< भजन संहिता 125 >

1 आराधना के लिए यात्रियों का गीत. जिन्होंने याहवेह पर भरोसा किया है, वे ज़ियोन पर्वत समान हैं, जिसे हिलाया नहीं जा सकता, जो सदा-सर्वदा स्थायी है.
They that trust in Yhwh shall be as mount Zion, which cannot be removed, but abideth for ever.
2 जिस प्रकार पर्वतों ने येरूशलेम को घेरा हुआ है, उसी प्रकार याहवेह भी अपनी प्रजा को घेरे हुए हैं आज भी और सदा-सर्वदा.
As the mountains are round about Jerusalem, So Yhwh is round about his people from henceforth even for ever.
3 धर्मियों को आवंटित भूमि पर दुष्टों का राजदंड स्थायी न रहेगा, कहीं ऐसा न हो कि धर्मियों के हाथ बुराई की ओर बढ़ जाएं.
For the rod of the wicked shall not rest upon the lot of the righteous; lest the righteous put forth their hands unto iniquity.
4 याहवेह, धर्मियों का कल्याण कीजिए, उनका, जिनके हृदय निष्ठ हैं.
Do good, O Yhwh, unto those that be good, and to them that are upright in their hearts.
5 उन्हें, जो दुष्टता के मार्ग की ओर मुड़ जाते हैं, याहवेह उन्हें दुष्टों के साथ काट देंगे. इस्राएल राष्ट्र में शांति व्याप्‍त हो.
As for such as turn aside unto their crooked ways, Yhwh shall lead them forth with the workers of iniquity: but peace shall be upon Israel.

< भजन संहिता 125 >