< यिर्मयाह 10 >
1 इस्राएल वंशजों, तुम्हें संबोधित बात सुनो.
RAB'bin sana ne söylediğini dinle, ey İsrail halkı!
2 याहवेह कह रहे हैं: “अन्य जनताओं के आचार-व्यवहार परिपाटी एवं प्रथाओं को सीखने का प्रयास न करो और न ही आकाश में घटित हो रहे असाधारण लक्षणों से विचलित हो जाओ, यद्यपि अन्य राष्ट्र, निःसंदेह, इनसे विचलित हो जाते हैं.
RAB şöyle diyor: “Ulusların yolunu öğrenmeyin, Gök belirtilerinden yılmayın; Bu belirtilerden uluslar yılsa bile.
3 क्योंकि लोगों की प्रथाएं मात्र भ्रम हैं, कारण यह वन से काटकर लाया गया काठ ही तो है, काष्ठ शिल्पी द्वारा उसके छेनी से बनाया गया है.
Ulusların töreleri yararsızdır. Ormandan ağaç keserler, Usta keskisiyle ona biçim verir.
4 वे ही इन्हें स्वर्ण और चांदी से सजाते है; इन्हें कीलों द्वारा हथौड़ों के प्रहार से जोड़ा जाता है कि ये अपने स्थान पर स्थिर रहें.
Altınla, gümüşle süsler, Çekiçle, çivilerle sağlamlaştırırlar; Yerinden kımıldamasın diye.
5 उनकी प्रतिमाएं ककड़ी के खेत में खड़े किए गए बिजूखा सदृश हैं, जो बात नहीं कर सकतीं; उन्हें तो उठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है क्योंकि वे तो चल ही नहीं सकतीं. मत डरो उनसे; वे कोई हानि नहीं कर सकतीं वस्तुतः वे तो कोई कल्याण भी नहीं कर सकतीं.”
Salatalık bostanındaki korkuluk gibidir putları, Konuşamazlar; Onları taşımak gerek, çünkü yürüyemezler. Onlardan korkmayın, zarar veremezler; İyilik de edemezler.”
6 याहवेह, कोई भी नहीं है आपके सदृश; आप महान हैं, और सामर्थ्य में असाधारण हैं आपकी प्रतिष्ठा.
Senin gibisi yok, ya RAB, Sen büyüksün, Adın da büyüktür gücün sayesinde.
7 राष्ट्रों का राजा, कौन हो सकता है वह जिसमें आपके प्रति श्रद्धा न होगी? वस्तुतः आप ही हैं इसके योग्य क्योंकि राष्ट्रों के सारे बुद्धिमानों के मध्य, तथा राष्ट्रों के सारे राज्यों में कोई भी नहीं है आपके तुल्य.
Senden kim korkmaz, Ey ulusların kralı? Bu sana yakışır. Ulusların bilgeleri arasında, Bütün ülkelerinde Senin gibisi yok.
8 किंतु वे पूर्णतः निर्बुद्धि एवं मूर्ख हैं; उनकी शिक्षाएं धोखे के सिवा और कुछ नहीं.
Hepsi budala ve akılsız. Yararsız putlardan ne öğrenilebilir ki? Ağaçtan yapılmış onlar!
9 तरशीश से पीटी हुई चांदी तथा उपहाज़ से स्वर्ण लाया जाता है. शिल्पी एवं स्वर्णकार की हस्तकला हैं वे नीले और बैंगनी वस्त्र उन्हें पहनाए जाते हैं— ये सभी दक्ष शिल्पियों की कलाकृति-मात्र हैं.
Tarşiş'ten dövme gümüş, Ufaz'dan altın getirilir. Ustayla kuyumcunun yaptığı nesnenin üzerine Lacivert, mor giydirilir, Hepsi usta işidir.
10 किंतु याहवेह सत्य परमेश्वर हैं; वे अनंत काल के राजा हैं. उनके कोप के समक्ष पृथ्वी कांप उठती है; तथा राष्ट्रों के लिए उनका आक्रोश असह्य हो जाता है.
Ama gerçek Tanrı RAB'dir. O yaşayan Tanrı'dır, Sonsuza dek kral O'dur. O öfkelenince yeryüzü titrer, Uluslar dayanamaz gazabına.
11 “उनसे तुम्हें यह कहना होगा: ‘वे देवता, जिन्होंने न तो आकाश की और न पृथ्वी की सृष्टि की है, वे पृथ्वी पर से तथा आकाश के नीचे से नष्ट कर दिए जाएंगे.’”
“Onlara şunu diyeceksin, ‘Yeri, göğü yaratmayan bu ilahlar, Yerden de göğün altından da yok olacaklar.’”
12 याहवेह ही हैं जिन्होंने अपने सामर्थ्य से पृथ्वी की सृष्टि की; जिन्होंने विश्व को अपनी बुद्धि द्वारा प्रतिष्ठित किया है, अपनी सूझ-बूझ से उन्होंने आकाश को विस्तीर्ण कर दिया.
Gücüyle yeryüzünü yaratan, Bilgeliğiyle dünyayı kuran, Aklıyla gökleri yayan RAB'dir.
13 उनके स्वर उच्चारण से आकाश के जल में हलचल मच जाती है; वही हैं जो चारों ओर से मेघों का आरोहण बनाया करते हैं. वह वृष्टि के लिए बिजली को अधीन करते हैं तथा अपने भण्डारगृह से पवन को चलाते हैं.
