< न्यायियों 6 >

1 इस्राएल के वंशजों ने वह किया, जो याहवेह की नज़रों में गलत था; इस कारण याहवेह ने उन्हें सात सालों के लिए मिदियानियों के वश में कर दिया.
وَعَمِلَ بَنُو إِسْرَائِيلَ ٱلشَّرَّ فِي عَيْنَيِ ٱلرَّبِّ، فَدَفَعَهُمُ ٱلرَّبُّ لِيَدِ مِدْيَانَ سَبْعَ سِنِينَ.١
2 मिदियान की ताकत इस्राएल पर प्रबल होती गई. इस कारण से मिदियान के डर से इस्राएल के वंशजों ने पहाड़ों में मांदें, गुफाएं और गढ़ को अपने निवास बना लिए थे.
فَٱعْتَزَّتْ يَدُ مِدْيَانَ عَلَى إِسْرَائِيلَ. بِسَبَبِ ٱلْمِدْيَانِيِّينَ عَمِلَ بَنُو إِسْرَائِيلَ لِأَنْفُسِهِمِ ٱلْكُهُوفَ ٱلَّتِي فِي ٱلْجِبَالِ وَٱلْمَغَايِرَ وَٱلْحُصُونَ.٢
3 जब इस्राएली बीज बोते थे, मिदियानी अमालेकियों तथा पूर्वी देश के क्षेत्रों के लोगों के साथ मिलकर इस्राएलियों पर हमला कर करते थे.
وَإِذَا زَرَعَ إِسْرَائِيلُ، كَانَ يَصْعَدُ ٱلْمِدْيَانِيُّونَ وَٱلْعَمَالِقَةُ وَبَنُو ٱلْمَشْرِقِ، يَصْعَدُونَ عَلَيْهِمْ،٣
4 उनके विरुद्ध शिविर डालकर अज्जाह तक उनकी उपज को नष्ट कर देते थे. इस कारण इस्राएल में न तो भोजन सामग्री बची रह जाती थी, न भेड़ें, न बैल, न गधे.
وَيَنْزِلُونَ عَلَيْهِمْ وَيُتْلِفُونَ غَلَّةَ ٱلْأَرْضِ إِلَى مَجِيئِكَ إِلَى غَزَّةَ، وَلَا يَتْرُكُونَ لِإِسْرَائِيلَ قُوتَ ٱلْحَيَاةِ، وَلَا غَنَمًا وَلَا بَقَرًا وَلَا حَمِيرًا.٤
5 जब वे अपने पशुओं और छावनियों के साथ आते, वे टिड्डी दल के समान लगते थे. उनके ऊंट अनगिनत थे. देश में प्रवेश करते हुए उनका लक्ष्य सिर्फ विनाश ही हुआ करता था.
لِأَنَّهُمْ كَانُوا يَصْعَدُونَ بِمَوَاشِيهِمْ وَخِيَامِهِمْ وَيَجِيئُونَ كَٱلْجَرَادِ فِي ٱلْكَثْرَةِ وَلَيْسَ لَهُمْ وَلِجِمَالِهِمْ عَدَدٌ، وَدَخَلُوا ٱلْأَرْضَ لِكَيْ يُخْرِبُوهَا.٥
6 मिदियान के द्वारा इस्राएल की अर्थ व्यवस्था बहुत ही कमजोर हो चुकी थी. इस कारण सहायता के लिए इस्राएलियों ने याहवेह की दोहाई दी.
فَذَلَّ إِسْرَائِيلُ جِدًّا مِنْ قِبَلِ ٱلْمِدْيَانِيِّينَ. وَصَرَخَ بَنُو إِسْرَائِيلَ إِلَى ٱلرَّبِّ.٦
7 जब मिदियानियों के कारण इस्राएलियों ने याहवेह की दोहाई दी,
وَكَانَ لَمَّا صَرَخَ بَنُو إِسْرَائِيلَ إِلَى ٱلرَّبِّ بِسَبَبِ ٱلْمِدْيَانِيِّينَ٧
8 याहवेह ने इस्राएल के वंशजों के लिए एक भविष्यद्वक्ता भेजा, जिसने उनसे कहा, “यह याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश है, मैं ही था जिसने मिस्र से, दासत्व के घर से, तुम्हें निकाला.
