< भजन संहिता 77 >

1 संगीत निर्देशक के लिये. यदूथून के लिए. आसफ का एक स्तोत्र. एक गीत. मैं परमेश्वर को पुकारता हूं—उच्च स्वर में परमेश्वर की दुहाई दे रहा हूं; कि वह मेरी प्रार्थना पर ध्यान दें.
Veisuunjohtajalle; Jedutunin tapaan; Aasafin virsi. Minä korotan ääneni Jumalan puoleen ja huudan; minä korotan ääneni Jumalan puoleen, että hän minua kuulisi.
2 अपनी संकट की स्थिति में, मैंने प्रभु की सहायता की कामना की; रात्रि के समय थकावट की अनदेखी कर मैं उनकी ओर हाथ बढ़ाए रहा किंतु, मेरे प्राण को थोडी भी सांत्वना प्राप्‍त न हुई.
Ahdistukseni aikana minä etsin Herraa; minun käteni on yöllä ojennettuna eikä väsy; minun sieluni ei lohdutuksesta huoli.
3 परमेश्वर, कराहते हुए मैं आपको स्मरण करता रहा; आपका ध्यान करते हुए मेरी आत्मा क्षीण हो गई.
Minä muistan Jumalaa ja huokaan; minä tutkistelen, ja minun henkeni nääntyy. (Sela)
4 जब मैं संकट में निराश हो चुका था; आपने मेरी आंख न लगने दी.
Sinä pidät minun silmäni valveilla; minä olen niin levoton, etten voi puhua.
5 मेरे विचार प्राचीन काल में चले गए, और फिर मैं प्राचीन काल में दूर चला गया.
Minä ajattelen muinaisia päiviä, ammoin menneitä vuosia.
6 जब रात्रि में मैं अपनी गीत रचनाएं स्मरण कर रहा था, मेरा हृदय उन पर विचार करने लगा, तब मेरी आत्मा में यह प्रश्न उभर आया.
Minä muistan yöllä kanteleeni, minä mietiskelen sydämessäni, ja minun henkeni tutkii:
7 “क्या प्रभु स्थाई रूप से हमारा परित्याग कर देंगे? क्या हमने स्थाई रूप से उनकी कृपादृष्टि खो दी है?
Hylkääkö Herra ikiajoiksi eikä enää osoita mielisuosiota?
8 क्या उनका बड़ा प्रेम अब पूर्णतः शून्य हो गया? क्या उनकी प्रतिज्ञा पूर्णतः विफल प्रमाणित हो गई?
Onko hänen armonsa mennyt ainiaaksi, onko hänen lupauksensa lopussa polvesta polveen?
9 क्या परमेश्वर की कृपालुता अब जाती रही? क्या अपने क्रोध के कारण वह दया नहीं करेंगे?”
Onko Jumala unhottanut olla armollinen, onko hän vihassaan lukinnut laupeutensa? (Sela)
10 तब मैंने विचार किया, “वस्तुतः मेरे दुःख का कारण यह है: कि सर्वोच्च प्रभु परमेश्वर ने अपना दायां हाथ खींच लिया है.
Minä sanoin: tämä on minun kärsimykseni, että Korkeimman oikea käsi on muuttunut.
11 मैं याहवेह के महाकार्य स्मरण करूंगा; हां, प्रभु पूर्व युगों में आपके द्वारा किए गए आश्चर्य कार्यों का मैं स्मरण करूंगा.
Minä muistelen Herran tekoja, minä muistelen sinun entisiä ihmetöitäsi.
12 आपके समस्त महाकार्य मेरे मनन का विषय होंगे और आपके आश्चर्य कार्य मेरी सोच का विषय.”
Minä tutkistelen kaikkia sinun töitäsi, minä mietin sinun suuria tekojasi.
13 परमेश्वर, पवित्र हैं, आपके मार्ग. और कौन सा ईश्वर हमारे परमेश्वर के तुल्य महान है?
Jumala, sinun tiesi on pyhä; kuka on jumala, suuri niinkuin sinä, Jumala?
14 आप तो वह परमेश्वर हैं, जो आश्चर्य कार्य करते हैं; समस्त राष्ट्रों पर आप अपना सामर्थ्य प्रदर्शित करते हैं.
Sinä olet Jumala, joka teet ihmeitä, sinä olet ilmoittanut voimasi kansojen seassa.
15 आपने अपने भुजबल से अपने लोगों को, याकोब और योसेफ़ के वंशजों को, छुड़ा लिया.
Käsivarrellasi sinä lunastit kansasi, Jaakobin ja Joosefin lapset. (Sela)
16 परमेश्वर, महासागर ने आपकी ओर दृष्टि की, महासागर ने आपकी ओर दृष्टि की और छटपटाने लगा; महासागर की गहराइयों तक में उथल-पुथल हो गई.
Vedet näkivät sinut, Jumala, vedet näkivät sinut ja vapisivat, ja syvyydet värisivät.
17 मेघों ने जल वृष्टि की, स्वर्ग में मेघ की गरजना गूंज उठी; आपके बाण इधर-उधर-सर्वत्र बरसने लगे.
Pilvet purkivat vettä, pilvet antoivat jylinänsä, sinun nuolesi lensivät.
18 आपकी गरजना का स्वर बवंडर में सुनाई पड़ रहा था, आपकी बिजली की चमक से समस्त संसार प्रकाशित हो उठा; पृथ्वी कांपी और हिल उठी.
Sinun pauhinasi ääni vyöryi, salamat valaisivat maan piirin, maa vapisi ja järkkyi.
19 आपका मार्ग सागर में से होकर गया है, हां, महासागर में होकर आपका मार्ग गया है, किंतु आपके पदचिन्ह अदृश्य ही रहे.
Meren halki kävi sinun tiesi, sinun polkusi läpi suurten vetten, eivätkä sinun jälkesi tuntuneet.
20 एक चरवाहे के समान आप अपनी प्रजा को लेकर आगे बढ़ते गए. मोशेह और अहरोन आपके प्रतिनिधि थे.
Sinä kuljetit kansasi niinkuin lammaslauman Mooseksen ja Aaronin kädellä.

< भजन संहिता 77 >