< यिर्मयाह 41 >
1 सातवें माह में एलीशामा का पौत्र नेथनियाह का पुत्र, राजपरिवार का वंशज इशमाएल, राजा के प्रमुख सेनापतियों में से एक तथा दस व्यक्ति अहीकाम के पुत्र गेदालियाह से भेंट करने मिज़पाह पहुंचे. जब वे वहां साथ बैठे हुए भोजन कर रहे थे,
Es begab sich aber im siebenten Monat, daß Ismael, der Sohn Netanjas, des Sohnes Elisamas, aus königlichem Samen und von den Obersten des Königs, in Begleitung von zehn Männern, zu Gedalja, dem Sohne Achikams, gen Mizpa kam; und sie aßen daselbst miteinander.
2 नेथनियाह का पुत्र इशमाएल तथा उसके दस साथी उठे और तलवार के प्रहार से शापान के पौत्र, अहीकाम के पुत्र गेदालिया का वध कर दिया, गेदालियाह, जिसे बाबेल के राजा ने देश पर अधिपति नियुक्त किया था.
Aber Ismael, der Sohn Netanjas, und die zehn Männer, die bei ihm waren, standen auf und schlugen Gedalja, den Sohn Achikams, des Sohnes Saphans, mit dem Schwerte und töteten den, welchen der König von Babel über das Land gesetzt hatte.
3 इशमाएल ने राजा के सारे यहूदियों का भी संहार कर दिया, अर्थात् वे, जो मिज़पाह में गेदालियाह के साथ थे, उसने उन कसदी सैनिकों का भी संहार कर दिया, जो उस स्थान पर पाए गए.
Auch alle Juden, die in Mizpa bei Gedalja waren, und die Chaldäer, die Kriegsleute, die sich daselbst befanden, erschlug Ismael.
4 दूसरे दिन, जब गेदालियाह की हत्या की जा चुकी थी, जिसके विषय में किसी को कोई संज्ञान न था,
Am zweiten Tage, nachdem er Gedalja getötet hatte (was aber noch unbekannt war),
5 शेकेम से, शीलो से तथा शमरिया से अस्सी व्यक्ति वहां पहुंचे, उनकी दाढ़ी मूंड़ी हुई थी, वस्त्र फटे हुए तथा देह पर घाव लगे हुए थे, वे अपने साथ अन्नबलि एवं धूप लेकर आए थे, कि इन्हें याहवेह के भवन में ले जाएं.
kamen etliche Männer aus Sichem, aus Silo und Samaria, etwa achtzig Mann, die ihre Bärte geschoren, die Kleider zerrissen und sich Einschnitte gemacht hatten; die hatten Speisopfer und Weihrauch bei sich, um es zum Hause des HERRN zu bringen.
6 तब नेथनियाह का पुत्र इशमाएल मिज़पाह से उनसे भेंट करने निकला, इस समय वह रोता जा रहा था. जब उसकी भेंट इन अस्सी व्यक्तियों के समूह से हुई, उसने उनसे कहा, “चलिए, हम अहीकाम के पुत्र गेदालियाह से भेंट करने चलें.”
Da ging Ismael, der Sohn Netanjas, von Mizpa hinaus, ihnen entgegen, und weinte beim Gehen. Als er aber mit ihnen zusammentraf, sprach er zu ihnen: Kommt herein zu Gedalja, dem Sohne Achikams!
7 उनके नगर में पहुंचते ही, नेथनियाह के पुत्र इशमाएल तथा उसके साथियों ने उनकी हत्या कर दी और उनके शव कुएं में फेंक दिए.
Als sie nun mitten in die Stadt gekommen waren, ermordete sie Ismael, der Sohn Netanjas, und warf sie in die Zisterne, er und die Leute, welche bei ihm waren.
8 किंतु इन अस्सी में से दस जीवित रह गए थे, उन्होंने इशमाएल से आग्रह किया, “हमें जीवनदान दीजिए! हमारे पास गेहूं, जौ, मधु तथा तेल का भंडार है, जिसे हमने खेत में छिपा रखा है.” तब इशमाएल ने अन्य सत्तर के साथ उनकी हत्या नहीं की.
Unter jenen aber waren zehn Männer, die sprachen zu Ismael: Töte uns nicht, denn wir haben noch verborgene Vorräte im Felde, Weizen, Gerste, Öl und Honig! Also verschonte er sie und tötete sie nicht mit ihren Brüdern.
9 वह कुंआ जिसमें इशमाएल ने उन लोगों के शव फेंक दिए थे, जिनकी उसने गेदालियाह के साथ हत्या की थी, राजा आसा द्वारा इस्राएल के राजा बाशा से अपनी सुरक्षा के उद्देश्य से निर्मित किया गया था. नेथनियाह के पुत्र इशमाएल ने इस कुएं को मरे हुओं के शवों से भर दिया.
Die Zisterne aber, in die Ismael alle Leichname der Männer werfen ließ, die er erschlagen hatte, war die große Zisterne, welche der König Asa wegen Baesas, des Königs von Israel, hatte machen lassen; die füllte Ismael, der Sohn Netanjas, mit den Erschlagenen.
