है, उसे मैं जीवजन्तुओं का आहार कर दूँगा, और जो गढ़ों और गुफाओं में रहते हैं, वे मरी से मरेंगे।
Saaledes skal du sige til dem: Saa siger den Herre HERREN: Saa sandt jeg lever: De i Ruinerne skal falde for Sværdet; dem i aabent Land giver jeg de vilde Dyr til Æde, og de i Klippeborgene og Hulerne skal dø af Pest.
28 २८ मैं उस देश को उजाड़ ही उजाड़ कर दूँगा; और उसके बल का घमण्ड जाता रहेगा; और इस्राएल के पहाड़ ऐसे उजड़ेंगे कि उन पर होकर कोई न चलेगा।
Jeg, gør Landet til Ørk og Ødemark, dets stolte Herlighed faar Ende, og Israels Bjerge skal ligge øde, saa ingen færdes der;
29 २९ इसलिए जब मैं उन लोगों के किए हुए सब घिनौने कामों के कारण उस देश को उजाड़ ही उजाड़ कर दूँगा, तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।
og de, skal kende, at Jeg er HERREN, naar jeg gør Landet til Ørk og Ødemark for alle de Vederstyggeligheder, de har øvet.
30 ३० “हे मनुष्य के सन्तान, तेरे लोग दीवारों के पास और घरों के द्वारों में तेरे विषय में बातें करते और एक दूसरे से कहते हैं, ‘आओ, सुनो, यहोवा की ओर से कौन सा वचन निकलता है।’
Og du, Menneskesøn, se, dine Landsmænd taler om dig langs Murene og i Husdørene, den ene til den anden, hver til sin Broder, og siger: »Kom og hør, hvad det er for et Ord, der udgaar fra HERREN!«
31 ३१ वे प्रजा के समान तेरे पास आते और मेरी प्रजा बनकर तेरे सामने बैठकर तेरे वचन सुनते हैं, परन्तु वे उन पर चलते नहीं; मुँह से तो वे बहुत प्रेम दिखाते हैं, परन्तु उनका मन लालच ही में लगा रहता है।
Og de kommer til dig, som var der Opløb, og sætter sig lige over for dig for at høre dine Ord. Men de gør ikke derefter; thi der er Løgn i deres Mund, og deres Hjerte higer efter Vinding.
32 ३२ तू उनकी दृष्टि में प्रेम के मधुर गीत गानेवाले और अच्छे बजानेवाले का सा ठहरा है, क्योंकि वे तेरे वचन सुनते तो है, परन्तु उन पर चलते नहीं।
Og se, du er dem som en, der synger en Elskovssang med liflig Røst og er dygtig til at spille; de hører dine Ord, men gør ikke derefter.
33 ३३ इसलिए जब यह बात घटेगी, और वह निश्चय घटेगी! तब वे जान लेंगे कि हमारे बीच एक भविष्यद्वक्ता आया था।”
Men naar det kommer — og se, det kommer — skal de kende, at en Profet har været iblandt dem.