< मत्ती 13 >
1 यह घटना उस दिन की है जब येशु घर से बाहर झील के किनारे पर बैठे हुए थे.
ᎾᎯᏳ ᎢᎦ ᏥᏌ ᎤᏄᎪᏨᎩ ᎠᏓᏁᎸᎢ, ᎠᎴ ᎥᏓᎷᎶᏗ ᎤᏪᏅᎩ.
2 एक बड़ी भीड़ उनके चारों ओर इकट्ठा हो गयी. इसलिये वह एक नाव में जा बैठे और भीड़ झील के तट पर रह गयी.
ᎤᏂᏣᏘᏃ ᏴᏫ ᎬᏩᏓᏡᏫᏍᏔᏅᎩ, ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᏥᏳᎯ ᎤᏣᏅᎩ, ᎠᎴ ᎤᏪᏅᎩ. ᏂᎦᏗᏳᏃ ᎾᏍᎩ ᎤᏂᏣᏘ ᎠᎹᏳᎶᏗ ᎠᏂᏙᎾᎥᎩ.
3 उन्होंने भीड़ से दृष्टान्तों में अनेक विषयों पर चर्चा की. येशु ने कहा: “एक किसान बीज बोने के लिए निकला.
ᏕᎤᏬᏁᏔᏅᏃ ᎤᏣᏘ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᏚᏟᎶᏍᏓᏁᎸᎩ; ᎯᎠ ᏄᏪᏒᎩ; ᎬᏂᏳᏉ, ᎠᏫᏍᎩ ᎤᏫᏒᏎᎢ.
4 बीज बोने में कुछ बीज तो मार्ग के किनारे गिरे, जिन्हें पक्षियों ने आकर चुग लिया.
ᎤᏫᏒᏃ ᎢᎦᏛ ᏅᏃᎱᎶᏗ ᎤᎳᎨᏯᏛᏤᎢ, ᏥᏍᏆᏃ ᎤᏂᎷᏤ ᎠᎴ ᎤᏄᏘᏐᏁᎢ.
5 कुछ अन्य बीज पथरीली भूमि पर भी जा गिरे, जहां पर्याप्त मिट्टी नहीं थी. पर्याप्त मिट्टी न होने के कारण वे जल्दी ही अंकुरित भी हो गए.
ᎢᎦᏛᏃ ᏅᏲᎯ ᎨᏒ ᎤᎳᎨᏯᏛᏤᎢ, ᎦᏲᎵ ᎦᏓ ᎦᎳᎨᏴᎢ, ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᎤᎵᏰᏁᎢ, ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎨ ᏌᎨᎢᏳ ᎨᏒ ᎦᏓ.
6 किंतु जब सूर्योदय हुआ, वे झुलस गए और इसलिये कि उन्होंने जड़ें ही नहीं पकड़ी थी, वे मुरझा गए.
ᎠᏎᏃ ᏅᏙ ᏧᎧᎸᏨ ᎤᎴᏴᏎᎢ, ᏂᏚᎿᎭᏍᏕᏢᎾᏃ ᎨᏒ ᎢᏳᏍᏗ ᎤᎿᎭᏍᎬᏤᏉ.
7 कुछ अन्य बीज कंटीली झाड़ियों में जा गिरे और झाड़ियों ने बढ़कर उन्हें दबा दिया.
ᎢᎦᏛᏃ ᎠᏄᎦᎸᎯ ᎤᎳᎨᏯᏛᏤᎢ, ᎠᏄᎦᎸᏃ ᏧᏛᏒ ᎤᏁᏄᎳᏍᏔᏁᎢ.
8 कुछ बीज अच्छी भूमि पर गिरे और फल लाए. यह उपज सौ गुणी, साठ गुणी, तीस गुणी थी.
ᎢᎦᏛᏍᎩᏂ ᎣᏒ ᎦᏙᎯ ᎤᎳᎨᏯᏛᏤᎢ, ᎾᏍᎩᏃ ᎤᎦᏔᏔᏁᎢ, ᎢᎦᏛ ᎠᏍᎪᎯᏧᏈ ᎤᏁᏉᏤᎢ, ᎢᎦᏛᏃ ᏑᏓᎳᏍᎪᎯ ᎤᏁᏉᏤᎢ, ᎢᎦᏛᏃ ᏦᎠᏍᎪᎯ ᎤᏁᏉᏤᎢ.
9 जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले.”
ᎩᎶ ᏕᎦᎷᎨᏍᏗ ᎤᏛᎪᏗᏱ ᏩᏛᎬᎦ.
10 येशु के शिष्यों ने उनके पास आकर उनसे प्रश्न किया, “गुरुवर, आप लोगों को दृष्टान्तों में ही शिक्षा क्यों देते हैं?”
ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯᏃ ᎬᏩᎷᏤᎸ ᎯᎠ ᏂᎬᏩᏪᏎᎸᎩ; ᎦᏙᏃ ᏕᎯᏬᏁᏗᏍᎬ ᏥᏕᎭᏟᎶᏍᏓᏁᎭ?
