< यहेजकेल 36 >

1 “हे मनुष्य के पुत्र, इस्राएल के पर्वतों के लिये भविष्यवाणी करो और कहो, ‘हे इस्राएल के पर्वतों, याहवेह की बात सुनो.
And thou, son of man, prophesy unto the mountains of Israel, and say, Mountains of Israel, hear the word of Jehovah.
2 परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: शत्रु ने तुमसे कहा, “आहा! पुराने ज़माने के ऊंचे स्थान हमारे हो गये हैं.”’
Thus saith the Lord Jehovah: Because the enemy hath said against you, Aha! and, The ancient high places are become ours in possession;
3 इसलिये भविष्यवाणी करके कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: क्योंकि उन्होंने तुम्हें सब तरफ लूटा और कुचला जिससे बाकी जातियों के अधिकार में हो गये और जनताओं की ईर्ष्यालु बात और बदनामी के विषय हो गये,
therefore prophesy and say, Thus saith the Lord Jehovah: Because, yea, because they have made [you] desolate, and have swallowed you up on every side, that ye might be a possession unto the remnant of the nations, and ye are taken up in the lips of talkers, and in the defaming of the people:
4 इसलिये, हे इस्राएल के पर्वतों, परम प्रधान याहवेह की बात सुनो: परम प्रधान याहवेह के पर्वतों और पहाड़ियों, तराइयों और घाटियों, उजाड़ खंडहरों और त्याग दिये गये नगरों, जो लूट लिये गये हैं और जिनकी तुम्हारे चारों तरफ की बाकी जातियां हंसी उड़ाती हैं, इन सबसे कहना है—
therefore, ye mountains of Israel, hear the word of the Lord Jehovah. Thus saith the Lord Jehovah to the mountains and to the hills, to the water-courses and to the valleys, to the desolate wastes and to the cities that are forsaken, which are become a prey and a derision to the remnant of the nations that are round about,
5 परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: अपने अति उत्साह में, मैंने बाकी जातियों के विरुद्ध और सारे एदोम के विरुद्ध कहा है, क्योंकि खुशी और अपने मन में ईर्ष्या के कारण, उन्होंने मेरे देश को अपने अधिकार में ले लिया ताकि वे इसके चरागाह को लूट सकें.’
— therefore thus saith the Lord Jehovah: Surely in the fire of my jealousy have I spoken against the remnant of the nations, and against the whole of Edom, which have appointed my land unto themselves for a possession with the joy of all [their] heart, with despite of soul, to plunder it by pillage.
6 इसलिये इस्राएल देश के बारे में भविष्यवाणी करो और पर्वतों और पहाड़ियों, तराइयों तथा घाटियों से कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं ईर्ष्यालु कोप में होकर कहता हूं क्योंकि तुमने जाति-जाति के लोगों के अपमान को सहा है.
Prophesy therefore concerning the land of Israel, and say to the mountains and to the hills, to the water-courses and to the valleys, Thus saith the Lord Jehovah: Behold, I have spoken in my jealousy and in my fury, because ye have borne the ignominy of the nations;
7 इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं हाथ उठाकर शपथ खाता हूं कि तुम्हारे चारों तरफ की जातियां भी अपमान सहेंगी.
therefore thus saith the Lord Jehovah: I have lifted up my hand, [saying, ] Verily the nations that are about you, they shall bear their shame.
8 “‘पर हे इस्राएल के पर्वतों, तुममें मेरे इस्राएली लोगों के लिये शाखाएं और फल पैदा होंगे, क्योंकि वे जल्दी घर लौट आएंगे.
And ye mountains of Israel shall shoot forth your branches, and yield your fruit to my people Israel: for they are at hand to come.
9 मैं तुम्हारे लिये चिंतित हूं और तुम पर कृपादृष्टि रखूंगा; तुममें हल चलाया जाएगा और बीज बोया जाएगा,
For behold, I am for you, and I will turn unto you, and ye shall be tilled and sown.
10 और मैं तुम पर बहुत से लोगों को बसाऊंगा—जी हां, पूरे इस्राएल के नगर बसाये जाएंगे और खंडहर हो गये स्थान फिर से बनाये जाएंगे.
And I will multiply men upon you, all the house of Israel, the whole of it; and the cities shall be inhabited, and the waste places shall be builded.
11 मैं तुममें रहनेवाले मनुष्यों एवं पशुओं की संख्या को बढ़ाऊंगा, वे फलवंत होंगे और संख्या में बहुत हो जाएंगे. मैं पहले की तरह तुममें लोगों को बसाऊंगा और मैं तुम्हें पहले से ज्यादा समृद्ध करूंगा. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.
And I will multiply upon you man and beast, and they shall increase and bring forth fruit; and I will cause you to be inhabited as [in] your former times, yea, I will make it better than at your beginnings: and ye shall know that I [am] Jehovah.