أَنَّ ٱلرَّبَّ أَرْسَلَ رَجُلًا نَبِيًّا إِلَى بَنِي إِسْرَائِيلَ، فَقَالَ لَهُمْ: «هَكَذَا قَالَ ٱلرَّبُّ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ: إِنِّي قَدْ أَصْعَدْتُكُمْ مِنْ مِصْرَ وَأَخْرَجْتُكُمْ مِنْ بَيْتِ ٱلْعُبُودِيَّةِ،٨
9 मैंने मिस्रियों के अधिकार से, तुम्हारे सभी अत्याचारियों के हाथों से, तुम्हें छुड़ा लिया, उन्हें तुम्हारे सामने से दूर हटाकर तुम्हें उनका देश दे दिया.
وَأَنْقَذْتُكُمْ مِنْ يَدِ ٱلْمِصْرِيِّينَ وَمِنْ يَدِ جَمِيعِ مُضَايِقِيكُمْ، وَطَرَدْتُهُمْ مِنْ أَمَامِكُمْ وَأَعْطَيْتُكُمْ أَرْضَهُمْ.٩
10 मैंने तुम्हें यह आश्वासन दिया, ‘मैं याहवेह, तुम्हारा परमेश्वर हूं. जिन अमोरियों के देश में तुम रह रहे हो, ज़रूरी नहीं कि तुम उनके देवताओं से डर जाओ.’ मगर तुमने मेरे आदेश का पालन नहीं किया.”
وَقُلْتُ لَكُمْ: أَنَا ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ. لَا تَخَافُوا آلِهَةَ ٱلْأَمُورِيِّينَ ٱلَّذِينَ أَنْتُمْ سَاكِنُونَ أَرْضَهُمْ. وَلَمْ تَسْمَعُوا لِصَوْتِي».١٠
11 याहवेह का दूत उस बांज वृक्ष के नीचे आकर बैठ गया, जो ओफ़राह में था. यह वृक्ष अबीएज़री योआश की संपत्ति थी. गिदोन इस समय मिदियानियों से छिपाने के लिये अंगूर पेरने के कोल्हू में गेहूं को भूसी से अलग कर रहा था.
وَأَتَى مَلَاكُ ٱلرَّبِّ وَجَلَسَ تَحْتَ ٱلْبُطْمَةِ ٱلَّتِي فِي عَفْرَةَ ٱلَّتِي لِيُوآشَ ٱلْأَبِيعَزَرِيِّ. وَٱبْنُهُ جِدْعُونُ كَانَ يَخْبِطُ حِنْطَةً فِي ٱلْمِعْصَرَةِ لِكَيْ يُهَرِّبَهَا مِنَ ٱلْمِدْيَانِيِّينَ.١١
12 याहवेह के दूत ने गिदोन पर प्रकट होकर उसका अभिवादन किया, “वीर योद्धा, याहवेह तुम्हारे पक्ष में है.”
فَظَهَرَ لَهُ مَلَاكُ ٱلرَّبِّ وَقَالَ لَهُ: «ٱلرَّبُّ مَعَكَ يَا جَبَّارَ ٱلْبَأْسِ».١٢
13 गिदोन ने उससे कहा, “माफ कीजिए मेरे स्वामी, यदि याहवेह हमारे पक्ष में हैं, तो हमारे साथ यह सब क्यों हो रहा है? कहां गए वे सभी अद्भुत काम जिनका वर्णन हमारे पूर्वजों ने हमसे किया था? वे कहते थे, ‘क्या वह याहवेह ही न थे, जिन्होंने हमें मिस्र देश से निकाल लिया है?’ किंतु अब तो याहवेह ने हमें छोड़ दिया है, और हमें मिदियानियों के हाथों में सौंप दिया है.”
فَقَالَ لَهُ جِدْعُونُ: «أَسْأَلُكَ يَا سَيِّدِي، إِذَا كَانَ ٱلرَّبُّ مَعَنَا فَلِمَاذَا أَصَابَتْنَا كُلُّ هَذِهِ؟ وَأَيْنَ كُلُّ عَجَائِبِهِ ٱلَّتِي أَخْبَرَنَا بِهَا آبَاؤُنَا قَائِلِينَ: أَلَمْ يُصْعِدْنَا ٱلرَّبُّ مِنْ مِصْرَ؟ وَٱلْآنَ قَدْ رَفَضَنَا ٱلرَّبُّ وَجَعَلَنَا فِي كَفِّ مِدْيَانَ».١٣
14 तब याहवेह ने गिदोन से कहा, “अपनी इसी शक्ति में जाकर मिदियानियों के अधिकार से इस्राएलियों को छुड़ाओ. तुम्हारे लिए यह मेरा आदेश है, मैं हूं तुम्हें भेजने वाला.”
