< यिर्मयाह 23 >

1 “धिक्कार है उन चरवाहों पर जो मेरी चराई की भेड़ों को तितर-बितर कर रहे तथा उन्हें नष्ट कर रहे हैं!” यह याहवेह की वाणी है.
ὦ οἱ ποιμένες οἱ διασκορπίζοντες καὶ ἀπολλύοντες τὰ πρόβατα τῆς νομῆς μου
2 इसलिये उन चरवाहों के विषय में, जो याहवेह की भेड़ों के रखवाले हैं, याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: “तुमने मेरी भेड़ों को तितर-बितर कर दिया है, उन्हें खदेड़ दिया है तथा उनकी देखभाल नहीं की है, इसलिये यह समझ लो कि मैं तुम्हारे अधर्म का प्रतिफल देने ही पर हूं.” यह याहवेह की वाणी है.
διὰ τοῦτο τάδε λέγει κύριος ἐπὶ τοὺς ποιμαίνοντας τὸν λαόν μου ὑμεῖς διεσκορπίσατε τὰ πρόβατά μου καὶ ἐξώσατε αὐτὰ καὶ οὐκ ἐπεσκέψασθε αὐτά ἰδοὺ ἐγὼ ἐκδικῶ ἐφ’ ὑμᾶς κατὰ τὰ πονηρὰ ἐπιτηδεύματα ὑμῶν
3 “तत्पश्चात स्वयं मैं अपनी भेड़-बकरियों के बचे हुए लोगों को उन सारे देशों से एकत्र करूंगा, जहां मैंने उन्हें खदेड़ दिया था, मैं उन्हें उन्हीं के चराइयों में लौटा ले आऊंगा जहां वे सम्पन्‍न होते और संख्या में बढ़ते जाएंगे.
καὶ ἐγὼ εἰσδέξομαι τοὺς καταλοίπους τοῦ λαοῦ μου ἀπὸ πάσης τῆς γῆς οὗ ἐξῶσα αὐτοὺς ἐκεῖ καὶ καταστήσω αὐτοὺς εἰς τὴν νομὴν αὐτῶν καὶ αὐξηθήσονται καὶ πληθυνθήσονται
4 मैं उनके लिए चरवाहे भी तैयार करूंगा वे उनकी देखभाल करेंगे, तब उनके समक्ष किसी भी प्रकार का भय न रहेगा, उनमें से कोई भी न तो व्याकुल होगा और न ही कोई उनमें से खो जाएगा,” यह याहवेह की वाणी है.
καὶ ἀναστήσω αὐτοῖς ποιμένας οἳ ποιμανοῦσιν αὐτούς καὶ οὐ φοβηθήσονται ἔτι οὐδὲ πτοηθήσονται λέγει κύριος
5 “यह देख लेना कि ऐसे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब मैं दावीद के लिए एक धार्मिकतापूर्ण शाखा उत्पन्‍न करूंगा, वह राजा सदृश राज्य-काल करेगा तथा उसके निर्णय विद्वत्तापूर्ण होंगे उस देश में न्याय एवं धार्मिकतापूर्ण होगा.
ἰδοὺ ἡμέραι ἔρχονται λέγει κύριος καὶ ἀναστήσω τῷ Δαυιδ ἀνατολὴν δικαίαν καὶ βασιλεύσει βασιλεὺς καὶ συνήσει καὶ ποιήσει κρίμα καὶ δικαιοσύνην ἐπὶ τῆς γῆς
6 तब उन दिनों में यहूदिया संरक्षित रखा जाएगा तथा इस्राएल सुरक्षा में निवास करेगा. उन दिनों उसकी पहचान होगी: ‘याहवेह हमारी धार्मिकता.’
ἐν ταῖς ἡμέραις αὐτοῦ σωθήσεται Ιουδας καὶ Ισραηλ κατασκηνώσει πεποιθώς καὶ τοῦτο τὸ ὄνομα αὐτοῦ ὃ καλέσει αὐτὸν κύριος Ιωσεδεκ
7 इसलिये यह देखना, ऐसे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब वे ऐसा कहना छोड़ देंगे, ‘जीवित याहवेह की शपथ, जिन्होंने इस्राएल वंशजों का मिस्र देश से निकास किया,’
διὰ τοῦτο ἰδοὺ ἡμέραι ἔρχονται λέγει κύριος καὶ οὐκ ἐροῦσιν ἔτι ζῇ κύριος ὃς ἀνήγαγεν τὸν οἶκον Ισραηλ ἐκ γῆς Αἰγύπτου
8 बल्कि वे यह कहने लगेंगे, ‘जीवित याहवेह की शपथ, जो इस्राएल के परिवार के वंशजों को उस देश से जो उत्तर में है तथा उन सभी देशों में से जहां मैंने उन्हें खदेड़ दिया था, निकास कर लौटा ले आया हूं.’ तब वे अपनी मातृभूमि पर निवास करने लगेंगे.”
