< एज्रा 8 >

1 सम्राट अर्तहषस्ता के शासनकाल में बाबेल से जो लोग मेरे साथ लौटे थे, उनके पितरों के प्रधान और उनकी वंशावली इस प्रकार:
This is a list of the family leaders and genealogical records of those who came back with me from Babylon during the reign of King Artaxerxes:
2 फिनिहास वंशज; गेरशोम; इथामार-वंशज; दानिएल दावीद के वंशज; हत्तुष
From the sons of Phinehas, Gershom. From the sons of Ithamar, Daniel. From the sons of David, Hattush,
3 शेकानियाह के वंशज: शेकानियाह, जो पारोश, ज़करयाह में से था तथा उसके साथ 150 पुरुष, जो वंशावली में शामिल थे;
son of Shecaniah. From the sons of Parosh, Zechariah, and with him 150 men were registered.
4 पाहाथ-मोआब के वंशज, ज़ेराइयाह के पुत्र, एलीहोएनाई तथा उसके साथ 200 पुरुष;
From the sons of Pahath-moab, Eliehoenai, son of Zerahiah, and with him 200 men.
5 ज़ट्टूके वंशज; याहाज़िएल के पुत्र शेकानियाह के वंशज तथा उसके 300 पुरुष;
From the sons of Zattu, Shecaniah, son of Jahaziel, and with him 300 men.
6 योनातन के पुत्र आदिन, एबेद तथा उसके साथ 50 पुरुष;
From the sons of Adin, Ebed, son of Jonathan, and with him 50 men.
7 एलाम वंशज; अथालियाह के वंशज येशाइयाह के वंशज तथा उसके साथ 70 पुरुष;
From the sons of Elam, Jeshaiah, son of Athaliah, and with him 70 men.
8 शेपाथियाह वंशज; मिखाएल का बेटा ज़ेबादिया, जिसके साथ 80 लोग थे.
From the sons of Shephatiah, Zebadiah, son of Michael, and with him 80 men.
9 योआब वंशज; येहिएल का बेटा ओबदिया, जिसके साथ 218 लोग थे.
From the sons of Joab, Obadiah, son of Jehiel, and with him 218 men.
10 शेलोमीथ वंशज; योसिब्याह का बेटा जिसके साथ 160 लोग थे.
From the sons of Bani, Shelomith, son of Josiphiah, and with him 160 men.
11 बेबाइ वंशज; बेबाइ का बेटा ज़करयाह, जिसके साथ 28 लोग थे
From the sons of Bebai, Zechariah, son of Bebai, and with him 28 men.
12 अजगाद वंशज; हक्कातान का बेटा योहानन, जिसके साथ 110 लोग थे.
From the sons of Azgad, Johanan, son of Hakkatan, and with him 110 men.
13 अदोनिकम वंशज; जो लोग उसके साथ गए थे उनके नाम ये है एलिफेलेत, येइएल, और शेमायाह, और उनके साथ 60 लोग थे.
From the sons of Adonikam, those who were last, their names being Eliphelet, Jeuel, and Shemaiah, and with them 60 men.
14 बिगवाई वंशज; उथाई और ज़क्‍कूर थे और उनके साथ 70 लोग थे.
From the sons of Bigvai, Uthai and Zaccur, and with them 70 men.
15 इसके बाद मैंने इन्हें अहावा की दिशा में बहने वाली नदी के तट पर इकट्ठा किया. हमने वहां तीन दिनों के लिए डेरे डाल दिए. जब मैंने इन लोगों का निरीक्षण किया तो मुझे यह मालूम हुआ, कि इन लोगों में एक भी लेवी न था.
I gathered the returning exiles together at the Ahava Canal. We camped there for three days while I reviewed who had come—the ordinary people, the priests, and the Levites. I discovered there wasn't a single Levite
16 सो मैंने एलिएज़र, अरीएल, शेमायाह, एल-नाथान, यारिब, एलनाथन, नाथान, ज़करयाह तथा मेशुल्लाम को, जो प्रधान थे तथा योइआरिब तथा एलनाथन, जो शिक्षक थे, बुलवा लिया.
so I sent for Eliezer, Ariel, Shemaiah, Elnathan, Jarib, Elnathan, Nathan, Zechariah, and Meshullam, who were leaders, and for Joiarib and Elnathan, who were men with good insight.
