< गिनती 3 >
1 जब याहवेह ने मोशेह से सीनायी पर्वत पर बातें की, तब मोशेह तथा अहरोन की पीढ़ियां इस प्रकार थीं:
Now, these, were the pedigrees of Aaron and Moses, —in the day when Yahweh spake with Moses in Mount Sinai.
2 अहरोन के पुत्रों के नाम: जेठा पुत्र नादाब फिर अबीहू, एलिएज़र तथा इथामार.
And these, are the names of the sons of Aaron—the firstborn Nadab, —and Abihu, Eleazar, and Ithamar.
3 अहरोन के ये पुत्र अभिषिक्त पुरोहित थे. इन्हें अहरोन ने ही पुरोहित होने के लिए अभिषिक्त किया था.
These, are the names of the sons of Aaron, the priests that were anointed, —who were installed to minister as priests.
4 इनमें नादाब तथा अबीहू की मृत्यु उस परिस्थिति में याहवेह के ही सामने हो गई थी, जब उन्होंने सीनायी के निर्जन प्रदेश के रास्ते याहवेह को भेंट चढ़ाई, किंतु उन्होंने अपवित्र आग का उपयोग किया. ये दोनों निस्संतान थे. इस कारण एलिएज़र तथा इथामार ही अपने पिता अहरोन के जीवनकाल में पुरोहित का काम करते रहे.
But Nadab and Abihu died before Yahweh when they brought near strange fire before Yahweh in the desert of Sinai, and sons, had they none, —so then Eleazar and Ithamar ministered as priests, in the presence of Aaron their father.
5 फिर याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
Then spake Yahweh unto Moses, saying—
6 “लेवी गोत्र को बुलाकर उन्हें अहरोन की उपस्थिति में ले जाओ ताकि वे पुरोहित अहरोन की सहायता के लिए तैयार रहें.
Bring near the tribe of Levi, and thou shalt cause it to stand before Aaron the priest, —so shall they wait upon him;
7 वे मिलनवाले तंबू के सामने उपस्थित रहते हुए अहरोन तथा सारे इस्राएल के लिए अपनी सेवा किया करें, जिससे यह उनके लिए साक्षी के तंबू की सेवा हो.
so shall they keep his charge, and the charge of all the assembly, before the tent of meeting, —to do the laborious work of the habitation;
8 इस्राएलियों से ज़िम्मेदारियों को निभाने के अलावा वे मिलनवाले तंबू की वस्तुओं का ध्यान रखेंगे, यह उनकी साक्षी के तंबू संबंधित सेवा होगी.
so shall they have charge of all the furniture of the tent of meeting, even the charge of the sons of Israel, —to do the laborious work of the habitation.
9 इस प्रबंध के अंतर्गत तुम सारे लेवियों को अहरोन तथा उनके पुत्रों के अधीन कर दोगे, वे सारे इस्राएल में से उन्हें सौंप दिए गए हैं.
Thus shalt thou give the Levites unto Aaron and unto his sons, —given, given, they are unto him, from among the sons of Israel;
10 इस प्रकार तुम अहरोन तथा उसके पुत्रों को नियुक्त कर दोगे, कि वे पुरोहित के रूप में सेवा करते रहें, किंतु जो भी साधारण व्यक्ति साक्षी के तंबू के निकट आ जाए, उसे प्राण-दंड दे दिया जाए.”
but unto Aaron, and unto his sons, shalt thou give oversight, so shall they keep charge of their priesthood, —and, the stranger who cometh near, shall be put to death.
11 याहवेह ने मोशेह को यह आदेश भी दिया,
Then spake Yahweh unto Moses, saying—
12 “अब यह देखो, मैंने लेवी को, सारे इस्राएल में से प्रत्येक पहलौठे के स्थान पर, अर्थात् उस संतान के स्थान पर, जो गर्भ का प्रथम फल होता है, अलग कर लिया है, कि लेवी सिर्फ मेरे होकर रहें.