ἀλλά ζῇ κύριος ὃς συνήγαγεν ἅπαν τὸ σπέρμα Ισραηλ ἀπὸ γῆς βορρᾶ καὶ ἀπὸ πασῶν τῶν χωρῶν οὗ ἐξῶσεν αὐτοὺς ἐκεῖ καὶ ἀπεκατέστησεν αὐτοὺς εἰς τὴν γῆν αὐτῶν
9 भविष्यवक्ताओं के विषय में मैं यह कहूंगा: भीतर ही भीतर मेरा हृदय टूट चुका है; मेरी सारी अस्थियां थरथरा रही हैं. मेरी स्थिति मतवाले व्यक्ति के सदृश हो चुकी है, उस व्यक्ति के सदृश जो दाखमधु से अचंभित हो चुका है, इस स्थिति का कारण हैं याहवेह और उनके पवित्र वचन.
ἐν τοῖς προφήταις συνετρίβη ἡ καρδία μου ἐν ἐμοὶ ἐσαλεύθη πάντα τὰ ὀστᾶ μου ἐγενήθην ὡς ἀνὴρ συντετριμμένος καὶ ὡς ἄνθρωπος συνεχόμενος ἀπὸ οἴνου ἀπὸ προσώπου κυρίου καὶ ἀπὸ προσώπου εὐπρεπείας δόξης αὐτοῦ
10 देश व्यभिचारियों से परिपूर्ण हो चुका है; शाप के कारण देश विलाप में डूबा हुआ है, निर्जन प्रदेश के चराई शुष्क हो चुके हैं. उनकी जीवनशैली संकटमय है तथा उनका बल का उपयोग अन्याय के कामों में होता है.
ὅτι ἀπὸ προσώπου τούτων ἐπένθησεν ἡ γῆ ἐξηράνθησαν αἱ νομαὶ τῆς ἐρήμου καὶ ἐγένετο ὁ δρόμος αὐτῶν πονηρὸς καὶ ἡ ἰσχὺς αὐτῶν οὐχ οὕτως
11 “क्योंकि दोनों ही श्रद्धाहीन हैं, भविष्यद्वक्ता एवं पुरोहित; मेरे ही भवन में मैंने उनका अधर्म देखा है,” यह याहवेह की वाणी है.
ὅτι ἱερεὺς καὶ προφήτης ἐμολύνθησαν καὶ ἐν τῷ οἴκῳ μου εἶδον πονηρίας αὐτῶν
12 “इसलिये उनका मार्ग उनके लिए अंधकार में फिसलन सदृश हो जाएगा; वे अंधकार में धकेल दिए जाएंगे जहां उनका गिर जाना निश्चित है. क्योंकि मैं उन पर विपत्ति ले आऊंगा, जो उनके दंड का वर्ष होगा,” यह याहवेह की वाणी है.
διὰ τοῦτο γενέσθω ἡ ὁδὸς αὐτῶν αὐτοῖς εἰς ὀλίσθημα ἐν γνόφῳ καὶ ὑποσκελισθήσονται καὶ πεσοῦνται ἐν αὐτῇ διότι ἐπάξω ἐπ’ αὐτοὺς κακὰ ἐν ἐνιαυτῷ ἐπισκέψεως αὐτῶν φησὶν κύριος
13 “मुझे शमरिया के भविष्यवक्ताओं में एक घृणास्पद संस्कार दिखाई दिया है: उन्होंने बाल से उत्प्रेरित हो भविष्यवाणी की है तथा मेरी प्रजा इस्राएल को रास्ते से भटका दिया है.
