< मीका 7 >

1 मेरी क्या दुर्गति है! मैं उस मनुष्य के जैसा हूं, जो अंगूर की बारी में लवनी के छूटे अंगूर को धूपकाल में बटोरता है; खाने के लिये अंगूर का कोई गुच्छा नहीं बचा है, मैंने शुरू के अंजीर के फलों की जो लालसा की थी, वे भी नहीं हैं.
وَيْلٌ لِي! لِأَنِّي صِرْتُ كَجَنَى ٱلصَّيْفِ، كَخُصَاصَةِ ٱلْقِطَافِ، لَا عُنْقُودَ لِلْأَكْلِ وَلَا بَاكُورَةَ تِينَةٍ ٱشْتَهَتْهَا نَفْسِي.١
2 विश्वासयोग्य लोग देश से नाश हो गये हैं; एक भी ईमानदार व्यक्ति नहीं बचा है. हर एक जन खून बहाने के घात में लगा रहता है; वे जाल बिछाकर एक दूसरे को फंसाने के चक्कर में रहते हैं.
قَدْ بَادَ ٱلتَّقِيُّ مِنَ ٱلْأَرْضِ، وَلَيْسَ مُسْتَقِيمٌ بَيْنَ ٱلنَّاسِ. جَمِيعُهُمْ يَكْمُنُونَ لِلدِّمَاءِ، يَصْطَادُونَ بَعْضُهُمْ بَعْضًا بِشَبَكَةٍ.٢
3 उनके हाथ बुराई के काम करने में माहिर हैं; शासन करनेवाले उपहार की मांग करते हैं, न्यायाधीश घूस लेते हैं, शक्तिशाली लोग अपनी इच्छाओं की पूर्ति बलपूर्वक करते हैं, वे सब मिलकर षड़्‍यंत्र रचते हैं.
اَلْيَدَانِ إِلَى ٱلشَّرِّ مُجْتَهِدَتَانِ. ٱلرَّئِيسُ طَالِبٌ وَٱلْقَاضِي بِٱلْهَدِيَّةِ، وَٱلْكَبِيرُ مُتَكَلِّمٌ بِهَوَى نَفْسِهِ فَيُعَكِّشُونَهَا.٣
4 उनमें जो सर्वोत्तम माना जाता है, वह एक कंटीली झाड़ी के जैसा है, उनमें जो सबसे ज्यादा ईमानदार समझा जाता है, वह एक कंटीले बाड़े से भी बुरा है. तुम्हारे पास परमेश्वर के आने का समय आ गया है, अर्थात् तुम्हारे पहरेदार के खतरे के घंटी बजाने का दिन आ गया है. अब तुम्हारे घबराने का समय है.
أَحْسَنُهُمْ مِثْلُ ٱلْعَوْسَجِ، وَأَعْدَلُهُمْ مِنْ سِيَاجِ ٱلشَّوْكِ. يَوْمَ مُرَاقِبِيكَ عِقَابُكَ قَدْ جَاءَ. ٱلْآنَ يَكُونُ ٱرْتِبَاكُهُمْ.٤
5 किसी पड़ोसी पर विश्वास न करना और न ही अपने किसी मित्र पर भरोसा करना. यहां तक कि अपनी अर्द्धागिनी से भी संभलकर बात करना.
لَا تَأْتَمِنُوا صَاحِبًا. لَا تَثِقُوا بِصَدِيقٍ. ٱحْفَظْ أَبْوَابَ فَمِكَ عَنِ ٱلْمُضْطَجِعَةِ فِي حِضْنِكَ.٥
6 क्योंकि पुत्र अपने पिता का अनादर करता है, पुत्री उसकी माता के विरुद्ध तथा बहू उसकी सास के विरुद्ध, उठ खड़ी होती है, मनुष्य के शत्रु उसके परिवार के सदस्य ही होते हैं.
