< नहेमायाह 13 >
1 उस दिन सभा के लिए मोशेह की पुस्तक ऊंची आवाज में पढ़ी गई. इस पुस्तक में यह लिखा हुआ पाया गया कि परमेश्वर की सभा में न तो किसी अम्मोनी के और न किसी मोआबी के प्रवेश की आज्ञा है,
Ese día hubo una lectura del libro de Moisés en la audiencia del pueblo; y vieron que en el libro se decía que ningún amonita o moabita podría entrar en la reunión de Dios;
2 क्योंकि उन्होंने इस्राएल के लिए भोजन और पानी का इंतजाम करने की बजाय उन पर शाप देने के लक्ष्य से बिलआम को पैसे दिए थे. मगर हमारे परमेश्वर ने शाप को आशीर्वाद में बदल दिया.
Porque no les dieron pan y agua a los hijos de Israel cuando vinieron a ellos, sino que hicieron que Balaam los maldijera; aunque la maldición fue convertida en bendición por nuestro Dios.
3 इसलिये जब उन्होंने उस व्यवस्था को सुना, उन्होंने सभी विदेशियों को इस्राएल में से बाहर कर दिया.
Entonces, después de escuchar la ley, sacaron de Israel a todas las personas que se habían mezclado con los extranjeros.
4 इसके पहले, पुरोहित एलियाशिब, जिसे हमारे परमेश्वर के भवन के कमरों का अधिकारी चुना गया था, वास्तव में तोबियाह का रिश्तेदार था.
Antes de esto, el sacerdote Eliasib, que había sido colocado sobre las habitaciones de la casa de nuestro Dios, siendo amigo de Tobías,
5 उसने तोबियाह के लिए एक बड़े कमरे को बना रखा था, जहां इसके पहले अन्नबलि, लोबान, तरह-तरह के बर्तन और लेवियों, गायकों, द्वारपालों और पुरोहितों के लिए इकट्ठा दानों के ठहराए गए अन्न, अंगूर के रस और तेल का दसवां भाग जमा किया जाता था.
le había preparado una gran sala, donde en un momento guardaron las ofrendas de comida, el perfume y los vasos y las décimas del grano, el vino y el aceite que se entregaban por orden a los levitas y los cantores y los encargados de las puertas, y las ofrendas levantadas para los sacerdotes.
6 मगर ऐसा हुआ कि इस समय में मैं येरूशलेम में था ही नहीं, क्योंकि बाबेल के राजा, अर्तहषस्ता के समय के बत्तीसवें साल में मैं राजा से मिलने गया हुआ था, मगर यहां कुछ समय रहने के बाद मैंने राजा की आज्ञा ली
Pero todo este tiempo no estuve en Jerusalén; en el año treinta y dos de Artajerjes, rey de Babilonia, fui al rey; y después de algunos días, conseguí que el rey me dejara ir,
7 और येरूशलेम आ गया. मुझे उस बुराई के बारे में पता चला, जो एलियाशिब ने तोबियाह के लिए किया—उसने परमेश्वर के भवन के आंगन में तोबियाह के लिए एक कमरा तैयार किया था.
Y llegué a Jerusalén; y me quedó claro la maldad que Eliasib había hecho por Tobías, al prepararle una habitación en los atrios del templo de Dios.
8 इससे मैं बहुत नाराज़ हुआ; तब मैंने तोबियाह का सारा सामान उस कमरे के बाहर फेंक दिया.
Y me dolió mucho, así que todas las cosas de Tobías fueron sacadas de la habitación.
9 तब मेरे आदेश पर वे कमरे शुद्ध किए गए. मैंने परमेश्वर के भवन के बर्तन, अन्नबलि और लोबान दोबारा उस कमरे में रखाव दिए.
Entonces di órdenes y purificaron las habitaciones; volví a poner en ellos los vasos de la casa de Dios, con las ofrendas de comida y él incienso.
10 तब मुझे यह भी पता चला कि लेवियों के लिए ठहराया हुआ भाग उन्हें दिया ही नहीं गया था, फलस्वरूप तरह-तरह की सेवाओं के लिए चुने गए लेवी और गायक सेवा का काम छोड़कर जा चुके थे-अपने-अपने खेतों में खेती करने.
Y vi que a los levitas no se les había dado lo que se necesitaba para su apoyo; de modo que los levitas y los cantores, encargados del culto, se habían ido, todos a su campo.
11 इसलिये मैंने अधिकारियों को फटकार लगाई, “परमेश्वर का भवन क्यों छोड़ दिया गया है?” तब मैंने उन सबको वापस बुलाकर उन्हें सेवा के काम पर दोबारा नियुक्त कर दिया.
Entonces hice protestas a los jefes y dije: ¿Por qué han abandonado la casa de Dios? Y los junté y los puse en sus lugares.
12 तब सारे यहूदिया के लोगों ने भंडार में अनाज, अंगूर का रस और तेल का दसवां भाग रखवा दिया.