فَٱلْتَفَتَ إِلَيْهِ ٱلرَّبُّ وَقَالَ: «ٱذْهَبْ بِقُوَّتِكَ هَذِهِ وَخَلِّصْ إِسْرَائِيلَ مِنْ كَفِّ مِدْيَانَ. أَمَا أَرْسَلْتُكَ؟»١٤
15 गिदोन ने याहवेह को उत्तर दिया, “माफ कीजिए मेरे प्रभु, मैं इस्राएल को कैसे छुड़ा सकता हूं? आप ही देखिए, मेरा परिवार मनश्शेह गोत्र में सबसे छोटा माना जाता है, तथा इसके अलावा अपने पिता के परिवार में मैं सबसे छोटा हूं.”
فَقَالَ لَهُ: «أَسْأَلُكَ يَا سَيِّدِي، بِمَاذَا أُخَلِّصُ إِسْرَائِيلَ؟ هَا عَشِيرَتِي هِيَ ٱلذُّلَّى فِي مَنَسَّى، وَأَنَا ٱلْأَصْغَرُ فِي بَيْتِ أَبِي».١٥
16 जवाब में याहवेह ने कहा, “मगर मैं जो तुम्हारे साथ रहूंगा. तुम सारी मिदियानी सेना को ऐसे हरा दोगे जैसे सिर्फ एक व्यक्ति को.”
فَقَالَ لَهُ ٱلرَّبُّ: «إِنِّي أَكُونُ مَعَكَ، وَسَتَضْرِبُ ٱلْمِدْيَانِيِّينَ كَرَجُلٍ وَاحِدٍ».١٦
17 गिदोन ने याहवेह से कहा, “यदि आप मुझसे संतुष्ट हुए हैं, तो मुझे एक चिन्ह दिखाकर साबित कर दीजिए, कि आप वही हैं, जो आप कह रहे हैं कि आप हैं.
فَقَالَ لَهُ: «إِنْ كُنْتُ قَدْ وَجَدْتُ نِعْمَةً فِي عَيْنَيْكَ فَٱصْنَعْ لِي عَلَامَةً أَنَّكَ أَنْتَ تُكَلِّمُنِي.١٧
18 कृपया मेरे लौटने तक आप यहीं ठहरिए, कि मैं आपको अपनी भेंट चढ़ा सकूं.” उसने कहा, “तुम्हारे लौटने तक मैं यहीं ठहरूंगा.”
لَا تَبْرَحْ مِنْ هَهُنَا حَتَّى آتِيَ إِلَيْكَ وَأُخْرِجَ تَقْدِمَتِي وَأَضَعَهَا أَمَامَكَ». فَقَالَ: «إِنِّي أَبْقَى حَتَّى تَرْجِعَ».١٨
19 गिदोन गया, और उसने एक एफाह आटे की अखमीरी रोटियां और एक मेमने के मांस का व्यंजन तैयार कर एक टोकरी में रखा और एक बर्तन में रसा लेकर बांज वृक्ष के नीचे गया, और वहां इन्हें स्वर्गदूत के सामने परोस दिया.
فَدَخَلَ جِدْعُونُ وَعَمِلَ جَدْيَ مِعْزًى وَإِيفَةَ دَقِيقٍ فَطِيرًا. أَمَّا ٱللَّحْمُ فَوَضَعَهُ فِي سَلٍّ، وَأَمَّا ٱلْمَرَقُ فَوَضَعَهُ فِي قِدْرٍ، وَخَرَجَ بِهَا إِلَيْهِ إِلَى تَحْتِ ٱلْبُطْمَةِ وَقَدَّمَهَا.١٩
20 परमेश्वर के दूत ने उससे कहा, “अखमीरी रोटी तथा मांस के व्यंजन को चट्टान पर सजा दो और रसा इनके ऊपर डाल दो.” गिदोन ने ऐसा ही किया.
فَقَالَ لَهُ مَلَاكُ ٱللهِ: «خُذِ ٱللَّحْمَ وَٱلْفَطِيرَ وَضَعْهُمَا عَلَى تِلْكَ ٱلصَّخْرَةِ وَٱسْكُبِ ٱلْمَرَقَ». فَفَعَلَ كَذَلِكَ.٢٠
21 तब स्वर्गदूत ने अपने हाथ की छड़ी को आगे बढ़ाकर अखमीरी रोटी व मांस के व्यंजन को छुआ. चट्टान से आग निकली और अखमीरी रोटी व मांस को चट कर गई. इसके बाद याहवेह का दूत उसकी नज़रों से गायब हो गया.
