< 1 यूहन्ना 3 >
1 १ देखो, पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है, कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएँ, और हम हैं भी; इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उसने उसे भी नहीं जाना।
Ἴδετε ποταπὴν ἀγάπην δέδωκεν ἡμῖν ὁ πατήρ, ἵνα τέκνα θεοῦ κληθῶμεν, καί ἐσμεν. διὰ τοῦτο ὁ κόσμος οὐ γινώσκει ἡμᾶς, ὅτι οὐκ ἔγνω αὐτόν.
2 २ हे प्रियों, अब हम परमेश्वर की सन्तान हैं, और अब तक यह प्रगट नहीं हुआ, कि हम क्या कुछ होंगे! इतना जानते हैं, कि जब यीशु मसीह प्रगट होगा तो हम भी उसके समान होंगे, क्योंकि हम उसको वैसा ही देखेंगे जैसा वह है।
Ἀγαπητοί, νῦν τέκνα θεοῦ ἐσμεν, καὶ οὔπω ἐφανερώθη τί ἐσόμεθα· οἴδαμεν ὅτι ἐὰν φανερωθῇ, ὅμοιοι αὐτῷ ἐσόμεθα, ὅτι ὀψόμεθα αὐτὸν καθώς ἐστιν.
3 ३ और जो कोई उस पर यह आशा रखता है, वह अपने आपको वैसा ही पवित्र करता है, जैसा वह पवित्र है।
καὶ πᾶς ὁ ἔχων τὴν ἐλπίδα ταύτην ἐπ᾽ αὐτῷ ἁγνίζει ἑαυτὸν καθὼς ἐκεῖνος ἁγνός ἐστιν.
4 ४ जो कोई पाप करता है, वह व्यवस्था का विरोध करता है; और पाप तो व्यवस्था का विरोध है।
πᾶς ὁ ποιῶν τὴν ἁμαρτίαν καὶ τὴν ἀνομίαν ποιεῖ, καὶ ἡ ἁμαρτία ἐστὶν ἡ ἀνομία.
5 ५ और तुम जानते हो, कि यीशु मसीह इसलिए प्रगट हुआ, कि पापों को हर ले जाए; और उसमें कोई पाप नहीं।
καὶ οἴδατε ὅτι ἐκεῖνος ἐφανερώθη ἵνα τὰς ἁμαρτίας ἄρῃ, καὶ ἁμαρτία ἐν αὐτῷ οὐκ ἔστιν.
6 ६ जो कोई उसमें बना रहता है, वह पाप नहीं करता: जो कोई पाप करता है, उसने न तो उसे देखा है, और न उसको जाना है।
πᾶς ὁ ἐν αὐτῷ μένων οὐχ ἁμαρτάνει· πᾶς ὁ ἁμαρτάνων οὐχ ἑώρακεν αὐτὸν οὐδὲ ἔγνωκεν αὐτόν.
7 ७ प्रिय बालकों, किसी के भरमाने में न आना; जो धार्मिकता का काम करता है, वही उसके समान धर्मी है।
τεκνία, μηδεὶς πλανάτω ὑμᾶς· ὁ ποιῶν τὴν δικαιοσύνην δίκαιός ἐστιν, καθὼς ἐκεῖνος δίκαιός ἐστιν.
8 ८ जो कोई पाप करता है, वह शैतान की ओर से है, क्योंकि शैतान आरम्भ ही से पाप करता आया है। परमेश्वर का पुत्र इसलिए प्रगट हुआ, कि शैतान के कामों को नाश करे।
ὁ ποιῶν τὴν ἁμαρτίαν ἐκ τοῦ διαβόλου ἐστίν, ὅτι ἀπ᾽ ἀρχῆς ὁ διάβολος ἁμαρτάνει. εἰς τοῦτο ἐφανερώθη ὁ υἱὸς τοῦ θεοῦ, ἵνα λύσῃ τὰ ἔργα τοῦ διαβόλου.