καὶ ἐν τοῖς προφήταις Σαμαρείας εἶδον ἀνομήματα ἐπροφήτευσαν διὰ τῆς Βααλ καὶ ἐπλάνησαν τὸν λαόν μου Ισραηλ
14 इसके सिवाय येरूशलेम के भविष्यवक्ताओं में भी मैंने एक भयानक बात देखी है: मेरे प्रति उनके संबंध में वैसा ही विश्वासघात हुआ है जैसा दाम्पत्य में व्यभिचार से होता है. वे बुराइयों के हाथों को सशक्त करने में लगे हुए हैं, परिणामस्वरूप कोई भी बुराई का परित्याग नहीं कर रहा. मेरी दृष्टि में वे सभी सोदोमवासियों सदृश हो चुके हैं; वहां के निवासी अमोराह सदृश हो गए हैं.”
καὶ ἐν τοῖς προφήταις Ιερουσαλημ ἑώρακα φρικτά μοιχωμένους καὶ πορευομένους ἐν ψεύδεσι καὶ ἀντιλαμβανομένους χειρῶν πονηρῶν τοῦ μὴ ἀποστραφῆναι ἕκαστον ἀπὸ τῆς ὁδοῦ αὐτοῦ τῆς πονηρᾶς ἐγενήθησάν μοι πάντες ὡς Σοδομα καὶ οἱ κατοικοῦντες αὐτὴν ὥσπερ Γομορρα
15 इसलिये भविष्यवक्ताओं के संबंध में याहवेह की वाणी है: “यह देख लेना कि मैं उन्हें नागदौन खिलाऊंगा तथा उन्हें पेय स्वरूप विष से भरा जल पिलाऊंगा, क्योंकि येरूशलेम के भविष्यवक्ताओं से ही श्रद्धाहीनता संपूर्ण देश में व्याप्‍त हो गई है.”
διὰ τοῦτο τάδε λέγει κύριος ἰδοὺ ἐγὼ ψωμιῶ αὐτοὺς ὀδύνην καὶ ποτιῶ αὐτοὺς ὕδωρ πικρόν ὅτι ἀπὸ τῶν προφητῶν Ιερουσαλημ ἐξῆλθεν μολυσμὸς πάσῃ τῇ γῇ
16 यह सेनाओं के याहवेह का आदेश है: “मत सुनो भविष्यवक्ताओं के वचन जो तुम्हारे लिए भविष्यवाणी कर रहे हैं; वे तुम्हें व्यर्थ की ओर ले जा रहे है. वे अपनी ही कल्पना के दर्शन का उल्लेख करते हैं, न कि याहवेह के मुख से उद्‍भूत संदेश को.
οὕτως λέγει κύριος παντοκράτωρ μὴ ἀκούετε τοὺς λόγους τῶν προφητῶν ὅτι ματαιοῦσιν ἑαυτοῖς ὅρασιν ἀπὸ καρδίας αὐτῶν λαλοῦσιν καὶ οὐκ ἀπὸ στόματος κυρίου
17 जिन्हें मुझसे घृणा है वे यह आश्वासन देते रहते हैं, ‘याहवेह ने यह कहा है: तुम्हारे मध्य शांति व्याप्‍त रहेगी.’ तब तुम सभी के विषय में जो अपने हृदय के हठ में आचरण करते हो, मुझे यह कहना है: वे कहते तो हैं, ‘तुम पर विपत्ति के आने की कोई संभावना ही नहीं हैं.’
λέγουσιν τοῖς ἀπωθουμένοις τὸν λόγον κυρίου εἰρήνη ἔσται ὑμῖν καὶ πᾶσιν τοῖς πορευομένοις τοῖς θελήμασιν αὐτῶν παντὶ τῷ πορευομένῳ πλάνῃ καρδίας αὐτοῦ εἶπαν οὐχ ἥξει ἐπὶ σὲ κακά
18 कौन याहवेह की संसद में उपस्थित हुआ है, कि याहवेह को देखे तथा उनका स्वर सुने?
ὅτι τίς ἔστη ἐν ὑποστήματι κυρίου καὶ εἶδεν τὸν λόγον αὐτοῦ τίς ἐνωτίσατο καὶ ἤκουσεν
19 ध्यान दो, कि याहवेह का प्रकोप आंधी सदृश प्रभावी हो चुका है, हां, बवंडर सदृश यह दुष्टों के सिरों पर भंवर सदृश उतर पड़ेगा.