فَمَدَّ مَلَاكُ ٱلرَّبِّ طَرَفَ ٱلْعُكَّازِ ٱلَّذِي بِيَدِهِ وَمَسَّ ٱللَّحْمَ وَٱلْفَطِيرَ، فَصَعِدَتْ نَارٌ مِنَ ٱلصَّخْرَةِ وَأَكَلَتِ ٱللَّحْمَ وَٱلْفَطِيرَ. وَذَهَبَ مَلَاكُ ٱلرَّبِّ عَنْ عَيْنَيْهِ.٢١
22 जब गिदोन को यह अहसास हुआ कि वह याहवेह का दूत ही था, वह कह उठा, “हाय, याहवेह परमेश्वर, मैंने तो याहवेह के दूत को आमने सामने देख लिया है.”
فَرَأَى جِدْعُونُ أَنَّهُ مَلَاكُ ٱلرَّبِّ، فَقَالَ جِدْعُونُ: «آهِ يَا سَيِّدِي ٱلرَّبَّ! لِأَنِّي قَدْ رَأَيْتُ مَلَاكَ ٱلرَّبِّ وَجْهًا لِوَجْهٍ.»٢٢
23 याहवेह ने उसे आश्वासन दिया, “तुम्हारी मृत्यु नहीं होगी. भयभीत न होओ, तुम्हारा भला हो.”
فَقَالَ لَهُ ٱلرَّبُّ: «ٱلسَّلَامُ لَكَ. لَا تَخَفْ. لَا تَمُوتُ».٢٣
24 इस कारण गिदोन ने वहां याहवेह के लिए एक वेदी बनाई तथा उसे नाम दिया, याहवेह शालोम हैं. आज तक यह वेदी अबीएज़रियों के ओफ़राह में बनी हुई है.
فَبَنَى جِدْعُونُ هُنَاكَ مَذْبَحًا لِلرَّبِّ وَدَعَاهُ «يَهْوَهَ شَلُومَ». إِلَى هَذَا ٱلْيَوْمِ لَمْ يَزَلْ فِي عَفْرَةِ ٱلْأَبِيعَزَرِيِّينَ.٢٤
25 उसी रात याहवेह ने गिदोन से कहा, “अपने पिता का दूसरा बैल जो सात वर्ष का है, उसे लेकर जाओ. अपने पिता के बाल की वेदी गिरा दो तथा उसने निकट खड़े अशेरा को गिरा दो.
وَكَانَ فِي تِلْكَ ٱللَّيْلَةِ أَنَّ ٱلرَّبَّ قَالَ لَهُ: «خُذْ ثَوْرَ ٱلْبَقَرِ ٱلَّذِي لِأَبِيكَ، وَثَوْرًا ثَانِيًا ٱبْنَ سَبْعِ سِنِينَ، وَٱهْدِمْ مَذْبَحَ ٱلْبَعْلِ ٱلَّذِي لِأَبِيكَ، وَٱقْطَعِ ٱلسَّارِيَةَ ٱلَّتِي عِنْدَهُ،٢٥
26 फिर याहवेह, अपने परमेश्वर के लिए इसी गढ़ के ऊपर अच्छी सी वेदी को बनाओ. इसके बाद उस बैल की होमबलि चढ़ाओ और उसके लिए अशेरा खंभे की लकड़ी का इस्तेमाल करना, जिसे तुम पहले ही काट चुके होगे.”
وَٱبْنِ مَذْبَحًا لِلرَّبِّ إِلَهِكَ عَلَى رَأْسِ هَذَا ٱلْحِصْنِ بِتَرْتِيبٍ، وَخُذِ ٱلثَّوْرَ ٱلثَّانِي وَأَصْعِدْ مُحْرَقَةً عَلَى حَطَبِ ٱلسَّارِيَةِ ٱلَّتِي تَقْطَعُهَا.٢٦
27 सो गिदोन अपने साथ दस सेवकों को लेकर वहां गया और वही किया, जैसा याहवेह ने आदेश दिया था. अपने पिता के परिवार तथा नगरवासियों के भय से उसने यह रात के समय किया.