11 उसके उत्तर में येशु ने कहा, “स्वर्ग-राज्य के रहस्य जानने की क्षमता तुम्हें तो प्रदान की गई है, उन्हें नहीं.
ᎤᏁᏨᏃ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎸᎩ; ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎩᏂ ᏂᎯ ᎡᏥᏁᎸᎯ ᎨᏒ ᎢᏦᎵᏍᏗᏱ ᎤᏕᎵᏛ ᎨᏒ ᎦᎸᎳᏗ ᎡᎯ ᎤᎬ ᏫᏳᎯ ᎨᏒᎢ, Ꮎ-ᏍᎩᏂ ᎥᏝ ᎨᎦᎵᏍᎪᎸᏓᏁᎸᎯ ᏱᎩ.
12 क्योंकि जिस किसी के पास है उसे और अधिक प्रदान किया जाएगा और वह सम्पन्न हो जाएगा किंतु जिसके पास नहीं है उससे वह भी ले लिया जाएगा, जो उसके पास है.
ᎩᎶᏰᏃ ᎤᎮᏍᏗ ᎠᏥᏁᏗ ᎨᏎᏍᏗ, ᎤᏣᏘᏃ ᎤᎮᏍᏗ; ᎩᎶᏍᎩᏂ ᏄᎲᎾ ᎨᏎᏍᏗ ᎠᏥᎩᎡᏗᏉ ᎨᏎᏍᏗ ᎾᏍᎩ ᎾᏍᏉ ᎤᎲᎢ.
13 यही कारण है कि मैं लोगों को दृष्टान्तों में शिक्षा देता हूं: “क्योंकि वे देखते हुए भी कुछ नहीं देखते तथा सुनते हुए भी कुछ नहीं सुनते और न उन्हें इसका अर्थ ही समझ आता है.
ᎾᏍᎩ ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᎭ ᏥᏕᎦᏥᏯᏟᎶᏍᏓᏁᎭ, ᎠᏂᎪᏩᏘᏍᎬᏰᏃ ᎥᏝ ᏱᎾᏛᎩᎭ ᎠᎴ ᎥᏝ ᏱᏃᎵᎦ.
14 उनकी इसी स्थिति के विषय में भविष्यवक्ता यशायाह की यह भविष्यवाणी पूरी हो रही है: “‘तुम सुनते तो रहोगे किंतु समझोगे नहीं; तुम देखते तो रहोगे किंतु तुम्हें कोई ज्ञान न होगा;
ᎠᎴ ᎠᏁᎲ ᎤᏙᎯᏳᏅ ᎢᏌᏯ ᏧᏙᎴᎰᏎᎢ, ᎯᎠ ᏥᏄᏪᏎᎢ; ᎢᏣᏛᎩᏍᎬ ᎢᏣᏛᎩᏍᎨᏍᏗ, ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᏱᏦᎵᎨᏍᏗ; ᎠᎴ ᎢᏥᎪᏩᏘᏍᎬ ᎢᏥᎪᏩᏘᏍᎨᏍᏗ, ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᏱᏣᏙᎴᎰᏍᎨᏍᏗ.
15 क्योंकि इन लोगों का मन-मस्तिष्क मंद पड़ चुका है. वे अपने कानों से ऊंचा ही सुना करते हैं. उन्होंने अपनी आंखें मूंद रखी हैं कि कहीं वे अपनी आंखों से देखने न लगें, कानों से सुनने न लगें तथा अपने हृदय से समझने न लगें और मेरी ओर फिर जाएं कि मैं उन्हें स्वस्थ कर दूं.’
ᎯᎠᏰᏃ ᏴᏫ ᏧᏂᎾᏫ ᏚᎵᏦᎲᏒ, ᎠᎴ ᏓᏂᎵᎷᎬ ᎦᏲᎵᏳ ᏓᏛᎩᎭ, ᎠᎴ ᏗᏂᎦᏙᎵ ᏚᏂᏍᏚᏅ; ᎾᏍᎩ ᏗᏂᎦᏙᎵ ᏗᎬᏩᏂᎪᏩᏛᏙᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗᏱ, ᎠᎴ ᏓᏂᎵᎷᎬ ᏗᎬᏩᎾᏛᎪᏙᏗᏂᎨᏒᎾ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗᏱ, ᎠᎴ ᏧᏂᎾᏫ ᏗᎬᏩᏃᎵᏍᏙᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗᏱ, ᎠᎴ ᏗᎬᏩᎾᏓᏁᏟᏴᎡᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᏚᎾᏓᏅᏛ, ᎠᎴ ᏗᎦᎦᏥᏅᏬᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗᏱ.
16 धन्य हैं तुम्हारी आंखें क्योंकि वे देखती हैं और तुम्हारे कान क्योंकि वे सुनते हैं.
