< यशायाह 22 >
1 दर्शन की घाटी के विरुद्ध भविष्यवाणी: क्या हो गया है तुम्हें, तुम सबके सब छतों पर क्यों चढ़ गए हो,
The prophecy concerning the valley of vision. What aileth thee now, That all thine inhabitants are gone up to the house-tops?
2 हे अधर्मी नगर, तुम जो खुशी मनाते थे, तुम्हारे लोग जो मारे गए हैं. वे न तो तलवार से मारे गए, और न ही उनकी मृत्यु युद्ध में हुई.
Thou that wast full of noise, A tumultuous city, a joyous city! Thy slain fall not by the sword; They are not slain in battle.
3 बल्कि वे सब भाग गए; और धनुष के बिना ही बंदी बना लिए गए. और भागे हुओं में जिनको पकड़ा गया, उन्हें बंदी बना लिया गया.
All thy leaders flee together, By the bowmen are they bound; All found within thee are made captive together, Even they who have fled from afar.
4 इसलिये मैं कहता हूं, “अपनी दृष्टि मुझसे हटा लो; मुझे फूट-फूटकर रोने दो. मेरी प्रजा की पुत्री के विनाश के विषय में मुझे तसल्ली देने का प्रयास न करो.”
Therefore, say I, look away from me, that I may weep bitterly; Strive not to comfort me for the desolation of the daughter of my people!
5 क्योंकि सर्वशक्तिमान याहवेह का दर्शन की घाटी में कोलाहल, रौंदा जाना, बेचैनी, प्राचीनों को गिरा देने और पर्वतों की दोहाई देने का एक दिन निश्चित है.
For a day of trouble, of desolation, and of perplexity cometh From the Lord, Jehovah of hosts, in the valley of vision. They break down the walls; The cry reacheth to the mountains.
6 एलाम ने घोड़ों पर सवार, तथा रथों के साथ अपना तरकश साथ रख लिया है; और कीर ने ढाल खोल ली है.
Elam beareth the quiver, With chariots full of men, and with horsemen; Kir uncovereth the shield.
7 तुम्हारी उत्तम घाटियां रथों से भरी थी, और घोड़े पर सवार द्वार पर खड़े हैं.
Thy fairest valleys, [[O Jerusalem, ]] are full of chariots; The horsemen set themselves in array against the gate;
8 प्रभु ने यहूदाह की सुरक्षा को हटा दिया, उस समय तुम वन के भवन के शस्त्रों पर निर्भर थे.
The veil of Judah is torn from her. But in such a day ye look to the armor of the house of the forest;
9 तुमने देखा कि दावीद के नगर में दरारें बहुत थी; तुमने निचले हिस्से से ही पानी जमा किया.
Ye mark how many are the breaches of the city of David, And collect the waters of the lower pool;
10 तुमने येरूशलेम के भवनों की गिनती की और नगर को दृढ़ करने के लिए तुमने कई घरों को गिरा दिया.
Ye number the houses of Jerusalem, And ye break down the houses to prepare the wall;
11 पुराने तालाब के पानी के लिए दो दीवारों के बीच तुमने एक जलाशय बनाया, किंतु जिसने यह काम पूरा किया, और जिसने इसकी योजना प्राचीन काल में बनाई थी उसे भुला दिया.
Ye make a reservoir between the two walls for the waters of the old pool; But ye look not to Him who hath done this; Ye regard not Him that hath prepared this from afar.
12 उस दिन याहवेह ने तुम्हें रोने, सिर मुंडवाने, टाट ओढ़ने के लिए कहा.
The Lord, Jehovah of hosts, calleth you this day To weeping and to lamentation, To baldness and to girding with sackcloth.
13 यह सब होने पर भी वहां आनंद मनाया जा रहा है, पशुओं का वध और भेड़ों का संहार, मांस और दाखमधु पीकर कहा जा रहा है कि! “आओ हम खाएं-पिएं, क्योंकि कल तो हमारी मृत्यु होनी ही है!”
