< यशायाह 52 >

1 हे ज़ियोन, जागो, और अपना बल पाओ! हे पवित्र नगर येरूशलेम, अपने सुंदर वस्त्र पहन लो. क्योंकि अब न तो खतना-रहित और न ही अशुद्ध व्यक्ति आएंगे.
Wache auf, wache auf! Zion, ziehe deine Stärke an! Lege deine Ehrenkleider an, Jerusalem, du heilige Stadt! Denn hinfort wird kein Unbeschnittener noch Unreiner mehr in dich hineinkommen.
2 हे येरूशलेम, तुम जो बंदी हो, अपने ऊपर से धूल झाड़ कर उठ जाओ. ज़ियोन की बंदी पुत्री, अपने गले में पड़ी हुई जंजीर को उतार दो.
Schüttle den Staub von dir ab, stehe auf und setze dich, Jerusalem! Mache dich los von den Fesseln deines Halses, du gefangene Tochter Zion!
3 क्योंकि याहवेह यों कहते हैं: “तुम तो बिना किसी मूल्य के बिक गए थे, तथा बिना मूल्य चुकाए छुड़ाए भी जाओगे.”
Denn also spricht der HERR: Umsonst seid ihr verkauft worden, so sollt ihr auch ohne Geld erlöst werden.
4 क्योंकि प्रभु याहवेह यों कहते हैं: “पहले मेरे लोग मिस्र देश इसलिये गए थे, कि वे वहां परदेशी होकर रहें; अश्शूरियों ने उन्हें बिना कारण दुःख दिये.”
Denn so spricht Gott der HERR: Mein Volk ist vor Zeiten nach Ägypten hinabgezogen, um daselbst in der Fremde zu weilen; aber der Assyrer hat sie ohne Ursache bedrückt.
5 याहवेह ने कहा है: “बिना किसी कारण मेरे लोग बंधक बना लिए गए, अब मेरे पास क्या रह गया है,” याहवेह यों कहते हैं. “वे जो उन पर शासन कर रहे हैं, उनको सता रहे हैं, वे पूरे दिन मेरे नाम की निंदा करते हैं.
Nun aber, was habe ich hier zu tun, spricht der HERR, daß mein Volk ohne Entschädigung geraubt wird? Seine Beherrscher jauchzen, spricht der HERR, und mein Name wird beständig, den ganzen Tag, geschmäht.
6 इस कारण अब मेरी प्रजा मेरे नाम को पहचानेगी; और उन्हें यह मालूम हो जाएगा कि मैं ही हूं, कि मैं ही हूं जो यह कह रहा है. हां, मैं यहां हूं.”
Darum soll mein Volk meinen Namen kennen lernen, ja, darum wird es an jenem Tage erkennen, daß ich der bin, welcher spricht: Siehe, hier bin ich!
7 पर्वतों पर से आते हुए उनके पैर कैसे शुभ हैं, जो शुभ संदेश ला रहे हैं, जो शांति, और भलाई की बात सुनाते हैं, जो उद्धार की घोषणा करते हैं, तथा ज़ियोन से कहते हैं, “राज्य तुम्हारे परमेश्वर का है!”
Wie lieblich sind auf den Bergen die Füße des Freudenboten, der Frieden verkündigt, der gute Botschaft bringt, der das Heil predigt, der zu Zion sagt:
8 सुनो! तुम्हारे पहरा देनेवाले ऊंचे शब्द से पुकार रहे हैं; वे सभी मिलकर जय जयकार कर रहे हैं. क्योंकि वे देखेंगे, कि याहवेह ज़ियोन को वापस बनाएंगे.
Dein Gott ist König! Da ist die Stimme deiner Wächter! Sie werden ihre Stimme erheben und miteinander jauchzen; denn Auge in Auge werden sie es sehen, wenn der HERR wieder nach Zion kommt.
9 हे येरूशलेम के उजड़े स्थानो, तुम उच्च स्वर से जय जयकार करो, क्योंकि याहवेह ने अपने लोगों को शांति दी है, उन्होंने येरूशलेम को छुड़ा दिया है.
Ihr Trümmer Jerusalems, freuet euch und frohlocket miteinander! Denn der HERR hat sein Volk getröstet, Jerusalem erlöst!
10 याहवेह ने अपना पवित्र हाथ सभी देशों को दिखा दिया है, कि पृथ्वी के दूर-दूर देश के सब लोग हमारे परमेश्वर के द्वारा किए गये उद्धार को देखेंगे.
Der HERR hat seinen heiligen Arm vor den Augen aller Heiden entblößt; und alle Enden der Erde werden das Heil unsres Gottes sehen!
11 चले जाओ यहां से! किसी भी अशुद्ध वस्तु को हाथ न लगाओ! तुम जो याहवेह के पात्रों को उठानेवाले हो, नगर के बीच से निकलकर बाहर चले जाओ तथा अपने आपको शुद्ध करो.
Weichet! weichet! ziehet aus von dannen! rühret nichts Unreines an! Ziehet weg aus ihrer Mitte! Reiniget euch, die ihr des HERRN Geräte traget!
12 फिर भी तुम बाहर जाने में उतावली न करना न ही तुम ऐसे जाना मानो तुम चल रहे हो; क्योंकि याहवेह तुम्हारे आगे-आगे चलेंगे, तथा इस्राएल का परमेश्वर तुम्हारे पीछे भी रक्षा करते चलेंगे.
Ihr werdet aber nicht ängstlich davoneilen, noch wie Flüchtlinge gehen; denn der HERR wird vor euch herziehen, und der Gott Israels wird eure Nachhut sein.
13 देखों, मेरा सेवक बढ़ता जाएगा; वह ऊंचा महान और अति महान हो जाएगा.
Siehe, mein Knecht wird weislich handeln, er wird emporkommen, erhöht werden und sehr erhaben sein.
14 मेरे लोग जिस प्रकार तुम्हें देखकर चकित हुए— क्योंकि उसका रूप व्यक्ति से तथा उसका डीलडौल मनुष्यों से अधिक बिगड़ चुका था—
Gleichwie sich viele über dich entsetzten (so sehr war sein Angesicht entstellt, nicht mehr wie das eines Menschen, und seine Gestalt, nicht mehr wie die der Menschenkinder),
15 वैसे ही वह बहुत सी जातियों को छिड़केगा, राजा शांत रहेंगे क्योंकि जो बातें नहीं कही गई थी. वे उनके सामने आएंगी, और जो कुछ उन्होंने नहीं सुना था, उन्हें समझ आ जाएगा.
also wird er viele Heiden in Erstaunen setzen und Könige werden vor ihm den Mund schließen. Denn was ihnen nie erzählt worden war, das werden sie sehen, und was sie nie gehört hatten, werden sie wahrnehmen.

< यशायाह 52 >