< भजन संहिता 83 >

1 एक गीत. आसफ का एक स्तोत्र. परमेश्वर, शांत न रहिए; न हमारी उपेक्षा कीजिए, और न निष्क्रिय बैठिए, परमेश्वर,
canticum psalmi Asaph Deus quis similis erit tibi ne taceas neque conpescaris Deus
2 देखिए, आपके शत्रुओं में कैसी हलचल हो रही है, कैसे वे सिर उठा रहे हैं.
quoniam ecce inimici tui sonaverunt et qui oderunt te extulerunt caput
3 वे आपकी प्रजा के विरुद्ध चतुराई से बुरी युक्ति रच रहे हैं; वे आपके प्रियों के विरुद्ध परस्पर सम्मति कर रहे हैं.
super populum tuum malignaverunt consilium et cogitaverunt adversus sanctos tuos
4 वे कहते हैं, “आओ, हम इस संपूर्ण राष्ट्र को ही नष्ट कर दें, यहां तक कि इस्राएल राष्ट्र का नाम ही शेष न रहे.”
dixerunt venite et disperdamus eos de gente et non memoretur nomen Israhel ultra
5 वे एकजुट होकर, एकचित्त युक्ति रच रहे हैं; वे सब आपके विरुद्ध संगठित हो गए हैं—
quoniam cogitaverunt unianimiter simul adversum te testamentum disposuerunt
6 एदोम तथा इशमाएलियों के मंडप, मोआब और हग्रियों के वंशज,
tabernacula Idumeorum et Ismahelitae Moab et Aggareni
7 गेबल, अम्मोन तथा अमालेक, फिलिस्ती तथा सोर के निवासी.
Gebal et Ammon et Amalech alienigenae cum habitantibus Tyrum
8 यहां तक कि अश्शूरी भी उनके साथ सम्मिलित हो गए हैं कि लोत के वंशजों की सेना को सशक्त बनाएं.
etenim Assur venit cum illis facti sunt in adiutorium filiis Loth diapsalma
9 उनके साथ आप वही कीजिए, जो आपने मिदियान के साथ किया था, जो आपने सीसरा के साथ किया था, जो आपने कीशोन नदी पर याबीन के साथ किया था,
fac illis sicut Madiam et Sisarae sicut Iabin in torrente Cison
10 जिनका विनाश एन-दोर में हुआ, जो भूमि पर पड़े गोबर जैसे हो गए थे.
disperierunt in Endor facti sunt ut stercus terrae
11 उनके रईसों को ओरेब तथा ज़ेब समान, तथा उनके न्यायियों को ज़ेबह तथा ज़लमुन्‍ना समान बना दीजिए,
pone principes eorum sicut Oreb et Zeb et Zebee et Salmana omnes principes eorum
12 जिन्होंने कहा था, “चलो, हम परमेश्वर की चराइयों के अधिकारी बन जाए.”
qui dixerunt hereditate possideamus sanctuarium Dei
13 मेरे परमेश्वर उन्हें बवंडर में उड़ती धूल समान, पवन में उड़ते भूसे समान बना दीजिए.
Deus meus pone illos ut rotam sicut stipulam ante faciem venti
14 जैसे अग्नि वन को निगल जाती है अथवा जैसे चिंगारी पर्वत को ज्वालामय कर देती है,
sicut ignis qui conburit silvam sicut flamma conburens montes
15 उसी प्रकार अपनी आंधी से उनका पीछा कीजिए तथा अपने तूफान से उन्हें घबरा दीजिए.
ita persequeris illos in tempestate tua et in ira tua turbabis eos
16 वे लज्जा में डूब जाएं, कि याहवेह, लोग आपकी महिमा की खोज करने लगें.
imple facies illorum ignominia et quaerent nomen tuum Domine
17 वे सदा के लिए लज्जित तथा भयभीत हो जाएं; अपमान में ही उनकी मृत्यु हो.
erubescant et conturbentur in saeculum saeculi et confundantur et pereant
18 वे यह जान लें कि आप, जिनका नाम याहवेह है, मात्र आप ही समस्त पृथ्वी पर सर्वोच्च हैं.
et cognoscant quia nomen tibi Dominus tu solus Altissimus in omni terra

< भजन संहिता 83 >