I, therefore, lo! I have taken the Levites out of the midst of the sons of Israel, instead of every firstborn that a mother beareth, from among the sons of Israel, —so shall the Levites be mine;
13 क्योंकि सभी पहलौठे मेरे हैं. जिस दिन मैंने मिस्र देश में सारे पहिलौठों को मारा, मैंने इस्राएल के घराने में से सभी पहिलौठों को अपने लिए अलग कर लिया था; मनुष्यों एवं पशुओं, दोनों में से. वे मेरे रहेंगे. मैं याहवेह हूं.”
for, mine, is every firstborn, in the day when I smote every firstborn in the land of Egypt, I hallowed unto myself every firstborn in Israel, both of man and of beast, —mine, did they become, and belong unto me, Yahweh.
14 इसके बाद याहवेह ने सीनायी के निर्जन प्रदेश में मोशेह को यह आज्ञा दी,
Then spake Yahweh unto Moses, in the desert of Sinai, saying: —
15 “तुम लेवी के वंश की, उनके गोत्र तथा उनके परिवारों के अनुसार, गिनती करोगे; हर एक नर बालक की जिसकी आयु एक महीने से अधिक है.”
Number thou the sons of Levi, by their ancestral houses, by their families, —every male, from one month old and upwards, shalt thou number them.
16 इसलिये मोशेह ने उन्हें जैसी आज्ञा दी थी, याहवेह की आज्ञा के अनुसार उनकी गिनती की.
So then Moses numbered them according to the bidding of Yahweh, —as he was commanded.
17 उनके नामों के अनुसार लेवी के पुत्र इस प्रकार थे: गेरशोन, कोहाथ, तथा मेरारी.
And these were the sons of Levi, by their names, —Gershon, and Kohath, and Merari.
18 परिवारों के अनुसार गेरशोन के पुत्र: लिबनी तथा शिमेई.
And these, the names of the sons of Gershon by their families, —Libni and Shimei.
19 परिवारों के अनुसार कोहाथ के पुत्र: अमराम, इज़हार, हेब्रोन तथा उज्ज़िएल.
And, the sons of Kohath, by their families Amram, and Izhar, Hebron and Uzziel.
20 परिवारों के अनुसार मेरारी के पुत्र: माहली तथा मूशी ये ही हैं. लेवियों के परिवार उनके पितरों के घरानों के अनुसार.
And the sons of Merari by their families, Mahli and Mushi. These, are they—the families of the Levites by their ancestral houses.
21 गेरशोन से लिबनियों तथा शिमेईयों के परिवारों का गोत्र निकला और ये गेरशोनियों का परिवार कहलाए.
To, Gershon, belonged the family of the Libnites, and the family of the Shimeites, —these, are they—the families of the Gershonites.
22 जब एक माह से ऊपर की अवस्था के नर गिने गए; उनकी संख्या 7,500 थी.
They who were numbered of them in the counting of every male, from one month old, and upwards, —they who were num-bered of them, were seven thousand and five hundred.
23 गेरशोनियों के परिवारों के लिए यह तय किया गया कि वे साक्षी के तंबू के पीछे पश्चिम दिशा में अपने शिविर डाला करेंगे.
the families of the Gershonites, to the rear of the habitation, were to encamp, westward.
24 गेरशोनियों के घराने का प्रधान था लाएल का पुत्र एलियासाफ़.
And, the prince of the ancestral house of the Gershonites, was Eliasaph son of Lael.
25 गेरशोन-वंशजों के लिए मिलनवाले तंबू के संबंध में निर्धारित कार्य था साक्षी के तंबू का आंगन, उसके आवरण तथा मिलनवाले तंबू के द्वार का पर्दा,
And, the charge, of the sons of Gershon, was over the tent of meeting, the habitation, and the tent, —the covering thereof, and the screen for the entrance of the tent of meeting;
26 आंगन के पर्दे, उस आंगन के द्वार का पर्दा, जो वेदी एवं साक्षी के तंबू के चारों ओर है, उसकी डोरियां, जो इनसे संबंधित विधियों के अनुसार प्रयोग की जाती हैं.
and the hangings of the court, and the screen for the entrance of the court which was near the habitation and near the altar, round about, —and the cords thereof, as to all the laborious work thereof.
27 कोहाथ से अमरामियों का, इज़हारियों का, हेब्रोनियों का तथा उज्जिएलियों के परिवारों का कुल निकला; ये ही कोहाथियों के परिवार थे.