But, behold, joy and gladness, Slaying oxen and killing sheep, Eating flesh and drinking wine! “Let us eat and drink, For to-morrow we die!”
14 किंतु सर्वशक्तिमान याहवेह ने मुझसे कहा: “यह अपराध तब तक क्षमा नहीं किया जाएगा जब तक तुम्हारी मृत्यु न हो जाए,” प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह ने कहा!
Therefore it hath been revealed in my ears by Jehovah of hosts; “This iniquity shall not be forgiven you, till ye die,” Saith the Lord, Jehovah of hosts.
15 फिर प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह ने कहा: “शेबना के उस भंडारी के पास जाओ, जो उस राजपरिवार का चौकीदार है.
Thus saith the Lord, Jehovah of hosts: Go in to this steward, To Shebna, who is over the household, and say,
16 तुम्हारा यहां क्या काम है और कौन है तुम्हारा यहां, जो तुमने अपने लिए एक कब्र बना ली है, और अपने लिए चट्टान में एक घर बना लिया है?
What hast thou here, and whom hast thou here, That thou here hewest thee out a sepulchre, —That thou hewest out thy sepulchre on high, And gravest out a habitation for thyself in the rock?
17 “हे पराक्रमी मनुष्य, सुनो, याहवेह तुम्हें पकड़कर दूर फेंक देंगे.
Behold, Jehovah will cast thee headlong with a mighty thrust;
18 तुम्हें गेंद के समान लुढ़का देंगे तुम जो अपने स्वामी के लिए लज्जा का कारण हो. वहां तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी और तुम्हारे भव्य रथ वहीं रह जायेंगे.
He will violently roll thee together like a ball; Like a ball will he hurl thee into a wide country. There shalt thou die; And there shall be thy splendid chariots, Thou disgrace of the house of thy lord!
19 मैं तुम्हें तुम्हारे ऊंचे पद से हटा दूंगा और.
I will drive thee from thy post, And from thy station I will pull thee down.
20 “हिलकियाह के पुत्र एलियाकिम को तुम्हारा पद दूंगा.
In that day I will call my servant, Even Eliakim, the son of Hilkiah;
21 मैं तुम्हारा वस्त्र उसे पहनाऊंगा और तुम्हारे वस्त्र का कटिबंध उस पर बांध दूंगा, मैं तुम्हारा अधिकार उसे दे दूंगा. वह यहूदाह और येरूशलेम के निवासियों का पिता होगा.
I will clothe him with thy robe, And bind thy girdle around him; Thy government will I commit to his hand, And he shall be a father to the inhabitants of Jerusalem, And to the house of Judah.
22 मैं दावीद वंश का पूरा अधिकार उसे दूंगा. उसके पास उसके पद की कुंजी होगी; वह जो पायेगा उसे कोई बंद नहीं करेगा, और वह जो बंद कर देगा उसे कोई न खोलेगा.
I will lay the key of the house of David upon his shoulder; He shall open, and none shall shut, And he shall shut, and none shall open.
23 मैं उसे सुरक्षित स्थान में स्थिर कर दूंगा; और वह अपने पिता के वंश के लिए एक वैभव का सिंहासन होगा.
I will fasten him as a peg in a sure place, And he shall be a glorious seat for his father's house.
24 उस पर उसके पिता के वंश का वैभव, संतान, छोटे पात्र, कटोरे तथा सुराहियों को लटका देंगे.
Upon him shall hang all the glory of his father's house, The offspring and the offshoots; Every small vessel, from the goblet even to all the pitchers.
25 “सर्वशक्तिमान याहवेह ने कहा, जो खूंटी सुरक्षित स्थान में स्थिर की गई थी वह उखड़ जाएगी; यहां तक की वह टूटकर बिखर जाएगी, और इस पर लटका बोझ हटा दिया जाएगा,” याहवेह की वाणी है!
In that day, saith Jehovah of hosts, The peg that was once fastened in a sure place shall be moved; It shall be cut down, and fall, And the burden which was upon it shall come to the ground. For Jehovah hath said it.