لِأَنَّ ٱلِٱبْنَ مُسْتَهِينٌ بِٱلْأَبِ، وَٱلْبِنْتَ قَائِمَةٌ عَلَى أُمِّهَا، وَٱلْكَنَّةَ عَلَى حَمَاتِهَا، وَأَعْدَاءُ ٱلْإِنْسَانِ أَهْلُ بَيْتِهِ.٦
7 पर जहां तक मेरी बात है, मेरी आशा याहवेह पर लगी रहती है, मैं अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर की बाट जोहता हूं; मेरे परमेश्वर मेरी सुनेंगे.
وَلَكِنَّنِي أُرَاقِبُ ٱلرَّبَّ، أَصْبِرُ لِإِلَهِ خَلَاصِي. يَسْمَعُنِي إِلَهِي.٧
8 हे मेरे शत्रु, मेरी स्थिति पर आनंद मत मना! यद्यपि मैं गिर गया हूं, पर मैं उठ खड़ा होऊंगा. यद्यपि मैं अंधकार में बैठा हुआ हूं, पर याहवेह मेरी ज्योति होंगे.
لَا تَشْمَتِي بِي يَا عَدُوَّتِي، إِذَا سَقَطْتُ أَقُومُ. إِذَا جَلَسْتُ فِي ٱلظُّلْمَةِ فَٱلرَّبُّ نُورٌ لِي.٨
9 क्योंकि मैंने उनके विरुद्ध पाप किया है, इसलिये मैं तब तक याहवेह के क्रोध सहता रहूंगा, जब तक कि वे मेरा मामला सुनकर मुझे न्याय प्रदान न करें. वही मुझे उस उजियाले में ले आएंगे; और मैं उनकी धार्मिकता को देखूंगा.
أَحْتَمِلُ غَضَبَ ٱلرَّبِّ لِأَنِّي أَخْطَأْتُ إِلَيْهِ، حَتَّى يُقِيمَ دَعْوَايَ وَيُجْرِيَ حَقِّي. سَيُخْرِجُنِي إِلَى ٱلنُّورِ، سَأَنْظُرُ بِرَّهُ.٩
10 तब मेरा शत्रु यह देखेगा और लज्जा से अपना मुंह ढांप लेगा, यह शत्रु वही है, जिसने मुझसे कहा था, “कहां है याहवेह तुम्हारा परमेश्वर?” तब मैं उस शत्रु के पतन को देखूंगा; यहां तक की वह गली के कीचड़ की तरह पैरों तले रौंदा जाएगा.
وَتَرَى عَدُوَّتِي فَيُغَطِّيهَا ٱلْخِزْيُ، ٱلْقَائِلَةُ لِي: «أَيْنَ هُوَ ٱلرَّبُّ إِلَهُكِ؟» عَيْنَايَ سَتَنْظُرَانِ إِلَيْهَا. اَلْآنَ تَصِيرُ لِلدَّوْسِ كَطِينِ ٱلْأَزِقَّةِ.١٠
11 तुम्हारे दीवारों को बनाने का दिन, और तुम्हारी सीमाओं का बढ़ाने का दिन आएगा.
يَوْمَ بِنَاءِ حِيطَانِكِ، ذَلِكَ ٱلْيَوْمَ يَبْعُدُ ٱلْمِيعَادُ.١١
12 उस दिन लोग तुम्हारे पास अश्शूर और मिस्र देश के शहरों से आएंगे, यहां तक कि मिस्र देश से लेकर इफरात नदी तक से, और समुद्र से समुद्र के बीच और पहाड़ से पहाड़ के बीच के देशों से लोग तुम्हारे पास आएंगे.
هُوَ يَوْمٌ يَأْتُونَ إِلَيْكِ مِنْ أَشُّورَ وَمُدُنِ مِصْرَ، وَمِنْ مِصْرَ إِلَى ٱلنَّهْرِ. وَمِنَ ٱلْبَحْرِ إِلَى ٱلْبَحْرِ. وَمِنَ ٱلْجَبَلِ إِلَى ٱلْجَبَلِ.١٢
13 पृथ्वी के निवासियों के कारण, उनके कामों के फलस्वरूप, पृथ्वी उजाड़ और निर्जन हो जाएगी.