And to Kohath, belonged the family of the Amramites and the family of the Izharites, and the family of the Hebronites, and the family of the Uzzielites, —these, are they—the families of the Kohathites.
28 जब एक महीने से अधिक आयु के हर एक पुरुष की गिनती की गई, तो संख्या 8,600 पाई गई. ये पवित्र स्थान से संबंधित कार्य किया करते थे.
In, the counting of every male, from one month old and upwards, there were eight thousand and six hundred, to keep the charge of the sanctuary.
29 इनके शिविर डालने के लिए ठहराया हुआ स्थान साक्षी के तंबू का दक्षिणी इलाका था.
The, families of the sons of Kohath, were to encamp, —on the side of the habitation, south-ward.
30 कोहाथियों के गोत्रों के परिवारों का प्रधान था उज्ज़िएल का पुत्र एलिज़ाफ़ान.
And the prince of the ancestral house of the families of the Kohathites, was Elizaphan, son of Uzziel.
31 इनके लिए ठहराई हुई ज़िम्मेदारी थी: वाचा का संदूक, मेज़, दीवट, वेदियां, उन्हीं के द्वारा उपयोग किए जानेवाले पवित्र स्थान के सारे बर्तन, पर्दे तथा उनसे संबंधित सारी सेवाएं.
And their charge, was—the ark and the table and the lampstand and the altars, and the utensils of the sanctuary wherewith they were to minister, —and the screen, as to all the laborious work thereof.
32 लेवियों का प्रमुख प्रधान था पुरोहित अहरोन का पुत्र एलिएज़र. इसे ही पवित्र स्थान से संबंधित सारी सेवाओं की देखभाल करनी होती थी.
And the prince of the princes of the Levites, was Eleazar, son of Aaron the priest, —to have the oversight of them that were to keep the charge of the sanctuary.
33 मेरारी से माहलियों तथा मुशियों के परिवारों का कुल निकला, जो मेरारी के परिवार कहलाए.
To Merari, belonged the family of the Mahlites, and the family of the Mushites, —these, are they—the families of Merari.
34 जब एक महीने से ऊपर की आयु के पुरुष गिने गए; उनकी संख्या 6,200 थी.
And they who were numbered of them in the counting of every male, from one month old and upwards, were six thousand, and two hundred.
35 मेरारी के कुल के परिवारों का प्रधान था अबीहाइल का पुत्र ज़ूरिएल. इनके शिविर के लिए ठहराया हुआ स्थान साक्षी के तंबू के उत्तर में था.
And the prince of the ancestral house of the families of Merari, was Zuriel son of Abihail, —on the side of the habitation, were they to encamp northward.
36 मेरारी के वंशजों के लिए ठहराया हुआ कार्य यह था: साक्षी के तंबू के चौखट, उसकी छड़ें, उसके खंभे, उसके आधारपात्र, उसका सारा सामान तथा इन सबसे संबंधित सारे कार्य,
And the oversight of the charge of the sons of Merari, was—the boards of the habitation, and the bars thereof and the pillars thereof and the sockets thereof, —and all the furniture thereof, as to all the laborious work thereof;
37 तथा आंगन के आस-पास के खंभे तथा उनके आधारपात्र, उनकी खूंटियां तथा उनकी डोरियां.
also the pillars of the court round about and their sockets, —and their pins and their cords.
38 वे, जिन्हें सूर्योदय की दिशा, साक्षी के तंबू के पूर्व में मिलनवाले तंबू के सामने शिविर डालने के लिए नियुक्त किया गया था, वे मोशेह एवं अहरोन तथा उनके पुत्र हैं. वे पवित्र स्थान से संबंधित कार्यों की रखवाली करेंगे, जो इस्राएल के प्रति उनका कर्तव्य होगा. किंतु यदि कोई साधारण व्यक्ति पवित्र स्थान के निकट आए, तो उसको मार दिया जायेगा.
But, they who were to encamp before the habitation eastwards before the tent of meeting, towards sunrise, were Moses and Aaron and his sons. to keep the charge of the sanctuary, as the charge of the sons of Israel and, the stranger that came near, was to be put to death.
