< लूका 1 >

1 अनेक व्यक्तियों ने उन घटनाओं को लिखकर इकट्ठा करने का कार्य किया है, जो हमारे बीच में घटी.
ᎾᏍᎩᏃ ᎠᏂᎪᏗᏳ ᏧᎾᏁᎶᏔᏅ ᎬᏂᎨᏒ ᎢᏳᏅᏁᏗᏱ ᎧᏃᎲᏍᎩ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᏄᎵᏍᏔᏂᏙᎸ ᎾᏍᎩ ᎤᏙᎯᏳᎯᏯ ᏦᎪᎯᏳᎭ,
2 ये सबूत हमें उनसे प्राप्‍त हुए हैं, जो प्रारंभ ही से इनके प्रत्यक्षदर्शी और परमेश्वर के वचन के सेवक रहे.
ᎾᏍᎩᏯ ᏂᎪᎩᏪᏎᎸ ᎾᏍᎩ ᏗᏓᎴᏂᏍᎬ ᏅᏓᎬᏩᏓᎴᏅᏛ ᎤᏅᏒ ᎤᏂᎪᎯᏙᎸᎯ, ᎠᎴ ᎧᏃᎮᏛ ᎤᎾᎵᏥᏙᏅᎯ ᎨᏒᎢ —
3 मैंने स्वयं हर एक घटनाओं की शुरुआत से सावधानीपूर्वक जांच की है. इसलिये परम सम्मान्य थियोफ़िलॉस महोदय, मुझे भी यह उचित लगा कि आपके लिए मैं यह सब क्रम के अनुसार लिखूं
ᎾᏍᏉ ᎠᏴ ᎣᏏᏳ ᎠᎩᏰᎸᏅ ᏫᎬᏲᏪᎳᏁᏗᏱ ᎣᏍᏛ ᎠᎩᏰᎢᎸᏍᏗᏱ, ᏂᎯ ᎡᏣᎸᏉᏗ ᏗᎣᏈᎵ, ᎠᎩᏍᏆᏂᏰᏛᏰᏃ ᏂᎦᏛ ᎯᎠ ᏧᏓᎴᏅᏛ ᏗᏓᎴᏂᏍᎬ ᏅᏓᎬᏩᏓᎴᏅᏛ,
4 कि जो शिक्षाएं आपको दी गई हैं, आप उनकी विश्वसनीयता को जान लें.
ᎾᏍᎩ ᏣᎦᏙᎥᎯᏍᏗᏱ ᎤᏙᎯᏳᎯᏯ ᎨᏒ ᎾᏍᎩ ᎾᎿᎭᏧᏓᎴᏅᏛ ᎡᏤᏲᏅᎢ.
5 यहूदिया प्रदेश के राजा हेरोदेस के शासनकाल में अबीयाह दल के एक पुरोहित थे, जिनका नाम ज़करयाह था. उनकी पत्नी का नाम एलिज़ाबेथ था, जो हारोन की वंशज थी.
ᎾᎯᏳ ᎡᎶᏛ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏎ ᏧᏗᏱ, ᎩᎶ ᎢᏳᏍᏗ ᎡᎮ ᎠᏥᎸ-ᎨᎶᎯ ᏤᎦᎳᏯ ᏧᏙᎢᏛ, ᎾᏍᎩ ᎡᏆᏯ ᎠᎦᏘᏅᏔᏅ ᎨᎳ ᎨᏎᎢ, ᎤᏓᎵᎢᏃ ᎡᎳᏂ ᏧᏪᏥᏛᎯ ᎨᏒ ᏅᏓᏳᏓᎴᏅᎯ ᎨᏎᎢ, ᎠᎴ ᎵᏏ ᏚᏙᎡᎢ.
6 वे दोनों ही परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी तथा प्रभु के सभी आदेशों और नियमों के पालन में दोषहीन थे.
ᎠᎴ ᎢᏧᎳ ᏚᏳᎪᏛ ᏧᏂᎸᏫᏍᏓᏁᎯ ᎨᏎ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏙᏗᎧᏅᎢ, ᏓᏂᎧᎿᎭᏩᏗᏎ ᏂᎦᏛ ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗ ᎠᎴ ᎤᎵᏁᏨ ᎢᏯᏛᏁᎵᏓᏍᏗ ᎨᏒ ᏱᎰᏩ ᏧᏤᎵᎦ, ᎤᏐᏅ ᏂᎨᏥᎳᎾᏎᎲᎾ.
7 उनकी कोई संतान न थी क्योंकि एलिज़ाबेथ बांझ थी और वे दोनों ही अब बूढ़े हो चुके थे.
ᎠᎴ ᏁᎲᎾ ᎨᏎ ᎤᏁᏥ, ᎵᏏᏰᏃ ᎥᏝ ᏱᏓᎷᎸᎥᏍᎨᎢ, ᎠᎴ ᎢᏧᎳ ᎿᎭᏉ ᎠᏂᎦᏴᎵᎨ ᎨᏎᎢ.
8 अपने दल की बारी के अनुसार जब ज़करयाह एक दिन परमेश्वर के सामने अपनी पुरोहित सेवा भेंट कर रहे थे,
ᎯᎠᏃ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ, ᎾᏍᎩ ᎠᏥᎸᎨᎶᎯ ᏧᎸᏫᏍᏓᏁᏗ ᎨᏒ ᏚᎸᏫᏍᏓᏁᎮ ᎤᎮᎳᏅᎯ ᎠᎦᏔᎲᎢ, ᎾᎯᏳ ᎤᎵᏱᎶᎸ ᏧᏂᎸᏫᏍᏓᏁᏗᏱ ᎾᎿᎭᎨᎸᎢ,
9 उन्हें पुरोहितों की रीति के अनुसार पर्ची द्वारा चुनाव कर प्रभु के मंदिर में प्रवेश करने और धूप जलाने का काम सौंपा गया था.