ᏂᎯᏍᎩᏂ ᏗᏥᎦᏙᎵ ᏗᎦᎸᏉᏔᏅᎯ, ᎾᏍᎩᏰᏃ ᏓᎪᏩᏘᎭ, ᎠᎴ ᏕᏥᎵᎷᎬᎢ, ᎾᏍᎩᏰᏃ ᏓᏛᎩᎭ;
17 मैं तुम पर एक सच प्रकट कर रहा हूं: अनेक भविष्यवक्ता और धर्मी व्यक्ति वह देखने की कामना करते रहे, जो तुम देख रहे हो किंतु वे देख न सके तथा वे वह सुनने की कामना करते रहे, जो तुम सुन रहे हो किंतु सुन न सके.
ᎤᏙᎯᏳᎯᏯᏰᏃ ᎯᎠ ᏂᏨᏪᏎᎭ, ᎤᏂᏣᏘ ᎠᎾᏙᎴᎰᏍᎩ ᎠᎴ ᎤᎾᏓᏅᏘ ᎤᎾᏚᎸᏛ ᎤᏥᎪᏩᏛᏗᏱ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏥᏥᎪᏩᏘᎭ, ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᎤᏂᎪᎲᎯ ᏱᎩ; ᎠᎴ ᎤᎾᏛᎪᏗᏱ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏥᏣᏛᎩᎭ, ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᎤᎾᏛᎦᏅᎯ ᏱᎩ.
18 “अब तुम किसान का दृष्टांत सुनो:
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᏂᎯ ᎢᏣᏛᎬᎦ ᏓᏟᎶᏍᏛ ᎠᏫᏍᎩ.
19 जब कोई व्यक्ति राज्य के विषय में सुनता है किंतु उसे समझा नहीं करता, शैतान आता है और वह, जो उसके हृदय में रोपा गया है, झपटकर ले जाता है. यह वह बीज है जो मार्ग के किनारे गिर गया था.
ᎢᏳᏃ ᎩᎶ ᎠᏛᎬᎦ ᎧᏃᎮᏛ ᎦᎸᎳᏗ ᎡᎯ ᎤᎬᎾᏳᎯ ᎨᏒ ᎤᎬᏩᎵ, ᏂᎪᎵᎬᎾᏃ ᏥᎨᏐᎢ, ᎿᎭᏉ ᎤᏁᎫᏥᏛ ᎦᎷᎪᎢ ᎠᎴ ᎤᎩᎡᎰ ᎠᏫᏒ ᎤᎾᏫᏱ. ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᎤᏃᎱᎶᏗ ᏣᏫᏎᎢ.
20 पथरीली भूमि वह व्यक्ति है, जो संदेश को सुनता है तथा तुरंत ही उसे खुशी से अपना लेता है
ᎯᎠᏃ ᎾᏍᎩ ᏅᏲᎯ ᏣᏫᏎᎢ; ᎾᏍᎩ ᏣᏛᎩᏍᎪ ᎧᏃᎮᏛ, ᎠᎴ ᎩᎳᏉ ᎢᏴᏛ ᎤᎵᎮᎵᏨᎯ ᏥᏓᏓᏂᎸᎪᎢ;
21 किंतु इसलिये कि उसकी जड़ है ही नहीं, वह थोड़े दिन के लिए ही उसमें टिक पाता है. जब संदेश के कारण यातनाएं और सताहट प्रारंभ होते हैं, उसका पतन हो जाता है.
ᎠᏎᏃ ᏂᏚᎿᎭᏍᏕᏢᎾᏉ ᎨᏐᎢ, ᎠᎴ ᏞᎦᏉ ᏥᏓᎧᎿᎭᏩᏕᎪᎢ; ᎠᎩᎵᏴᏰᏃ ᎦᎾᏄᎪᎢ ᎠᎴ ᎧᏃᎮᏛ ᏛᎵᏰᎢᎸᏍᏓ ᎠᎦᏕᏯᏙᏓ, ᎩᎳᏉ ᎢᏴᏛ ᏚᏬᏕᎯᎰᎢ.
22 वह भूमि, जहां बीज कंटीली झाड़ियों के बीच गिरा, वह व्यक्ति है जो संदेश को सुनता तो है किंतु संसार की चिंताएं तथा सम्पन्नता का छलावा संदेश को दबा देते हैं और वह बिना फल के रह जाता है. (aiōn )
ᎯᎠᏃ ᎾᏍᏉ ᎠᏄᎦᎸᎯ ᏣᏫᏎᎢ, ᎾᏍᎩ ᏣᏛᎩᏍᎪ ᎧᏃᎮᏛ, ᎡᎶᎯᏃ ᎤᏪᎵᎯᏍᏗ ᎨᏒ ᎠᎴ ᎨᏅᎢᏍᏗ ᎨᏒ ᎤᏓᎵᏓᏍᏛ ᎠᏂᏁᏄᎳᏍᏗᏍᎪ ᎧᏃᎮᏛ, ᎾᏍᎩᏃ ᎾᎦᏔᏛᏍᎬᎾᏉ ᎨᏐᎢ. (aiōn )
23 वह उत्तम भूमि, जिस पर बीज रोपा गया, वह व्यक्ति है, जो संदेश को सुनता है, उसे समझता है तथा वास्तव में फल लाता है—बोये गये बीज के तीस गुणा, साठ गुणा तथा सौ गुणा.”