ἰδοὺ σεισμὸς παρὰ κυρίου καὶ ὀργὴ ἐκπορεύεται εἰς συσσεισμόν συστρεφομένη ἐπὶ τοὺς ἀσεβεῖς ἥξει
20 याहवेह के कोप का बुझना उस समय तक नहीं होता जब तक वह अपने हृदय की बातें कार्यान्वयन की निष्पत्ति नहीं कर लेते. भावी अंतिम दिनों में तुम यह स्पष्ट समझ लोगे.
καὶ οὐκέτι ἀποστρέψει ὁ θυμὸς κυρίου ἕως ἂν ποιήσῃ αὐτὸ καὶ ἕως ἂν ἀναστήσῃ αὐτὸ ἀπὸ ἐγχειρήματος καρδίας αὐτοῦ ἐπ’ ἐσχάτου τῶν ἡμερῶν νοήσουσιν αὐτά
21 जब मैंने इन भविष्यवक्ताओं को भेजा ही नहीं था, वे दौड़ पड़े थे; उनसे तो मैंने बात ही नहीं की थी, किंतु वे भविष्यवाणी करने लगे.
οὐκ ἀπέστελλον τοὺς προφήτας καὶ αὐτοὶ ἔτρεχον οὐκ ἐλάλησα πρὸς αὐτούς καὶ αὐτοὶ ἐπροφήτευον
22 यदि वे मेरी संसद में उपस्थित हुए होते, तो वे निश्चयतः मेरी प्रजा के समक्ष मेरा संदेश भेजा करते, वे मेरी प्रजा को कुमार्ग से लौटा ले आते और वे अपने दुराचरण का परित्याग कर देते.
καὶ εἰ ἔστησαν ἐν τῇ ὑποστάσει μου καὶ εἰσήκουσαν τῶν λόγων μου καὶ τὸν λαόν μου ἂν ἀπέστρεφον αὐτοὺς ἀπὸ τῶν πονηρῶν ἐπιτηδευμάτων αὐτῶν
23 “क्या मैं परमेश्वर तब होता हूं, जब मैं तुम्हारे निकट हूं?” यह याहवेह की वाणी है, “क्या मैं तब परमेश्वर नहीं हूं, जब मैं तुमसे दूर होता हूं?
θεὸς ἐγγίζων ἐγώ εἰμι λέγει κύριος καὶ οὐχὶ θεὸς πόρρωθεν
24 क्या कोई व्यक्ति स्वयं को किसी छिपने के स्थान पर ऐसे छिपा सकता है, कि मैं उसे देख न सकूं?” यह याहवेह का प्रश्न है. “क्या आकाश और पृथ्वी मुझसे पूर्ण नहीं हैं?” यह याहवेह का प्रश्न है.
εἰ κρυβήσεται ἄνθρωπος ἐν κρυφαίοις καὶ ἐγὼ οὐκ ὄψομαι αὐτόν μὴ οὐχὶ τὸν οὐρανὸν καὶ τὴν γῆν ἐγὼ πληρῶ λέγει κύριος
25 “मैंने वह सुन लिया है जो झूठे भविष्यवक्ताओं ने मेरा नाम लेकर इस प्रकार भविष्यवाणी करते हैं: ‘मुझे एक स्वप्न आया था! सुना तुमने, मुझे एक स्वप्न आया था!’
ἤκουσα ἃ λαλοῦσιν οἱ προφῆται ἃ προφητεύουσιν ἐπὶ τῷ ὀνόματί μου ψευδῆ λέγοντες ἠνυπνιασάμην ἐνύπνιον
26 और कब तक? क्या उन भविष्यवक्ताओं के हृदय में जो झूठी भविष्यवाणी करते रहते हैं, कुछ सार्थक है, हां, वे भविष्यद्वक्ता जो अपने ही हृदय के भ्रम की भविष्यवाणी करते रहते हैं.
ἕως πότε ἔσται ἐν καρδίᾳ τῶν προφητῶν τῶν προφητευόντων ψευδῆ καὶ ἐν τῷ προφητεύειν αὐτοὺς τὰ θελήματα καρδίας αὐτῶν
27 जिनका एकमात्र लक्ष्य होता है उनके उन स्वप्नों के द्वारा, जिनका उल्लेख वे परस्पर करते रहते हैं, मेरी प्रजा मेरा नाम ही भूलना पसंद कर दे, ठीक जिस प्रकार बाल के कारण उनके पूर्वजों ने मेरा नाम भूलना पसंद कर रखा था.