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᎾᏛᏁᏗ ᎨᏒ ᎠᏥᎸᎠᏁᎶᎯ, ᎾᏍᎩ ᎤᏩᏙᏗ ᏂᎦᎵᏍᏗᏍᎨ ᎠᏜᏓᎦᏩᏒᎩ ᎾᎯᏳ ᏩᏴᎭ ᏱᎰᏩ ᎤᏤᎵ ᎤᏛᏅ-ᏗᎦᎳᏫᎢᏍᏗᏱ.
10 धूप जलाने के समय बाहर सभी लोगों का विशाल समूह प्रार्थना कर रहा था.
ᎤᏂᏣᏘᏃ ᏴᏫ ᏙᏱᏗᏢ ᎠᎾᏓᏙᎵᏍᏗᏍᎨ ᎾᎯᏳ ᎠᏜᏓᎦᏩᏒᎩ ᎬᏙᏗᏱ ᎤᏍᏆᎸᎲ.
11 तभी ज़करयाह के सामने प्रभु का एक दूत प्रकट हुआ, जो धूप वेदी की दायीं ओर खड़ा था.
ᏱᎰᏩᏃ ᎤᏤᎵ ᏗᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯ ᎬᏂᎨᏒ ᏄᏛᏁᎴ ᎦᏙᎨ ᎠᎦᏘᏏᏗᏢ ᎦᏩᏒᎩ ᎬᏙᏗᏱ ᎪᏢᏒᎢ.
12 स्वर्गदूत को देख ज़करयाह चौंक पड़े और भयभीत हो गए
ᏤᎦᎳᏯᏃ ᎤᎪᎲ, ᎤᏕᏯᏔᏁᎴ ᎠᎴ ᎤᏍᎦᎴᎢ.
13 किंतु उस स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “मत डरो, ज़करयाह! तुम्हारी प्रार्थना सुन ली गई है. तुम्हारी पत्नी एलिज़ाबेथ एक पुत्र जनेगी. तुम उसका नाम योहन रखना.
ᎠᏎᏃ ᏗᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᏤᎦᎳᏯ ᏞᏍᏗ ᏣᏍᎦᎸᎩ; ᎭᏓᏙᎵᏍᏗᏍᎬᏰᏃ ᎡᏣᏛᎦᏁᎸ; ᎠᎴ ᏣᏓᎵᎢ ᎵᏏ ᏓᏣᎾᏄᎪᏫᏎᎵ ᏤᏥ ᎠᏧᏣ, ᏣᏂᏃ ᏕᎯᏲᎥᎭ.
14 तुम आनंदित और प्रसन्‍न होंगे तथा अनेक उसके जन्म के कारण आनंद मनाएंगे.
ᎠᎴ ᎭᎵᎮᎵᎨᏍᏗ ᎠᎴ ᎣᏍᏛ ᏣᏰᎸᏎᏍᏗ; ᎠᎴ ᎤᏂᏣᏘ ᎠᎾᎵᎮᎵᎨᏍᏗ ᎤᏕᏅ ᎢᏳᏍᏗ.
15 यह बालक प्रभु की दृष्टि में महान होगा. वह दाखरस और मदिरा का सेवन कभी न करेगा तथा माता के गर्भ से ही पवित्र आत्मा से भरा हुआ होगा.
ᎠᎴ ᎠᏥᎸᏉᏗᏳ ᎨᏎᏍᏗ ᏱᎰᏩ ᏙᏗᎧᏅᎢ, ᎥᏝ ᎠᎴ ᎤᏗᏔᏍᏗ ᏱᎨᏎᏍᏗ ᎩᎦᎨ-ᎠᏗᏔᏍᏗ ᎠᎴ ᎠᏓᏴᏍᏕᏍᏗᏍᎩ; ᎠᎴ ᎤᎧᎵᏨᎯ ᎨᏎᏍᏗ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎠᏓᏅᏙ, ᎤᏥ ᎤᎾᏅᎪᏫᏒ ᎤᏓᎬᏩᏓᎴᏅᏛ.
16 वह इस्राएल के वंशजों में से अनेकों को प्रभु—उनके परमेश्वर—की ओर लौटा ले आएगा.
ᎠᎴ ᎤᏂᏣᏘ ᎢᏏᎵ ᏧᏪᏥ ᏙᏛᎪᎸᏏ ᏱᎰᏩ ᎤᎾᏁᎳᏅᎯ ᎢᏗᏢ ᏙᏛᎦᏔᎲᏍᏔᏂ.
17 वह एलियाह की आत्मा और सामर्थ्य में प्रभु के आगे चलनेवाला बनकर पिताओं के हृदय संतानों की ओर तथा अनाज्ञाकारियों को धर्मी के ज्ञान की ओर फेरेगा कि एक राष्ट्र को प्रभु के लिए तैयार करें.”
ᎠᎴ ᎢᎬᏱ ᏓᏳᏪᏅᎡᎵ [ ᎤᎬᏫᏳᎯ ] ᎢᎳᏯ ᎾᏍᎩᏯ ᎨᏎᏍᏗ ᎤᏓᏅᏙᎩ ᎠᎴ ᎤᎵᏂᎩᏗᏳ ᎨᏒᎢ, ᏧᎦᏔᎲᏍᏗᏱ ᏧᏂᎾᏫ ᎠᏂᎦᏴᎵᎨᎢ ᏗᏂᏲᎵ ᎢᏗᏢ ᏫᏚᎦᏔᎲᏍᏙᏗᏱ, ᎠᎴ ᏄᏃᎯᏳᏒᎾ ᏧᎦᏔᎲᏍᏗᏱ ᎤᎾᏓᏅᏘ ᎠᏂᎦᏔᎿᎭᎥ ᎢᏗᏢ ᏫᏚᎦᏔᎲᏍᏙᏗᏱ; ᏧᏛᏅᎢᏍᏙᏗᏱ ᏴᏫ, ᎤᎬᏫᏳᎯ ᏧᏛᏅᎢᏍᏓᏁᏗᏱ.
