< यिर्मयाह 18 >
1 वह संदेश जो याहवेह द्वारा येरेमियाह के लिए प्रगट किया गया:
Словото, което дойде към Еремия от Господа и каза:
2 “कुम्हार के घर जाओ, वहीं मैं तुम पर अपनी बातें प्रकाशित करूंगा.”
Стани та слез в къщата на грънчаря и там ще те направя да чуеш думите Ми.
3 मैं कुम्हार के आवास पर गया, जहां वह अपने चक्र पर कुछ गढ़ रहा था.
Тогава слязох в къщата на грънчаря; и, ето, той работеше на колелата си.
4 किंतु वह बर्तन, जिसे वह मिट्टी से बना रहा था, वह उसके हाथों में ही विकृत हो गया; इसलिये उसने उसी से जैसा उसे उपयुक्त लगा, एक अन्य बर्तन का निर्माण कर दिया.
И колкото пъти съдът, който правеше от глина, се разваляше в ръката на грънчаря, той пак го правеше на друг съд, както се видя угодно на грънчаря да го направи.
5 तब याहवेह ने अपना संदेश मुझे इस प्रकार प्रगट किया.
Тогава Господното слово дойде към мене и рече:
6 “इस्राएल वंशजों, क्या तुम्हारे साथ मैं भी वही नहीं कर सकता, जो यह कुम्हार किया करता है?” यह याहवेह की वाणी है. “यह समझ लो इस्राएल वंशजों: मेरे हाथों में तुम्हारी स्थिति ठीक वैसी ही है, जैसी कुम्हार के हाथों में उस मिट्टी की होती है.
Доме Израилев, не мога ли да направя с вас Както тоя грънчар? казва Господ. Ето, както е глината в ръката на грънчаря, Така сте и вие, доме Израилев, в Моята ръка.
7 यह संभव है कि मैं एक क्षण किसी राष्ट्र अथवा किसी राज्य के अंत, पतन अथवा विध्वंस की वाणी करूं.
Когато бих рекъл за някой народ или за някое царство Да го изкореня, съсипя, и погубя,
8 किंतु वह राष्ट्र, जिसके संबंध में मैंने विध्वंस की वाणी की थी, यदि अपने कुकृत्यों से विमुख हो जाता है ओर मैं उसके विरुद्ध योजित विध्वंस का विचार ही त्याग दूं.
Ако оня народ, за който съм говорил, Се отвърне от злото си, Аз ще се разкая за злото, което съм намислил да му сторя.
9 अथवा दूसरे क्षण में किसी राष्ट्र, किसी राज्य के विषय में उसके निर्माण अथवा रोपण का विचार व्यक्त करूं,
А когато бих рекъл за някой народ или за някое царство Да го съградя и насадя,
10 यदि वह राष्ट्र अथवा राज्य मेरे आदेश की अवज्ञा करते हुए मेरी दृष्टि में बुरा करता है, तब मैं उसके कल्याण के लिए की गई अपनी प्रतिज्ञा पर पुनर्विचार करूंगा.
Ако извърша това, което е зло пред Мене, Като не слуша гласа Ми, Тогава ще се разкая за доброто, С което рекох да го облагодетелствувам.
11 “इसलिये अब जाकर यहूदिया तथा येरूशलेम के निवासियों से जाकर यह कहना, ‘याहवेह का संदेश यह है: यह समझ लो! मैं तुम्हारे विरुद्ध घोर विपत्ति नियोजित कर रहा हूं और तुम्हारे विरुद्ध एक योजना बना रहा हूं. ओह! तुममें से हर एक अपनी बुराई का परित्याग कर मेरे निकट लौट आए, अपनी जीवनशैली एवं आचरण को परिशुद्ध कर ले.’
Сега, прочее, иди, говори на Юдовите мъже И на ерусалимските жители, като речеш: Така казва Господ: Ето, Аз кроя зло против вас, И измислювам замисли против вас; Върнете се прочее всеки от лошия си път, И оправете постъпките си и делата си.
12 किंतु उनका प्रत्युत्तर होगा, ‘इससे कोई भी लाभ न होगा. क्योंकि हमने अपनी रणनीति पहले ही निर्धारित कर ली है; हममें से हर एक अपने बुरे हृदय की कठोरता के ही अनुरूप कदम उठाएगा.’”
А те казват: Напразно! Защото според своите замисли ще ходим, И ще постъпваме всеки според упоритото си и нечестиво сърце.
13 इसलिये याहवेह का आदेश यह है: “अब राष्ट्रों के मध्य जाकर यह पूछताछ करो: क्या कभी किसी ने भी इस प्रकार की घटना के विषय में सुना है? कुंवारी कन्या इस्राएल ने अत्यंत भयावह कार्य किया है.
Затова, така казва Господ: Попитайте сега между народите Кой е чул такива неща; Израилевата девица е извършила много ужасно нещо.