ᎾᏍᎩᏍᎩᏂ Ꮎ ᎣᏒ ᎦᏙᎯ ᏣᏫᏎᎢ; ᎾᏍᎩ ᏣᏛᎩᏍᎪ ᎧᏃᎮᏛ ᎠᎴ ᏥᎪᎵᎪᎢ, ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᏣᎦᏔᏛᏍᎪᎢ, ᎠᎴ ᏥᎦᎾᏄᎪᏫᏍᎪᎢ, ᎢᎦᏛ ᎠᏍᎪᎯᏧᏈ ᎤᏁᏉᏨᎯ, ᎢᎦᏛᏃ ᏑᏓᎳᏍᎪᎯ, ᎢᎦᏛᏃ ᏦᎠᏍᎪᎯ.
24 येशु ने उनके सामने एक अन्य दृष्टांत प्रस्तुत किया: “स्वर्ग-राज्य की तुलना उस व्यक्ति से की जा सकती है, जिसने अपने खेत में उत्तम बीज का रोपण किया.
ᏅᏩᏓᎴ ᏚᏟᎶᏍᏓᏁᎸᎩ, ᎯᎠ ᏄᏪᏒᎩ; ᎦᎸᎳᏗ ᎡᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎾᏍᎩᏯᏉ ᎠᏍᎦᏯ ᎣᏍᏛ ᎤᎦᏔ ᎤᎶᎨᏒ ᏧᏫᏎᎢ.
25 जब उसके सेवक सो रहे थे, उसका शत्रु आया और गेहूं के बीज के मध्य जंगली बीज रोप कर चला गया.
ᎠᏎᏃ ᏴᏫ ᎤᏂᎵᏅᏨ, ᎤᏍᎦᏯ ᎤᎷᏤ ᎤᏲ ᎤᎦᏔ ᎤᏫᏎ ᎤᏣᎴᏍᏗ ᎠᏫᏒ ᎤᏑᏴᏁᎢ; ᎠᎴ ᎢᎤᏪᏅᏎ.
26 जब गेहूं के अंकुर फूटे और बालें आईं तब जंगली बीज के पौधे भी दिखाई दिए.
ᎿᎭᏉᏃ ᎤᎵᏰᏅ ᎠᎴ ᎤᎦᏔᏔᏅ ᎾᏍᏉ ᎤᏲ ᎤᎾᏄᎪᏤᎢ.
27 “इस पर सेवकों ने आकर अपने स्वामी से पूछा, ‘स्वामी, आपने तो अपने खेत में उत्तम बीज रोपे थे! तो फिर ये जंगली पौधे कहां से आ गए?’
ᎿᎭᏉᏃ ᎠᏍᎦᏯ ᎦᏁᎳ ᏧᏅᏏᏓᏍᏗ ᎬᏩᎷᏤᎴᎢ, ᎯᎠ ᏂᎬᏩᏪᏎᎴᎢ; ᏍᎩᏅᏏᏓᏍᏗ, ᏝᏍᎪ ᎣᏍᏛ ᎤᎦᏔ ᏱᏣᏫᏎ ᏣᎶᎨᏒᎢ? ᎦᏙ ᏗᎦᎵᏍᏙᏓᎭ ᎤᏲ ᏧᏰᎦ?
28 “स्वामी ने उत्तर दिया, ‘यह काम शत्रु का है.’ “तब सेवकों ने उससे पूछा, ‘क्या आप चाहते हैं कि हम इन्हें उखाड़ फेंकें?’
ᎯᎠᏃ ᏂᏚᏪᏎᎴᎢ; ᎩᎶ ᎠᎩᏍᎦᎩ ᎾᏍᎩ ᏄᏛᏁᎸ. ᏧᏅᏏᏓᏍᏗ ᎯᎠ ᏂᎬᏩᏎᎴᎢ; ᏣᏚᎵᏍᎪᏃ ᎣᎩᏰᎯᏒᏍᏗᏱ?
29 “उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, ‘नहीं, ऐसा न हो कि जंगली पौधे उखाड़ते हुए तुम गेहूं भी उखाड़ डालो.
ᎠᏎᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ᎥᏝ, ᎢᏥᏰᎯᏍᎬᏰᏃ ᎤᏲ, ᏱᏕᏥᎿᎭᏍᏕᏢᏓ ᎾᏍᏉ ᎤᏣᎴᏍᏗ.