18 ज़करयाह ने स्वर्गदूत से प्रश्न किया, “मैं कैसे विश्वास करूं—क्योंकि मैं ठहरा एक बूढ़ा व्यक्ति और मेरी पत्नी की आयु भी ढल चुकी है?”
ᏤᎦᎳᏯᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴ ᏗᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯ, ᎦᏙᏃ ᎠᏆᏙᎴᎰᎯᏍᏙᏗ ᎨᏎᏍᏗ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ? ᎠᏆᏛᏐᏅᎯᏰᏃ, ᎠᎴ ᎠᏆᏓᎵᎢ ᎿᎭᏉ ᎠᎦᏴᎵᎨᎢ.
19 स्वर्गदूत ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं गब्रिएल हूं. मैं नित परमेश्वर की उपस्थिति में रहता हूं. मुझे तुम्हें यह बताने और इस शुभ समाचार की घोषणा करने के लिए ही भेजा गया है.
ᏗᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯᏃ ᎤᏁᏨ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎠᏴ ᎨᏈᎵ, ᏥᏥᏙᎪ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎠᎦᏔᎲᎢ; ᎠᎴ ᏨᎩᏅᏒ ᎬᏯᎵᏃᎮᏙᏗᏱ, ᎠᎴ ᎬᎾᏄᎪᏫᏎᏗᏱ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᎣᏍᏛ ᎧᏃᎮᏛ.
20 और सुनो! जब तक मेरी ये बातें पूरी न हो जाए, तब तक के लिए तुम गूंगे हो जाओगे, बोलने में असमर्थ, क्योंकि तुमने मेरे वचनों पर विश्वास नहीं किया, जिसका नियत समय पर पूरा होना निश्चित है.”
ᎠᎴ ᎬᏂᏳᏉ ᏨᎨᏫ ᎨᏎᏍᏗ, ᎠᎴ ᎨᏣᏁᎢᏍᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏎᏍᏗ ᎬᏂ ᎾᎯᏳ ᎢᎦ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏂᎦᎵᏍᏔᏅᎭ, ᏅᏗᎦᎵᏍᏙᏗᎭ ᏂᏦᎯᏳᏅᎾ ᎨᏒ ᏥᏁᎬᎢ, ᎾᏍᎩ ᎠᏎ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗ ᏥᎩ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗᏱ ᎠᏍᏆᎸᎲᎭ.
21 बाहर ज़करयाह का इंतजार कर रहे लोग असमंजस में पड़ गए कि उन्हें मंदिर में इतनी देर क्यों हो रही है.
ᏴᏫᏃ ᎬᏩᎦᏘᏰ ᏤᎦᎳᏯ, ᎠᎴ ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏍᎨ ᎪᎯᏗᏳ ᏩᏯᎥ ᎤᏛᏅᏗᎦᎳᏫᎢᏍᏗᏱ.
22 जब ज़करयाह बाहर आए, वह उनसे बातें करने में असमर्थ रहे. इसलिये वे समझ गए कि ज़करयाह को मंदिर में कोई दर्शन प्राप्‍त हुआ है. वह उनसे संकेतों द्वारा बातचीत करते रहे और मौन बने रहे.
ᏧᏄᎪᏨᏃ ᎥᏝ ᏗᎬᏩᎵᏃᎮᏙᏗ ᏱᎨᏎᎢ; ᎤᎾᏙᎴᎰᏎᏃ ᎤᏁᎳᏫᏎᎸ ᏩᏯᎥ ᎤᏛᏅ-ᏗᎦᎳᏫᎢᏍᏗᏱ. ᏓᏁᎶᏓᏁᎮᏃ ᎠᎴ ᏅᏩᏍᏕᏉ ᎤᏩᎨᏫ ᎨᏎᎢ.
23 अपने पुरोहित सेवाकाल की समाप्‍ति पर ज़करयाह घर लौट गए.
ᎠᎴ ᎯᎠ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ, ᎾᏍᎩ ᎿᎭᏉ ᎤᏍᏆᏛ ᎠᏎᎸᎯ ᎨᏒ ᎢᎪᎯᏛ ᏧᎸᏫᏍᏓᏁᏗᏱ, ᎤᏪᏅᏎ ᏧᏪᏅᏒᎢ.
24 उनकी पत्नी एलिज़ाबेथ ने गर्भधारण किया और यह कहते हुए पांच माह तक अकेले में रहीं,
ᎣᏂᏃ ᎢᏴᏛ ᎤᏓᎵᎢ ᎵᏏ ᎤᏁᎵᏤᎢ, ᎠᎴ ᎤᏗᏍᎦᎳᏁ ᎯᏍᎩ ᎢᏯᏅᏙ, ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ,
25 “प्रभु ने मुझ पर यह कृपादृष्टि की है और समूह में मेरी लज्जित स्थिति से मुझे उबार लिया है.”
ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᎾᏆᏛᏁᎸ ᏱᎰᏩ ᎾᎯᏳ ᎢᎦ ᏕᎠᏆᎧᎿᎭᏅ, ᎠᎩᎲᎡᏗᏱ ᎤᏕᎰᎯᏍᏗ ᎥᏆᏓᏅᏖᏗᏱ ᏴᏫ ᎠᏁᎲᎢ.