τῶν λογιζομένων τοῦ ἐπιλαθέσθαι τοῦ νόμου μου ἐν τοῖς ἐνυπνίοις αὐτῶν ἃ διηγοῦντο ἕκαστος τῷ πλησίον αὐτοῦ καθάπερ ἐπελάθοντο οἱ πατέρες αὐτῶν τοῦ ὀνόματός μου ἐν τῇ Βααλ
28 जिस भविष्यद्वक्ता ने स्वप्न देखा है वह अपने स्वप्न का उल्लेख करता रहे, किंतु जिस किसी को मेरा संदेश सौंपा गया है वह पूर्ण निष्ठा से मेरा संदेश प्रगट करे. भला भूसी तथा अन्‍न में कोई साम्य होता है?” यह याहवेह की वाणी है.
ὁ προφήτης ἐν ᾧ τὸ ἐνύπνιόν ἐστιν διηγησάσθω τὸ ἐνύπνιον αὐτοῦ καὶ ἐν ᾧ ὁ λόγος μου πρὸς αὐτόν διηγησάσθω τὸν λόγον μου ἐπ’ ἀληθείας τί τὸ ἄχυρον πρὸς τὸν σῖτον οὕτως οἱ λόγοι μου λέγει κύριος
29 “क्या मेरा संदेश अग्नि-सदृश नहीं?” यह याहवेह का प्रश्न है, “और क्या एक हथौड़े सदृश नहीं जो चट्टान को चूर्ण कर देता है?
οὐχὶ οἱ λόγοι μου ὥσπερ πῦρ φλέγον λέγει κύριος καὶ ὡς πέλυξ κόπτων πέτραν
30 “इसलिये यह समझ लो, मैं उन भविष्यवक्ताओं से रुष्ट हूं,” यह याहवेह की वाणी है, “जो एक दूसरे से मेरा संदेश छीनते रहते हैं.
διὰ τοῦτο ἰδοὺ ἐγὼ πρὸς τοὺς προφήτας λέγει κύριος ὁ θεός τοὺς κλέπτοντας τοὺς λόγους μου ἕκαστος παρὰ τοῦ πλησίον αὐτοῦ
31 यह समझ लो, मैं उन भविष्यवक्ताओं से रुष्ट हूं,” यह याहवेह की वाणी है, “जो अपनी जीभ का प्रयोग कर यह वाणी कहते हैं, ‘यह प्रभु की वाणी है.’
ἰδοὺ ἐγὼ πρὸς τοὺς προφήτας τοὺς ἐκβάλλοντας προφητείας γλώσσης καὶ νυστάζοντας νυσταγμὸν ἑαυτῶν
32 यह समझ लो, मैं उन सभी से रुष्ट हूं जिन्होंने झूठे स्वप्नों को भविष्यवाणी का स्वरूप दे दिया है,” यह याहवेह की वाणी है. “तथा इन स्वप्नों को मेरी प्रजा के समक्ष प्रस्तुत करके अपने लापरवाह झूठों तथा दुस्साहसमय गर्वोक्ति द्वारा उन्हें भरमाते है. मैंने न तो उन्हें कोई आदेश दिया है और न ही उन्हें भेजा है. मेरी प्रजा को इनसे थोड़ा भी लाभ नहीं हुआ है,” यह याहवेह की वाणी है.
ἰδοὺ ἐγὼ πρὸς τοὺς προφήτας τοὺς προφητεύοντας ἐνύπνια ψευδῆ καὶ διηγοῦντο αὐτὰ καὶ ἐπλάνησαν τὸν λαόν μου ἐν τοῖς ψεύδεσιν αὐτῶν καὶ ἐν τοῖς πλάνοις αὐτῶν καὶ ἐγὼ οὐκ ἀπέστειλα αὐτοὺς καὶ οὐκ ἐνετειλάμην αὐτοῖς καὶ ὠφέλειαν οὐκ ὠφελήσουσιν τὸν λαὸν τοῦτον
33 “अब यदि ऐसी स्थिति आए, जब जनसाधारण अथवा भविष्यद्वक्ता अथवा पुरोहित तुमसे यह प्रश्न करें, ‘क्या है याहवेह का प्रकाशन?’ तब तुम्हें उन्हें उत्तर देना होगा, ‘कौन सा प्रकाशन?’ याहवेह की वाणी है, मैं तुम्हारा परित्याग कर दूंगा.