17 इन सभी को मैंने कासिफिया नामक स्थान के अधिकारी के पास भेज दिया. मैंने उन्हें विशेष निर्देश दिए कि उन्हें इद्दो तथा उसके संबंधियों के सामने क्या कहना होगा, ये सभी कासिफिया में भवन के कर्मचारी थे तथा इनसे यह उम्मीद थी कि ये परमेश्वर के भवन के लिए हमें सेवक देंगे.
I told them to go to Iddo, the leader of the Temple servants at Casiphia, asking him and his relatives to send us ministers for the Temple of our God.
18 हमारे परमेश्वर की कृपादृष्टि होने के कारण उन्होंने हमारे सामने इस्राएल के पुत्र लेवी के वंशज माहली के पुत्रों में से एक ऐसा व्यक्ति दिया, जो सक्षम व्यक्ति था, अर्थात् शेरेबियाह तथा उसके पुत्रों और रिश्तेदारों में से एक-ये अठारह व्यक्ति थे;
Since our gracious God was with us, they brought us Sherebiah, a man with good insight from the sons of Mahli, son of Levi, son of Israel, together with his sons and brothers, a total of eighteen men;
19 और हशाबियाह को और उसके संग मेरारी के वंश में से येशाइयाह को और उसके पुत्रों और भाइयों को अर्थात् बीस जनों को;
and Hashabiah, along with Jeshaiah, from the sons of Merari, and his brothers and their sons, a total of twenty men.
20 और नतीन लोगों में से जिन्हें दावीद और हाकिमों ने लेवियों की सेवा करने को ठहराया था, दो सौ बीस नतिनों को ले आए. इन सभी के नाम लिखे हुए थे.
In addition they brought 220 of the Temple servants, a group appointed by David and his officials to help the Levites. These were all registered by name.
21 इसके बाद मैंने अहावा नदी के तट पर उपवास की घोषणा की, कि हम स्वयं को अपने परमेश्वर के सामने नम्र बनाएं और उनसे अपने लिए इस यात्रा में, अपनी, अपने बालकों तथा वस्तुओं की सुरक्षा की प्रार्थना करें.
At the Ahava Canal I called for a fast so we could confess our sins before God and ask him for a safe journey for us and our children, along with all our possessions.
22 मार्ग में शत्रुओं से सुरक्षा के उद्देश्य से महाराज से सैनिकों और घुड़सवारों की याचना करने में मुझे संकोच हो रहा था, क्योंकि हम महाराज से यह कह चुके थे “हमारे परमेश्वर की कृपादृष्टि उन सभी पर बनी रहती है, जो उनकी खोज में लगे रहते हैं, उनका सामर्थ्य और उनका क्रोध उन सबके विरुद्ध हो जाता है, जो उनको त्याग देते हैं.”
I had been reluctant to ask the king to give us a military escort to protect us from enemies on the way. We had told the king, “Our gracious God takes care of everyone who follows him, but shows his anger against anyone who abandons him.”
23 सो हमने उपवास किया तथा इस विषय में परमेश्वर की इच्छा जानने की कोशिश की और उन्होंने हमारी सुन ली.
So we fasted and asked God to protect us, and he answered our prayers.
24 इसके बाद मैंने बारह मुख्य पुरोहितों को इस काम के लिए चुना: शेरेबियाह, हशाबियाह तथा उनके साथ दस दूसरे पुरोहित,
Then I designated twelve of the leading priests, and Sherebiah, Hashabiah, and ten of their brothers,
25 मैंने चांदी, सोने और उन सभी बर्तनों को तौला तथा राजा, उनके मंत्रियों, उनके शासकों तथा वहां उपस्थित सारी इस्राएल द्वारा प्रस्तुत भेंटों को उन्हें सौंप दिया.
and I weighed out and handed them the donations of silver and gold, and the items that the king, his counselors, his leaders, and all the people of Israel there had given for the Temple of our God.
26 इस प्रक्रिया में मैंने माप कर 650 तालन्त चांदी और बर्तन, जिनका मान 100 तालन्त था तथा सोने के 100 तालन्त
I weighed out and placed in their hands 650 talents of silver, silver Temple items weighing 100 talents, 100 talents of gold,
27 तथा 20 सोने के कटोरे, जिनका मूल्य था 1,000 दारिक तथा दो बर्तन कीमती चमकीले कांसे के सोने के समान कीमती.