فَأَخَذَ جِدْعُونُ عَشْرَةَ رِجَالٍ مِنْ عَبِيدِهِ وَعَمِلَ كَمَا كَلَّمَهُ ٱلرَّبُّ. وَإِذْ كَانَ يَخَافُ مِنْ بَيْتِ أَبِيهِ وَأَهْلِ ٱلْمَدِينَةِ أَنْ يَعْمَلَ ذَلِكَ نَهَارًا، فَعَمِلَهُ لَيْلًا.٢٧
28 बड़े तड़के, जब नगरवासियों ने देखा कि बाल की वेदी गिर पड़ी थी, उसके निकट स्थापित की हुई अशेरा काट डाली गई थी, तथा निर्माण की हुई वेदी पर वह बैल को चढ़ाया गया था.
فَبَكَّرَ أَهْلُ ٱلْمَدِينَةِ فِي ٱلْغَدِ وَإِذَا بِمَذْبَحِ ٱلْبَعْلِ قَدْ هُدِمَ وَٱلسَّارِيَةُ ٱلَّتِي عِنْدَهُ قَدْ قُطِعَتْ، وَٱلثَّوْرُ ٱلثَّانِي قَدْ أُصْعِدَ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ ٱلَّذِي بُنِيَ.٢٨
29 वे आपस में सोचने विचारने लगे, “किसने किया है यह?” उनकी खोज तथा पूछताछ के फलस्वरूप, उन्हें सूचित किया गया, “यह योआश के पुत्र गिदोन ने किया है.”
فَقَالُوا ٱلْوَاحِدُ لِصَاحِبِهِ: «مَنْ عَمِلَ هَذَا ٱلْأَمْرَ؟» فَسَأَلُوا وَبَحَثُوا فَقَالُوا: «إِنَّ جِدْعُونَ بْنَ يُوآشَ قَدْ فَعَلَ هَذَا ٱلْأَمْرَ».٢٩
30 फिर नगरवासियों ने योआश को आदेश दिया, “बाहर लाओ अपने पुत्र को, कि उसे मृत्यु दंड दिया जाए, क्योंकि उसने बाल की वेदी गिरा दी, तथा उसके पास की अशेरा को काट डाला है.”
فَقَالَ أَهْلُ ٱلْمَدِينَةِ لِيُوآشَ: «أَخْرِجِ ٱبْنَكَ لِكَيْ يَمُوتَ، لِأَنَّهُ هَدَمَ مَذْبَحَ ٱلْبَعْلِ وَقَطَعَ ٱلسَّارِيَةَ ٱلَّتِي عِنْدَهُ».٣٠
31 किंतु योआश ने अपने उन सभी विरोधियों से कहा, “आपका उद्देश्य बाल के लिए विरोध करना है, या उसे सुरक्षा प्रदान करना? जो कोई बाल का विरोध करेगा, सुबह तक उसका वध कर दिया जाएगा, यदि बाल वास्तव में देवता है, वह स्वयं अपने बारे में बोलेगा, क्योंकि किसी ने उसकी वेदी गिरा दी है.”
فَقَالَ يُوآشُ لِجَمِيعِ ٱلْقَائِمِينَ عَلَيْهِ: «أَنْتُمْ تُقَاتِلُونَ لِلْبَعْلِ، أَمْ أَنْتُمْ تُخَلِّصُونَهُ؟ مَنْ يُقَاتِلْ لَهُ يُقْتَلْ فِي هَذَا ٱلصَّبَاحِ. إِنْ كَانَ إِلَهًا فَلْيُقَاتِلْ لِنَفْسِهِ لِأَنَّ مَذْبَحَهُ قَدْ هُدِمَ».٣١
32 सो उस दिन योआश ने गिदोन को यरूबाल नाम दे दिया, जिसका मतलब है, “बाल ही उसका विरोध करे,” क्योंकि गिदोन ने बाल की वेदी गिरा दी थी.
فَدَعَاهُ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ «يَرُبَّعْلَ» قَائِلًا: «لِيُقَاتِلْهُ ٱلْبَعْلُ لِأَنَّهُ قَدْ هَدَمَ مَذْبَحَهُ».٣٢
33 कुछ समय बाद सभी मिदियानी, अमालेक तथा पूर्वी देशों के लोग एकजुट हो गए यरदन पार कर उन्होंने येज़्रील घाटी में शिविर खड़े कर दिए.