12 मैं ऐसा करूंगा कि लोग अर्थात् मेरे लोग इस्राएल तुममें बसेंगे. वे तुम पर अधिकार कर लेंगे, और तुम उनका उत्तराधिकार होगे; तुम फिर कभी उन्हें उनके संतान से वंचित नहीं करोगे.
And I will cause men to walk upon you, even my people Israel; and they shall possess thee, and thou shalt be their inheritance, and thou shalt no more henceforth bereave them of children.
13 “‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: क्योंकि कुछ लोग तुम्हें कहते हैं, “तुम लोगों को खा जाते हो और अपनी जाति को उसके बच्चों से वंचित करते हो,”
Thus saith the Lord Jehovah: Because they say unto you, Thou devourest men, and hast bereaved thy nation,
14 इसलिये तुम फिर लोगों को नहीं खाओगे या अपनी जाति को संतानरहित नहीं करोगे, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
therefore thou shalt devour men no more, neither bereave thy nation any more, saith the Lord Jehovah;
15 मैं फिर तुम्हें जाति-जाति के लोगों से ताना नहीं सुनवाऊंगा और फिर तुम्हें लोगों से अपमान सहना न पड़ेगा या तुम अपनी जाति के गिरने का कारण न बनोगे, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’”
neither will I cause thee to hear the ignominy of the nations any more, and thou shalt not bear the reproach of the peoples any more, neither shalt thou cause thy nation to fall any more, saith the Lord Jehovah.
16 याहवेह का वचन फिर मेरे पास आया:
And the word of Jehovah came unto me, saying,
17 “हे मनुष्य के पुत्र, जब इस्राएल के लोग अपने देश में रह रहे थे, तब उन्होंने उसे अपने चालचलन और कार्यों के द्वारा अशुद्ध किया. मेरी दृष्टि में उनका चालचलन एक स्त्री के माहवारी अशुद्धता के जैसा था.
Son of man, when the house of Israel dwelt in their own land, they defiled it by their way and by their doings: their way was before me as the uncleanness of a woman in her separation.
18 इसलिये मेरा कोप उन पर भड़का क्योंकि उन्होंने देश में खून बहाया था और इसे अपनी मूर्तियों से अशुद्ध किया था.
And I poured out my fury upon them for the blood that they had shed upon the land, and because they had defiled it with their idols.
19 मैंने उन्हें जाति-जाति के लोगों के बीच तितर-बितर कर दिया, और वे सारे देशों में बिखर गए; मैंने उनके चालचलन और उनके कार्यों के अनुसार उनका न्याय किया.
And I scattered them among the nations, and they were dispersed through the countries: according to their way and according to their doings I judged them.
20 और जहां कहीं भी वे जाति-जाति के लोगों के बीच गये, उन्होंने मेरे पवित्र नाम को अपवित्र किया, क्योंकि उनसे यह कहा गया था, ‘ये याहवेह के लोग हैं, तौभी उन्हें उसका देश छोड़ना पड़ा.’
And when they came to the nations whither they went, they profaned my holy name, when it was said of them, These are the people of Jehovah, and they are gone forth out of his land.
21 मुझे मेरे पवित्र नाम की चिंता थी, जिसे इस्राएल के लोग जहां भी गये, वहां जनताओं के बीच अपवित्र किया.
But I had pity for my holy name, which the house of Israel had profaned among the nations whither they went.
22 “इसलिये इस्राएलियों से कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: हे इस्राएल के लोगों, जो कुछ मैं करने जा रहा हूं, वह तुम्हारे कारण नहीं, पर अपने पवित्र नाम के लिए करने जा रहा हूं, जिसे तुम जहां भी गये, वहां तुमने जनताओं के बीच अपवित्र किया.
Therefore say unto the house of Israel, Thus saith the Lord Jehovah: I do not this for your sakes, O house of Israel, but for my holy name, which ye have profaned among the nations whither ye went.
23 मैं अपने बड़े नाम की पवित्रता को दिखाऊंगा, जिसे तुमने जनताओं के बीच अपवित्र किया, वह नाम जिसे तुमने उनके बीच अपवित्र किया. तब लोग जानेंगे कि मैं याहवेह हूं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, जब मैं उनके आंखों के सामने तुम्हारे द्वारा पवित्र ठहरूंगा.
And I will hallow my great name, which was profaned among the nations, which ye have profaned in the midst of them; and the nations shall know that I [am] Jehovah, saith the Lord Jehovah, when I shall be hallowed in you before their eyes.
24 “‘क्योंकि मैं तुम्हें जातियों में से निकाल लूंगा; मैं तुम्हें सब देशों से इकट्ठा करूंगा और तुम्हें तुम्हारे स्वयं के देश में ले आऊंगा.
And I will take you from among the nations, and gather you out of all the countries, and will bring you into your own land.
25 मैं तुम पर शुद्ध पानी छिड़कूंगा, और तुम शुद्ध हो जाओगे; मैं तुम्हें तुम्हारे सब अशुद्धियों से और तुम्हारे सब मूर्तियों से शुद्ध करूंगा.
And I will sprinkle clean water upon you, and ye shall be clean: from all your uncleannesses and from all your idols will I cleanse you.
