< विलापगीत 4 >

1 सोना खोटा कैसे हो गया, सोने में खोट कैसे! हर एक गली के मोड़ पर पवित्र पत्थर बिखरे पड़े हैं.
چگونه جوانان اورشلیم که زمانی همچون طلای ناب و سنگهای قیمتی، پرارزش بودند، اینک درخشندگی خود را از دست داده، مانند ظروف گلی، بی‌ارزش شده‌اند و در کوچه‌ها افتاده‌اند.
2 ज़ियोन के वे उत्कृष्ट पुत्र, जिनका मूल्य उत्कृष्ट स्वर्ण के तुल्य है, अब मिट्टी के पात्रों-सदृश कुम्हार की हस्तकृति माने जा रहे हैं!
3 सियार अपने बच्चों को स्तनपान कराती है, किंतु मेरी प्रजा की पुत्री क्रूर हो चुकी है, मरुभूमि के शुतुरमुर्गों के सदृश.
حتی شغالها به بچه‌های خود شیر می‌دهند، اما قوم من، بنی‌اسرائیل مانند شترمرغ، بی‌رحم شده و بچه‌های خود را ترک کرده است.
4 अतिशय तृष्णा के कारण दूधमुंहे शिशु की जीभ उसके तालू से चिपक गई है; बालक भोजन की याचना करते हैं, किंतु कोई भी भोजन नहीं दे रहा.
زبان کودکان شیرخواره از تشنگی به کامشان چسبیده است؛ بچه‌ها نان می‌خواهند، اما کسی نیست که به ایشان نان بدهد.
5 जिनका आहार उत्कृष्ट भोजन हुआ करता था, आज गलियों में नष्ट हुए जा रहे हैं. जिनके परिधान बैंगनी वस्त्र हुआ करते थे, आज भस्म में बैठे हुए हैं.
آنانی که زمانی خوراک لذیذ می‌خوردند، اینک در کوچه‌ها گدایی می‌کنند. کسانی که در ناز و نعمت بزرگ شده‌اند، اکنون در میان زباله‌ها دنبال خوراک می‌گردند.
6 मेरी प्रजा की पुत्री पर पड़ा अधर्म सोदोम के दंड से कहीं अधिक प्रचंड है, किसी ने हाथ तक नहीं लगाया और देखते ही देखते उसका सर्वनाश हो गया.
مجازات قوم من از مجازات اهالی سدوم نیز سنگینتر است. اهالی سدوم در یک لحظه نابود شدند و کسی دستِ یاری به سویشان دراز نکرد.
7 उस नगरी के शासक तो हिम से अधिक विशुद्ध, दुग्ध से अधिक श्वेत थे, उनकी देह मूंगे से अधिक गुलाबी, उनकी देह रचना नीलम के सौंदर्य से भी अधिक उत्कृष्ट थी.
بدن شاهزادگان ما از برف پاکتر و از شیر سفیدتر بود و صورتشان مانند لعل، گلگون و مثل یاقوت، درخشان بود؛
8 अब उन्हीं के मुखमंडल श्यामवर्ण रह गए हैं; मार्ग चलते हुए उन्हें पहचानना संभव नहीं रहा. उनकी त्वचा सिकुड़ कर अस्थियों से चिपक गई है; वह काठ-सदृश शुष्क हो चुकी है.
اما اینک چهره‌شان سیاه‌تر از دوده شده است و کسی نمی‌تواند آنها را بشناسد. پوستشان به استخوانهایشان چسبیده و مثل چوب، خشک شده است.
9 वे ही श्रेष्ठतर कहे जाएंगे, जिनकी मृत्यु तलवार प्रहार से हुई थी, उनकी अपेक्षा, जिनकी मृत्यु भूख से हुई; जो घुल-घुल कर कूच कर गए क्योंकि खेत में उपज न हो सकी थी.
کسانی که با شمشیر کشته شدند، خوشبخت‌تر از کسانی هستند که در اثر فقدان محصول، به تدریج از گرسنگی از بین می‌روند.
10 ये उन करुणामयी माताओं के ही हाथ थे, जिन्होंने अपनी ही संतान को अपना आहार बना लिया, जब मेरी प्रजा की पुत्री विनाश के काल में थी ये बालक उनका आहार बनाए गए थे.
در زمان محاصرهٔ شهر، مادران مهربان از فشار گرسنگی، بچه‌هایشان را با دستهای خود پختند و خوردند.
11 याहवेह ने अपने कोप का प्रवाह पूर्णतः निर्बाध छोड़ दिया. उन्होंने अपना भड़का कोप उंडेल दिया और फिर उन्होंने ज़ियोन में ऐसी अग्नि प्रज्वलित कर दी, जिसने इसकी नीवों को ही भस्म कर दिया.
خداوند خشم خود را به شدت تمام بر ما ریخت و در اورشلیم چنان آتشی بر پا کرد که بنیاد آن را سوزانید.
12 न तो संसार के राजाओं को, और न ही पृथ्वी के निवासियों को इसका विश्वास हुआ, कि विरोधी एवं शत्रु येरूशलेम के प्रवेश द्वारों से प्रवेश पा सकेगा.