20 gold bowls worth 1,000 darics, and two articles of highly-polished bronze, as valuable as gold.
28 इसके बाद मैंने उन्हें यह याद दिलाते हुए चेताया, “आप लोग याहवेह के लिए पवित्र, अलग किए हुए लोग हैं, वैसे ही ये बर्तन भी पवित्र हैं तथा चांदी, सोने और स्वेच्छा भेंटे भी, जो याहवेह, आपके पूर्वजों के परमेश्वर को चढ़ाई गई हैं.
I told them, “You are set apart for the Lord, and these Temple items are too. The silver and gold are a voluntary offering to the Lord, the God of your forefathers.
29 इनकी रखवाली करते हुए इन्हें सुरक्षित रखिए तथा येरूशलेम पहुंचकर इन्हें प्रधान पुरोहितों, लेवियों तथा इस्राएल के गोत्रों के प्रधानों को याहवेह के भवन के कमरों में ले जाकर सौंप देना.”
You are to guard them and keep them safe until you hand them over, weighing them before the high priests, the Levites and the family leaders in Israel at Jerusalem, in the treasury rooms within the Lord's Temple.”
30 सो पुरोहितों तथा लेवियों ने वे तौले हुए चांदी, सोने और बर्तनों को येरूशलेम में हमारे परमेश्वर के भवन तक ले जाना स्वीकार कर लिया.
The priests and Levites took responsibility for the silver and gold and the Temple items that had been weighed out to be brought to the Temple of our God in Jerusalem.
31 इसके बाद हमने पहले महीने की बारहवीं तारीख को अहावा नदी के तट के पड़ाव से येरूशलेम के लिए कूच किया. हम पर परमेश्वर की कृपादृष्टि बनी हुई थी, तब उन्होंने शत्रुओं एवं मार्ग में घात लगाए हुए डाकुओं से हमारी रक्षा की.
On the twelfth day of the first month, we left the Ahava Canal to go to Jerusalem, and our God was with us to protect us from enemy ambushes along the way.
32 हम येरूशलेम पहुंच गए तथा वहां तीन दिन ठहरे रहे.
Eventually we arrived in Jerusalem and rested there for three days.
33 चौथे दिन चांदी, सोने और बर्तन भवन में जाकर पुरोहित उरियाह के पुत्र मेरेमोथ को तौलकर सौंप दिए गए. इसका गवाह था, फिनिहास का पुत्र एलिएज़र तथा इन दोनों के अलावा वहां लेवी येशुआ का पुत्र योज़ाबाद तथा बिन्‍नूइ का पुत्र नोआदिया भी उपस्थित थे.
On the fourth day the silver and the gold and the Temple items were weighed out in the Temple of our God and handed over to Meremoth, son of Uriah the priest, accompanied by Eleazar, son of Phinehas. Also present were the Levites, Jozabad, son of Jeshua, and Noadiah, son of Binnui.
34 हर एक वस्तु गिनी और तौली हुई थी तथा उनका तौल उसी समय वहां लिख लिया गया था.
Everything was checked, both by number and weight, and the total weight was written down at the time.
35 बंधुआई से लौट आए पहले के बंदियों ने इस्राएल के परमेश्वर को होमबलि चढ़ाई: पूरे इस्राएल के लिए 12 बछड़े, 96 मेढ़े, 77 मेमने, पापबलि के लिए 12 बकरे, ये सभी याहवेह के लिए होमबलि के लिए चढ़ाए गए.
Then the exiles who had returned from captivity sacrificed burnt offerings to the God of Israel—twelve bulls for all of Israel, ninety-six rams, seventy-seven lambs, and a sin offering of twelve goats. All were sacrificed as a burnt offering to the Lord.
36 इसके बाद उन्होंने नदी के पार के प्रदेशों में राज्यपालों और प्रशासकों को राजा कि आज्ञा सौंप दी और उनकी ओर से परमेश्वर के भवन से संबंधित सहायता प्राप्‍त होने लगी.
They also delivered the king's decrees to the chief officers of the king and the governors of the province west of the Euphrates, who then provided assistance to the people and to God's Temple.

< एज्रा 8 >