O gürleyince gökteki sular çağıldar, Yeryüzünün dört bucağından bulutlar yükseltir, Yağmur için şimşek çaktırır, Ambarlarından rüzgar estirir.
14 हर एक मनुष्य मूर्ख है—ज्ञानहीन; हर एक स्वर्णशिल्पी अपनी ही कृति प्रतिमा द्वारा लज्जित किया जाता है. क्योंकि उसके द्वारा ढाली गई प्रतिमाएं धोखा हैं; उनमें जीवन-श्वास तो है ही नहीं.
Hepsi budala, bilgisiz, Her kuyumcu yaptığı puttan utanacak. O putlar yapmacıktır, Soluk yoktur onlarda.
15 ये प्रतिमाएं सर्वथा व्यर्थ हैं, ये हास्यपद कृति हैं; जब उन पर दंड का अवसर आएगा, वे नष्ट हो जाएंगी.
Yararsız, alay edilesi nesnelerdir, Cezalandırılınca yok olacaklar.
16 याहवेह जो याकोब की निधि हैं इनके सदृश नहीं हैं, क्योंकि वे सभी के सृष्टिकर्ता हैं, इस्राएल उन्हीं के इस निज भाग का कुल है— उनका नाम है सेनाओं का याहवेह.
Yakup'un Payı onlara benzemez. Her şeye biçim veren O'dur, O'nun mirasıdır İsrail oymağı, Her Şeye Egemen RAB'dir adı.
17 तुम, जो शत्रु द्वारा घिरे हुए जिए जा रहे हो, भूमि पर से अपनी गठरी उठा लो.
Kuşatma altında olan sizler, Eşyalarınızı toplayın yerden.
18 क्योंकि याहवेह का संदेश यह है: “यह देख लेना कि मैं इस देश के निवासियों को इस समय प्रक्षेपित करने पर हूं; मैं उन पर विपत्तियां ले आऊंगा कि उन्हें वस्तुस्थिति का बोध हो जाए.”
RAB diyor ki, “İşte bu kez bu ülkede yaşayanları Fırlatıp atacağım; Ele geçirilmeleri için Onları sıkıştıracağım.”
19 धिक्कार है मुझ पर! मैं निराश हो चुका हूं! असाध्य है मेरा घाव! किंतु मैंने विचार किया, “निश्चयतः यह एक रोग है, यह तो मुझे सहना ही होगा.”
Yaramdan ötürü vay başıma gelen! Derdim iyileşmez! Ama, ‘Dert benim derdim, Dayanmalıyım’ dedim.
20 मेरा तंबू नष्ट हो चुका है; रस्सियां टूट चुकी हैं. मेरे पुत्र मुझे छोड़ चुके हैं, कोई भी न रहा; जो पुनः मेरे तंबू को खड़ा करे ऐसा कोई भी नहीं, जो इसमें पर्दे लटकाए.
Çadırım yıkıldı, ipleri koptu. Çocuklarım benden ayrıldı, Yok artık onlar. Çadırımı kuracak, Perdelerimi takacak kimse kalmadı.
21 कारण यह है कि चरवाहे मूर्ख हैं और उन्होंने याहवेह की बातें ज्ञात करना आवश्यक न समझा; इसलिये वे समृद्ध न हो सके और उनके सभी पशु इधर-उधर बिखर गए हैं.
Çobanlar budala, RAB'be danışmıyorlar. Bu yüzden işleri yolunda gitmiyor, Bütün sürüleri dağıldı.
22 समाचार यह आ रहा है, कि वे आ रहे हैं— उत्तर दिशा के देश से घोर अशांति की आवाज! कि यहूदिया के नगरों को निर्जन तथा सियारों का बसेरा बना दिया जाए.
Dinle! Haber geliyor! Kuzey ülkesinden büyük patırtı geliyor! Yahuda kentlerini viraneye çevirecek, Çakallara barınak edecek.
23 याहवेह, मैं उत्तम रीति से इस बात से अवगत हूं कि मनुष्य अपनी गतिविधियों को स्वयं नियंत्रित नहीं करता; न ही मनुष्य अपने कदम स्वयं संचालित कर सकता है.
İnsanın yaşamının kendi elinde olmadığını, Adımlarına yön vermenin ona düşmediğini Biliyorum, ya RAB.
24 याहवेह मुझे अनुशासित करिये किंतु सही तरीके से— यह अपने क्रोध में न कीजिए, अन्यथा मैं तो मिट ही जाऊंगा.
Beni öfkenle değil, Yalnız adaletinle yola getir, ya RAB, Yoksa beni hiçe indirirsin.
25 अपना कोप उन जनताओं पर उंडेल दीजिए जो आपको नहीं जानते तथा उन परिवारों पर भी, जो आपसे गिड़गिड़ाने नहीं देते. क्योंकि इन राष्ट्रों ने याकोब को समाप्त कर दिया है; उन्होंने याकोब को निगल कर उसे पूर्णतः नष्ट कर दिया है तथा उसके आवास को उजाड़ बना दिया है.
Öfkeni seni tanımayan ulusların, Adını anmayan toplulukların üzerine dök. Çünkü onlar Yakup soyunu yiyip bitirdiler, Onu tümüyle yok ettiler, Yurdunu viraneye çevirdiler.