< उत्पत्ति 17 >
1 जब अब्राम निन्यानबे वर्ष के हुए तब याहवेह उन पर प्रकट हुए और उनसे कहा, “मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूं; तुम मेरे सामने विश्वासयोग्यता से चलो और निर्दोष रहो.
Als nun Abram neunundneunzig Jahre alt war, erschien ihm der HERR und sprach zu ihm: Ich bin der allmächtige Gott; wandle vor mir und sei fromm!
2 मैं अपने और तुम्हारे बीच अपना करार स्थापित करूंगा और तुम्हारे वंश को बहुत बढ़ाऊंगा.”
Und ich will meinen Bund zwischen mir und dir machen und will dich fast sehr mehren.
3 तब अब्राम ने झुककर परमेश्वर को प्रणाम किया और परमेश्वर ने उनसे कहा,
Da fiel Abram auf sein Angesicht. Und Gott redete weiter mit ihm und sprach:
4 “तुम्हारे साथ मेरी वाचा यह है: तुम अनेक जातियों के गोत्रपिता होंगे.
Siehe, ich bin's und habe meinen Bund mit dir, und du sollst ein Vater vieler Völker werden.
5 अब से तुम्हारा नाम अब्राम न रहेगा, पर अब्राहाम होगा; क्योंकि मैंने तुम्हें अनेक जातियों का गोत्रपिता बनाया है.
Darum sollst du nicht mehr Abram heißen, sondern Abraham soll dein Name sein; denn ich habe dich gemacht vieler Völker Vater.
6 मैं तुम्हें बहुत फलवंत करूंगा; तुम्हें जाति-जाति का मूल बनाऊंगा, और तुम्हारे वंश में राजा पैदा होंगे.
Und will dich fast sehr fruchtbar machen und will von dir Völker machen; und sollen auch Könige von dir kommen.
7 मैं तेरे और आनेवाले तेरे वंश के साथ पीढ़ी-पीढ़ी की यह वाचा बांधूंगा कि मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंश का परमेश्वर रहूंगा.
Und ich will aufrichten meinen Bund zwischen mir und dir und deinem Samen nach dir bei ihren Nachkommen, daß es ein ewiger Bund sei, also daß ich dein Gott sei und deines Samens nach dir.
8 यह कनान देश, जिसमें तुम पराये होकर रहते हो, यह देश तुमको और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंशजों को सदाकाल के लिये अधिकार में दे दूंगा; और मैं उनका परमेश्वर रहूंगा.”
Und will dir und deinem Samen nach dir geben das Land, da du ein Fremdling innen bist, nämlich das ganze Land Kanaan, zu ewiger Besitzung; und will ihr Gott sein.
9 परमेश्वर ने अब्राहाम से फिर कहा, “तुम और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंश के लोग मेरी वाचा को सच्चाई से मानते रहना.
Und Gott sprach zu Abraham: So halte nun meinen Bund, du und dein Same nach dir bei ihren Nachkommen.
10 तुम्हारे और तुम्हारे बाद तुम्हारे वंश के साथ मेरी वाचा यह है, जिसे तुम्हें मानना ज़रूरी है: तुम्हारे बीच में प्रत्येक पुरुष का ख़तना किया जाये.
Das ist aber mein Bund, den ihr halten sollt zwischen mir und euch und deinem Samen nach dir: Alles, was männlich ist unter euch, soll beschnitten werden.
11 और यह ख़तना तुम्हारे खलड़ी (त्वचा) का किया जाये. यही मेरे एवं तुम्हारे बीच की गई वाचा का चिन्ह होगा.
Ihr sollt aber die Vorhaut an eurem Fleisch beschneiden. Dasselbe soll ein Zeichen sein des Bundes zwischen mir und euch.
12 तुम्हारे वंश में सभी पीढ़ियों में हर लड़के के आठ दिन के होने पर उसका ख़तना करना, तुम्हारे घर का वह सेवक जिसका जन्म तुम्हारे घर में हुआ है अथवा जिसे किसी परदेशी से मूल्य देकर खरीदा गया हो, चाहे वे तुम्हारे वंश में से न हों.
Ein jegliches Knäblein, wenn es acht Tage alt ist, sollt ihr beschneiden bei euren Nachkommen; desselbengleichen auch alles was Gesindes daheim geboren oder erkauft ist von allerlei Fremden, die nicht eures Samens sind.
13 तुम्हारे घर में पैदा हुए हों या फिर पैसा देकर खरीदे गये हों, उन सबका ख़तना करना ज़रूरी है. तुम्हारे मांस में मेरी यह वाचा सदाकाल की वाचा है.
Also soll mein Bund an eurem Fleisch sein zum ewigen Bunde.
14 परंतु जो पुरुष बिना ख़तना किए रहेगा, उसे समाज से अलग कर दिया जाएगा, क्योंकि उसने मेरी वाचा को तोड़ा है.”
Und wo ein Knäblein nicht wird beschnitten an der Vorhaut seines Fleisches, des Seele soll ausgerottet werden aus seinem Volk, darum daß es meinen Bund unterlassen hat.
