< यिर्मयाह 44 >

1 मिस्र देश के मिगदोल, ताहपनहेस, मैमफिस नगरों तथा पथरोस प्रदेश में निवास कर रहे यहूदियों के लिए येरेमियाह को यह संदेश भेजा गया:
Palabra que fue a Jeremías acerca de todos los Judíos que moraban en la tierra de Egipto, que moraban en Magdad, y en Tafnes, y en Nof, y en tierra de Fatures, diciendo:
2 “सेनाओं के याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की वाणी यह है: येरूशलेम तथा यहूदिया के नगरों पर जो सारी विपत्तियां मेरे द्वारा भेजी गई हैं, उन्हें तो तुमने स्वयं ही देख ली हैं. देख लो, कि आज तक ये स्थान खंडहर बने हुए हैं और कोई भी उनमें निवास नहीं कर रहा.
Así dijo Jehová de los ejércitos, Dios de Israel: Vosotros, habéis visto todo el mal que traje sobre Jerusalem, y sobre todas las ciudades de Judá; y he aquí que ellas están el día de hoy asoladas, ni hay en ellas morador,
3 उस दुष्कृति के कारण जिसके द्वारा उन्होंने परकीय देवताओं की उपासना करने, उन्हें बलि अर्पण करने के द्वारा मेरे कोप को भड़काया है. ये देवता उनके लिए, तुम्हारे लिए तथा तुम्हारे पूर्वजों के लिए अज्ञात रहे.
A causa de la maldad de ellos que hicieron, para hacerme enojar, yendo a ofrecer sahumerios, honrando dioses ajenos, que ellos no conocieron, vosotros ni vuestros padres.
4 इतना सब होने पर भी मैंने तुम्हारे हित में अपने सेवक भविष्यवक्ताओं को भेजा, बार-बार वे यह संदेश देते रहे, ‘मत करो ये सारे उपक्रम, जो मेरे समक्ष घृणास्पद हैं!’
Y envié a vosotros a todos mis siervos profetas, madrugando y enviando, y diciendo: No hagáis ahora esta cosa abominable que yo aborrezco.
5 किंतु उन्होंने न इस ओर ध्यान दिया, न मेरा संदेश सुना न वे इन दुष्कृत्यों से विमुख हुए; उन्होंने उन परकीय देवताओं को बलि अर्पण करना समाप्‍त न किया.
Y no oyeron, ni abajaron su oído para convertirse de su maldad, para no ofrecer sahumerios a dioses ajenos.
6 इसलिये मेरा कोप और मेरा आक्रोश उंडेला गया; यहूदिया के नगर तथा येरूशलेम की गलियां इनसे क्रोधित हो गईं और इसका परिणाम यह है कि अब ये खंडहर मात्र रह गए हैं, जैसा आज स्पष्ट ही है, ये अब निर्जन रह गए हैं.
Y derramóse mi saña y mi furor, y encendióse en las ciudades de Judá, y en las calles de Jerusalem, y tornáronse en soledad, y en destrucción, como parece hoy.
7 “इसलिये अब, सेनाओं के याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की वाणी यह है: तुम क्यों अपनी ही अकाल हानि करने पर तैयार हो, कि तुम्हारे मध्य में यहूदिया में से स्त्री-पुरुष, बालक तथा शिशु कोई बचे हुए लोग न रह जाएं?
Ahora pues, así dijo Jehová de los ejércitos, Dios de Israel: ¿Por qué hacéis tan grande mal contra vuestras almas para ser talados, varón y mujer, niño y mamante de en medio de Judá, para que no os dejéis residuos;
8 मिस्र देश, जहां तुमने बस जाने के उद्देश्य से प्रवेश किया है, वहां तुम उन परकीय देवताओं को बलि अर्पण करने के द्वारा मेरे कोप को भड़का रहे हो. इसका परिणाम यही होगा कि तुम नष्ट हो जाओगे तथा तुम पृथ्वी के सारी जनताओं के लिए एक शाप, एक कटाक्ष बनकर रह जाओगे.
Para hacerme enojar por las obras de vuestras manos, ofreciendo sahumerios a dioses ajenos en la tierra de Egipto, a donde habéis entrado para morar, para que os acabéis, y seáis por maldición, y por vergüenza a todas las naciones de la tierra?
9 क्या तुम अपने पूर्वजों की दुष्कृति भूलना पसंद कर चुके हो—यहूदिया के राजाओं की दुष्कृति, उनकी पत्नियों की दुष्कृति, स्वयं तुम्हारी दुष्कृति तथा तुम्हारी पत्नियों की दुष्कृति, जो यहूदिया में तथा येरूशलेम की गलियों में उनके द्वारा की जाती रही है?