وَلَكِنْ تَصِيرُ ٱلْأَرْضُ خَرِبَةً بِسَبَبِ سُكَّانِهَا، مِنْ أَجْلِ ثَمَرِ أَفْعَالِهِمْ.١٣
14 अपने लोगों की रखवाली, अपने उत्तराधिकार में पाये झुंड की रखवाली अपनी लाठी से करना, जो बंजर भूमि में, और उपजाऊ चरागाह में अपने बूते रहते हैं. उन्हें बहुत पहले के समय जैसे बाशान और गिलआद में चरने दो.
اِرْعَ بِعَصَاكَ شَعْبَكَ غَنَمَ مِيرَاثِكَ، سَاكِنَةً وَحْدَهَا فِي وَعْرٍ فِي وَسَطِ ٱلْكَرْمَلِ. لِتَرْعَ فِي بَاشَانَ وَجِلْعَادَ كَأَيَّامِ ٱلْقِدَمِ.١٤
15 “जब तुम मिस्र देश से निकलकर आए, उन दिनों के जैसे, मैं उन्हें आश्चर्यकर्म दिखाऊंगा.”
«كَأَيَّامِ خُرُوجِكَ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ أُرِيهِ عَجَائِبَ».١٥
16 जाति-जाति के लोग यह देखेंगे और अपने शक्ति से वंचित लज्जित होंगे. वे लज्जा के मारे अपना मुंह अपने हाथों से ढंक लेंगे और उनके कान बहरे हो जाएंगे.
يَنْظُرُ ٱلْأُمَمُ وَيَخْجَلُونَ مِنْ كُلِّ بَطْشِهِمْ. يَضَعُونَ أَيْدِيَهُمْ عَلَى أَفْوَاهِهِمْ، وَتَصُمُّ آذَانُهُمْ.١٦
17 वे सांप के समान, और भूमि पर रेंगनेवाले जंतु के समान धूल चाटेंगे. वे अपने मांद से कांपते हुए निकलेंगे; वे याहवेह हमारे परमेश्वर से डरेंगे और तुमसे भयभीत होंगे.
يَلْحَسُونَ ٱلتُّرَابَ كَٱلْحَيَّةِ، كَزَوَاحِفِ ٱلْأَرْضِ. يَخْرُجُونَ بِٱلرِّعْدَةِ مِنْ حُصُونِهِمْ، يَأْتُونَ بِٱلرُّعْبِ إِلَى ٱلرَّبِّ إِلَهِنَا وَيَخَافُونَ مِنْكَ.١٧
18 आपके जैसा और कौन परमेश्वर है, जो अपने निज भाग के बचे हुओं के पापों और अपराधों को क्षमा करते हैं? आपका क्रोध हमेशा के लिये नहीं होता पर आप दया दिखाने में प्रसन्‍न होते हैं.
مَنْ هُوَ إِلَهٌ مِثْلُكَ غَافِرٌ ٱلْإِثْمَ وَصَافِحٌ عَنِ ٱلذَّنْبِ لِبَقِيَّةِ مِيرَاثِهِ! لَا يَحْفَظُ إِلَى ٱلْأَبَدِ غَضَبَهُ، فَإِنَّهُ يُسَرُّ بِٱلرَّأْفَةِ.١٨
19 आप हम पर फिर दया करेंगे; आप अपने पैरों तले हमारे पापों को कुचल देंगे और हमारे दुष्टता के कामों को गहरे समुद्र में फेंक देंगे.
يَعُودُ يَرْحَمُنَا، يَدُوسُ آثَامَنَا، وَتُطْرَحُ فِي أَعْمَاقِ ٱلْبَحْرِ جَمِيعُ خَطَايَاهُمْ.١٩
20 आप उस शपथ के अनुरूप, जो आपने वर्षों पहले हमारे पूर्वजों से की थी, याकोब के लोगों के प्रति विश्वासयोग्य बने रहेंगे, और अब्राहाम के वंशजों को अपना प्रेम दिखाएंगे.
تَصْنَعُ ٱلْأَمَانَةَ لِيَعْقُوبَ وَٱلرَّأْفَةَ لِإِبْرَاهِيمَ، ٱللَّتَيْنِ حَلَفْتَ لِآبَائِنَا مُنْذُ أَيَّامِ ٱلْقِدَمِ.٢٠

< मीका 7 >