26 मैं तुम्हें एक नया हृदय दूंगा और तुममें एक नई आत्मा डालूंगा; मैं तुमसे तुम्हारे पत्थर के हृदय को हटा दूंगा और तुम्हें मांस का एक हृदय दूंगा.
And I will give you a new heart, and I will put a new spirit within you; and I will take away the stony heart out of your flesh, and I will give you a heart of flesh.
27 और मैं अपनी आत्मा तुममें डालूंगा और ऐसा करूंगा कि तुम मेरे नियमों पर चलोगे और मेरे कानूनों पर सावधानीपूर्वक चलोगे.
And I will put my Spirit within you, and cause you to walk in my statutes and keep mine ordinances, and ye shall do them.
28 तब तुम उस देश में रहोगे, जिसे मैंने तुम्हारे पूर्वजों को दिया था; तुम मेरे लोग होगे और मैं तुम्हारा परमेश्वर ठहरूंगा.
And ye shall dwell in the land that I gave to your fathers, and ye shall be my people, and I will be your God.
29 मैं तुम्हें तुम्हारी सब अशुद्धता से छुड़ाऊंगा. मैं अनाज के लिये आज्ञा दूंगा और इसे प्रचूर मात्रा में कर दूंगा और तुम पर अकाल नहीं लाऊंगा.
And I will save you from all your uncleannesses; and I will call for the corn and will multiply it, and lay no famine upon you.
30 मैं पेड़ों के फलों की संख्या में वृद्धि करूंगा और खेत के फसल को भी अधिक उपजाऊंगा, ताकि तुम्हें अकाल के कारण जाति-जाति के लोगों के बीच कलंकित न होना पड़े.
And I will multiply the fruit of the trees and the increase of the field, so that ye may receive no more the reproach of famine among the nations.
31 तब तुम्हारे बुरे चालचलन और दुष्कर्म तुम्हें याद आएंगे, और तुम अपने पापों और घृणित कार्यों के कारण अपने आपसे घृणा करने लगोगे.
And ye shall remember your evil ways, and your doings which were not good, and shall loathe yourselves for your iniquities and for your abominations.
32 मैं तुम्हें बताना चाहता हूं कि मैं यह सब तुम्हारे हित में नहीं कर रहा हूं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है. हे इस्राएल लोगों, अपने आचरण के कारण लज्जित और कलंकित हो!
Not for your sakes do I this, saith the Lord Jehovah, be it known unto you: be ashamed and confounded for your ways, O house of Israel.
33 “‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: जिस दिन मैं तुम्हें तुम्हारे सब पापों से शुद्ध करूंगा, मैं तुम्हारे नगरों को पुनर्स्थापित करूंगा, और खंडहर फिर बनाये जाएंगे.
Thus saith the Lord Jehovah: In the day that I shall cleanse you from all your iniquities I will also cause the cities to be inhabited, and the waste places shall be builded.
34 उजाड़ भूमि पर फसल उगाई जाएगी, इसके बदले कि वह वहां से आने-जानेवाले लोगों की दृष्टि में उजाड़ पड़ा रहे.
And the desolate land shall be tilled, whereas it was a desolation in the sight of all that passed by.
35 वे कहेंगे, “यह देश जो उजड़ा पड़ा था, अब एदेन की वाटिका जैसा हो गया है; वे शहर जो खंडहर, उजड़े और नष्ट हो गये थे, वे अब गढ़वाले हो गये हैं और लोग वहां रहने लगे हैं.”
And they shall say, This land that was desolate is become like the garden of Eden; and the waste and desolate and ruined cities [are] fortified [and] inhabited.
36 तब वे जातियां, जो तुम्हारे आस-पास बची हुई हैं, वे यह जानेंगी कि मैं याहवेह ने ही नष्ट हुए स्थानों को फिर से बनाया है और उजाड़े स्थानों को फिर से बसाया है. मैं याहवेह ने यह कहा है और मैं इसको पूरा भी करूंगा.’
And the nations that shall be left round about you shall know that I Jehovah build the ruined places [and] plant that which was desolate: I Jehovah have spoken, and I will do [it].
37 “परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: एक बार फिर मैं इस्राएल की प्रार्थना को स्वीकार करूंगा और उनके लिये यह करूंगा: मैं उनके लोगों की संख्या को भेड़-बकरियों की तरह अत्यधिक करूंगा,
Thus saith the Lord Jehovah: I will yet for this be inquired of by the house of Israel, to do it unto them; I will increase them with men like a flock.
38 उन्हें पशुओं के उस झुंड के समान अत्यधिक करूंगा, जो येरूशलेम में ठहराये गए त्योहारों के लिये होते हैं. इस प्रकार वे खंडहर हुए शहर लोगों के झुंड से भर जाएंगे. तब वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं.”
As the holy flock, as the flock of Jerusalem in her set feasts, so shall the waste cities be filled with flocks of men: and they shall know that I [am] Jehovah.

< यहेजकेल 36 >