¿Habéis os olvidado de las maldades de vuestros padres, y de las maldades de los reyes de Judá, y de las maldades de sus mujeres, y de vuestras maldades, y de las maldades de vuestras mujeres que hicieron en tierra de Judá, y en las calles de Jerusalem?
10 किंतु पश्चाताप उन्होंने आज तक नहीं किया और उनमें न तो मेरे प्रति श्रद्धा दिखाई, न उन्होंने मेरे व्यवस्था-विधान के पालन किया जो मैंने ही तुम्हारे तथा तुम्हारे पूर्वजों के सामने रखे थे.
No se han quebrantado hasta el día de hoy, ni han tenido temor, ni han caminado en mi ley, ni en mis derechos que di delante de vosotros, y delante de vuestros padres.
11 “इसलिये इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह, की वाणी यह है, यह देख लेना, कि मैं तुम्हारे संकट के लक्ष्य से तुम्हारी ओर अभिमुख होने पर हूं, हां, सारे यहूदिया के सर्वनाश के लक्ष्य से.
Por tanto así dijo Jehová de los ejércitos, Dios de Israel: He aquí que yo pongo mi rostro en vosotros para mal, y para acabar a todo Judá.
12 मैं यहूदिया के उस बचे हुए लोगों को, जो मिस्र में बस जाने के लिए तैयार हो चुके हैं, नष्ट कर दूंगा. मिस्र देश में वे पूर्णतः नष्ट हो जाएंगे; वे तलवार तथा अकाल से नष्ट हो जाएंगे. तलवार एवं अकाल से सामान्य एवं विशिष्ट दोनों ही मिटा दिए जाएंगे. वे शाप बन जाएंगे, आतंक-प्रतिरूप हो जाएंगे, अमंगल प्रार्थना तथा उपहास का विषय हो जाएंगे.
Y tomaré al resto de Judá que pusieron sus rostros para entrar en tierra de Egipto para morar allá, y todos serán consumidos en tierra de Egipto: caerán a cuchillo, serán consumidos de hambre, desde el más pequeño hasta el mayor: a cuchillo y a hambre morirán, y serán por juramento, y por espanto, y por maldición, y por afrenta.
13 मैं मिस्र के निवासियों को उसी प्रकार दंड दूंगा, जिस प्रकार मैंने येरूशलेम को तलवार, अकाल तथा महामारी का दंड दिया है.
Y visitaré a los que moran en tierra de Egipto, como visité a Jerusalem, con espada, y con hambre, y con pestilencia.
14 तब यहूदिया के उन बचे हुए लोगों में से जो मिस्र में इन बातों के साथ जा बसे हैं, कि वे पुनः यहूदिया लौट आएंगे, जहां लौटकर आ रहना ही उनकी अभिलाषा है; उनमें से मात्र अल्प शरणार्थियों के सिवाय न तो कोई शरणार्थी रहेगा और न कोई उत्तरजीवी.”
Y no habrá quien escape, ni quien quede vivo del resto de Judá, que entraron en tierra de Egipto para morar allá, para volver a la tierra de Judá, por la cual ellos suspiran por volver para habitar allá; porque no volverán, si no los que escaparen.
15 तब उन सभी व्यक्तियों ने जिन्हें यह ज्ञात था कि उनकी पत्नियां परकीय देवताओं के समक्ष धूप जलाने की प्रथा में संलग्न हैं, अपनी-अपनी पत्नी के साथ एक विशाल सभा के रूप में मिस्र में पथरोस के निवासियों के साथ मिलकर येरेमियाह को यह प्रत्युत्तर दिया,
Y respondieron al mismo Jeremías todos los que sabían que sus mujeres habían ofrecido sahumerios a dioses ajenos, y todas las mujeres que estaban presentes, una grande compañía, y todo el pueblo que habitaba en tierra de Egipto en Patures, diciendo:
16 “आपने याहवेह के नाम से हमें जो संदेश दिया है, उसे हम नहीं सुनेंगे!