καὶ ἐὰν ἐρωτήσωσί σε ὁ λαὸς οὗτος ἢ ἱερεὺς ἢ προφήτης λέγων τί τὸ λῆμμα κυρίου καὶ ἐρεῖς αὐτοῖς ὑμεῖς ἐστε τὸ λῆμμα καὶ ῥάξω ὑμᾶς λέγει κύριος
34 तब उस भविष्यद्वक्ता अथवा पुरोहित अथवा उन लोगों के विषय में जो यह कहते हैं, ‘याहवेह का सारगर्भित प्रकाशन,’ उस पर मेरी ओर से दंड प्रभावी हो जाएगा उस पर तथा उसके परिवार पर.
καὶ ὁ προφήτης καὶ ὁ ἱερεὺς καὶ ὁ λαός οἳ ἂν εἴπωσιν λῆμμα κυρίου καὶ ἐκδικήσω τὸν ἄνθρωπον ἐκεῖνον καὶ τὸν οἶκον αὐτοῦ
35 तुममें से हर एक अपने-अपने पड़ोसी एवं अपने बंधु से यह पूछेगा: ‘क्या था याहवेह का प्रत्युत्तर?’ अथवा, ‘क्या प्रकट किया है याहवेह ने?’ या
ὅτι οὕτως ἐρεῖτε ἕκαστος πρὸς τὸν πλησίον αὐτοῦ καὶ ἕκαστος πρὸς τὸν ἀδελφὸν αὐτοῦ τί ἀπεκρίθη κύριος καὶ τί ἐλάλησεν κύριος
36 ‘क्योंकि याहवेह का प्रकाशन तुम्हें स्मरण न रह जाएगा,’ क्योंकि हर एक व्यक्ति के अपने ही वचन प्रकाशन हो जाएंगे. तुमने जीवन्त परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह हमारे परमेश्वर के संदेश को तोड़ मरोड़ दिया है.
καὶ λῆμμα κυρίου μὴ ὀνομάζετε ἔτι ὅτι τὸ λῆμμα τῷ ἀνθρώπῳ ἔσται ὁ λόγος αὐτοῦ
37 उस भविष्यद्वक्ता से तुम यह प्रश्न करोगे: ‘क्या उत्तर दिया है याहवेह ने तुम्हें?’ तथा ‘याहवेह ने क्या कहा है?’
καὶ διὰ τί ἐλάλησεν κύριος ὁ θεὸς ἡμῶν
38 क्योंकि यदि तुम कहोगे, ‘याहवेह का वह प्रकाशन,’ निश्चयतः यह याहवेह की बात है: इसलिये कि तुमने इस प्रकार कहा है, ‘याहवेह का वह प्रकाशन,’ मैंने भी तुम्हें यह संदेश भेजा है तुम यह नहीं कहोगे, ‘यह याहवेह का वह प्रकाशन है.’
διὰ τοῦτο τάδε λέγει κύριος ὁ θεός ἀνθ’ ὧν εἴπατε τὸν λόγον τοῦτον λῆμμα κυρίου καὶ ἀπέστειλα πρὸς ὑμᾶς λέγων οὐκ ἐρεῖτε λῆμμα κυρίου
39 इसलिये ध्यान से सुनो, मैं निश्चयतः तुम्हें भूलना पसंद करके तुम्हें अपनी उपस्थिति से दूर कर दूंगा, इस नगर को भी जो मैंने तुम्हें एवं तुम्हारे पूर्वजों को प्रदान किया था.
διὰ τοῦτο ἰδοὺ ἐγὼ λαμβάνω καὶ ῥάσσω ὑμᾶς καὶ τὴν πόλιν ἣν ἔδωκα ὑμῖν καὶ τοῖς πατράσιν ὑμῶν
40 मैं तुम्हारे साथ ऐसी चिरस्थायी लज्जा, ऐसी चिरस्थायी निंदा सम्बद्ध कर दूंगा जो अविस्मरणीय हो जाएगी.”
καὶ δώσω ἐφ’ ὑμᾶς ὀνειδισμὸν αἰώνιον καὶ ἀτιμίαν αἰώνιον ἥτις οὐκ ἐπιλησθήσεται

< यिर्मयाह 23 >