9 ९ जो कोई परमेश्वर से जन्मा है वह पाप नहीं करता; क्योंकि उसका बीज उसमें बना रहता है: और वह पाप कर ही नहीं सकता, क्योंकि वह परमेश्वर से जन्मा है।
πᾶς ὁ γεγεννημένος ἐκ τοῦ θεοῦ ἁμαρτίαν οὐ ποιεῖ, ὅτι σπέρμα αὐτοῦ ἐν αὐτῷ μένει· καὶ οὐ δύναται ἁμαρτάνειν, ὅτι ἐκ τοῦ θεοῦ γεγέννηται.
10 १० इसी से परमेश्वर की सन्तान, और शैतान की सन्तान जाने जाते हैं; जो कोई धार्मिकता नहीं करता, वह परमेश्वर से नहीं, और न वह जो अपने भाई से प्रेम नहीं रखता।
ἐν τούτῳ φανερά ἐστιν τὰ τέκνα τοῦ θεοῦ καὶ τὰ τέκνα τοῦ διαβόλου. πᾶς ὁ μὴ ποιῶν δικαιοσύνην οὐκ ἔστιν ἐκ τοῦ θεοῦ, καὶ ὁ μὴ ἀγαπῶν τὸν ἀδελφὸν αὐτοῦ·
11 ११ क्योंकि जो समाचार तुम ने आरम्भ से सुना, वह यह है, कि हम एक दूसरे से प्रेम रखें।
ὅτι αὕτη ἐστὶν ἡ ἀγγελία ἣν ἠκούσατε ἀπ᾽ ἀρχῆς, ἵνα ἀγαπῶμεν ἀλλήλους·
12 १२ और कैन के समान न बनें, जो उस दुष्ट से था, और जिसने अपने भाई की हत्या की। और उसकी हत्या किस कारण की? इसलिए कि उसके काम बुरे थे, और उसके भाई के काम धार्मिक थे।
οὐ καθὼς Κάϊν ἐκ τοῦ πονηροῦ ἦν, καὶ ἔσφαξεν τὸν ἀδελφὸν αὐτοῦ· καὶ χάριν τίνος ἔσφαξεν αὐτόν; ὅτι τὰ ἔργα αὐτοῦ πονηρὰ ἦν, τὰ δὲ τοῦ ἀδελφοῦ αὐτοῦ δίκαια.
13 १३ हे भाइयों, यदि संसार तुम से बैर करता है तो अचम्भा न करना।
Μὴ θαυμάζετε, ἀδελφοί, εἰ μισεῖ ὑμᾶς ὁ κόσμος.
14 १४ हम जानते हैं, कि हम मृत्यु से पार होकर जीवन में पहुँचे हैं; क्योंकि हम भाइयों से प्रेम रखते हैं। जो प्रेम नहीं रखता, वह मृत्यु की दशा में रहता है।
ἡμεῖς οἴδαμεν ὅτι μεταβεβήκαμεν ἐκ τοῦ θανάτου εἰς τὴν ζωήν, ὅτι ἀγαπῶμεν τοὺς ἀδελφούς· ὁ μὴ ἀγαπῶν μένει ἐν τῷ θανάτῳ.
15 १५ जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह हत्यारा है; और तुम जानते हो, कि किसी हत्यारे में अनन्त जीवन नहीं रहता। (aiōnios )
πᾶς ὁ μισῶν τὸν ἀδελφὸν αὐτοῦ, ἀνθρωποκτόνος ἐστίν· καὶ οἴδατε ὅτι πᾶς ἀνθρωποκτόνος οὐκ ἔχει ζωὴν αἰώνιον ἐν αὐτῷ μένουσαν. (aiōnios )
16 १६ हमने प्रेम इसी से जाना, कि उसने हमारे लिए अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए।
ἐν τούτῳ ἐγνώκαμεν τὴν ἀγάπην, ὅτι ἐκεῖνος ὑπὲρ ἡμῶν τὴν ψυχὴν αὐτοῦ ἔθηκεν· καὶ ἡμεῖς ὀφείλομεν ὑπὲρ τῶν ἀδελφῶν τὰς ψυχὰς θεῖναι.