La palabra que nos has hablado en nombre de Jehová, no oímos de ti:
17 हम तो निश्चयतः वही सब करेंगे, जो हमारे मुख से मुखरित हुआ है: हम स्वर्ग की रानी के निमित्त धूप जलाएंगे, उसे पेय बलि अर्पित करेंगे; ठीक जैसा हमारे पूर्वज, हमारे राजा और हमारे उच्चाधिकारी यहूदिया के नगरों में तथा येरूशलेम की गलियों में करते रहे हैं. क्योंकि उस समय हमें भोजन का कोई अभाव न था, हम सम्पन्‍न थे तथा हमें किसी प्रतिकूलता का अनुभव न हुआ.
Antes haremos de hecho toda palabra que ha salido de nuestra boca para ofrecer sahumerios a la reina del cielo, y derramándole derramaduras como habemos hecho nosotros, y nuestros padres, nuestros reyes, y nuestros príncipes, en las ciudades de Judá, y en las plazas de Jerusalem, y fuimos hartos de pan, y fuimos alegres, y nunca vimos mal.
18 किंतु जैसे ही हमने स्वर्ग की रानी के लिए धूप जलाना छोड़ा, जैसे ही हमने उसे पेय बलि अर्पित करना छोड़ा, हम सब प्रकार के अभाव में आ पड़े हैं और प्रजा तलवार एवं अकाल द्वारा विनाश हो रही है.”
Mas desde que cesamos de ofrecer sahumerios a la reina del cielo, y de derramarle derramaduras, nos falta todo, y a cuchillo, y a hambre somos consumidos.
19 और स्त्रियों ने आक्षेप लगाना प्रारंभ किया, “जब हम स्वर्ग की रानी के लिए धूप जला रही थी और पेय बलि अर्पित कर रही थी, क्या हम ये बलियां, ये पेय बलियां तथा अर्पण के व्यंजन जिन पर स्वर्ग की रानी की प्रतिकृति होती थी यह सब अपने-अपने पतियों के जानने बिना कर रही थी?”
Y cuando nosotros ofrecimos sahumerios a la reina del cielo, y le derramamos derramaduras, ¿hicímosle sin nuestros maridos tortas para alegrarla, y derramámosle derramaduras?
20 तब येरेमियाह ने पुरुषों, स्त्रियों, सारे उपस्थित जनसमूह को, उन सभी को, जिन्होंने उन्हें उत्तर दिया था, संबोधित करते हुए कहा:
Y habló Jeremías a todo el pueblo a los hombres, y a las mujeres, y a toda la plebe que le habían respondido esto, diciendo:
21 “यहूदिया के नगरों में तथा येरूशलेम की गलियों में जो धूप तुम लोगों ने, तुम्हारे पूर्वजों ने, तुम्हारे राजाओं ने, तुम्हारे उच्चाधिकारियों ने तथा देश की प्रजा ने, जलाई हैं, क्या याहवेह की दृष्टि से अदृश्य रह गई है अथवा उन्होंने इन्हें भूलना पसंद कर दिया है?
¿No se ha acordado Jehová, y no ha venido a su memoria el sahumerio que ofrecisteis en las ciudades de Judá, y en las plazas de Jerusalem, vosotros, y vuestros padres, vuestros reyes, y vuestros príncipes, y el pueblo de la tierra?
22 यह सब याहवेह के लिए असह्य हो चुका था, तुम्हारे उपक्रमों के संकट के कारण, तुम्हारे द्वारा किए गए घृणास्पद कार्यों के कारण ही आज तुम्हारा देश उजाड़ हो चुका है, यह देश अब भय का स्रोत तथा एक शाप प्रमाणित हो रहा है, आज यह निर्जन पड़ा हुआ है.
Y no pudo sufrir más Jehová a causa de la maldad de vuestras obras, a causa de las abominaciones que habíais hecho: por tanto vuestra tierra fue en asolamiento, y en espanto, y en maldición, hasta no quedar morador, como parece hoy.
23 आज तुम्हारे देश पर जो विपत्ति आ पड़ी है, उसका कारण यही है कि तुमने याहवेह की आज्ञा की अवहेलना की है, उनकी नीतियों का आचरण नहीं किया, उनके अधिनियमों तथा साक्ष्यों की अवहेलना की है, तथा तुमने धूप जलाई है.”
Porque ofrecisteis sahumerios, y pecasteis contra Jehová, y no oísteis la voz de Jehová, ni anduvisteis en su ley, ni en sus derechos, ni en sus testimonios: por tanto ha venido sobre vosotros este mal, como parece hoy.
24 तब येरेमियाह ने सारी स्त्रियों सहित सारे जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, “सारे यहूदियावासियो, जो मिस्र में जा बसे हो, याहवेह का संदेश सुनो.