26 छठे माह में स्वर्गदूत गब्रिएल को परमेश्वर द्वारा गलील प्रदेश के नाज़रेथ नामक नगर में
ᏑᏓᎵᏁᏃ ᎧᎸᎢ ᏗᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯ ᎨᏈᎵ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏅᏓᏳᏅᏏᏛ ᎤᎷᏤ ᎦᏚᎲ ᎨᎵᎵ ᎾᏎᎵᏗ ᏧᏙᎢᏛ,
27 एक कुंवारी कन्या के पास भेजा गया, जिसका विवाह योसेफ़ नामक एक पुरुष से होना निश्चित हुआ था. योसेफ़, राजा दावीद के वंशज थे. कन्या का नाम था मरियम.
ᎤᎷᏤᎴ ᎠᏛ ᎾᏍᎩ ᏦᏩ ᏧᏙᎢᏛ ᎠᏍᎦᏯ ᎤᏓᏴᏍᏗ, ᎾᏍᎩ ᏕᏫ ᎤᏁᏢᏔᏅᏛ ᏅᏓᏳᏓᎴᏅᎯ ᎨᏎᎢ; ᎾᏍᎩᏃ ᎠᏛ ᎺᎵ ᏧᏙᎢᏛ ᎨᏎᎢ.
28 मरियम को संबोधित करते हुए स्वर्गदूत ने कहा, “प्रभु की कृपापात्री, नमस्कार! प्रभु आपके साथ हैं.”
ᏗᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯᏃ ᎤᎷᏤᎸ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ᎬᏲᎵᎦ ᏂᎯ ᎡᏣᎸᏉᏔᏅᎯ, ᏱᎰᏩ ᏫᏗᏣᎧᎿᎭᏩᏗᏓ; ᎠᏂᎨᏴ ᎠᏁᎲ ᏂᎯ ᏭᏓᎪᎾᏛᏗ ᎣᏏᏳ ᎢᏣᎵᏍᏓᏁᏗ.
29 इस कथन को सुन वह बहुत ही घबरा गईं कि इस प्रकार के नमस्कार का क्या अर्थ हो सकता है.
ᎤᎪᎲᏃ ᎤᏕᏯᏔᏁᎴ ᎾᏍᎩ ᏄᏪᏎᎸᎢ, ᎠᎴ ᎤᏓᏅᏖᎴ ᏄᏍᏛ ᎤᏰᎸᏛ ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᎤᏲᎵᎸᎢ.
30 स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “मत डरिए, मरियम! क्योंकि आप परमेश्वर की कृपा की पात्र हैं.
ᏗᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎺᎵ ᏞᏍᏗ ᏣᏍᎦᎸᎩ; ᎤᏁᎳᏅᎯᏰᏃ ᎣᏍᏛ ᏣᏰᎸᏗ ᎨᏒ ᏣᏩᏛᎲ.
31 सुनिए! आप गर्भधारण कर एक पुत्र को जन्म देंगी. आप उनका नाम येशु रखें.
ᎠᎴ ᎬᏂᏳᏉ ᏘᏁᎵᏥ, ᎠᎴ ᏘᎾᏄᎪᏫᏏ ᎠᏧᏣ, ᎠᎴ ᏥᏌ ᏙᏘᏲᎢ.
32 वह महान होंगे. परम प्रधान के पुत्र कहलाएंगे और प्रभु परमेश्वर उन्हें उनके पूर्वज दावीद का सिंहासन सौंपेंगे,
ᎠᏥᎸᏉᏗᏳ ᎨᏎᏍᏗ ᎾᏍᎩ, ᎠᎴ ᏩᏍᏛ ᎦᎸᎳᏗᏳ ᎡᎯ ᎤᏪᏥ ᎠᎪᏎᎮᏍᏗ; ᏱᎰᏩᏃ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏓᏳᏁᎵ ᎤᏙᏓ ᏕᏫ ᎤᏪᏍᎩᎸᎢ.
33 वह याकोब के वंश पर हमेशा के लिए राज्य करेंगे तथा उनके राज्य का अंत कभी न होगा.” (aiōn g165)
ᎠᎴ ᏫᎾᏍᏛᎾ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏎᏍᏗ ᏤᎦᏈ ᎤᏁᏢᏔᏅᏛ ᎨᏒ ᎠᏁᎲᎢ; ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎨᏒ ᏭᏍᏗᏥᎯᏍᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏎᏍᏗ. (aiōn g165)
34 मरियम ने स्वर्गदूत से प्रश्न किया, “यह कैसे संभव होगा क्योंकि मैं तो कुंवारी हूं?”
ᎺᎵᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴ ᏗᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯ; ᎦᏙ ᏱᎦᎵᏍᏙᏓ ᎾᏍᎩ ᏱᏂᎦᎵᏍᏓ, ᏂᏥᎦᏔᎲᎾᏃ ᏥᎩ ᎠᏍᎦᏯ?
35 स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा आप पर उतरेंगे तथा परम प्रधान का सामर्थ्य आप पर छाया करेगा. इसलिये जो जन्म लेंगे, वह पवित्र और परमेश्वर-पुत्र कहलाएंगे.
ᏗᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯᏃ ᎤᏁᏨ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎠᏓᏅᏙ ᏓᏣᎷᏤᎵ ᎠᎴ ᎤᎵᏂᎩᏗᏳ ᎨᏒ ᏩᏍᏛ ᎦᎸᎳᏗᏳ ᎡᎯ ᏓᏣᏓᏩᏗᏍᏙᏔᏂ; ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎾᏍᏉ ᎾᏍᎩ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᏨᏓᏣᏕᏁᎵ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏪᏥ ᎠᎪᏎᎮᏍᏗ.