14 क्या लबानोन का हिम खुले मैदान की चट्टान से विलीन हो जाता है? अथवा अन्य देश से प्रवाहित शीतल जल कभी छीना जा सका है?
Ще престане ли ливанският сняг от скалата на полето? Ще пресъхнат ли хладните води, които идат от далеч?
15 किंतु मेरी प्रजा है कि उसने मुझे भूलना पसंद कर दिया है; वे निस्सार देवताओं के लिए धूप जलाते हैं, तथा वे पूर्व मार्गों पर चलते हुए लड़खड़ा गए हैं. वे मुख्य मार्ग पर न चलकर कदमडंडी पर चलने लगें.
Обаче Моите люде Ме забравиха, кадиха на суетни богове; И тия са ги направили да се препъват в пътищата си, в старите пътеки, За да ходят в обикалящите пътеки на ненаправен път.
16 कि उनका देश निर्जन हो जाए चिरस्थायी घृणा का विषय; हर एक जो वहां से निकलेगा चकित हो जाएगा और आश्चर्य में सिर हिलाएगा.
За да направят земята си предмет на учудване и на вечно подсвиркване, Тъй щото всеки, който минава през нея, да се учуди и да поклати глава.
17 मैं उन्हें शत्रु के समक्ष पूर्वी वायु प्रवाह-सदृश बिखरा दूंगा; मैं उनके संकट के समय उनके समक्ष अपनी पीठ कर दूंगा न कि अपना मुखमंडल.”
Ще ги разпръсна пред неприятеля като с източен вятър; В деня на злощастието им ще им покажа гръб, а не лице.
18 तब कुछ लोग विचार-विमर्श करने लगे, “येरेमियाह के विरुद्ध कोई युक्ति गढ़ी जाए; निश्चयतः पुरोहित से तो व्यवस्था-विधान दूर होगा नहीं और न बुद्धिमानों से परामर्श की क्षमता बंद होगी, उसी प्रकार भविष्यवक्ताओं से परमेश्वर का संदेश भी समाप्त नहीं किया जा सकेगा. चलो, हम उस पर वाकबाण चलाएं तथा उसके वचन को अनसुनी कर दें.”
Тогава рекоха: Елате, нека скроим замисли против Еремия; Защото не ще се изгуби закон от свещеник, Нито съвет от мъдър, Нито слово от пророк. Елате, да го поразим с език, И да не даваме внимание ни на една от думите му.
19 याहवेह, मेरी विनय पर ध्यान दीजिए; तथा मेरे विरोधियों की बातों को सुन लीजिए!
Внимавай на мене, Господи, И чуй гласа на ония, които се препират с мене.
20 क्या संकट के द्वारा कल्याण का प्रतिफल दिया जा सकता है? उन्होंने तो मेरे लिए गड्ढा खोद रखा है. स्मरण कीजिए मैं आपके समक्ष कैसे ठहरा रहता था और उनकी सहायता में ही मत दिया करता था, कि उनके प्रति आपका क्रोध दूर किया जा सके.
Ще се въздаде ли зло за добро? Защото изкопаха яма за душата ми. Спомни си как застанах пред тебе, за да говоря добро за тях, За да отвърна от тях Твоята ярост.
21 इसलिये अब उनकी संतान को अकाल को सौंप दीजिए; तथा उन्हें तलवार की शक्ति के अधीन कर दीजिए. उनकी पत्नियों को संतानहीन तथा विधवा हो जाने दीजिए; उनके पतियों को मृत्यु का आहार हो जाने दीजिए, उनके लड़के युद्ध में तलवार के ग्रसित हो जाएं.
Затова, предай чадата им на глад, И предай ги на силата на ножа; Нека станат жените им бездетни и вдовици, Нека мъжете им бъдат поразени от смърт, И нека паднат младежите им от нож в бой.
22 जब आप उन पर लुटेरों का आक्रमण होने दें, तब उनके आवासों से चिल्लाहट सुनाई पड़े, क्योंकि मुझे पकड़ने के लिए उन्होंने मेरे लिए गड्ढा खोद रखा है, और उन्होंने मेरे मार्ग में फंदे बिछा रखे हैं.
Нека се чуе вопъл от къщите им, Когато докарат внезапно полкове върху тях; Защото изкопаха яма, за да ме хванат, И скриха примки за нозете ми.
23 फिर भी, याहवेह, मेरे समक्ष उनकी घातक युक्तियां आपको ज्ञात हैं. उनकी पापिष्ठता को क्षमा न कीजिए और न उनके पाप आपकी दृष्टि से ओझल हों. आपके ही समक्ष वे नष्ट हो जाएं; जब आप क्रुद्ध हों तब आप उनके लिए उपयुक्त कदम उठाएं.
А Ти, Господи, знаеш всичкия им замисъл против мене, за да ме убият; Да не простиш беззаконието им, Нито да изличиш греха им пред лицето си; Но да се съборят пред Тебе; Ти подействувай против тях във време на гнева Си.