17 १७ पर जिस किसी के पास संसार की सम्पत्ति हो और वह अपने भाई को जरूरत में देखकर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उसमें परमेश्वर का प्रेम कैसे बना रह सकता है?
ὃς δ᾽ ἂν ἔχῃ τὸν βίον τοῦ κόσμου, καὶ θεωρῇ τὸν ἀδελφὸν αὐτοῦ χρείαν ἔχοντα καὶ κλείσῃ τὰ σπλάγχνα αὐτοῦ ἀπ᾽ αὐτοῦ, πῶς ἡ ἀγάπη τοῦ θεοῦ μένει ἐν αὐτῷ;
18 १८ हे मेरे प्रिय बालकों, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें।
τεκνία, μὴ ἀγαπῶμεν λόγῳ μηδὲ τῇ γλώσσῃ, ἀλλὰ ἐν ἔργῳ καὶ ἀληθείᾳ.
19 १९ इसी से हम जानेंगे, कि हम सत्य के हैं; और जिस बात में हमारा मन हमें दोष देगा, उस विषय में हम उसके सामने अपने मन को आश्वस्त कर सकेंगे।
[καὶ] ἐν τούτῳ γνωσόμεθα ὅτι ἐκ τῆς ἀληθείας ἐσμέν, καὶ ἔμπροσθεν αὐτοῦ πείσομεν τὰς καρδίας ἡμῶν·
20 २० क्योंकि परमेश्वर हमारे मन से बड़ा है; और सब कुछ जानता है।
ὅτι ἐὰν καταγινώσκῃ ἡμῶν ἡ καρδία, ὅτι μείζων ἐστὶν ὁ θεὸς τῆς καρδίας ἡμῶν καὶ γινώσκει πάντα.
21 २१ हे प्रियों, यदि हमारा मन हमें दोष न दे, तो हमें परमेश्वर के सामने साहस होता है।
ἀγαπητοί, ἐὰν ἡ καρδία μὴ καταγινώσκῃ ἡμῶν, παῤῥησίαν ἔχομεν πρὸς τὸν θεόν,
22 २२ और जो कुछ हम माँगते हैं, वह हमें उससे मिलता है; क्योंकि हम उसकी आज्ञाओं को मानते हैं; और जो उसे भाता है वही करते हैं।
καὶ ὃ ἐὰν αἰτῶμεν λαμβάνομεν ἀπ᾽ αὐτοῦ, ὅτι τὰς ἐντολὰς αὐτοῦ τηροῦμεν καὶ τὰ ἀρεστὰ ἐνώπιον αὐτοῦ ποιοῦμεν.
23 २३ और उसकी आज्ञा यह है कि हम उसके पुत्र यीशु मसीह के नाम पर विश्वास करें और जैसा उसने हमें आज्ञा दी है उसी के अनुसार आपस में प्रेम रखें।
καὶ αὕτη ἐστὶν ἡ ἐντολὴ αὐτοῦ, ἵνα πιστεύωμεν τῷ ὀνόματι τοῦ υἱοῦ αὐτοῦ Ἰησοῦ χριστοῦ καὶ ἀγαπῶμεν ἀλλήλους, καθὼς ἔδωκεν ἐντολὴν ἡμῖν.
24 २४ और जो परमेश्वर की आज्ञाओं को मानता है, वह उसमें, और परमेश्वर उनमें बना रहता है: और इसी से, अर्थात् उस पवित्र आत्मा से जो उसने हमें दिया है, हम जानते हैं, कि वह हम में बना रहता है।
καὶ ὁ τηρῶν τὰς ἐντολὰς αὐτοῦ ἐν αὐτῷ μένει, καὶ αὐτὸς ἐν αὐτῷ. καὶ ἐν τούτῳ γινώσκομεν ὅτι μένει ἐν ἡμῖν, ἐκ τοῦ πνεύματος οὗ ἡμῖν ἔδωκεν.