36 और यह भी सुनिए आपकी परिजन एलिज़ाबेथ ने अपनी वृद्धावस्था में एक पुत्र गर्भधारण किया है. वह, जो बांझ कहलाती थी, उन्हें छः माह का गर्भ है.
ᎠᎴ ᎬᏂᏳᏉ ᎢᏍᏗᏠᏱ ᎵᏏ ᎾᏍᏉ ᎠᏧᏣ ᎤᏁᎵᏨ ᎿᎭᏉ ᎠᎦᏴᎵᎨ ᎨᏒᎢ; ᎠᎴ ᎪᎯ ᏥᎩ ᎿᎭᏉ ᏑᏓᎵᏁ ᎧᎳ ᎬᏩᏁᎵᏨᎯ ᎾᏍᎩ ᏗᎷᎸᎥᏍᎩ ᏂᎨᏒᎾ ᏣᎪᏎᎲᎩ.
37 परमेश्वर के लिए असंभव कुछ भी नहीं.”
ᎤᏁᎳᏅᎯᏰᏃ ᎥᏝ ᎪᎱᏍᏗ ᎤᏄᎸᏗ ᏱᎨᏎᏍᏗ.
38 मरियम ने कहा, “देखिए, मैं प्रभु की दासी हूं. मेरे लिए वही सब हो, जैसा आपने कहा है.” तब वह स्वर्गदूत उनके पास से चला गया.
ᎺᎵᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ᎬᏂᏳᏉ ᎠᏉ ᎤᏅᏏᏓᏍᏗ ᎠᎨᏴ; ᏱᎰᏩ ᎾᏍᎩᏯ ᏂᏣᏪᏒ ᏫᎾᏆᎵᏍᏓᏏ. ᏗᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯᏃ ᎤᏓᏅᎡᎴᎢ.
39 मरियम तुरंत यहूदिया प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र के एक नगर को चली गईं.
ᎺᎵᏃ ᎾᎯᏳ ᏚᎴᏁᎢ, ᎤᏩᏅᏤ ᎣᏓᎵ ᎨᏒ ᏭᎶᏎᎢ, ᏧᏗᏱ ᎦᏚᎲ ᏭᎷᏤᎢ;
40 वहां उन्होंने ज़करयाह के घर पर जाकर एलिज़ाबेथ को नमस्कार किया.
ᎠᎴ ᏭᏴᎴ ᏤᎦᎳᏯ ᎦᏁᎸᎢ, ᎠᎴ ᎤᏲᎵᎴ ᎵᏏ
41 जैसे ही एलिज़ाबेथ ने मरियम का नमस्कार सुना, उनके गर्भ में शिशु उछल पड़ा और एलिज़ाबेथ पवित्र आत्मा से भर गईं.
ᎯᎠᏃ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ, ᎾᏍᎩ ᎵᏏ ᎤᏛᎦᏅ ᎺᎵ ᎤᏲᎵᎲᎢ, ᎠᏲᎵ ᎦᏁᎵᏒ ᎤᎵᏖᎸᏁᎢ; ᎠᎴ ᎵᏏ ᎤᎧᎵᏤ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎠᏓᏅᏙ,
42 वह उल्‍लसित शब्द में बोल उठी, “तुम सभी नारियों में धन्य हो और धन्य है तुम्हारे गर्भ का फल!
ᎠᎴ ᎠᏍᏓᏯ ᎤᏁᏤᎢ, ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ᎠᏂᎨᏴ ᎠᏁᎲ ᏂᎯ ᏭᏓᎪᎾᏛᏗ ᎡᏣᎸᏉᏗᏳ; ᎠᎴ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎾᏍᎩ ᏂᎯ ᏨᏘᎾᏄᎪᏫᏏ.
43 मुझ पर यह कैसी कृपादृष्टि हुई है, जो मेरे प्रभु की माता मुझसे भेंट करने आई हैं!
ᎦᏙᏃ ᏓᎦᎵᏍᏙᏓ ᎠᏴ ᎾᏍᎩ ᏥᎾᏆᎵᏍᏓᏏ, ᎾᏍᎩ ᎠᏆᏤᎵ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎤᏥ ᏣᎩᎷᏥᏏ?
44 देखो तो, जैसे ही तुम्हारा नमस्कार मेरे कानों में पड़ा, हर्षोल्लास से मेरे गर्भ में शिशु उछल पड़ा.
ᎬᏂᏳᏉᏰᏃ ᎠᏆᏛᎦᏅᏉ ᎯᏁᎬ ᏍᎩᏲᎵᎲᎢ, ᎠᏲᎵ ᏥᏁᎵᏒ ᎤᎵᏖᎸᏅ ᎠᎵᎮᎵᎬᎢ.
45 धन्य है वह, जिसने प्रभु द्वारा कही हुई बातों के पूरा होने का विश्वास किया है!”
ᎠᎴ ᎣᏏᏳ ᎢᏳᎵᏍᏓᏁᏗ ᎤᏬᎯᏳᏅᎯ; ᎾᏍᎩᏰᏃ ᏅᏧᏪᏎᎸ ᏱᎰᏩ ᎾᏍᎩ ᎠᏎ ᏅᏓᎦᎵᏍᏔᏂ.
46 इस पर मरियम के वचन ये थे: “मेरा प्राण प्रभु की प्रशंसा करता है
ᎺᎵᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ, ᎠᏆᏓᏅᏙ ᎤᏣᏘ ᎦᎸᏉᏗᎭ ᏱᎰᏩ,
47 और मेरी अंतरात्मा परमेश्वर, मेरे उद्धारकर्ता में आनंदित हुई है,
ᎠᎴ ᎠᏆᏓᏅᏙ ᎤᎵᎮᎵᏤᎸ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎠᎩᏍᏕᎵᏍᎩ.
