< निर्गमन 17 >
1 १ फिर इस्राएलियों की सारी मण्डली सीन नामक जंगल से निकल चली, और यहोवा के आज्ञानुसार कूच करके रपीदीम में अपने डेरे खड़े किए; और वहाँ उन लोगों को पीने का पानी न मिला।
Then all the Israelites left the Desert of Sin, going from place to place as they followed the Lord's commands. They camped at Rephidim, but there wasn't any water for the people to drink.
2 २ इसलिए वे मूसा से वाद-विवाद करके कहने लगे, “हमें पीने का पानी दे।” मूसा ने उनसे कहा, “तुम मुझसे क्यों वाद-विवाद करते हो? और यहोवा की परीक्षा क्यों करते हो?”
Some of them came and complained to Moses, saying, “Give us water to drink!” Moses replied, “Why are you complaining to me?” Moses asked. “Why are you trying to challenge the Lord?”
3 ३ फिर वहाँ लोगों को पानी की प्यास लगी तब वे यह कहकर मूसा पर बुड़बुड़ाने लगे, “तू हमें बाल-बच्चों और पशुओं समेत प्यासा मार डालने के लिये मिस्र से क्यों ले आया है?”
But the people were so thirsty for water there that they went on complaining to Moses, saying, “Why did you have to bring us out of Egypt? Are you trying to kill us and our children and livestock by thirst?”
4 ४ तब मूसा ने यहोवा की दुहाई दी, और कहा, “इन लोगों से मैं क्या करूँ? ये सब मुझे पथरवाह करने को तैयार हैं।”
Moses cried out to the Lord, “What am I going to do with these people? A bit more of this and they're going to stone me!”
5 ५ यहोवा ने मूसा से कहा, “इस्राएल के वृद्ध लोगों में से कुछ को अपने साथ ले ले; और जिस लाठी से तूने नील नदी पर मारा था, उसे अपने हाथ में लेकर लोगों के आगे बढ़ चल।
The Lord told Moses, “Go ahead of the people, and take some of the elders of Israel with you. Take with you the walking stick you used to hit the Nile, and just go on ahead.
6 ६ देख मैं तेरे आगे चलकर होरेब पहाड़ की एक चट्टान पर खड़ा रहूँगा; और तू उस चट्टान पर मारना, तब उसमें से पानी निकलेगा जिससे ये लोग पीएँ।” तब मूसा ने इस्राएल के वृद्ध लोगों के देखते वैसा ही किया।
Look, I will stand there beside you by the rock at Horeb. When you hit the rock water will pour out for the people to drink.” So Moses did this as the elders of Israel watched.
7 ७ और मूसा ने उस स्थान का नाम मस्सा और मरीबा रखा, क्योंकि इस्राएलियों ने वहाँ वाद-विवाद किया था, और यहोवा की परीक्षा यह कहकर की, “क्या यहोवा हमारे बीच है या नहीं?”
He called the place Massah and Meribah because the Israelites argued there, and because they challenged the Lord, saying, “Is the Lord with us, or not?”
8 ८ तब अमालेकी आकर रपीदीम में इस्राएलियों से लड़ने लगे।
Then some Amalekites came and attacked the Israelites at Rephidim.
9 ९ तब मूसा ने यहोशू से कहा, “हमारे लिये कई एक पुरुषों को चुनकर छाँट ले, और बाहर जाकर अमालेकियों से लड़; और मैं कल परमेश्वर की लाठी हाथ में लिये हुए पहाड़ी की चोटी पर खड़ा रहूँगा।”
Moses told Joshua, “Choose some of men and go out and fight the Amalekites. Tomorrow I'll stand on the top of this hill holding the walking stick of God.”
10 १० मूसा की इस आज्ञा के अनुसार यहोशू अमालेकियों से लड़ने लगा; और मूसा, हारून, और हूर पहाड़ी की चोटी पर चढ़ गए।
Joshua did what Moses told him and fought the Amalekites, while Moses, Aaron, and Hur climbed to the top of the hill.
11 ११ और जब तक मूसा अपना हाथ उठाए रहता था तब तक तो इस्राएल प्रबल होता था; परन्तु जब जब वह उसे नीचे करता तब-तब अमालेक प्रबल होता था।
As long as Moses held up the walking stick his hands, the Israelites were the ones winning, but when he lowered them, it was the Amalekites.
12 १२ और जब मूसा के हाथ भर गए, तब उन्होंने एक पत्थर लेकर मूसा के नीचे रख दिया, और वह उस पर बैठ गया, और हारून और हूर एक-एक ओर में उसके हाथों को सम्भाले रहे; और उसके हाथ सूर्यास्त तक स्थिर रहे।
So when Moses' hands became heavy, the others took a stone and put it under him for him to sit on. Aaron and Hur stood on each side of Moses and held his hands up. In this way his hands were kept firmly up until the sun went down.
13 १३ और यहोशू ने अनुचरों समेत अमालेकियों को तलवार के बल से हरा दिया।
As a result Joshua defeated the Amalekite army.
14 १४ तब यहोवा ने मूसा से कहा, “स्मरणार्थ इस बात को पुस्तक में लिख ले और यहोशू को सुना दे कि मैं आकाश के नीचे से अमालेक का स्मरण भी पूरी रीति से मिटा डालूँगा।”
The Lord told Moses, “Write all this down on a scroll as a reminder and read it out loud to Joshua, because I'm going to completely wipe out the Amalekites so nobody on earth will remember them.”
15 १५ तब मूसा ने एक वेदी बनाकर उसका नाम ‘यहोवा निस्सी’ रखा;
Moses built an altar and called it “the Lord is my banner of victory.”
16 १६ और कहा, “यहोवा ने शपथ खाई है कि यहोवा अमालेकियों से पीढ़ियों तक लड़ाई करता रहेगा।”
“Hold up the victory banner of the Lord!” Moses declared. “The Lord will go on fighting the Amalekites for all generations!”