39 याहवेह द्वारा मोशेह एवं अहरोन को दी गई आज्ञा के अंतर्गत, जो गिनती उनके परिवारों के अनुसार की गई थी, हर एक महीने से ऊपर की आयु के पुरुष की गिनती से प्राप्त कुल संख्या थी 22,000.
All they who were numbered of the Levites whom Moses [and Aaron] numbered at the bidding of Yahweh by their families, —every male, from one month old and upwards, were two-and-twenty thousand.
40 इसके बाद याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, “इस्राएल में एक महीने से अधिक आयु के हर एक पुरुष की गिनती करो तथा उनके नामों की सूची बनाओ.
And Yahweh said unto Moses: Number thou every firstborn male belonging to the sons of Israel, from one month old and upwards, —and reckon up the number of their names;
41 इस्राएल के घराने के पहिलौठों के तथा इस्राएल के पशुओं के पहिलौठों के स्थान पर तुम मेरे लिए लेवियों को अलग कर लोगे. मैं ही वह याहवेह हूं.”
then shalt thou take the Levites for me, me Yahweh, instead of every firstborn among the sons of Israel, —also the cattle of the Levites, instead of every firstling among the cattle of the sons of Israel.
42 इसलिये मोशेह ने इस्राएल के घराने के सभी पहिलौंठों की गिनती की, जैसा कि उन्हें याहवेह की ओर से आज्ञा दी गई थी.
So then Moses numbered, as Yahweh commanded him, —every firstborn among the sons of Israel.
43 ये सभी एक महीने से अधिक आयु के पुरुष थे, जिनकी गिनती नामों एवं संख्या के आधार पर की गई. इनकी संख्या कुल 22,273 हुई.
And it was so—that all the firstborn of the males in the counting of names from one month old and upwards of such as were numbered of them, —were two-and-twenty thousand, two hundred and seventy-three.
44 इसके बाद याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
Then spake Yahweh unto Moses, saying: —
45 “इस्राएल के घराने के सभी पहिलौठों के स्थान पर, लेवियों एवं उनके पशुओं को अलग कर लो. लेवी मेरे होंगे. मैं ही वह याहवेह हूं.
Take the Levites, instead of all the firstborn among the sons of Israel, and the cattle of the Levites, instead of their cattle, —so shall the Levites belong unto me, me Yahweh;
46 इस्राएल के घराने के 273 पहिलौठों की छुड़ौती के लिए, जो लेवियों की संख्या से अधिक हैं,
and as the ransom of the two hundred and seventy-three, —who are more than the Levites, of the firstborn of the sons of Israel,
47 तुम प्रति व्यक्ति पांच शेकेल लोगे; तथा ये शेकेल पवित्र स्थान के मानक शेकेल होंगे एक शेकेल में बीस गेराह.
thou shalt take five shekels apiece by the poll, —by the shekel of the sanctuary, shalt thou take it, twenty gerahs to the shekel;
48 तुम यह छुड़ौती की राशि अहरोन तथा उसके पुत्रों को सौंप दोगे.”
and shalt give the silver to Aaron and to his sons, —as the ransom of them that are in excess over them.
49 इसलिये मोशेह ने उन व्यक्तियों से, जो लेवियों की संख्या के अलावा थे, वह छुड़ौती की राशि इकट्ठी कर ली, उनके अलावा, जो लेवियों की संख्या के अलावा थे.
So Moses took the redemption silver from them who were in excess over them who were redeemed by the Levites:
50 इस्राएल के पहिलौठों से उन्होंने पवित्र स्थान के मानक शेकेल में धनराशि इकट्ठी कर ली, जो 1,365 शेकेल थी.
from the firstborn of the sons of Israel, took he the silver, —a thousand three hundred and sixty-five shekels, by the shekel of the sanctuary,
51 यह राशि मोशेह ने अहरोन एवं उसके पुत्रों को, याहवेह के आदेश के अनुसार, जैसा आदेश उन्होंने मोशेह को दिया था, सौंप दी.
And Moses gave the redemption silver to Aaron and to his sons at the bidding of Yahweh, —As Yahweh commanded Moses.