48 क्योंकि उन्होंने अपनी दासी की दीनता की ओर दृष्टि की है. अब से सभी पीढ़ियां मुझे धन्य कहेंगी,
ᏕᎤᎧᎿᎭᏅᏰᏃ ᎤᏲ ᏄᏛᎿᎭᏕᎬ ᎠᎨᏴ ᎤᏅᏏᏓᏍᏗ; ᎬᏂᏳᏉᏰᏃ ᎪᎯ ᎢᏳᏓᎴᏅᏛ ᎾᎾᏓᏁᏟᏴᏏᏒ ᏴᏫ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎬᏉᏎᎮᏍᏗ.
49 क्योंकि सामर्थ्यी ने मेरे लिए बड़े-बड़े काम किए हैं. पवित्र है उनका नाम.
ᎤᎵᏂᎩᏛᏰᏃ ᏥᎩ ᎾᏍᎩ ᎤᏍᏆᏂᎪᏗᏳ ᎾᏆᏛᏁᎸ; ᎠᎴ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎾᏍᎩ ᏕᎤᏙᎥᎢ.
50 उनकी दया उनके श्रद्धालुओं पर पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है.
ᎠᎴ ᎤᏓᏙᎵᏍᏗ ᎨᏒ ᏕᎦᎾᏄᎪᏫᏎᎭ ᎬᏩᎾᏰᏍᎩ ᎾᎾᏓᏁᏟᏴᏏᏒᎢ.
51 अपने भुजबल से उन्होंने प्रतापी काम किए हैं और अभिमानियों को बिखरा दिया है.
ᎧᏃᎨᏂ ᎤᏮᏔᏅ ᎤᎾᏄᎪᏫᏒ ᎤᎵᏂᎩᏛ ᎨᏒᎢ; ᎤᎾᏢᏉᏗ ᏙᏧᎾᏓᏅᏛ ᏚᏗᎦᎴᏯᏍᏔᏅ.
52 परमेश्वर ने राजाओं को उनके सिंहासनों से नीचे उतार दिया तथा विनम्रों को उठाया है.
ᏧᎾᎵᏂᎩᏛ ᏚᏪᎧᎲᏒ ᎤᎾᏅᏗᏱ, ᎠᎴ ᎤᏲ ᎢᏳᎾᏛᎿᎭᏕᎩ ᏚᏌᎳᏓᏅ.
53 उन्होंने भूखों को उत्तम पदार्थों से तृप्‍त किया तथा सम्पन्‍नों को खाली लौटा दिया.
ᎠᎪᏄ ᏧᏂᏲᏏᏍᎩ ᎣᏍᏛ ᎨᏒ ᏚᎧᎵᎢᏍᏔᏅ, ᏧᏁᎿᎭᎢᏃ ᎠᏒᎭ ᏙᎤᏁᏅᏍᏗᏱ ᏂᏚᏩᏁᎸᎩ.
54 उन्होंने अपने सेवक इस्राएल की सहायता अपनी उस करुणा के स्मरण में की,
ᎢᏏᎵ ᎤᏅᏏᏓᏍᏗ ᎤᏍᏕᎸᎲ ᎠᏅᏓᏗᏍᎬ ᎤᏓᏙᎵᏣᏛᎢ,
55 जिसकी प्रतिज्ञा उसने हमारे बाप-दादों से करी थी और जो अब्राहाम तथा उनके वंशजों पर सदा-सर्वदा रहेगी.” (aiōn g165)
ᎾᏍᎩᏯ ᏂᏚᏪᏎᎸ ᏗᎩᎦᏴᎵᎨᎢ, ᎡᏆᎭᎻ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᏧᏁᏢᏔᏅᏛ ᎨᏒ ᏂᎪᎯᎸᎢ. (aiōn g165)
56 लगभग तीन माह एलिज़ाबेथ के साथ रहकर मरियम अपने घर लौट गईं.
ᎺᎵᏃ ᏦᎢ ᎢᏯᏅᏙ ᎢᏴᏛ ᎵᏏᏱ ᎤᏕᏁᎢ, ᎩᎳᏃ ᎤᏩᏒ ᏧᏪᏅᏒ ᏫᎤᎶᏎᎢ.
57 एलिज़ाबेथ का प्रसवकाल पूरा हुआ और उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया.
ᎵᏏᏃ ᎿᎭᏉ ᎤᏍᏆᎸᎡᎴ ᎤᏕᏗᏱ ᎠᏲᎵ, ᎠᎴ ᎤᎾᏄᎪᏫᏎ ᎠᏧᏣ.
58 जब पड़ोसियों और परिजनों ने यह सुना कि एलिज़ाबेथ पर यह अनुग्रह हुआ है, तो वे भी उनके इस आनंद में सम्मिलित हो गए.
ᎾᎥᏃ ᎢᏳᎾᏓᎳ ᎠᎴ ᎪᎱᏍᏗ ᏧᏩᎿᎭᎤᎾᏛᎦᏁ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏣᏘ ᎤᏪᏙᎵᏨᎢ, ᎠᎴ ᎢᏧᎳᎭ ᎤᎾᎵᎮᎵᏤᎢ.
59 आठवें दिन वे शिशु के ख़तना के लिए इकट्ठा हुए. वे शिशु को उसके पिता के नाम पर ज़करयाह पुकारने लगे.