15 परमेश्वर ने अब्राहाम से यह भी कहा, “तुम्हारी पत्नी सारय को तुम अब सारय नहीं कहना; परंतु अब उसका नाम साराह होगा.
Und Gott sprach abermal zu Abraham: Du sollst dein Weib Sarai nicht mehr Sarai heißen, sondern Sara soll ihr Name sein.
16 मैं उसे आशीष दूंगा और मैं तुम्हें उसके द्वारा एक बेटा दूंगा. मैं उसे आशीष दूंगा. जिससे वह जाति-जाति की मूलमाता होगी; और राजाओं का जन्म उसके वंश में होगा.”
Denn ich will sie segnen, und von ihr will ich dir einen Sohn geben; denn ich will sie segnen, und Völker sollen aus ihr werden und Könige über viel Völker.
17 यह सुनकर अब्राहाम ने झुककर प्रणाम किया; वह हंसने लगा और मन में कहने लगा, “क्या सौ साल के व्यक्ति से बेटा पैदा हो सकता है? साराह, जो नब्बे साल की है, क्या वह बेटा जन्म दे सकती है?”
Da fiel Abraham auf sein Angesicht und lachte und sprach in seinem Herzen: Soll mir hundert Jahre alt, ein Kind geboren werden und Sara neunzig Jahre alt gebären?
18 और अब्राहाम ने परमेश्वर से कहा, “अच्छा हो कि इशमाएल आपसे आशीष पाये!”
Und Abraham sprach zu Gott: Ach, daß Ismael leben sollte vor dir!
19 तब परमेश्वर ने अब्राहाम से कहा, “नहीं! तुम्हारी पत्नी साराह से एक बेटा होगा, और तुम उसका नाम यित्सहाक रखना. मैं उसके साथ ऐसी वाचा बांधूंगा, जो उसके बाद आनेवाली पीढ़ी-पीढ़ी तक सदाकाल की वाचा होगी.
Da sprach Gott: Ja, Sara, dein Weib soll dir einen Sohn gebären, den sollst du Isaak heißen; denn mit ihm will ich meinen ewigen Bund aufrichten und mit seinem Samen nach ihm.
20 और इशमाएल के बारे में, मैंने तुम्हारी बात सुनी है: मैं उसे ज़रूर आशीष दूंगा; मैं उसे फलवंत करूंगा और उसको संख्या में बहुत बढ़ाऊंगा. वह बारह शासकों का पिता होगा, और मैं उससे एक बड़ी जाति बनाऊंगा.
Dazu um Ismael habe ich dich auch erhöret. Siehe, ich habe ihn gesegnet und will ihn fruchtbar machen und mehren fast sehr. Zwölf Fürsten wird er zeugen, und will ihn zum großen Volk machen.
21 परंतु मैं अपनी वाचा यित्सहाक के साथ बांधूंगा, जिसे साराह तेरे लिए अगले साल इसी समय जन्म देगी.”
Aber meinen Bund will ich aufrichten mit Isaak, den dir Sara gebären soll um diese Zeit im andern Jahr.
22 जब परमेश्वर अब्राहाम से अपनी बात कह चुके, तब वे चले गए.
Und er hörete auf mit ihm zu reden, Und Gott fuhr auf von Abraham.
23 तब अब्राहाम ने उसी दिन परमेश्वर के आदेश के अनुसार अपने पुत्र इशमाएल तथा अपने उन सेवकों का, जिनका जन्म उनके परिवार में हुआ था या जिन्हें अब्राहाम ने धन देकर खरीदा था, परिवार के हर एक पुरुष लेकर परमेश्वर के कहे अनुसार उनका ख़तना किया.
Da nahm Abraham seinen Sohn Ismael und alle Knechte, die daheim geboren, und alle, die erkauft, und alles, was Mannsnamen war in seinem Hause, und beschnitt die Vorhaut an ihrem Fleisch eben desselben Tages, wie ihm Gott gesagt hatte.
24 अब्राहाम के खलड़ी के खतने के समय उनकी उम्र निन्यानवे वर्ष थी,
Und Abraham war neunundneunzig Jahre alt, da er die Vorhaut an seinem Fleische beschnitt.
25 और खतने के समय उनका पुत्र इशमाएल तेरह वर्ष का था.
Ismael aber, sein Sohn, war dreizehn Jahre alt, da seines Fleisches Vorhaut beschnitten ward.
26 अब्राहाम तथा उनके पुत्र इशमाएल का ख़तना एक ही दिन किया गया.
Eben auf einen Tag wurden sie alle beschnitten, Abraham, sein Sohn Ismael,
27 और उनके परिवार के सब पुरुष, जो उनके घर में पैदा हुए थे अथवा जो किसी विदेशी से धन देकर खरीदे गये थे, उन सबका ख़तना उनके साथ किया गया.
und was Mannsnamen in seinem Hause war, daheim geboren und erkauft von Fremden; es ward alles mit ihm beschnitten.