30 गेहूं तथा जंगली पौधों को कटनी तक साथ साथ बढ़ने दो. उस समय मैं मज़दूरों को आज्ञा दूंगा, जंगली पौधे इकट्ठा कर उनकी पुलियां बांध दो कि उन्हें जला दिया जाए किंतु गेहूं मेरे खलिहान में इकट्ठा कर दो.’”
ᎤᏁᎳᎩ ᎢᎫᎳᎭ ᏫᏓᏛᎯ ᎬᏂ ᎠᎦᏛᎾᏨᎭ; ᎿᎭᏉᏃ ᎠᎦᏛᎾᏨ ᎯᎠ ᏅᏓᎦᏥᏪᏎᎵ ᎠᏂᏍᎫᏕᏍᎩ; ᎢᎬᏱ ᎢᏥᏟᏌ ᎤᏲ, ᎠᎴ ᏗᏦᏛᏣ ᏗᎪᎲᏍᏙᏗ, ᎤᏣᎴᏍᏗᏍᎩᏂ ᎢᏥᏟᏌ ᎠᎩᏍᏆᏂᎪᏙᏗᏱ.
31 येशु ने उनके सामने एक अन्य दृष्टांत प्रस्तुत किया: “स्वर्ग-राज्य एक राई के बीज के समान है, जिसे एक व्यक्ति ने अपने खेत में रोप दिया.
ᏅᏩᏓᎴ ᏚᏟᎶᏍᏓᏁᎸᎩ, ᎯᎠ ᏄᏪᏒᎩ; ᎦᎸᎳᏗ ᎡᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎾᏍᎩᏯᏉ ᎠᏥᎸ ᎤᎦᏔ, ᎠᏍᎦᏯ ᏧᎩᏎ ᎠᎴ ᏧᏫᏎ ᎤᎶᎨᏒᎢ.
32 यह अन्य सभी बीजों की तुलना में छोटा होता है किंतु जब यह पूरा विकसित हुआ तब खेत के सभी पौधों से अधिक बड़ा हो गया और फिर वह बढ़कर एक पेड़ में बदल गया कि आकाश के पक्षी आकर उसकी डालियों में बसेरा करने लगे.”
ᎾᏍᎩ ᎤᏙᎯᏳᏒ ᏥᏬᏓᎪᎾᏛᏗ ᎤᏍᏗᎩᏳ ᎨᏒ ᏂᎦᎥ ᎤᎦᏔ, ᎠᏎᏃ ᎠᏛᎯ ᏥᏬᏓᎪᎾᏛᏗ ᎤᏛᏂᏳ ᎨᏒ ᏂᎦᎥ ᎤᏰᎿᎭᎥᎢ, ᎠᎴ ᏡᎬ ᏥᏂᎦᎵᏍᏗᎭ, ᎾᏍᎩᏃ ᏥᏍᏆ ᏣᏂᎷᎪᎢ, ᏚᏩᏂᎦᎸ ᏣᎾᎭᏗᏍᎪᎢ.
33 येशु ने उनके सामने एक और दृष्टांत प्रस्तुत किया: “स्वर्ग-राज्य खमीर के समान है, जिसे एक स्त्री ने लेकर तीन माप आटे में मिला दिया और होते-होते सारा आटा खमीर बन गया, यद्यपि आटा बड़ी मात्रा में था.”
ᏅᏩᏓᎴ ᏚᏟᎶᏍᏓᏁᎸᎩ, ᎯᎠ ᏄᏬᏒᎩ; ᎦᎸᎳᏗ ᎡᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎾᏍᎩᏯᏉ ᎠᎪᏙᏗ, ᎾᏍᎩ ᎠᎨᏴ ᏧᎩᏎ ᎠᎴ ᏧᏑᏴᏁ ᏦᎢ ᎢᏳᏟᎶᏛ ᎢᏒ ᎦᎸᎢ, ᎬᏂ ᏂᎦᏛ ᎤᎪᏐᏅ.
34 येशु ने ये पूरी शिक्षाएं भीड़ को दृष्टान्तों में दीं. कोई भी शिक्षा ऐसी न थी, जो दृष्टांत में न दी गई
ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏂᎦᏗᏳ ᏥᏌ ᏚᏬᏁᏔᏅᎩ ᎤᏂᏣᏘ ᏚᏟᎶᏍᏓᏁᎸᎩ, ᏂᏓᏟᎶᏍᏓᏁᎲᎾᏃ ᎨᏒ ᎥᏝ ᏱᏚᏬᏁᏔᏁᎢ.
35 कि भविष्यवक्ता द्वारा की गई यह भविष्यवाणी पूरी हो जाए: मैं दृष्टान्तों में वार्तालाप करूंगा, मैं वह सब कहूंगा, जो सृष्टि के आरंभ से गुप्त है.