Entonces vino todo Judá con la décima parte del grano, el vino y el aceite, y lo puso en los almacenes.
13 तब मैंने पुरोहित शेलेमियाह को, शासक सादोक को और लेवियों में से पेदाइयाह को भंडारों का अधिकारी ठहरा दिया. उनके अलावा मैंने, मत्तनियाह के पोते ज़क्कूर के पुत्र हनान को चुना, क्योंकि ये सभी विश्वासयोग्य पाए गए. इनकी जवाबदारी थी अपने रिश्तेदारों में सामग्री बांटना.
Hice controladores en los almacenes, el sacerdote Selemias y Sadoc el escriba, y de los levitas, Pedaías, y con ellos estaba Hanan, el hijo de Zacur, hijo de Matanías; fueron tomados por fieles. Ellos hacían la distribución de las raciones a sus hermanos.
14 मेरे परमेश्वर, इस काम के लिए आप मुझे याद रखें. सच्चाई से किए गए मेरे कामों को, जो मैंने परमेश्वर के भवन और इसकी सेवा में किए हैं, आप मिटा न दीजिए.
Ten en mente, oh Dios mío, en relación con esto y no borres el bien que he hecho por la casa de mi Dios y su servicio.
15 उन्हीं दिनों में मेरे सामने यह भी आया कि यहूदिया में कुछ व्यक्ति ऐसे थे, जो शब्बाथ पर अंगूर रौंद रहे थे, कुछ अनाज के बोरे नगर में ला रहे थे, कुछ इन्हें गधों पर लाद रहे थे, सभी प्रकार का सामान शब्बाथ पर येरूशलेम में लाया जा रहा था, वैसे ही अंगूर का रस, अंगूर, अंजीर और सभी प्रकार के बोझ. इसलिये मैंने शब्बाथ पर भोजन बेचने पर उन्हें डांटा.
En aquellos días, vi en Judá a algunos que estaban triturando uvas en el día de reposo, y metían grano y lo ponían en asnos; así como vino y uvas e higos y todo tipo de bienes que llevaron a Jerusalén el día de reposo y di testimonio contra ellos el día en que comercializaban alimentos.
16 येरूशलेम में कुछ सोरवासी भी रहने लगे थे, जो मछली और सब प्रकार का बिकने वाला सामान वहां से बिक्री कर रहे थे. वे यह सब यहूदाह के वंशजों को शब्बाथ पर बेच रहे थे; हां, येरूशलेम ही में!
Y allí había hombres de Tiro, que venían con peces y toda clase de bienes, que comerciaban en sábado con los hijos de Judá y en Jerusalén.
17 तब मैंने यहूदिया के रईसों को फटकार लगाई. मैंने उनसे कहा, “आप लोग शब्बाथ को अपवित्र कर यह कैसी बुराई कर रहे हैं?
Entonces hice protestas a los jefes de Judá, y les dije: ¿Qué es este mal que están haciendo, no santificando el día de reposo?
18 क्या आपके पूर्वजों ने यह नहीं किया था, जिसके फलस्वरूप हमारे परमेश्वर ने हम पर और इस नगर पर यह सारी विपत्ति ड़ाल दी है? यह होने पर भी आप लोग शब्बाथ को अपवित्र करके इस्राएल पर परमेश्वर के क्रोध को बढ़ा रहे हैं.”
. ¿No hicieron lo mismo tus padres, y nuestro Dios no envió todo este mal sobre nosotros y sobre este pueblo? pero estás causando más ira sobre Israel al no santificar el sábado.
19 तब यह हुआ कि शब्बाथ शुरू होने के ठीक पहले, जब येरूशलेम के फाटकों पर अंधेरा छा ही रहा था, मैंने आदेश दिया कि फाटक बंद कर दिए जाएं और वे शब्बाथ खत्म होने के पहले बिलकुल न खोले जाएं. इसके बाद मैंने अपने ही कुछ सेवकों को फाटकों पर ठहरा दिया कि शब्बाथ पर किसी भी बोझ को अंदर न आने दिया जाए.
Entonces, cuando las calles de Jerusalén se oscurecían antes del sábado, di órdenes para que las puertas se cerraran y no se volvieran a abrir hasta después del sábado, y puse a algunos de mis sirvientes en la puerta para que no entrara ninguna carga en el día de reposo.
20 एक या दो मौके ही ऐसे गए होंगे, जब विभिन्न प्रकार के व्यापारियों और बेचने वालों ने येरूशलेम के बाहर रात बिताई थी.
Así que los comerciantes de todo tipo de bienes tomaron su descanso nocturno fuera de Jerusalén una o dos veces.
21 तब मैंने उन्हें इस प्रकार चेतावनी दी, “क्यों आप लोग शहरपनाह के पास रात बिताते हैं? यदि आप दोबारा यह करते पाए जाएंगे, तो मुझे आप पर ताकत का इस्तेमाल करना पड़ेगा.” इस चेतावनी के बाद वे शब्बाथ पर येरूशलेम कभी नहीं आए.