10 तत्पश्चात इशमाएल ने मिज़पाह में निवास कर रहे सारे लोगों को बंदी बना लिया, राजा की बेटियों तथा मिज़पाह में शेष रह गए सभी यहूदी, जिन्हें अंगरक्षकों के प्रधान, नेबुज़रादान ने अहीकाम के पुत्र गेदालियाह के संरक्षण में छोड़ रखा था. इस प्रकार नेथनियाह के पुत्र इशमाएल ने इन सभी को बंदी बना लिया और वह अम्मोन वंशजों के देश की ओर इन्हें लेकर प्रस्थित हो गया.
Aber den Rest des Volks, der zu Mizpa war, führte Ismael gefangen; die Töchter des Königs und alles Volk, welches in Mizpa übriggeblieben war, über die Nebusaradan, der Oberste der Leibwache, Gedalja, den Sohn Achikams, gesetzt hatte, führte Ismael, der Sohn Netanjas, gefangen und machte sich davon, um zu den Kindern Ammon hinüberzuziehen.
11 नेथनियाह के पुत्र इशमाएल द्वारा किए गए इस संकट का समाचार कोरियाह के पुत्र योहानन तथा उसके साथ की संयुक्त सेना के सेनापतियों को प्राप्त हुआ,
Als aber Johanan, der Sohn Kareachs, und alle Hauptleute über das Heer, die bei ihm waren, alle Bosheit vernahmen, die Ismael, der Sohn Netanjas, begangen hatte,
12 इसलिये उन्होंने सभी पुरुषों को एकजुट किया और नेथनियाह के पुत्र इशमाएल से युद्ध करने के लिए तैयार हुए. नेथनियाह के पुत्र इशमाएल को उन्होंने गिबयोन के महा कुंड के निकट जा पकड़ा.
nahmen sie alle Männer und zogen hin, um wider Ismael, den Sohn Netanjas, zu streiten, und sie fanden ihn bei den großen Wassern von Gibeon.
13 जैसे ही इशमाएल के सारे साथियों की दृष्टि कोरियाह के पुत्र योहानन तथा उसके साथी सेनापतियों पर पड़ी, वे पुलकित हो गए.
Als nun das ganze Volk, welches bei Ismael war, Johanan, den Sohn Kareachs, sah und alle Hauptleute des Heeres, die bei ihm waren, wurden sie froh;
14 इससे मिज़पाह में इशमाएल द्वारा बंदी बनाए गए सभी लोग मुड़कर कोरियाह के पुत्र योहानन के निकट आ गए.
und alles Volk, das Ismael von Mizpa weggeführt hatte, wandte sich und kehrte um und kam zu Johanan, dem Sohne Kareachs.
15 किंतु नेथनियाह का पुत्र इशमाएल योहानन से बचकर भाग निकला, उसके साथ आठ व्यक्ति भी बच निकले और अम्मोन वंशजों के देश पहुंच गए.
Ismael aber, der Sohn Netanjas, entrann vor Johanan mit acht Männern und zog zu den Kindern Ammon.
16 तब कोरियाह के पुत्र योहानन तथा उसके साथ की सेना के सारे सेनापतियों ने मिज़पाह से लोगों के संपूर्ण लोगों को निकाल लिया, जिन्हें उसने नेथनियाह के पुत्र इशमाएल से विमुक्त किया था, जिन्हें इशमाएल ने अहीकाम के पुत्र गेदालियाह की हत्या के बाद बंदी बना लिया था, अर्थात्, सैनिक, स्त्रियां, बालक; तथा राज-दरबार के अधिकारी जिन्हें उसने गिबयोन से लौटा ले आया था.
Johanan aber, der Sohn Kareachs, samt allen Hauptleuten des Heeres, die bei ihm waren, nahm den ganzen Überrest des Volkes, welchen Ismael, der Sohn Netanjas, nach der Ermordung Gedaljas, des Sohnes Achikams, von Mizpa weggeführt hatte: streitbare Männer, Weiber und Kinder und Kämmerer, welche er von Gibeon wiedergebracht hatte.
17 उपयुक्त समय आने पर मिस्र चले जाने के उद्देश्य से वे जाकर बेथलेहेम के निकटवर्ती नगर गेरुथ किमहाम में ठहरे रहे.
Und sie zogen hin und blieben bei der Herberge Kimhams, die neben Bethlehem liegt, um [von dort] nach Ägypten zu ziehen,
18 क्योंकि उन्हें कसदियों का भय था. क्योंकि नेथनियाह के पुत्र इशमाएल ने अहीकाम के पुत्र गेदालियाह की हत्या कर दी थी, जिसको बाबेल के राजा ने देश पर अधिपति नियुक्त किया था.
aus Furcht vor den Chaldäern; denn sie fürchteten sich vor ihnen, weil Ismael, der Sohn Netanjas, Gedalja, den Sohn Achikams, erschlagen hatte, welchen der König von Babel über das Land gesetzt.