ᎤᏙᎯᏳᏗᏱ ᎠᏰᎸᏒᎩ ᎠᏙᎴᎰᏍᎩ ᏧᏁᏤᎢ, ᎯᎠ ᏥᏄᏪᏎᎢ; ᏓᏥᏍᏚᎢᏏ ᏥᎣᎵ ᏕᎦᏟᎶᏍᏗᏍᎬᎢ, ᏓᏥᏁᎢᏍᏔᏂ ᎤᏕᎵᏛ ᎠᏍᏆᏂᎪᏛ ᎡᎶᎯ ᏧᏙᏢᏅ ᏅᏓᎬᏩᏓᎴᏅᏛ.
36 जब येशु भीड़ को छोड़कर घर के भीतर चले गए, उनके शिष्यों ने उनके पास आकर उनसे विनती की, “गुरुवर, हमें खेत के जंगली बीज का दृष्टांत समझा दीजिए.”
ᎿᎭᏉᏃ ᏥᏌ ᏚᏰᎵᎯᏍᏔᏅ ᎤᏂᏣᏘ, ᎠᏓᏁᎸ ᏭᏴᎸᎩ; ᎬᏩᏍᏓᏩᏗᏙᎯᏃ ᎬᏩᎷᏤᎸᎩ, ᎯᎠ ᏄᏂᏪᏒᎩ; ᏗᏍᎩᏲᏏᏌᏏ ᏓᏟᎶᏍᏛ ᎤᏲ ᏧᎵᏰᏁ ᏠᎨᏏ.
37 येशु ने दृष्टांत की व्याख्या इस प्रकार की, “अच्छे बीज बोनेवाला मनुष्य का पुत्र है.
ᎤᏁᏨᏃ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎸᎩ; ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎣᏍᏛ ᎤᎦᏔ ᏧᏫᏎᎢ ᎾᏍᎩ ᏴᏫ ᎤᏪᏥ;
38 खेत यह संसार है. अच्छा बीज राज्य की संतान हैं तथा जंगली बीज शैतान की.
ᏠᎨᏏᏃ ᎾᏍᎩ ᎡᎳᏂᎬᎢ; ᎣᏍᏛ ᎤᎦᏔ ᎾᏍᎩ ᎦᎸᎳᏗ ᎡᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎠᏁᎯ; ᎤᏲᏃ ᏧᎵᏰᏁ ᎾᏍᎩ ᎤᏁᎫᏥᏛ ᏧᏪᏥ;
39 शत्रु, जिसने उनको बोया है, शैतान है. कटनी इस युग का अंत तथा काटने के लिए निर्धारित मज़दूर स्वर्गदूत हैं. (aiōn )
ᎠᎦᏍᎩᏃ ᎾᏍᎩ ᏧᏫᏎᎢ, ᎾᏍᎩ ᎠᏍᎩᎾ; ᎤᎦᏛᎾᎢᏍᏗᏱᏃ ᎨᏒ ᎾᏍᎩ ᎠᎵᏍᏆᏛᎭ ᎡᎶᎯ; ᎠᏂᏍᎫᏕᏍᎩᏃ ᎾᏍᎩ ᏗᏂᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯ. (aiōn )
40 “इसलिये ठीक जिस प्रकार जंगली पौधे कटने के बाद आग में भस्म कर दिए जाते हैं, युग के अंत में ऐसा ही होगा. (aiōn )
ᎾᏍᎩᏃ ᎤᏲ ᏣᏂᏟᏏᏍᎪ ᎠᎴ ᏣᎾᎪᎲᏍᏗᏍᎪ ᎠᏥᎸᏱ, ᎾᏍᎩᏯᏍᎩᏂ ᎾᏍᏉ ᏄᏍᏕᏍᏗ ᎠᎵᏍᏆᏛᎭ ᎯᎠ ᎡᎶᎯ. (aiōn )
41 मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों को भेजेगा और वे उसके राज्य में पतन के सभी कारणों तथा कुकर्मियों को इकट्ठा करेंगे और
ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᏙᏓᎦᏅᏏ ᏧᏤᎵ ᏗᏂᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎤᏤᎵᎪᎯ ᏙᏛᏃᏣᎴᏏ ᏂᎦᏛ ᏗᎾᏓᏙᏕᏍᏗᏍᎩ ᎠᎴ ᏂᎦᏛ ᎠᏂᏍᎦᏅᎩ,
42 उन्हें आग कुंड में झोंक देंगे, जहां लगातार रोना तथा दांतों का पीसना होता रहेगा.
ᏗᎪᏢᏒᏃ ᎠᏥᎸᏱ ᏫᏙᏛᎾᏓᎡᏏ; ᎾᎿᎭᏓᏂᏴᎨᏍᏗ ᎠᎴ ᏓᏂᎸᏓᎩᏍᎨᏍᏗ ᏓᏂᏄᏙᎬᎢ.
43 तब धर्मी अपने पिता के राज्य में सूर्य के समान चमकेंगे. जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले.”