Entonces di testimonio contra ellos y dije: ¿Por qué esperaste toda la noche junto al muro? Si vuelves a hacerlo te haré prisioneros. Desde ese momento no volvieron a venir en sábado.
22 तब मैंने लेवियों को आदेश दिया कि शब्बाथ को पवित्र करने के उद्देश्य से वे अपने आपको शुद्ध कर द्वारपाल के समान आया करें. मेरे परमेश्वर, इस भले काम के लिए भी आप मुझे याद रखिए और अपनी बड़ी करुणा के अनुसार मुझ पर अपनी दया हमेशा बनाए रखिए.
Y les di a los levitas la orden de purificarse, venir, guardar las puertas y santificar el sábado. Ten esto en mente para mi crédito, oh Dios mío, y ten piedad de mí, porque grande es tu misericordia.
23 उन्हीं दिनों में मेरा ध्यान इस सच्चाई की ओर भी गया, कि यहूदियों ने अशदोद, अम्मोन और मोआब की स्त्रियों से विवाह किया हुआ था.
Y en esos días vi a los judíos que estaban casados con mujeres de Asdod, Amón y Moab;
24 उनकी संतान के विषय में सच्चाई यह है कि उनकी संतान के आधे लोग अशदोद की भाषा बोलते है, उनमें से कोई भी यहूदिया की भाषा में बातचीत कर ही नहीं सकता, बल्कि वे सिर्फ अपने ही लोगों की भाषा का इस्तेमाल करते हैं.
Y sus hijos hablaban a medias en el lenguaje de Asdod; no tenían conocimiento de la lengua de los judíos, pero hicieron uso de la lengua de cada pueblo.
25 इसलिये मैंने उनसे बहस की, उन्हें धिक्कारा, उनमें से कुछ पर तो मैंने हाथ भी छोड़ दिया और कुछ के बाल नोचे. तब मैंने उन्हें परमेश्वर की शपथ दी, “तुम उनके पुत्रों को अपनी पुत्रियां विवाह के लिए नहीं दोगे और न उनकी पुत्रियां को अपने पुत्रों के लिए या खुद अपने विवाह के लिए लोगे.
Reñí con ellos, maldiciéndolos y dando golpes a algunos de ellos y arrancándoles el pelo; y les hice jurar por Dios, diciendo: No deben entregar a sus hijas a sus hijos o tomar a sus hijas por sus hijos o para ustedes mismos.
26 क्या इस्राएल के राजा शलोमोन ने इन्हीं विषयों में पाप नहीं किया था? इतना होने पर भी अनेकों देशों में उनके समान राजा कोई न था. उन पर उनके परमेश्वर का प्रेम स्थिर था और परमेश्वर ने उन्हें सारे इस्राएल पर राजा ठहराया दिया; फिर भी, उन विदेशी स्त्रियों ने उन्हें तक पाप करने के लिए फेर दिया था.
¿No fue esta la razón por la cual Salomón, rey de Israel, cometió un error? entre varias naciones no había rey como él, y él era querido por su Dios, y Dios lo hizo rey sobre todo Israel, pero incluso las mujeres extranjeras lo hicieron hacer el mal.
27 तब क्या यह सही होगा कि हम आपसे सहमत होकर यह बड़ी बुराई करें और विदेशी स्त्रियों से विवाह करने के द्वारा अपने परमेश्वर के विरुद्ध विश्वासघात करें?”
¿Entonces, sin protestar, te dejamos hacer todo este gran mal, pecando contra nuestro Dios al tomar mujeres extranjeras por esposas?
28 यहां तक कि महापुरोहित एलियाशिब के पुत्रों में से एक योइयादा, होरोनी के सनबल्लत का दामाद था. मैंने उसे वहां से निकाल दिया.
Y uno de los hijos de Joiada, el hijo de Eliasib, el principal sacerdote, era yerno de Sanbalat el horonita; lo envié lejos de mí.
29 मेरे परमेश्वर, आप इन्हें याद रखिए, क्योंकि इन्होंने पुरोहित के पद को और पुरोहित की और लेवियों की वाचा को अशुद्ध किया है.
Tenlos en mente, oh Dios mío, porque han avergonzado el nombre de los sacerdotes y el pacto de los sacerdotes y los levitas.
30 इस प्रकार मैंने उन्हें उन सभी से शुद्ध कर दिया, जो कुछ विदेशी था. मैंने पुरोहितों और लेवियों के लिए उनके कामों को ठहरा भी दिया-हर एक के लिए निश्चित काम.
Así que los purifique, pues, de todas las personas extranjeras, y tuve guardias regulares para los sacerdotes y los levitas, por sus grupos, todos en su trabajo;
31 मैंने ठहराए गए अवसरों के लिए लकड़ी और पहले फलों को देने का भी प्रबंध कर दिया. मेरे परमेश्वर, मेरी भलाई के लिए मुझे याद रखिये!
Y para la ofrenda de la leña, en tiempos fijos, y para los primeros frutos. Tenme presente, oh Dios mío, para bien.