< इफिसियों 2 >

1 तुम अपने अपराधों और पापों में मरे हुए थे,
You were dead in the trespasses and sins
2 जिनमें तुम पहले इस संसार के अनुसार और आकाशमंडल के अधिकारी, उस आत्मा के अनुसार जी रहे थे, जो आत्मा अब भी आज्ञा न माननेवालों में काम कर रहा है. (aiōn g165)
in which you once walked when you followed the ways of this world and the ruler of the realm of the air, the spirit that is now at work in the sons of disobedience. (aiōn g165)
3 एक समय था जब हम भी इन्हीं में थे और अपनी वासनाओं में लीन रहते थे, शरीर और मन की अभिलाषाओं को पूरा करने में लगे हुए अन्यों के समान क्रोध की संतान थे
Among them we all once lived in the lusts of our flesh, carrying out the desires of our flesh and our impulses, and we were by nature children of wrath, like the rest of mankind.
4 परंतु दया में धनी परमेश्वर ने अपने अपार प्रेम के कारण,
Yet God, who is rich in mercy, because of the great love with which he loved us,
5 जब हम अपने अपराधों में मरे हुए थे, मसीह में हमें जीवित किया—उद्धार तुम्हें अनुग्रह ही से प्राप्‍त हुआ है.
made us alive together with Christ even when we were dead in our trespasses—by grace you have been saved.
6 परमेश्वर ने हमें मसीह येशु में जीवित किया और स्वर्गीय राज्य में उन्हीं के साथ बैठाया,
And God raised us up with Christ and seated us with him in the heavenly places in Christ Jesus,
7 कि वह आनेवाले समयों में अपने अनुग्रह का उत्तम धन मसीह येशु में हमारे लिए की गई कृपा में दिखा सकें. (aiōn g165)
so that in the ages to come he might show the surpassing riches of his grace through his kindness toward us in Christ Jesus. (aiōn g165)
8 क्योंकि अनुग्रह ही से, विश्वास के द्वारा तुम्हें उद्धार प्राप्‍त हुआ है. यह तुम्हारे कारण नहीं, बल्कि परमेश्वर का वरदान है,
For by grace you have been saved through faith. And this is not of yourselves; it is the gift of God,
9 और यह कामों का प्रतिफल नहीं है कि कोई गर्व करे,
not by works, so that no one may boast.
10 क्योंकि हम परमेश्वर द्वारा पहले से ठहराए हुए भले कामों के लिए मसीह येशु में रचे गए परमेश्वर की रचना हैं.
For we are his workmanship, created in Christ Jesus for good works, which God prepared beforehand so that we would walk in them.
11 इसलिये याद रखो कि तुम, जो अपने जन्म से गैर-यहूदी हो, जिन्हें ख़तनित लोग खतना-रहित कहते हैं—ख़तना, जो शरीर में मनुष्य द्वारा किया जाता है
Therefore remember that you, once Gentiles in the flesh, who are called “the uncircumcision” by those who call themselves “the circumcision,” which is made in the flesh by hands—
12 याद रखो तुम उस समय संसार में मसीह से अलग, इस्राएल की नागरिकता से निकाले गए, प्रतिज्ञा की वाचाओं से अपरिचित, आशाहीन और परमेश्वर से रहित थे.
remember that you were apart from Christ at that time, excluded from the citizenship of Israel and strangers to the covenants of the promise, having no hope and without God in the world.
13 एक समय था जब तुम दूर थे, किंतु अब मसीह येशु में उनके लहू के द्वारा पास लाए गए हो.
But now in Christ Jesus you who were once far away have been brought near by the blood of Christ.
14 वह स्वयं हमारा मेल हैं, क्योंकि उन्होंने अपने शरीर में दोनों समूहों के बीच की दीवार को ढाह कर दोनों को एक कर दिया,
For he is our peace, who has united both the Jews and Gentiles into one people and has broken down the wall of hostility that divided us.
15 वह उन्होंने आदेशों की व्यवस्था जिसकी आज्ञाएं विधियों की रीति पर थी मिटा दी कि इसके द्वारा वह स्वयं में उन दो के स्थान पर एक नए मनुष्य को बनाकर मेल-मिलाप की स्थापना करें,
He did this by abolishing the law with its commandments and ordinances in order to make peace between the two groups and create in himself one new people.
16 और क्रूस के द्वारा एक शरीर में हम दोनों का परमेश्वर से मेल-मिलाप करा सकें कि शत्रुता समाप्‍त की जा सके.
He reconciled both groups to God in one body through the cross, by which he put the hostility to death.
17 वह आए और उन्हें, जो दूर थे और उन्हें भी, जो पास थे, शांति का संदेश सुनाया.
He came and preached the good news of peace to you who were far away and to those who were near.
18 क्योंकि उन्हीं में होकर एक ही आत्मा में दोनों ही की पहुंच पिता परमेश्वर तक है.
For through him we both have access in one Spirit to the Father.
19 इसलिये अब तुम परदेशी और मुसाफिर नहीं, परंतु परमेश्वर के पवित्र लोगों के साथ सहनागरिक और परमेश्वर के परिवार के हो,
So then you are no longer strangers and foreigners, but fellow citizens with the saints and members of the household of God,
20 जिसकी संरचना प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं द्वारा रखी गई नींव पर हुई, जिसकी आधारशिला स्वयं मसीह येशु हैं.
built upon the foundation of the apostles and prophets, with Jesus Christ himself being the chief cornerstone.
21 जिनमें सारी भवन की रचना एक साथ मिलकर प्रभु के लिए पवित्र मंदिर होने के लिए बढ़ती जाती है.
In him the whole building is joined together and rises to become a holy temple in the Lord.
22 जिनमें तुम सभी परमेश्वर का निवास स्थान होने के लिए पवित्र आत्मा द्वारा संयोजित किए जाते हुए बनाए जा रहे हो.
And in him you also are being built together into a dwelling place for God in the Spirit.

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