ᎿᎭᏉᏃ ᎤᎾᏓᏅᏘ ᎬᏩᏂᏔᎷᎩᏍᎩ ᎨᏎᏍᏗ ᎤᏂᏙᏓ ᎤᏤᎵᎪᎯ, ᏅᏙ ᎾᏍᎩᏯᎢ. ᎩᎶ ᏕᎦᎵᎷᎨᏍᏗ ᎤᏛᎪᏗᏱ ᏩᏛᎬᎦ.
44 “स्वर्ग-राज्य खेत में छिपाए गए उस खजाने के समान है, जिसे एक व्यक्ति ने पाया और दोबारा छिपा दिया. आनंद में उसने अपनी सारी संपत्ति बेचकर उस खेत को मोल ले लिया.
ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᎦᎸᎳᏗ ᎡᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎾᏍᎩᏯᏉ ᏧᎬᏩᎶᏗ ᎤᏕᎵᏛ ᏠᎨᏏ ᏣᎰᎢ, ᎾᏍᎩ ᎢᏳ ᎠᏍᎦᏯ ᎠᏩᏛ, ᏣᏕᎸᏍᎪᎢ, ᎠᎵᎮᎵᎬᏃ ᎢᏳᏍᏘ ᏤᎪᎢ ᏥᏫᎦᎾᏕᎪ ᏂᎦᏛ ᎤᏍᏆᏂᎪᏛᎢ, ᎠᎴ ᏥᏭᏩᏍᎪ ᎾᏍᎩ ᏠᎨᏏ.
45 “स्वर्ग-राज्य उस व्यापारी के समान है, जो अच्छे मोतियों की खोज में था.
ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᎦᎸᎳᏗ ᎡᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎾᏍᎩᏯᏉ ᎦᏃᏗᏍᎩ ᏥᏚᏲᎮ ᏧᏬᏚᎯ ᏓᎬᎾ-ᎢᏳᎾᏍᏗ.
46 एक कीमती मोती मिल जाने पर उसने अपनी सारी संपत्ति बेचकर उस मोती को मोल ले लिया.
ᎾᏍᎩᏃ ᎿᎭᏉ ᎤᏩᏛᎲ ᏌᏉ ᎤᏣᏘ ᏧᎬᏩᎶᏗ ᏓᎬᎾ ᎢᏳᏍᏗ ᎤᏪᏅᏎ ᏭᎾᏗᏅᏎ ᏂᎦᏛ ᎤᏍᏆᏂᎪᏛᎢ, ᎾᏍᎩᏃ ᎤᏩᏎᎢ.
47 “स्वर्ग-राज्य समुद्र में डाले गए उस जाल के समान है, जिसमें सभी प्रजातियों की मछलियां आ जाती हैं.
ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᎦᎸᎳᏗ ᎡᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎾᏍᎩᏯᏉ ᎠᎦᏯᎷᏗ ᏥᏭᎾᏓᎢᏅᏎ ᎠᎺᏉᎯ, ᎠᎴ ᏥᏚᏂᏂᏴᎮ ᎾᏂᎥ ᏧᎾᏓᎴᏅᏛ;
48 जब वह जाल भर गया और खींचकर तट पर लाया गया, उन्होंने बैठकर अच्छी मछलियों को टोकरी में इकट्ठा कर लिया तथा निकम्मी को फेंक दिया.
ᎾᏍᎩᏃ ᎿᎭᏉ ᎤᎧᎵᏨ ᎠᎹᏳᎶᏗ ᎤᏂᎾᏏᏃᎴᎢ, ᎠᎴ ᎤᎾᏅᏁᎢ, ᎠᏃᏍᏛᏃ ᏗᏖᎵᏙ ᏚᏂᎸᏔᏁᎢ, ᎤᏂᏲᏃ ᏚᎾᏓᎢᏅᏎᎢ.
49 युग के अंत में ऐसा ही होगा. स्वर्गदूत आएंगे और दुष्टों को धर्मियों के मध्य से निकालकर अलग करेंगे (aiōn )
ᎾᏍᎩᏍᎩᏂ ᏄᏍᏕᏍᏗ ᎡᎶᎯ ᎠᎵᏍᏆᏛᎭ; ᏗᏂᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯ ᏛᏂᎷᏥ, ᏙᏛᎾᎦᎴᏅᏔᏂ ᎤᏂᏁᎫᏥᏛ ᎠᎴ ᎤᎾᏓᏅᏘ; (aiōn )
50 तथा उन्हें आग के कुंड में झोंक देंगे, जहां रोना तथा दांतों का पीसना होता रहेगा.
ᎤᏂᏁᎫᏥᏛᏃ ᏫᏙᏛᎾᏓᎡᏏ ᏗᎪᏢᏒ ᎠᏥᎸᏱ, ᎾᎿᎭᏓᏂᏴᎨᏍᏗ ᎠᎴ ᏓᏂᎸᏓᎩᏍᎨᏍᏗ ᏓᏂᏄᏙᎬᎢ.
51 “क्या तुम्हें अब यह सब समझ आया?” उन्होंने उत्तर दिया. “जी हां, प्रभु.”