ᎯᎠᏃ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ, ᎾᏍᎩ ᏧᏁᎵᏁ ᎢᎦ ᎤᏂᎱᏍᏕᏎᎸᎭ ᎠᏲᎵ, ᎠᎴ ᏤᎦᎳᏯ ᏚᏃᎡᎢ, ᎤᏙᏓ ᏚᏙᎥ ᏚᏃᏍᏔᏁᎢ.
60 किंतु शिशु की माता ने उत्तर दिया; “नहीं! इसका नाम योहन होगा!”
ᎤᏥᏃ ᎤᏁᏨ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ᎥᏞᏍᏗ; ᏣᏂᏍᎩᏂ ᎠᎪᏎᎮᏍᏗ.
61 इस पर उन्होंने एलिज़ाबेथ से कहा, “आपके परिजनों में तो इस नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं है!”
ᎯᎠᏃ ᏂᎬᏩᏪᏎᎴᎢ; ᎥᏝ ᎩᎶ ᎢᏥᏠᏱ ᎨᏒ ᎾᏍᎩ ᏱᏄᏍᏗ ᏱᏚᏙᎥ.
62 तब उन्होंने शिशु के पिता से संकेत में प्रश्न किया कि वह शिशु का नाम क्या रखना चाहते हैं?
ᎤᏙᏓᏃ ᏓᎾᏁᎶᏓᏁᎲ ᎤᎾᏛᏛᏁ ᏄᏍᏛ ᎤᏚᎵᏍᎬ ᏣᎪᏍᏗᏱ.
63 ज़करयाह ने एक लेखन पट्ट मंगा कर उस पर लिख दिया, “इसका नाम योहन है.” यह देख सभी चकित रह गए.
ᎤᏔᏲᎴᏃ ᏗᎪᏪᎶᏗᏱ ᎠᎴ ᎤᏬᏪᎳᏁ ᎯᎠ ᏂᎦᏪᏍᎨᎢ; ᏣᏂ ᏚᏙᎥ. ᏂᎦᏛᏃ ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏎᎢ.
64 उसी क्षण उनकी आवाज लौट आई. उनकी जीभ के बंधन खुल गए और वह परमेश्वर की स्तुति करने लगे.
ᎩᎳᏉᏃ ᎢᏴᏛ ᎠᎱᎵ ᎤᎵᏍᏚᎢᏎᎢ, ᎦᏃᎪᏃ ᎤᏕᎵᏌᏕᏎᎢ, ᎠᎴ ᎤᏬᏂᏎ ᎤᎸᏉᏔᏁ ᎤᏁᎳᏅᎯ.
65 सभी पड़ोसियों में परमेश्वर के प्रति श्रद्धा भाव आ गया और यहूदिया प्रदेश के सभी पर्वतीय क्षेत्र में इसकी चर्चा होने लगी.
ᎾᎿᎭᏃ ᎬᏩᏚᏫᏛ ᏗᏂᏁᎸ ᏂᎦᏛ ᎤᏂᎾᏰᏎᎢ; ᎠᎴ ᏂᎦᏛ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏄᎵᏍᏔᏂᏙᎸ ᏚᏃᏣᎶᏤ ᏂᎬᎾᏛ ᎣᏓᎵ ᎨᏒ ᏧᏗᏱ.
66 निःसंदेह प्रभु का हाथ उस बालक पर था. जिन्होंने यह सुना, उन्होंने इसे याद रखा और यह विचार करते रहे: “क्या होगा यह बालक!”
ᎾᏂᎥᏃ ᎾᏍᎩ ᎤᎾᏛᎦᏅᎯ ᏧᏂᎾᏫᏱ ᎤᏂᏍᏆᏂᎪᏔᏁᎢ, ᎯᎠ ᎾᏂᏪᏍᎨᎢ; ᎦᏙ ᎤᏍᏕᏍᏗ ᎯᎠ ᎠᏲᎵ? ᏱᎰᏩᏃ ᎤᏍᏕᎸᎯᏙᎮᎢ.
67 पवित्र आत्मा से भरकर उनके पिता ज़करयाह इस प्रकार भविष्यवाणियों का वर्णानुभाषण करना शुरू किया:
ᎤᏙᏓᏃ ᏤᎦᎳᏯ ᎤᎧᎵᏨᎯ ᎨᏎ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎠᏓᏅᏙ, ᎠᎴ ᎤᏙᎴᎰᏎ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ;
68 “धन्य हैं प्रभु, इस्राएल के परमेश्वर, क्योंकि उन्होंने अपनी प्रजा की सुधि ली और उसका उद्धार किया.
ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎨᏎᏍᏗ ᏱᎰᏩ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎢᏏᎵ ᎤᎾᏤᎵᎦ; ᏚᏩᏛᎰᎸᏰᏃ ᎠᎴ ᏚᎫᏴᎲ ᏧᏤᎵᎦ ᏴᏫ.