Y dijo Jeremías a todo el pueblo, y a todas las mujeres: Oíd palabra de Jehová, todo Judá, los que estáis en tierra de Egipto.
25 सेनाओं के याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: तुम्हारे लिए तथा तुम्हारी पत्नियों से संबंधित संदेश यह है: तुमने यह कहते हुए, ‘हम उन सारे संकल्पों को पूर्ण करेंगे, जो हमने किए थे. हम स्वर्ग की रानी के लिए धूप जलाएंगे, उसे पेय बलि भी अर्पित करेंगे, तुमने जो कुछ अपने मुख से घोषित किया, उसे अपने कार्यों द्वारा पूर्ण भी कर दिखाया है.’ “जाओ, जाकर अपने संकल्पों की पुष्टि करो और उन्हें पूर्ण भी करो!
Así habló Jehová Dios de los ejércitos, Dios de Israel, diciendo: Vosotros, y vuestras mujeres hablasteis con vuestra boca, y cumplísteislo con vuestras manos, diciendo: Haremos de hecho nuestros votos que votamos de ofrecer sahumerios a la reina del cielo, y de derramarle derramaduras: confirmando confirmáis vuestros votos, y haciendo hacéis vuestros votos.
26 फिर भी, मिस्र में जा बसे यहूदियावासियो, याहवेह का संदेश सुन लो: ‘ध्यान रहे, मैंने अपने ही उदात्त नाम की शपथ ली है,’ यह याहवेह की वाणी है, ‘मिस्र देश में यहूदिया का कोई भी व्यक्ति शपथ करने के लिये अब कभी भी मेरे महान नाम का उपयोग नहीं कर पायेगा. वे फिर कभी नहीं कहेंगे, “याहवेह के नाम की शपथ!”
Por tanto oíd palabra de Jehová, todo Judá los que habitáis en tierra de Egipto: He aquí que yo juré por mi grande nombre, dijo Jehová, que mi nombre no será más invocado en la boca de ningún varón Judío, que diga, Vive el Señor Jehová, en toda la tierra de Egipto.
27 मैं उन पर मेरी दृष्टि लगी हुई है, वह हित के लिए नहीं, पर विपत्ति के लिए. यहूदियावासी सभी, जो मिस्र देश में जा बसे है, तब तक तलवार से तथा अकाल से उनकी मृत्यु हो ही जाएगी; जब तक उनके विनाश संपूर्ण न हो.
He aquí que yo velo sobre ellos para mal, y no para bien; y todos los varones de Judá que están en tierra de Egipto, serán consumidos a cuchillo, y a hambre, hasta que sean consumidos.
28 हां, अत्यंत अल्प संख्या में कुछ तलवार से बचकर मिस्र से यहूदिया पहुंच जाएंगे. तब यहूदिया के संपूर्ण बचे हुए लोगों को, जो मिस्र में बस जाने के लिए वहां गए थे, उन्हें यह ज्ञात हो जाएगा कि किसका कहना अटल होता है, मेरा अथवा उनका.
Y los que escaparen del cuchillo, volverán de tierra de Egipto a tierra de Judá, pocos hombres, para que sepan todos los residuos de Judá, que han entrado en Egipto para morar allí, la palabra de quien ha de permanecer, la mía, o la suya.
29 “‘तुम्हारे लिए इसका चिन्ह यह होगा,’ यह याहवेह की वाणी है, ‘मैं तुम्हें इसी स्थान पर दंड दूंगा, जिससे कि तुम यह समझ सको कि तुम्हारे संकट के लिए मेरी वाणी पूर्ण होकर ही रहेगी.’
Y esto tendréis por señal, dice Jehová, de que os visito en este lugar, para que sepáis que permaneciendo permanecerán mis palabras para mal sobre vosotros.
30 याहवेह का संदेश यह है: ‘तुम देखोगे कि मैं मिस्र के राजा फ़रोह होफ़राह को उसके शत्रुओं के अधीन कर दूंगा, उनके अधीन जो उसके प्राण लेने को तैयार हैं, ठीक जिस प्रकार मैंने यहूदिया के राजा सीदकियाहू को बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र के अधीन कर दिया था, जो उसका शत्रु था, जो उसके प्राण लेने को तैयार था.’”
Así dijo Jehová: He aquí que yo entrego a Faraon-hofra, rey de Egipto, en mano de sus enemigos, y en mano de los que buscan su alma; como entregué a Sedecías, rey de Judá, en mano de Nabucodonosor, rey de Babilonia, su enemigo, y que buscaba su alma.

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