از پادشاهان و مردم دنیا هیچ‌کس باور نمی‌کرد که دشمن بتواند وارد دروازه‌های اورشلیم بشود.
13 इसका कारण था उसके भविष्यवक्ताओं के पाप तथा उसके पुरोहितों की पापिष्ठता, जिन्होंने नगर के मध्य ही धर्मियों का रक्तपात किया था.
اما چنین شد، زیرا انبیا گناه کرده بودند و کاهنان خون بی‌گناهان را در شهر ریخته بودند.
14 अब वे नगर की गलियों में दृष्टिहीनों-सदृश भटक रहे हैं; वे रक्त से ऐसे दूषित हो चुके हैं कि कोई भी उनके वस्त्रों को स्पर्श करने का साहस नहीं कर पा रहा.
آنها اینک کورمال کورمال در کوچه‌ها راه می‌روند و کسی به ایشان نزدیک نمی‌شود، زیرا به خون بی‌گناهان آلوده هستند.
15 उन्हें देख लोग चिल्ला उठते है, “दूर, दूर अशुद्ध! दूर, दूर! मत छूना उसे!” अब वे छिपते, भागते भटक रहे हैं, राष्ट्रों में सभी यही कहते फिरते हैं, “अब वे हमारे मध्य में निवास नहीं कर सकते.”
مردم فریاد کرده به ایشان می‌گویند: «دور شوید! به ما دست نزنید، چون نجس هستید!» پس سرگردان شده، از سرزمینی به سرزمین دیگر می‌روند ولی هیچ مملکتی به ایشان جا نمی‌دهد.
16 उन्हें तो याहवेह ने ही इस तरह बिखरा दिया है; अब वे याहवेह के कृपापात्र नहीं रह गए. न तो पुरोहित ही सम्मान्य रह गए हैं, और न ही पूर्वज किसी कृपा के योग्य.
خود خداوند ایشان را اینچنین سرگردان کرده است و دیگر به ایشان توجه نمی‌کند. کاهنان و بزرگان عزت و احترام خود را از دست داده‌اند.
17 हमारे नेत्र दृष्टिहीन हो गए, सहायता की आशा व्यर्थ सिद्ध हुई; हमने उस राष्ट्र से सहायता की आशा की थी, जिसमें हमारी सहायता की क्षमता ही न थी.
از برجهای دیدبانی خود نگریستیم تا از قوم همپیمان ما کمکی برسد، ولی انتظار ما بیهوده بود؛ چشمان ما از انتظار تار شد اما آنها به یاری ما نیامدند.
18 उन्होंने इस रीति से हमारा पीछा करना प्रारंभ कर दिया, कि मार्ग पर हमारा आना-जाना दूभर हो गया; हमारी मृत्यु निकट आती गई, हमारा जीवनकाल सिमटता चला गया, वस्तुतः हमारा जीवन समाप्‍त ही हो गया था.
دشمنان چنان عرصه را بر ما تنگ کرده بودند که حتی نمی‌توانستیم در کوچه‌ها راه برویم. امیدی برای ما نمانده بود و نابودی ما نزدیک بود.
19 वे, जो हमारा पीछा कर रहे थे, उनकी गति आकाशगामी गरुड़ों से भी द्रुत थी; उन्होंने पर्वतों तक हमारा पीछा किया और निर्जन प्रदेश में वे हमारी घात में रहे.
آنها از عقاب نیز تیزروتر بودند. به کوهها فرار کردیم، اما ما را پیدا کردند؛ به صحرا پناه بردیم ولی در آنجا نیز در کمین ما نشسته بودند.
20 याहवेह द्वारा अभिषिक्त, हमारे जीवन की सांस उनके फन्दों में जा फंसे. हमारा विचार तो यह रहा था, कि उनकी छत्रछाया में हम राष्ट्रों के मध्य निवास करते रहेंगे.
پادشاه برگزیدهٔ خداوند که همچون نَفَس حیات‌بخش برای ما بود، در دام ایشان گرفتار شد، کسی که گمان می‌کردیم زیر سایه‌اش می‌توانیم از گزند دشمنان در امان باشیم!
21 एदोम की पुत्री, तुम, जो उज़ देश में निवास करती हो, हर्षोल्लास में मगन हो जाओ. प्याला तुम तक भी पहुंचेगा; तुम मदोन्मत्त होकर पूर्णतः निर्वस्त्र हो जाओगी.
ای اهالی ادوم و عوص، تا می‌توانید شادی کنید! چون دیگر وقت شادی نخواهید داشت چرا که شما نیز طعم غضب خدا را خواهید چشید و مست شده، خود را رسوا خواهید کرد.
22 ज़ियोन की पुत्री, निष्पन्‍न हो गया तुम्हारी पापिष्ठता का दंड; अब वह तुम्हें निर्वासन में रहने न देंगे. किंतु एदोम की पुत्री, वह तुम्हारी पापिष्ठता को दंडित करेंगे, वह तुम्हारे पाप प्रकट कर सार्वजनिक कर देंगे.
ای اورشلیم، دوران تبعید تو به‌زودی تمام خواهد شد، زیرا تو جزای گناه خود را داده‌ای. ولی ای ادوم، خدا گناه تو را برملا ساخته، تو را مجازات خواهد کرد.

< विलापगीत 4 >