69 उन्होंने हमारे लिए अपने सेवक दावीद के वंश में एक उद्धारकर्ता पैदा किया है,
ᎠᎴ ᎢᎩᎾᏄᎪᏫᏎᎸ ᎤᏲᏅ ᎢᎦᎵᏍᏕᎸᏙᏗ, ᏕᏫ ᎤᏅᏏᏓᏍᏗ ᎤᏁᏢᏔᏅᏛ ᎨᏒ ᎠᏁᎲ ᎤᎾᏄᎪᏨ;
70 (जैसा उन्होंने प्राचीन काल के अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के माध्यम से प्रकट किया) (aiōn g165)
ᎾᏍᎩᏯ ᏄᏪᏒ ᏕᎬᏗᏍᎬ ᏧᏤᎵ ᎨᏥᎸᏉᏗ ᎠᎾᏙᎴᎰᏍᎩ ᎤᎾᏕᏅᎯ ᏥᎩ ᏗᏓᎴᏂᏍᎬ ᏅᏓᎬᏩᏓᎴᏅᏛ; (aiōn g165)
71 शत्रुओं तथा उन सबसे, जो हमसे घृणा करते हैं, बचाए रखा
ᎾᏍᎩ ᏗᏓᏚᏓᎳᎡᏗᏱ ᎨᎩᏍᎦᎩ, ᎠᎴ ᎠᏍᏓᏯ ᏂᎨᎬᏅ ᏗᏓᏚᏓᎳᎡᏗᏱ ᏂᎦᏗᏳ ᎨᎩᏂᏆᏘᎯ;
72 कि वह हमारे पूर्वजों पर अपनी कृपादृष्टि प्रदर्शित करें तथा अपनी पवित्र वाचा को पूरा करें;
ᎢᏳᏛᏁᏗᏱ ᏚᏚᎢᏍᏓᏁᎸ ᏗᎩᎦᏴᎵᎨ ᏧᏪᏙᎵᏍᏗᏱ, ᎠᎴ ᎤᏅᏓᏗᏍᏗᏱ ᎤᏤᎵ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎧᏃᎮᏛ ᏓᏠᎯᏍᏛᎢ,
73 वही वाचा, जो उन्होंने हमारे पूर्वज अब्राहाम से स्थापित की थी:
ᎾᏍᎩ ᏧᏎᎵᏔᏁ ᏧᏚᎢᏍᏓᏁᎴ ᎢᎩᎦᏴᎵᎨ ᎡᏆᎭᎻ,
74 वह हमें हमारे शत्रुओं के हाथ से छुड़ाएंगे,
ᎾᏍᎩ ᎨᏓᏚᏓᎳᎡᎸᎯ ᎨᏒ ᎨᎩᏍᎦᎩ ᎢᎦᎵᏍᎪᎸᏓᏁᏗᏱ ᏂᏗᎾᏰᏍᎬᎾ ᎡᏓᏓᏙᎵᏍᏓᏁᏗᏱ,
75 कि हम पवित्रता और धार्मिकता में निर्भय हो जीवन भर उनकी सेवा कर सकें.
ᏂᏗᏍᎦᏅᎾ ᎠᎴ ᏚᏳᎪᏛ ᎢᎨᏓᏍᏗᏱ ᎠᎦᏔᎲ ᏂᎪᎯᎸ ᎢᏓᎴᏂᏙᎲᎢ.
76 “और बालक तुम, मेरे पुत्र, परम प्रधान परमेश्वर के भविष्यवक्ता कहलाओगे; क्योंकि तुम उनका मार्ग तैयार करने के लिए प्रभु के आगे-आगे चलोगे,
ᏂᎯᏃ ᎯᏲᎵ, ᏩᏍᏛ ᎦᎸᎳᏗᏳ ᎡᎯ ᎤᏤᎵ ᎠᏙᎴᎰᏍᎩ ᎡᏦᏎᎮᏍᏗ, ᏂᎯᏰᏃ ᎢᎬᏱ ᏘᏰᏅᎡᎵ ᏱᎰᏩ, ᎯᏯᏛᏅᎢᏍᏓᏁᏗᏱ ᎤᎶᎯᏍᏗᏱ;
77 तुम परमेश्वर की प्रजा को उसके पापों की क्षमा के द्वारा उद्धार का ज्ञान प्रदान करोगे.
ᎬᏂᎨᏒ ᎢᏧᏩᏁᏗᏱ ᏧᏤᎵ ᏴᏫ ᎾᏍᎩ ᎤᎾᎵᏍᏕᎸᏙᏗ ᎨᏒᎢ, ᎦᎨᏥᏁᎲ ᎤᏂᏍᎦᏅᏨᎢ,
78 हमारे परमेश्वर की अत्यधिक कृपा के कारण, स्वर्ग से हम पर प्रकाश का उदय होगा,
ᏱᎰᏩ ᎤᏓᏙᎵᏣᏘᏳ ᎨᏒ ᎢᎦᏁᎳᏅᎯ, ᎾᏍᎩ ᏥᏂᎦᎵᏍᏙᏗᎭ ᎢᎦᎦᏘ ᏗᏰᎵᎯᏍᏗᏍᎩ ᎦᎸᎳᏗ ᏅᏓᏳᏓᎴᏅᎯ ᎢᎩᏩᏛᎯᎸᎯ ᏥᎩ,
79 उन पर, जो अंधकार और मृत्यु की छाया में हैं; कि इसके द्वारा हमारा मार्गदर्शन शांति के मार्ग पर हो.”
ᎢᎦ ᏧᏘᏍᏓᏁᏗᏱ ᎤᎵᏏᎬ ᎠᎴ ᎠᏲᎱᎯᏍᏗ ᎨᏒ ᎤᏓᏩᏗᏍᏙᏛ ᏣᏂᎾ, ᎠᎴ ᏗᎦᏖᏅᏍᏗᏱ ᏅᏩᏙᎯᏯᏛ ᎦᏅᏅᎢ.
80 बालक योहन का विकास होता गया तथा वह आत्मिक रूप से भी बलवंत होते गए. इस्राएल के सामने सार्वजनिक रूप से प्रकट होने के पहले वह बंजर भूमि में निवास करते रहे.
ᎠᏲᎵᏃ ᎠᏛᏍᎨᎢ ᎠᎴ ᎧᏁᏉᎨ ᎤᎵᏂᎪᏍᎬ ᎤᏓᏅᏛᎢ, ᎠᎴ ᎢᎾᎨᏉ ᎡᎮᎢ ᎬᏂ ᎬᏂᎨᏒ ᏂᏚᏛᏁᎸ ᎢᏏᎵ.

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