ᏥᏌᏃ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎸᎩ; ᎢᏦᎵᎩᏧ ᏂᎦᏛ ᎯᎠ? ᎥᎥ, ᏣᎬᏫᏳᎯ, ᎥᎬᏬᏎᎸᎩ.
52 येशु ने उनसे कहा, “यही कारण है कि व्यवस्था का हर एक शिक्षक, जो स्वर्ग-राज्य के विषय में प्रशिक्षित किया जा चुका है, परिवार के प्रधान के समान है, जो अपने भंडार से नई और पुरानी हर एक वस्तु को निकाल लाता है.”
ᎿᎭᏉᏃ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎸᎩ; ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎩᎶ ᏗᎪᏪᎵᏍᎩ ᎦᎸᎳᏗ ᎡᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᎤᎬᏩᎵ ᎠᎨᏲᏅᎯ ᏥᎨᏐᎢ, ᎾᏍᎩᏯᏉ ᎠᏍᎦᏯ ᎦᏁᎳ ᏥᏙᏗᎦᎾᏄᎪᏫᏍᎪ ᏧᎬᏩᎶᏗ ᎤᏍᏆᏂᎪᏛ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᏗᏤ ᎠᎴ ᏧᏪᏘ.
53 दृष्टान्तों में अपनी शिक्षा दे चुकने पर येशु उस स्थान से चले गए.
ᎯᎠᏃ ᏄᎵᏍᏔᏅᎩ, ᎿᎭᏉ ᏥᏌ ᎤᏍᏆᏛ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᏓᏟᎶᏍᏗᏍᎬᎢ, ᎤᏂᎩᏒᎩ.
54 तब येशु अपने गृहनगर में आए और वहां वह यहूदी सभागृह में लोगों को शिक्षा देने लगे. इस पर वे चकित होकर आपस में कहने लगे, “इस व्यक्ति को यह ज्ञान तथा इन अद्भुत कामों का सामर्थ्य कैसे प्राप्त हो गया?
ᎿᎭᏉᏃ ᎤᏩᏒ ᎤᏤᎵᎪᎯ ᎤᎷᏨ ᏧᏂᎳᏫᎢᏍᏗᏱ ᏚᏪᏲᏅᎩ; ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏒᎩ, ᎠᎴ ᎯᎠ ᏄᏂᏪᏒᎩ; ᎦᏙ ᎤᎵᏍᏙᏔᏅ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᎠᏍᎦᏯ ᏣᎦᏔ ᎿᎭᎠ ᎠᎴ ᎤᏍᏆᏂᎪᏗ ᏥᏚᎸᏫᏍᏓᏁᎭ?
55 क्या यह उस बढ़ई का पुत्र नहीं? और क्या इसकी माता का नाम मरियम नहीं और क्या याकोब, योसेफ़, शिमओन और यहूदाह इसके भाई नहीं?
ᎯᎠᎧᏂ ᏗᏁᏍᎨᏍᎩ ᎤᏪᏥ, ᎺᎵᎧᏂ ᎤᏥ, ᎠᎴᎧᏂ ᎠᎾᎵᏅᏟ ᏥᎻ, ᎠᎴ ᏦᏏ ᎠᎴ ᏌᏩᏂ ᎠᎴ ᏧᏓᏏ?
56 और क्या इसकी बहनें हमारे बीच नहीं? तब इसे ये सब कैसे प्राप्त हो गया?”
ᎠᎴᎧᏂ ᏧᏙ ᏂᎦᏛ ᎡᏍᎦᏂ ᏣᏁᎭ? ᎦᏙᏃ ᎤᎵᏍᏙᏔᏅ ᎯᎠ ᏂᎦᏛ ᏧᏪᎭ?
57 वे येशु के प्रति क्रोध से भर गए. इस पर येशु ने उनसे कहा, “अपने गृहनगर और परिवार के अलावा भविष्यवक्ता कहीं भी अपमानित नहीं होता.”
ᎥᎬᏩᎪᏁᎶᎯᏎᎸᎩᏃ; ᎠᏎᏃ ᏥᏌ ᎯᎠ ᏂᏚᏪᏎᎸᎩ; ᎠᏙᎴᎰᏍᎩ ᎥᏝ ᎾᏥᎸᏉᏛᎾ ᏱᎨᏐᎢ, ᎤᏩᏒᏍᎩᏂᏃᏅ ᎤᏤᎵᎪᎯ ᎠᎴ ᎤᏩᏒ ᎦᏁᎸᎢ.
58 लोगों के अविश्वास के कारण येशु ने उस नगर में अधिक अद्भुत काम नहीं किए.
ᎥᏝᏃ ᏳᏣᏖ ᎤᏍᏆᏂᎪᏗ ᎾᎿᎭᏱᏚᎸᏫᏍᏓᏁᎴᎢ, ᎾᏃᎯᏳᎲᏍᎨᎾ ᎨᏒ ᏅᏓᎦᎵᏍᏙᏗᏍᎬᎩ.