وَٱجْتَمَعَ جَمِيعُ ٱلْمِدْيَانِيِّينَ وَٱلْعَمَالِقَةِ وَبَنِي ٱلْمَشْرِقِ مَعًا وَعَبَرُوا وَنَزَلُوا فِي وَادِي يِزْرَعِيلَ.٣٣
34 याहवेह का आत्मा गिदोन पर उतरा; गिदोन ने तुरही फूंकी और उसने अपने पीछे चलने के लिए अबीएज़ियों को बुलाया.
وَلَبِسَ رُوحُ ٱلرَّبِّ جِدْعُونَ فَضَرَبَ بِٱلْبُوقِ، فَٱجْتَمَعَ أَبِيعَزَرُ وَرَاءَهُ.٣٤
35 उसने मनश्शेह गोत्र के सारे प्रदेश में दूत भेजे, और पीछे चलने के लिए उनको भी बुलाया. उसने आशेर, ज़ेबुलून तथा नफताली के गोत्रों में भी दूत भेज दिए, वे उससे भेंटकरने आ गए.
وَأَرْسَلَ رُسُلًا إِلَى جَمِيعِ مَنَسَّى، فَٱجْتَمَعَ هُوَ أَيْضًا وَرَاءَهُ، وَأَرْسَلَ رُسُلًا إِلَى أَشِيرَ وَزَبُولُونَ وَنَفْتَالِي فَصَعِدُوا لِلِقَائِهِمْ.٣٥
36 गिदोन ने परमेश्वर से विनती की, “यदि आप मेरे द्वारा इस्राएल को छुड़वा रहे हैं, जैसा कि आपने ही कहा है,
وَقَالَ جِدْعُونُ لِلهِ: «إِنْ كُنْتَ تُخَلِّصُ بِيَدِي إِسْرَائِيلَ كَمَا تَكَلَّمْتَ،٣٦
37 देखिए, मैं खलिहान में ऊन की कतरन छोड़ दूंगा; यदि ओस ऊन की कतरन पर ही पाई जाएगी, और सारी भूमि सूखी; तो मैं इससे समझ लूंगा कि आप अपने वचन के अनुसार मेरे द्वारा इस्राएल को छुड़ाएंगे.”
فَهَا إِنِّي وَاضِعٌ جَزَّةَ ٱلصُّوفِ فِي ٱلْبَيْدَرِ، فَإِنْ كَانَ طَلٌّ عَلَى ٱلْجَزَّةِ وَحْدَهَا، وَجَفَافٌ عَلَى ٱلْأَرْضِ كُلِّهَا، عَلِمْتُ أَنَّكَ تُخَلِّصُ بِيَدِي إِسْرَائِيلَ كَمَا تَكَلَّمْتَ».٣٧
38 ऐसा ही पाया गया! जब गिदोन ने अगले दिन उसे निचोड़ा, उसने इसमें से एक कटोरे भर जल इकट्ठा कर लिया.
وَكَانَ كَذَلِكَ. فَبَكَّرَ فِي ٱلْغَدِ وَضَغَطَ ٱلْجَزَّةَ وَعَصَرَ طَّلًا مِنَ ٱلْجَزَّةِ، مِلْءَ قَصْعَةٍ مَاءً.٣٨
39 इसके बाद गिदोन ने परमेश्वर से विनती की, “कृपया मुझ पर क्रोध न करें; मैं एक बार और विनती करना चाहूंगा. इस बार ऊन की कतरन सूखी बनी रहे, तथा सारी भूमि पर ओस पाई जाए.”
فَقَالَ جِدْعُونُ لِلهِ: «لَا يَحْمَ غَضَبُكَ عَلَيَّ فَأَتَكَلَّمَ هَذِهِ ٱلْمَرَّةَ فَقَطْ. أَمْتَحِنُ هَذِهِ ٱلْمَرَّةَ فَقَطْ بِٱلْجَزَّةِ. فَلْيَكُنْ جَفَافٌ فِي ٱلْجَزَّةِ وَحْدَهَا وَعَلَى كُلِّ ٱلْأَرْضِ لِيَكُنْ طَلٌّ».٣٩
40 परमेश्वर ने उस रात वैसा ही किया; केवल ऊन की कतरन सूखी रही मगर सारी भूमि ओस से भीगी हुई थी.
فَفَعَلَ ٱللهُ كَذَلِكَ فِي تِلْكَ ٱللَّيْلَةِ. فَكَانَ جَفَافٌ فِي ٱلْجَزَّةِ وَحْدَهَا وَعَلَى ٱلْأَرْضِ كُلِّهَا كَانَ طَلٌّ.٤٠

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