< भजन संहिता 141 >

1 दावीद का एक स्तोत्र. याहवेह, मैं आपको पुकार रहा हूं, मेरे पास शीघ्र ही आइए; जब मैं आपको पुकारूं, मेरी पुकार पर ध्यान दीजिए.
Psalmus David. Domine clamavi ad te, exaudi me: intende voci meae, cum clamavero ad te.
2 आपके सामने मेरी प्रार्थना सुगंधधूप; तथा मेरे हाथ उठाना, सान्ध्य बलि समर्पण जैसा हो जाए.
Dirigatur oratio mea sicut incensum in conspectu tuo: elevatio manuum mearum sacrificium vespertinum.
3 याहवेह, मेरे मुख पर पहरा बैठा दीजिए; मेरे होंठों के द्वार की चौकसी कीजिए.
Pone Domine custodiam ori meo: et ostium circumstantiae labiis meis.
4 मेरे हृदय को किसी भी अनाचार की ओर जाने न दीजिए, मुझे कुकृत्यों में शामिल होने से रोक लीजिए, मुझे दुष्टों की संगति से बचाइए; मुझे उनके उत्कृष्ट भोजन को चखने से बचाइए.
Non declines cor meum in verba malitiae, ad excusandas excusationes in peccatis. Cum hominibus operantibus iniquitatem: et non communicabo cum electis eorum.
5 कोई नीतिमान पुरुष मुझे ताड़ना करे, मैं इसे कृपा के रूप में स्वीकार करूंगा; वह मुझे डांट लगाए, यह मेरे सिर के अभ्यंजन तुल्य है. इसे अस्वीकार करना मेरे लिए उपयुक्त नहीं, फिर भी मैं निरंतर दुष्टों की बुराई के कार्यों के विरुद्ध प्रार्थना करता रहूंगा.
Corripiet me iustus in misericordia, et increpabit me: oleum autem peccatoris non impinguet caput meum. Quoniam adhuc et oratio mea in beneplacitis eorum:
6 जब उनके प्रधानों को ऊंची चट्टान से नीचे फेंक दिया जाएगा तब उन्हें मेरे इस वक्तव्य पर स्मरण आएगा कि वह व्यर्थ न था, कि यह कितना सांत्वनापूर्ण एवं सुखदाई वक्तव्य है:
absorpti sunt iuncti petrae iudices eorum. Audient verba mea quoniam potuerunt:
7 “जैसे हल चलाने के बाद भूमि टूटकर बिखर जाती है, वैसे ही हमारी हड्डियों को टूटे अधोलोक के मुख पर बिखरा दिया जाएगा.” (Sheol h7585)
sicut crassitudo terrae erupta est super terram. Dissipata sunt ossa nostra secus infernum: (Sheol h7585)
8 मेरे प्रभु, मेरे याहवेह, मेरी दृष्टि आप ही पर लगी हुई है; आप ही मेरा आश्रय हैं, मुझे असुरक्षित न छोड़िएगा.
quia ad te Domine, Domine oculi mei: in te speravi, non auferas animam meam.
9 मुझे उन फन्दों से सुरक्षा प्रदान कीजिए, जो उन्होंने मेरे लिए बिछाए हैं, उन फन्दों से, जो दुष्टों द्वारा मेरे लिए तैयार किए गए हैं.
Custodi me a laqueo, quem statuerunt mihi: et a scandalis operantium iniquitatem.
10 दुर्जन अपने ही जाल में फंस जाएं, और मैं सुरक्षित पार निकल जाऊं.
Cadent in retiaculo eius peccatores: singulariter sum ego donec transeam.

< भजन संहिता 141 >